"Shri Narendra Modi addressed massive rallies across Andhra Pradesh"
"We will build 100 smart cities across India. Seemandhra needs a knowledge city that will help people of the region: Shri Modi in Andhra Pradesh"
"I assure those parents whose children work in Gulf & face problems that we will take care of these children of India: Shri Modi in Andhra Pradesh"
"We need a Skilled India but Congress has created a Scam India in the last 10 years: Shri Modi"
"We want to work on a big scale so we also want a Scaled India: Shri Modi"
"This is the same land that refused to bow down to the colonial rulers: Shri Modi in Guntur"
"NTR has done so much for this region. Today his daughter comes to you with a Lotus symbol, please support her: Shri Modi on Purandeswari"
"Give our farmers water and see the wonders they can do. Atalji wanted to link the Ganga & Cauvery. River linking will hep farmers here: Shri Modi in AP"

श्री नरेन्द्र मोदी 1 मई 2014 को आंध्र प्रदेश भर में अपनी रैलियों के दौरान, सीमांध्र के विकास पर भाजपा के अटूट ध्यान देने की पुष्टि की। सीमांध्र को प्रगति की नई ऊंचाइयों तक पहुँचा कर इसे 'स्वर्णिम आंध्रा' में बदलने से लेकर एक 'कुशल भारत' को विकसित करने तक , श्री मोदी ने कई उदाहरण देकर भारत की प्रगति सुनिश्चित करने की दिशा में भाजपा द्वारा उठाए जाने वाले कई नए कदमों के बारे में बात की।

मदनापल्ले, नेल्लोर, गुंटूर, भीमावरम और विशाखापत्तनम में बड़े पैमाने पर रैलियों को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि सीमांध्र को एक 'स्वर्णिम आंध्र' बनाना है या 'स्कैम आंध्र', यह राज्य के लोगों पर निर्भर करता है, और उनसे समझदारी से वोट करने का आग्रह किया जिससे इस सरकार(कांग्रेस) को बाहर का रास्ता दिखाया जा सके जिसने अपने कुशासन से राज्य और देश को बर्बाद कर दिया है। " जिन लोगों ने आंध्र को लूटा जो लोग उनकी अपनी ही पार्टी द्वारा जेल में बंद कर दिए गए, वे लोग दुबारा उन हाथों में आंध्र को नहीं देना चाहते हैं," श्री मोदी भारी जनसमूह के बीच कहा।

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नदियों को जोड़ने की पहल (श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के सपनों को याद करते हुए) से लेकर गोदामों और कृषि उपज के लिए बेहतर परिवहन सुविधाओं की स्थापना तक, श्री मोदी ने राज्य के कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए बहुत से ऩए कदम उठाने के प्रति लोगों को आश्वस्त किया। "हमारे किसानों को पानी दीजिए और देखिये वे क्या कमाल कर सकते हैं। अटलजी गंगा और कावेरी को जोङना चाहते थे। नदियों के आपस में जोड़ने से यहां के किसानों को मदद मिलेगी। हम अपने किसानों के लिए बेहतर कोल्ड स्टोरेज और गोदाम की सुविधा की जरूरत है।

हम रेलवे का उपयोग कर सकते हैं और इसमें किसान के उत्पादन को प्राथमिकता दे सकते हैं, क्योंकि बाद में उत्पादन खराब हो जाता है," श्री मोदी ने कहा। उन्होंने गुणवत्ता-वर्धन की उन्नत तकनीकों द्वारा बेहतर ब्रांडिंग और उत्पादन सुविधाओं को बढ़ाने पर जोर दिया, जिसे उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार हो और किसान इसकी बेहतर कीमत पाने में सक्षम हो सके। उन्होंने राज्य में कपास उत्पादकों की बेहतरी के लिए अपने 5F के सूत्र- फार्म से फाइबर (कृषि से रेशा उत्पादन), फाइबर से फैब्रिक (रेशे से कपङे), फैब्रिक से फैशन(कपङे से फैशन) और फैशन से फॉरेन (फैशन से विदेश) – को भी लोगों के साथ साझा किया।

श्री मोदी सीमांध्र के देश के सबसे अच्छे 'ज्ञानप्रदायी शहरों (नॉलेज सिटीज)’ के रूप में विकसित करने के भाजपा के पूरे ध्यान की बात साझा की। उन्होंने कहा कि कैसे इस तरह की सकारात्मक पहल कई युवाओं को रोजगार देने में सक्षम करेगी। "मैं उन माता-पिता को आश्वास्त करना चाहता हूँ जिनके बच्चों खाड़ी-देशों में काम करते हैं कि हम भारत के इन बच्चों का ख्याल रखेंगे। हम भारत भर में 100 स्मार्ट शहरों का निर्माण करेंगे। सीमांध्र को एक नॉलेज सिटी की जरूरत है, जो क्षेत्र के लोगों की मदद करेगी, " श्री मोदी ने कहा।

