"Statue of Unity project to commemorate Iron Man of India’s contribution to unite India"

भारत की एकता की दौड़ का जन-मिजाज अब रुकेगा नहीं- श्री मोदी

स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की निर्माण प्रगति के साथ देश की एकता की शक्ति भी बढ़ती जाएगी

भारत के कोने-कोने में ग्राम पंचायतों को दिए जाएंगे किट बॉक्स

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण के लिए भारत के गांव-गांव में शुरू होने वाले “लोहा संग्रह अभियान” के किट बॉक्स ले जा रहे ट्रक वाहनों के काफिले को आज अहमदाबाद से प्रस्थान कराया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश में एकता की दौड़ का एकता का जनमिजाज अब रुकने वाला नहीं है। यह देश एकता की शक्ति की बदौलत ही विकास के लिए आगे बढ़ने वाला है।

श्री मोदी ने कहा कि जिस देश में राजनीति विभाजन के मुद्दे पर विकसित हो रही हो तथा “समाज तोड़ो और राज करो” की राजनैतिक विकृति वाला वातावरण हो, इसके बावजूद एकता का मंत्र लेकर राष्ट्रभर में ११०० स्थानों पर ५० लाख देशवासी एकता की दौड़ लगाएं, यह आजादी के बाद की जन चेतना की ऐतिहासिक घटना है।

Statue of Unity project to commemorate Iron Man of India’s contribution to unite India

गुजरात सरकार ने सरदार पटेल के एकता के स्मारक समान “स्टेच्यू ऑफ यूनिटी” के निर्माण में भारत के सात लाख गांवों की पवित्र मिट्टी और लौह पुरुष सरदार साहेब को प्रिय किसानों द्वारा उपयोग में लिए गए लोहे के कृषि औजार प्रतीकस्वरूप एकत्रित करने का लोहा संग्रह अभियान शुरू किया है। भारत की १.८७ लाख ग्राम पंचायतों के लिए कुल तीन लाख किट बॉक्स लेकर देश के कोने-कोने में ट्रकों के साथ स्वयंसेवक एकता का संदेश लेकर पहुंचेंगे और लोहे के खेत औजार, दो करोड़ नागरिकों की सुराज्य पिटीशन वाले विश्व के सबसे लंबे बैनर्स सहित गांव की मिट्टी के कलश लेकर लौटेंगे।

श्री मोदी ने कहा कि लौह पुरुष सरदार पटेल को देशवासियों के मन से भुला देने के लिए कई लोगों ने प्रयास किए। लेकिन देश के जन-जन और जन-मन में सरदार साहेब ने एकता के मंत्र की शक्ति का प्राण फूंका था, इसलिए सरदार पटेल की पुण्य तिथि- १५ दिसंबर को देशभर में एकता की दौड़- रन फॉर यूनिटी के गुजरात सरकार के राष्ट्रीय अभियान को कश्मीर से कन्याकुमारी तक रिकार्ड सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान के लिए विविधता में एकता विवशता नहीं वरन विशेषता है, यह भाव जितना मजबूत बनेगा उतना हिन्दुस्तान शक्तिशाली बनेगा। और इसी भाव से भारत के कोने-कोने में जन-जन को एकता के इस अभियान से जो़ड़ने के लिए खेत-औजार लोहा संग्रह अभियान शुरू किया है। गुजरात तो इसमें निमित है, एकता के सरदार पटेल के स्मारक “स्टेच्यू ऑफ यूनिटी” के निर्माण में भारत की समग्र जनशक्ति भागीदार बनने वाली है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वराज की लड़ाई में सरदार पटेल ने नेतृत्व किया था और किसानशक्ति को आंदोलन से जोड़ा था। लेकिन सुराज्य का संकल्प अभी भी अधुरा है। एक भारत-श्रेष्ठ भारत मंत्र के जरिए सरदार साहेब ने आजाद हिन्दुस्तान में बतौर कुशल प्रशासक सुशासन का अभिगम अपनाया था। सुशासन का संकल्प हमें सुराज्य का सपना साकार करने की दिशा ले जाएगा।

