भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने प्रभावशाली स्लोगन के लिए जाने जाते हैं, जो जनता के बीच गूंजते हैं। दस वर्षों के अपने कार्यकाल में उन्होंने कई नारे गढ़े हैं जो राष्ट्र के लिए उनकी लीडरशिप और विजन का पर्याय बन गए हैं। यह लेख, पीएम मोदी द्वारा गढ़े गए कुछ लोकप्रिय स्लोगन पर प्रकाश डालता है, उनके महत्व, प्रभाव और भारतीय जनता को दिए गए अंतर्निहित संदेशों का विश्लेषण करता है।

1. सबका साथ-सबका विकास: पीएम मोदी से जुड़े सबसे आइकोनिक स्लोगन में से एक है "सबका साथ-सबका विकास।” यह स्लोगन, इंक्लूजिव ग्रोथ और डेवलपमेंट के सार को समाहित करता है, सामूहिक प्रगति के विचार पर जोर देता है, जहां अपनी पृष्ठभूमि के परे, हर व्यक्ति, देश की विकास यात्रा में योगदान देता है और उससे लाभ उठाता है। यह पीएम मोदी के एकजुट और समृद्ध भारत के विजन को दर्शाता है, जहां हर नागरिक को आगे बढ़ने का अवसर मिले।

2. मेक-इन-इंडिया: मेक-इन-इंडिया, पीएम मोदी द्वारा दिया गया, एक और प्रमुख आह्वान है, जिसका उद्देश्य घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना और भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में आगे बढ़ाना है। यह नारा, स्वदेशी उत्पादन के माध्यम से आत्मनिर्भरता, आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के महत्व को रेखांकित करता है। प्रमुख क्षेत्रों में घरेलू और विदेशी निवेश दोनों को प्रोत्साहित करके, पीएम मोदी की "मेक इन इंडिया" पहल, भारत को एक मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस में बदलने और आयात पर निर्भरता को कम करने का प्रयास करती है।

3. स्वच्छ भारत अभियान: यह पूरे देश में स्वच्छता और साफ-सफाई को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किया गया एक प्रमुख अभियान है। यह नारा स्वास्थ्य, कल्याण और राष्ट्रीय गौरव को बढ़ावा देने में स्वच्छ वातावरण के महत्व को रेखांकित करता है। इस पहल के माध्यम से, प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य नागरिकों में स्वच्छता और साफ-सफाई बनाए रखने के लिए जिम्मेदारी की भावना पैदा करना है, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ भारत का निर्माण हो सके।

4. डिजिटल इंडिया: "डिजिटल इंडिया" भारत के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को आगे बढ़ाने और इंक्लूजिव डेवलपमेंट के लिए टेक्नोलॉजी की शक्ति का उपयोग करने के लिए पीएम मोदी द्वारा गढ़ा गया एक विजनरी स्लोगन है। यह पहल डिजिटल डिवाइड को पाटने, डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने और देश भर में डिजिटल सर्विसेज तक पहुंच बढ़ाने पर केंद्रित है। नागरिकों को सशक्त बनाने, गवर्नेंस में सुधार और सर्विस डिलिवरी को बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी का लाभ उठाकर, पीएम मोदी के "डिजिटल इंडिया" अभियान का उद्देश्य डिजिटल रूप से सशक्त समाज बनाना और भारत को ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था की ओर प्रेरित करना है।

5. आत्मनिर्भर भारत: COVID-19 महामारी से उत्पन्न ग्लोबल चैलेंज के जवाब में, पीएम मोदी ने "आत्मनिर्भर भारत" की अवधारणा पेश की। यह नारा आर्थिक आत्मनिर्भरता, लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और आयात पर निर्भरता कम करने के महत्व पर जोर देता है। आंत्रप्रेन्योरशिप, इनोवेशन और स्वदेशी उत्पादन को प्रोत्साहित करके, पीएम मोदी एक आत्मनिर्भर भारत की कल्पना करते हैं जो बाहरी झटके झेल सके और वैश्विक मंच पर मजबूत होकर उभर सके।

6. मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस: सरकार के बेहतर कामकाज को सुविधाजनक बनाने के प्रयास में, पीएम मोदी ने ‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’ नियम पेश किया। उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि कारोबार करना सरकार का काम नहीं है। हमारा फोकस; ‘मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्नेंस’ पर होना चाहिए। दशकों से, हमारे पास असाधारण रूप से बड़ी सरकारें रही हैं, जबकि विडंबना यह है कि गवर्नेंस की क्वालिटी काफी खराब रही है। अभी तक सरकारों के आकार पर अधिक ध्यान दिया गया, उसकी क्वालिटी पर नहीं।"

