नरेन्द्र मोदी भारत के बाहर भी बेहद लोकप्रिय हैं। अमेरिका से लेकर ऑस्ट्रेलिया, चीन से लेकर यूरोप तक, नरेन्द्र मोदी के व्यक्तित्व और कार्यशैली के प्रशंसक मौजूद हैं। वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन की सफलता ने एक प्रशासक के रूप में नरेन्द्र मोदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाई। सौ से अधिक देशों ने इसमें भागीदारी की और इसके नतीजे हम सबके सामने हैं। इन सम्मेलनों के माध्यम से गुजरात में निवेश और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला। उन्होंने अपने कार्यों के माध्यम से गुजरात की जनता का भी मन मोह लिया था। इसलिए आश्चर्य नहीं कि प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर श्री नरेन्द्र मोदी सबसे अधिक प्रतीक्षित वक्ता थे। उन्होंने अनेक देशों की यात्राएँ कीं, जिनमें ऑस्ट्रलिया, चीन, जापान, मॉरिशस, थाईलैंड और युगांडा शामिल हैं।

Narendra Modi on the World Stage

2001 में मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालने के एक महीने बाद उन्हें प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के साथ प्रतिनधिमंडल के एक सदस्य के रूप में रूस जाने का अवसर मिला, जहाँ उन्होंने अस्त्राकन प्रांत के गवर्नर के साथ एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किया।

बाद के वर्षों में बतौर मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस की और भी आधिकारिक यात्रायें कीं, जिसकी वजह से गुजरात और रूस के सम्बन्धों में प्रगाढ़ता आई, और इसका सबसे अधिक लाभ हमें उर्जा क्षेत्र में सहयोग के माध्यम से मिला।

नरेन्द्र मोदी भारत के उन नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने उच्च स्तरीय भारतीय प्रतिनिधि मंडल के सदस्य के तौर पर इजराइल की यात्रा की। आज गुजरात इजराइल के साथ एक मजबूत साझेदारी विशेष रूप से मानव संसाधन, कृषि, पानी, बिजली और सुरक्षा के क्षेत्र में विकसित करने की दहलीज पर है।

दक्षिण पूर्व एशिया और भारत के बीच सहयोग का सदियों पुराना इतिहास है और आज भी ये सम्बन्ध मज़बूती के साथ जारी हैं। मुख्यमंत्री मोदी ने कई अवसरों पर दक्षिण पूर्व एशिया की यात्राएँ की हैं। उन्होंने हांगकांग, मलेशिया, सिंगापुर, ताइवान एंड थाईलैंड की यात्राएँ की एवं इन देशों ने गुजरात में आयोजित होने वाले विभिन्न अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक आयोजनों में हिस्सा लिया, जिसमें प्रति वर्ष आयोजित होने वाला अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव भी शामिल है।

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श्री नरेन्द्र मोदी ने 2011 में अपनी चीन यात्रा के दौरान चेंगदू में हुवावे टेक्नॉलॉजीज़ के शोध एवं विकास केंद्र का दौरा किया।

मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन के साथ भी घनिष्ठ आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने हेतु गुजरात के लिए अवसरों के द्वार खोलने का कार्य किया। उन्होंने चीन की तीनआधिकारिक यात्रायें कीं, उन्होंने आखिरी बार चीन का दौरा नवम्बर 2011 में किया। इस यात्रा के दौरान चीन के शीर्ष नेताओं ने बीजिंग के ग्रेट हॉल ऑफ़ पीपुल में नरेन्द्र मोदी का स्वागत किया, सामान्यत: इस प्रकार का सम्मान किसी राष्ट्र प्रमुख को ही दिया जाता है। उनकी इस चीन यात्रा ने गुजरात में बड़े निवेश को आकर्षित किया, जिसमें चीन के सिचुआन प्रान्त के साथ और चीनी कम्पनी हुवावे के साथ अनुसन्धान और विकास हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए।

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श्री नरेंद्र मोदी ने 2012 में जापान की यात्रा के दौरान प्रमुख नेताओं के साथ सार्थक बैठकें कीं।