उन्होंने कहा कि भारतभर में लोहा संग्रह अभियान में गांव-गांव की मिट्टी तथा सुराज्य का ८० किलोमीटर लंबा पिटीशन हस्ताक्षर और खेत औजार का लोहा “स्टेच्यू ऑफ यूनिटी” में एकता की अद्भुत विरासत बनेगा। देश के लाखों विद्यार्थी पौने दो लाख स्कूलों में एकता विषयक निबंध प्रतियोगिता में शिरकत करेंगे और ५५०० विजेता स्कूलों को ईनाम दिया जाएगा। समग्र देश में विराट जनभागीदारी को जोड़ने वाला एकता का अभियान देश को नई शक्ति देगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ओर “स्टेच्यू ऑफ यूनिटी” का निर्माण आगे बढ़ता रहेगा तो दूसरी ओर देश की एकता की ताकत भी निरंतर बढ़ती रहेगी।

अहमदाबाद की मेयर श्रीमती मीनाक्षीबेन पटेल ने कहा कि विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा के लिए लोहा एकत्रीकरण का शुभारंभ आज हो रहा है, इसके साथ ही जल-मिट्टी एकत्रीकरण, पिटीशन हस्ताक्षर और निबंध स्पर्धाएं एकता की बुनियाद को और भी मजबूत बनाएंगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री कन्या केळवणी निधि में दाताओं की ओर से चेक अर्पित किए गए। कार्यक्रम में मंत्रिगण श्रीमती आनंदीबेन पटेल, सौरभभाई पटेल, प्रदीपसिंह जाडेजा, विधायक और भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों के अलावा मनपा आयुक्त, जिला कलक्टर सहित उच्च अधिकारी मौजूद थे।

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November 22, 2024

गुटेन आबेन्ड

स्टटगार्ड की न्यूज 9 ग्लोबल समिट में आए सभी साथियों को मेरा नमस्कार!

मिनिस्टर विन्फ़्रीड, कैबिनेट में मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया और इस समिट में शामिल हो रहे देवियों और सज्जनों!

Indo-German Partnership में आज एक नया अध्याय जुड़ रहा है। भारत के टीवी-9 ने फ़ाउ एफ बे Stuttgart, और BADEN-WÜRTTEMBERG के साथ जर्मनी में ये समिट आयोजित की है। मुझे खुशी है कि भारत का एक मीडिया समूह आज के इनफार्मेशन युग में जर्मनी और जर्मन लोगों के साथ कनेक्ट करने का प्रयास कर रहा है। इससे भारत के लोगों को भी जर्मनी और जर्मनी के लोगों को समझने का एक प्लेटफार्म मिलेगा। मुझे इस बात की भी खुशी है की न्यूज़-9 इंग्लिश न्यूज़ चैनल भी लॉन्च किया जा रहा है।

साथियों,

इस समिट की थीम India-Germany: A Roadmap for Sustainable Growth है। और ये थीम भी दोनों ही देशों की Responsible Partnership की प्रतीक है। बीते दो दिनों में आप सभी ने Economic Issues के साथ-साथ Sports और Entertainment से जुड़े मुद्दों पर भी बहुत सकारात्मक बातचीत की है।

साथियों,

यूरोप…Geo Political Relations और Trade and Investment…दोनों के लिहाज से भारत के लिए एक Important Strategic Region है। और Germany हमारे Most Important Partners में से एक है। 2024 में Indo-German Strategic Partnership के 25 साल पूरे हुए हैं। और ये वर्ष, इस पार्टनरशिप के लिए ऐतिहासिक है, विशेष रहा है। पिछले महीने ही चांसलर शोल्ज़ अपनी तीसरी भारत यात्रा पर थे। 12 वर्षों बाद दिल्ली में Asia-Pacific Conference of the German Businesses का आयोजन हुआ। इसमें जर्मनी ने फोकस ऑन इंडिया डॉक्यूमेंट रिलीज़ किया। यही नहीं, स्किल्ड लेबर स्ट्रेटेजी फॉर इंडिया उसे भी रिलीज़ किया गया। जर्मनी द्वारा निकाली गई ये पहली कंट्री स्पेसिफिक स्ट्रेटेजी है।

साथियों,

भारत-जर्मनी Strategic Partnership को भले ही 25 वर्ष हुए हों, लेकिन हमारा आत्मीय रिश्ता शताब्दियों पुराना है। यूरोप की पहली Sanskrit Grammer ये Books को बनाने वाले शख्स एक जर्मन थे। दो German Merchants के कारण जर्मनी यूरोप का पहला ऐसा देश बना, जहां तमिल और तेलुगू में किताबें छपीं। आज जर्मनी में करीब 3 लाख भारतीय लोग रहते हैं। भारत के 50 हजार छात्र German Universities में पढ़ते हैं, और ये यहां पढ़ने वाले Foreign Students का सबसे बड़ा समूह भी है। भारत-जर्मनी रिश्तों का एक और पहलू भारत में नजर आता है। आज भारत में 1800 से ज्यादा जर्मन कंपनियां काम कर रही हैं। इन कंपनियों ने पिछले 3-4 साल में 15 बिलियन डॉलर का निवेश भी किया है। दोनों देशों के बीच आज करीब 34 बिलियन डॉलर्स का Bilateral Trade होता है। मुझे विश्वास है, आने वाले सालों में ये ट्रेड औऱ भी ज्यादा बढ़ेगा। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि बीते कुछ सालों में भारत और जर्मनी की आपसी Partnership लगातार सशक्त हुई है।