7. मोदी की गारंटी: यह नारा, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विश्वास और भरोसे के सार को दर्शाता है। यह नारा देश और उसके नागरिकों की बेहतरी के लिए अपने वादों और पहलों को पूरा करने के पीएम मोदी के वादे और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह उनके शासन के तहत लोगों के कल्याण और प्रगति को सुनिश्चित करने में विश्वसनीयता और जवाबदेही की भावना का प्रतीक है। मोदी की गारंटी, राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने और समृद्ध भारत के लिए अपने नेतृत्व और दृष्टिकोण में जनता के बीच विश्वास पैदा करने के लिए पीएम मोदी के समर्पण को दर्शाती है।

8. एक भारत, श्रेष्ठ भारत: "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" प्रधानमंत्री मोदी द्वारा गढ़ा गया एक और शक्तिशाली नारा है, जो एकजुट और अनुकरणीय भारत के विजन को समाहित करता है। यह विविधता में एकता की अवधारणा पर जोर देता है, जो देश भर में विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं और परंपराओं के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व से आने वाली ताकत को उजागर करता है। "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" एक ऐसे भारत की कल्पना करता है जहां हर राज्य, क्षेत्र और समुदाय राष्ट्रीय गौरव और एकजुटता की भावना को बढ़ावा देते हुए देश की सामूहिक प्रगति और समृद्धि में योगदान देता है। पीएम मोदी का नारा, राष्ट्रीय विकास के सभी पहलुओं में उत्कृष्टता और समावेशिता के लिए प्रयास करते हुए भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव मनाने के महत्व को रेखांकित करता है।

9. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ: "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" (BBBP) पहल का उद्घाटन 22 जनवरी, 2015 को हरियाणा के पानीपत में प्रधानमंत्री द्वारा किया गया था। BBBP का लक्ष्य गिरते चाइल्ड सेक्स रेश्यो (CSR) और पूरे जीवन चक्र में महिला सशक्तिकरण से संबंधित मुद्दों से निपटना है। कार्यक्रम के प्रमुख घटकों में PC & PNDT एक्ट का एनफोर्समेंट, एक राष्ट्रव्यापी जागरूकता और वकालत अभियान, और प्रारंभिक चरण में कम CSR वाले 100 चयनित जिलों में बहु-क्षेत्रीय हस्तक्षेप शामिल हैं। जमीनी स्तर पर प्रशिक्षण, संवेदीकरण, जागरूकता बढ़ाने और सामुदायिक गतिशीलता के माध्यम से मानसिकता बदलने पर महत्वपूर्ण जोर दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने "मन की बात" संबोधन के दौरान "सेल्फी विद डॉटर" अभियान शुरू करने के लिए हरियाणा के बीबीपुर के सरपंच की सराहना की। उन्होंने लोगों को अपनी बेटियों के साथ सेल्फी साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसने तेजी से वैश्विक लोकप्रियता हासिल की। भारत और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे यह उन सभी लोगों के लिए गर्व का क्षण बन गया जिनकी बेटियां हैं।

10. जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट’ का स्लोगन भारत में सस्टेनेबल और हाई क्वालिटी वाली मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस के विजन को समाहित करता है। यह स्लोगन, उन वस्तुओं के उत्पादन के महत्व पर जोर देता है जो त्रुटिहीन गुणवत्ता (Zero Defect) के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित करती हैं कि उनके उत्पादन का पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव (Zero Effect) है। इस नारे पर पीएम मोदी का ध्यान पर्यावरण-अनुकूल और एफिशिएंट मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस को बढ़ावा देने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो न केवल ग्लोबल स्टैंडर्ड्स को पूरा करते हैं बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देते हैं। "जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट" की वकालत करके, पीएम मोदी का लक्ष्य भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में इनोवेशन, कॉम्पिटिटिवनेस और सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देना है, जिससे इकोनॉमिक डेवलपमेंट को एनवायर्नमेंटल रेस्पॉन्सिबिलिटी के साथ जोड़ा जा सके।

11. जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान: 106वीं साइंस कांग्रेस में पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, "हमारे पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने हमें नारा दिया, जय जवान, जय किसान। बीस साल पहले पोखरण में एक ऐतिहासिक भाषण में, हमारे महान प्रधानमंत्री अटल जी ने भारत के लिए साइंस और टेक्नोलॉजी के योगदान को मान्यता दी थी। उन्होंने 'जय जवान, जय किसान’ में ‘जय विज्ञान' को जोड़ा। मेरा मानना है कि अब एक और कदम आगे बढ़ाने का समय है। मैं इसमें 'जय अनुसंधान' जोड़ना चाहता हूं। इसलिए यह नारा अब 'जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान' बन जाता है।"