पूर्वी देशों के साथ साझेदारी यहीं समाप्त नहीं होती। जापान ‘वाइब्रेंट गुजरात’शिखर सम्मेलन को अपना अनवरत् समर्थन प्रदान करने के साथ-साथ गुजरात का एक प्रमुख आर्थिक साझेदार भी है। गुजरात के आर्थिक परिदृश्य को बदल देने की क्षमता रखने वाले दिल्ली मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआईसी) में जापान की मदद ने भी जापान और गुजरात के बीच के संबंधों को मजबूत किया है। 2012 में नरेन्द्र मोदी ने जापान की एक ऐतिहासिक यात्रा की जिसके दौरान उन्होंने शीर्ष जापानी मंत्रियों के साथ-साथ जापान के वर्तमान प्रधानमंत्री श्री शिन्जो अबे से भी मुलाकात की जो कि उस समय वहां विपक्ष के नेता थे। जापान के साथ-साथमुख्यमंत्री मोदी की दक्षिण कोरिया की यात्रा ने भी सार्थक आर्थिक और सांस्कृतिक आदान प्रदान को जन्म दिया है, जिसने गुजरात के समग्र विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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श्री नरेंद्र मोदी ने जापान के तत्कालीन नेता विपक्ष और वर्तमान प्रधानमंत्री शिंजो अबे के साथ भेंट की।

गुजरातियों ने पूर्वी अफ्रीका की राजनीतिक अर्थव्यवस्था के संवर्द्धन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और श्री मोदी के लिए गुजरात और पूर्वी अफ्रीकी देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देना स्वाभाविक ही था क्योंकि आज भी वहां बड़ी संख्या में गुजराती रह रहे हैं। उन्होंने केन्या और युगांडा के लिए एक बहुत ही सफल यात्रा की जिसके दौरान उनका वहां बहुत ही गर्मजोशी से स्वागत किया गया। केन्या और युगांडा की सरकारें नरेन्द्र मोदी के अंतर्गत हुए गुजरात के विकास से अत्यधिक प्रभावित थीं। जनवरी 2014 में दक्षिण अफ्रीका के उच्चायुक्त श्री मोदी से मिले और वे वर्ष 2015 में महात्मा गांधी की भारत वापसी की 100 वीं वर्षगांठ मनाने की श्री मोदी की योजना से प्रभावित हुए। (गांधी जी दक्षिण अफ्रीका से 1915 में लौटे थे)

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Shri Narendra Modi with a high-level delegation of South Africa led by High Commissioner F.K. Morule in Jan, 2014

विभिन्न अवसरों पर, नरेन्द्र मोदी की अंतरराष्ट्रीय यात्राएं कई भारतीयों के चेहरों पर अपार खुशी लाई हैं। 50 से अधिक वर्षों के अंतराल के बाद स्विट्जरलैंड में रखी स्वर्गीय स्वतंत्रता सेनानी श्री श्यामजी कृष्ण वर्मा की अस्थियों को देश में वापस लाने के लिए उन्होंने व्यक्तिगत रूप से जिनेवा का दौरा किया और स्वयं वह अस्थियां वापस लेकर आए।

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Shri Modi receiving ashes of Shri Shyamji Krishna Varma at Switzerland in 2003

वर्ष 2011 में चीनी जेलों में सड़ रहे भारतीय हीरा व्यापारियों की न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए चीनी अधिकारियों को की गई उनकी अपील अमूल्य साबित हुई क्योंकि इससे न केवल न्यायिक प्रक्रिया तेज हुई बल्कि कुछ व्यापारी घर लौटने में सक्षम भी हुए। श्री मोदी ने सर क्रीक मामले में भी भारत के प्रधानमंत्री से सख़्ती से पूछताछ की तथा उन्हें इस संबंध में कोई भी समझौता करने के विरुद्ध कड़ी चेतावनी दी, जो कि भारत के सामरिक और आर्थिक हितों के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता था। यहां तक कि जब दुनिया के मंच पर वे विश्व के शीर्ष नेताओं के समकक्ष खड़े हैं, तब भी श्री नरेन्द्र मोदी के लिए 'भारत प्रथम' का सूत्र ही सर्वोपरि है। नरेन्द्र मोदी दक्षिण एशिया में भी समान रूप से लोकप्रिय हैं। 2011 में कराची वाणिज्य और उद्योग चैंबर (KCCI) ने मुख्यमंत्री मोदी को गुजरात के विकास पर चैंबर को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया। श्री मोदी को KCCI इमारत की एक प्रतिकृति भी भेंट की गई जिसकी नींव का पत्थर वर्ष 1934 में गांधी जी के द्वारा रखा गया था। श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री और श्रीलंका के यूनाइटेड नेशनल पार्टी के नेता रानिल विक्रमसिंघे ने श्री मोदी से मुलाकात की और उन्हें गुजरात के विकास पर अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए उन्हें श्रीलंका आमंत्रित किया। श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात और यूरोप के बीच संबंध ऐतिहासिक ऊंचाइयों को छू चुके हैं। इंग्लैंड के उच्चायुक्त के साथ-साथ फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्विट्जरलैंड, डेनमार्क और स्वीडन के राजदूत 2012 और 2013 के मध्य श्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर चुके हैं। वे यूरोपीय संघ के शीर्ष सांसदों से भी भेंट कर चुके हैं। यूरोपीय संघ के सांसदों ने पिछले दशक के दौरान गुजरात में हुए विकास की सराहना की है।