साथियों,

आज भारत दुनिया की fastest-growing large economy है। दुनिया का हर देश, विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जर्मनी का Focus on India डॉक्यूमेंट भी इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। इस डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि कैसे आज पूरी दुनिया भारत की Strategic Importance को Acknowledge कर रही है। दुनिया की सोच में आए इस परिवर्तन के पीछे भारत में पिछले 10 साल से चल रहे Reform, Perform, Transform के मंत्र की बड़ी भूमिका रही है। भारत ने हर क्षेत्र, हर सेक्टर में नई पॉलिसीज बनाईं। 21वीं सदी में तेज ग्रोथ के लिए खुद को तैयार किया। हमने रेड टेप खत्म करके Ease of Doing Business में सुधार किया। भारत ने तीस हजार से ज्यादा कॉम्प्लायेंस खत्म किए, भारत ने बैंकों को मजबूत किया, ताकि विकास के लिए Timely और Affordable Capital मिल जाए। हमने जीएसटी की Efficient व्यवस्था लाकर Complicated Tax System को बदला, सरल किया। हमने देश में Progressive और Stable Policy Making Environment बनाया, ताकि हमारे बिजनेस आगे बढ़ सकें। आज भारत में एक ऐसी मजबूत नींव तैयार हुई है, जिस पर विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण होगा। और जर्मनी इसमें भारत का एक भरोसेमंद पार्टनर रहेगा।

साथियों,

जर्मनी की विकास यात्रा में मैन्यूफैक्चरिंग औऱ इंजीनियरिंग का बहुत महत्व रहा है। भारत भी आज दुनिया का बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। Make in India से जुड़ने वाले Manufacturers को भारत आज production-linked incentives देता है। और मुझे आपको ये बताते हुए खुशी है कि हमारे Manufacturing Landscape में एक बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। आज मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। दूसरा सबसे बड़ा स्टील एंड सीमेंट मैन्युफैक्चरर है, और चौथा सबसे बड़ा फोर व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भी बहुत जल्द दुनिया में अपना परचम लहराने वाली है। ये इसलिए हुआ, क्योंकि बीते कुछ सालों में हमारी सरकार ने Infrastructure Improvement, Logistics Cost Reduction, Ease of Doing Business और Stable Governance के लिए लगातार पॉलिसीज बनाई हैं, नए निर्णय लिए हैं। किसी भी देश के तेज विकास के लिए जरूरी है कि हम Physical, Social और Digital Infrastructure पर Investment बढ़ाएं। भारत में इन तीनों Fronts पर Infrastructure Creation का काम बहुत तेजी से हो रहा है। Digital Technology पर हमारे Investment और Innovation का प्रभाव आज दुनिया देख रही है। भारत दुनिया के सबसे अनोखे Digital Public Infrastructure वाला देश है।

साथियों,

आज भारत में बहुत सारी German Companies हैं। मैं इन कंपनियों को निवेश और बढ़ाने के लिए आमंत्रित करता हूं। बहुत सारी जर्मन कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने अब तक भारत में अपना बेस नहीं बनाया है। मैं उन्हें भी भारत आने का आमंत्रण देता हूं। और जैसा कि मैंने दिल्ली की Asia Pacific Conference of German companies में भी कहा था, भारत की प्रगति के साथ जुड़ने का- यही समय है, सही समय है। India का Dynamism..Germany के Precision से मिले...Germany की Engineering, India की Innovation से जुड़े, ये हम सभी का प्रयास होना चाहिए। दुनिया की एक Ancient Civilization के रूप में हमने हमेशा से विश्व भर से आए लोगों का स्वागत किया है, उन्हें अपने देश का हिस्सा बनाया है। मैं आपको दुनिया के समृद्ध भविष्य के निर्माण में सहयोगी बनने के लिए आमंत्रित करता हूँ।

Thank you.

दान्के !