पीएम मोदी के स्लोगन; प्रगतिशील, समावेशी और आत्मनिर्भर भारत के उनके विजन को दर्शाते हैं। "सबका साथ, सबका विकास," "मेक इन इंडिया," "स्वच्छ भारत अभियान," "डिजिटल इंडिया," और "आत्मनिर्भर भारत" जैसी पहलों के माध्यम से, पीएम मोदी ने भारत को बदलने एवं अपने नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए एक रोडमैप तैयार किया है। ये स्लोगन, राष्ट्रीय विकास के लिए जगाने वाले आह्वान के रूप में कार्य करते हैं और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक पुनर्जागरणशील भारत की आकांक्षाओं एवं सपनों को मूर्त रूप देते हैं। ये स्लोगन, भारत के नागरिकों को न केवल एकजुट करने के लिए बल्कि पॉजिटिव ग्लोबल इम्पैक्ट पैदा करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा के प्रभाव को उजागर करते हैं।

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प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दिल्ली का विकास
April 12, 2024

दिल्ली को राष्ट्रों के सम्मानित ध्वजों को फहराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है: G20 समिट की मेजबानी के लिए दिल्ली की तैयारियों पर पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के पिछले दस वर्षों ने एक नए भारत के निर्माण की दिशा में काम शुरू किया है; गांव से शहर तक, पानी से बिजली तक, घर से स्वास्थ्य तक, शिक्षा से रोजगार तक, जाति से वर्ग तक - एक व्यापक योजना, जो हर दरवाजे तक विकास और समृद्धि ला रही है।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, इस बदलावकारी दशक में, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संचालित इस डेवलपमेंटल मोमेंटम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनकर उभरा है।

यह शहर, उस इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव के केंद्र में रहा है जिसने पूरे देश को एक नया रूप दिया है। आज अटल सेतु, चिनाब ब्रिज, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और जोजिला टनल जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर के चमत्कार भारत के निरंतर विकसित होते परिदृश्य को दर्शाते हैं।

ट्रांसपोर्ट नेटवर्क को नया रूप देने, शहरी सुविधाओं को उन्नत करने और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, मोदी सरकार ने कई बदलावकारी पहल शुरू की हैं। रेलवे, हाईवेज से लेकर एयरपोर्ट्स तक, ये इनिशिएटिव, देश भर में इंक्लूजिव और सस्टेनेबल डेवलपमेंट को गति देने में महत्वपूर्ण रहे हैं।

मेट्रो रेल नेटवर्क के प्रभावशाली विस्तार ने भारत में शहरी आवागमन में क्रांति ला दी है। 2014 में मात्र 5 शहरों से, मेट्रो रेल नेटवर्क अब देश भर के 21 शहरों में सेवा प्रदान करता है - 2014 के 248 किलोमीटर से बढ़कर 2024 तक यह 945 किलोमीटर हो जाएगा, साथ ही 26 अतिरिक्त शहरों में 919 किलोमीटर लाइनें निर्माणाधीन हैं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में दिल्ली मेट्रो फेज-4 के दो नए कॉरिडोर; लाजपत नगर से साकेत जी-ब्लॉक और इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ को मंजूरी दी है। दोनों लाइनों की संयुक्त लंबाई 20 किलोमीटर से अधिक है और परियोजना की लागत 8,000 करोड़ रुपये से अधिक है (केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से फंडेड)। इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ लाइन हरियाणा के बहादुरगढ़ क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अतिरिक्त, दिल्ली-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर पर चलने वाली भारत की पहली नमो भारत ट्रेन; रीजनल कनेक्टिविटी बढ़ाने और इसके ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को उन्नत करने की मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को और रेखांकित करती है।

इसके अलावा, भारतमाला परियोजना में लगभग 35,000 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों के विकास के माध्यम से बेहतर लॉजिस्टिक्स दक्षता और कनेक्टिविटी की परिकल्पना की गई है। इस योजना के तहत 25 ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर की योजना बनाई गई है, जिनमें से चार दिल्ली की बढ़ती इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता से जुड़ेंगे: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे, दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे और शहरी विस्तार सड़क-II। दिल्ली के लिए स्वीकृत कुल परियोजना लंबाई 203 किलोमीटर है, जिसके लिए 18,000 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है।