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European nations are looking at Gujarat as an attractive destination for opportunities in every sector, be it economic, social or even cultural.

नरेन्द्र मोदी के काम की प्रशंसा प्रशांत महासागर के उस पार भी हो रही है। सितंबर 2011 में यूएसए कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस की एक रिपोर्ट में श्री मोदी को 'King of Governance' (शासन के राजा) के रूप में संबोधित किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्य मंत्री मोदी के अंतर्गत गुजरात ने भारत के आर्थिक विकास में एक प्रमुख कारक बनने के साथ-साथ प्रभावी शासन और प्रभावशाली विकास का एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत किया है। 'आर्थिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने, लालफीताशाही को दूर करने और भ्रष्टाचार में कटौती करने' के लिए उनकी सराहना की गई थी।

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26 मार्च 2012 के अपने अंक में दुनिया की प्रमुख समाचार पत्रिकाओं में से एक 'टाइम' ने 'Modi Means Business' (मोदी मतलब व्यापार) शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित करने के साथ ही अपने मुखपृष्ठ पर नरेन्द्र मोदी की एक तस्वीर छापी थी। इसके अतिरिक्त जिन अन्य भारतीय व्यक्तित्वों की तस्वीर 'टाइम' के मुखपृष्ठ पर छापी जा चुकी हैं उनमें महात्मा गांधी, सरदार पटेल, लाल बहादुर शास्त्री और आचार्य विनोबा भावे शामिल हैं। 'टाइम' ने पिछले दशक में गुजरात में हुए विकास की प्रशंसा की और नरेन्द्र मोदी का बख़ान एक 'दृढ़, स्पष्ट नेता जिसमें राष्ट्र को विकास की राह पर लेकर आने और अंतत: उसे चीन के साथ बराबरी पर लाने की क्षमता है', के रूप में किया। 2014 में 'टाइम' पत्रिका में प्रकाशित विश्व के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में नरेन्द्र मोदी को शामिल किया गया।

संयुक्त राज्य अमेरिका के एक अग्रणी थिंक टैंक ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन ने गुजरात में एक दशक में हुए विकास की सराहना की है। इसके प्रबंध निदेशक विलियम एन्थोलिस ने लिखा है कि नरेन्द्र मोदी एक "प्रतिभाशाली और प्रभावी राजनीतिक नेता" हैं जो "वही करते हैं जो वे करते हैं"। उन्होंने आगे कहा कि एक राज्य के रूप में गुजरात ने "चीन के अधिकांश हिस्से सहित पृथ्वी पर लगभग किसी भी जगह की तुलना में अधिक तेजी से वृद्धि हासिल की है।"

‘Modi puts Gujarat Growth on a Fast Track’ ('गुजरात के‍ विकास को गतिशील करते मोदी') शीर्षक से प्रकाशित एक लेख में प्रमुख व्यापारिक अखबार 'फाइनेंशियल टाइम्स' ने गुजरात में विकास की गति की सराहना की। 'फाइनेंशियल टाइम्स' ने गुजरात को 'दो अंकों की वार्षिक वृद्धि दर के साथ भारत के सबसे निवेशक अनुकूल राज्य' के रूप में वर्णित किया, साथ ही यह भी जोड़ा कि राज्य में एक दशक की शांति से गुजराती समाज में सभी वर्गों को सक्षम करने का माहौल तैयार हुआ है तथा विशेष कर युवाओं में एक अधिक जीवंत भविष्य का सपना जगा है।

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Shri Narendra Modi with a delegation of Latin American and Caribbean Countries (LAC) in June 2013

अन्य अमेरिकी देश भी गुजरात की सफलता से समान रूप से प्रभावित हैं। जुलाई 2012 में नरेन्द्र मोदी ने ब्राजील, मेक्सिको, पेरू और डोमिनिकन गणराज्य सहित 7 लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई देशों के राजदूतों के एक शीर्ष स्तरीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। उन प्रतिनिधियों ने न केवल गुजरात में विकास की प्रशंसा की बल्कि गुजरात और उनके संबंधित देशों के बीच सहयोग के रास्ते तलाशने की इच्छा भी व्यक्त की। उन्होंने गुजरात में व्यापारिक केन्द्र तथा सामान्य लकड़ी, इमारती लकड़ी और संगमरमर के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) स्थापित करने का विचार दिया था।

20 मई 2012 की सुबह नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राज्य अमेरिका के 12 शहरों में फैले अनिवासी भारतीयों के एक विशाल जनसमूह को 'गुजरात दिवस' समारोह के एक भाग के रूप में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। उस व्यापक भाषण में श्री मोदी ने उन विभिन्न विकास उपायों को गिनाया जो गुजरात में लागू किए जा चुके थे, तथा यह भी बताया कि गुजरात में अर्थव्यवस्था के सभी तीन क्षेत्र कैसे बढ़ रहे थे। उस भाषण की अनिवासी भारतीयों ने खुले दिल से प्रशंसा की तथा उपग्रह, टीवी और इंटरनेट के माध्यम से दुनिया भर में लाखों लोगों ने उसे सुना था। उसके बाद से श्री मोदी ने बहुत ही नियमित आधार पर कई अवसरों पर प्रवासी भारतीय समुदाय के साथ बातचीत जारी रखी है, जिसमें सबसे हाल में नई दिल्ली में प्रवासी भारतीय दिवस 2014 शामिल है।

13 फ़रवरी 2014 को भारत में अमरीका की राजदूत सुश्री नैंसी पॉवेल गांधीनगर आईं तथा उन्होंने श्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। उन दोनों ने कई मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के साथ हुई यह मुलाकातें तथा उन्हें मिले प्रशंसा के शब्द भारत के भीतर और बाहर दोनों जगह मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की भारी लोकप्रियता के उदाहरण हैं। व्यवसायियों से लेकर आम लोगों तथा वैश्विक नेताओं तक, हर कोई श्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनकी उस विलक्षण कार्यपद्धति को लेकर जुड़ने का इच्छुक है जिसके माध्यम से उन्होंने गुजरात को 'भारत के विकास के इंजन' के रूप में पूरी तरह बदल कर रख दिया है।

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5 मई 2017, एक ऐतिहासिक दिन जब दक्षिण एशियाई सहभागिता को मजबूती मिली। यह वह दिन था जब भारत ने दो वर्ष पहले की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करते हुए दक्षिण एशिया उपग्रह को सफलतापूर्वक लॉन्च किया।

दक्षिण एशिया उपग्रह के साथ, दक्षिण एशियाई देशों ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी अपना सहयोग बढ़ा दिया है!

इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका के नेताओं ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस कार्यक्रम में भाग लिया।

कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दक्षिण एशिया उपग्रह की क्षमताओं के बारे में विस्तार से बताया।

उन्होंने कहा कि उपग्रह से बेहतर प्रशासन, प्रभावी संचार, दूरसंचार क्षेत्रों में बेहतर बैंकिंग और शिक्षा, मौसम के सही पूर्वानुमान के साथ-साथ लोगों को टेली-मेडिसिन से जोड़ते हुए उन्हें बेहतर उपचार उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।

श्री मोदी ने ठीक ही कहा, “अगर हम एक साथ आगे बढ़ें और ज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं विकास के लाभों को एक-दूसरे के साझा करें तो हम अपने विकास और समृद्धि को गति दे सकते हैं।”