पिछले एक दशक में मोदी सरकार ने एयरपोर्ट्स की क्षमता बढ़ाने और भीड़भाड़ कम करने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। IGI एयरपोर्ट दिल्ली देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट बन गया है, जिसमें चार रनवे और एक एलिवेटेड टैक्सीवे है। हाल ही में विस्तारित अत्याधुनिक टर्मिनल 1 का भी उद्घाटन किया गया है। इसके अलावा, आगामी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) दिल्ली एयरपोर्ट की भीड़भाड़ कम करने में और योगदान देगा, जो सालाना लाखों यात्रियों को सेवा प्रदान करेगा।

इसके अलावा, नए संसद भवन के उद्घाटन ने शहर के स्वरूप में सभ्यतागत और आधुनिक दोनों तरह के अर्थ जोड़ दिए हैं। यशोभूमि (India International Convention & Expo Centre) के उद्घाटन ने दिल्ली को भारत का सबसे बड़ा सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र दिया है, जो मिश्रित उद्देश्य वाला पर्यटन अनुभव प्रदान करता है। यशोभूमि के साथ, विश्व स्तरीय सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र ‘भरत मंडपम’, दुनिया को भारत का दर्शन कराता है।

वेलफेयर की बात करें तो, मोदी सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनका लाभ अब तक विकास और प्रगति के हाशिये पर पड़े लोगों को मिला है। दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा एक प्रमुख चिंता का विषय रही है। इसी को हल करने के लिए, मोदी सरकार ने बलात्कार के लिए सजा की मात्रा बढ़ाकर आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 को मजबूत किया, जिसमें 12 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ बलात्कार के लिए मृत्युदंड भी शामिल है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2018 में एक अलग महिला सुरक्षा प्रभाग की स्थापना की। वन-स्टॉप सेंटर, सखी निवास, सेफ सिटी प्रोजेक्ट, निर्भया फंड, शी-बॉक्स, यौन अपराधों के लिए जांच ट्रैकिंग सिस्टम और Cri-MAC (Crime Multi-Agency Center) आदि महिला सुरक्षा के प्रति सरकार के अभियान में महत्वपूर्ण हैं।

इसके अलावा, स्वच्छ भारत मिशन, पीएम-उज्ज्वला योजना, पीएम-मातृ वंदना योजना और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ने भारत में नारी शक्ति को और सशक्त बनाया है।

जैसे-जैसे भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन रहा है, दिल्ली भी इस विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। आज दिल्ली में 13,000 से अधिक DPIIT-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप काम कर रहे हैं, साथ ही सरकार PM MUDRA योजना के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही है, जिसके तहत वित्त वर्ष 2023-24 (26.01.2024 तक) के लिए 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के 2.3 लाख से अधिक लोन स्वीकृत किए गए हैं।

पीएम-स्वनिधि, जो स्ट्रीट वेंडर्स को बिना किसी गारंटी के लोन मुहैया कराता है, दिल्ली में 1.67 लाख से ज़्यादा लाभार्थियों को मदद कर रहा है। इसके अलावा, कोविड-19 महामारी के दौरान नए रोजगार के सृजन और रोजगार के नुकसान की भरपाई के लिए एंप्लॉयर्स को प्रोत्साहित करने के लिए 2020 में शुरू की गई आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत, दिल्ली में 2.2 लाख से ज़्यादा एंप्लॉयी लाभान्वित हुए।

इसके अलावा, पीएम आवास योजना (शहरी) के तहत दिल्ली में लगभग 30,000 घरों को मंजूरी दी गई है और उनका निर्माण पूरा हो चुका है।

दिल्ली के लोगों के लिए वायु प्रदूषण एक सतत समस्या रही है। इस वास्तविकता को समझते हुए, केंद्र सरकार ने देश भर में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की रणनीति के रूप में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम शुरू किया है।

पिछले एक दशक में मोदी सरकार के कार्यकाल ने दिल्ली में विभिन्न मोर्चों पर उल्लेखनीय बदलाव लाए हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से लेकर गवर्नेंस रिफॉर्म्स तक, शिक्षा से लेकर रोजगार तक, सरकार की पहलों ने राजधानी शहर पर एक अमिट छाप छोड़ी है। जैसे-जैसे दिल्ली प्रोग्रेस और डेवलपमेंट के अपने सफर पर आगे बढ़ रही है, मोदी सरकार का योगदान आने वाले वर्षों में इसके भविष्य की दिशा को आकार देने के लिए तैयार है।