Shri Narendra Modi addressed massive rallies across Andhra Pradesh

कांग्रेस की अनियंत्रित राजनीति पर भी अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री मोदी ने कहा कि न तो वे अपने व्यवहार के लिए जवाबदेही सुनिश्चित कर रहें हैं और न ही सुशासन के लिए लोगों के विचारों को भी सुनने के लिए किसी तरह के प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कैसे तेलंगाना और सीमांध्र के राज्यों का गठन किया गया, लेकिन यहां के लोगों की सहमति लिए बिना। श्री मोदी ने इस तथ्य को भी सामने रखा कि कैसे दोनों राज्यों के विभाजन के लिए ‘माँ-बेटे’ की जोड़ी ने 2 जून का दिन चुना तिथि जो इटली की स्थापना का दिवस भी है। उन्होंने अतीत की घटनाओं को याद करते हुए कहा कि कांग्रेस ने जगह-जगह पर आंध्र प्रदेश के नेताओं का अपमान किया है, और बताया कि कैसे कांग्रेस से होने के बावजूद माँ बेटे की जोड़ी ने श्री पी.वी. नरसिंह राव का अपमान किया था, और उनकी मृत्यु के बाद भी उन्हें कोई सम्मान नहीं दिया गया। " माँ-बेटे की जोङी ने नरसिंह राव की मृत्यु के बाद भी उनके शव को कांग्रेस मुख्यालय में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी थी," श्री मोदी ने कहा। उन्होंने बाद में वाईएसआर पार्टी द्वारा किए जाने वाले भ्रष्टाचार के शर्मनाक तरीकों से लोगों को अवगत कराया, जो परोक्ष रूप से कांग्रेस के भ्रष्ट तरीकों का समर्थन करते हैं।

उन्होंने वर्तमान सरकार द्वारा किए जा रहे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार पर क्षोभ व्यक्त किया जिससे भारत पर 'घोटाले के देश’ लेबल लग गया है, और इसके बजाय 'कौशल-युक्त भारत‘ बनाने के अपने विजन को लोगों के साथ साझा किया। यह, श्री मोदी ने कहा, युवाओं के लिए कौशल विकास सुनिश्चित करके और उनके लिए रोजगार के अवसर के साथ प्रदान करके ही प्राप्त किया जा सकता है। "हमे एक कौशल-युक्त भारत की जरूरत है, लेकिन कांग्रेस ने पिछले 10 साल में भारत को ‘स्कैम इंडिया(घोटाला-युक्त भारत)’ बना दिया है। हम बड़े पैमाने पर काम करना चाहते हैं, इसलिए हमें एक विशाल भारत चाहिए," श्री मोदी ने कहा।

श्री मोदी ने याद किया कि कैसे श्री एन.टी. रामाराव हर शुभ काम से पहले भगवान वेंकटेश्वर की पूजा करते थे, और प्रसन्नता व्यक्त की कि उन्होंने भी सीमांध्र में अपना चुनाव प्रचार भी भगवान की पूजा से ही शुरू किया है।

उन्होंने 2014 के चुनाव में बाहर कांग्रेस के सफाए की पुष्टि की, और लोगों से आंध्र प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी-तेलगू देशम पार्टी गठबंधन को वोट देने का आग्रह किया जिससे राज्य को आगे बर्बाद होने से बचाया जा सके। "एनटीआर ने इस क्षेत्र के लिए बहुत कुछ किया है। आज उनकी बेटी (दग्गूबत्ती पुरंदेश्वरी) कमल के चुनाव-चिन्ह के साथ आपके बीच आई हैं, कृपया उनका समर्थन करें। मुझे सीमांध्र से जबरदस्त स्नेह प्राप्त हुआ है, और आपका यह स्नेह मैं व्यर्थ नहीं जाने दूँगा," श्री मोदी ने आश्वासन दिया।

भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री वेंकैया नायडू, श्री एन. चंद्रबाबू नायडू और श्री पवन कल्याण ने भी रैलियों को संबोधित किया।

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ऐतिहासिक जनादेश
May 22, 2014

नरेन्‍द्र मोदी ने राष्‍ट्रीय राजनीति को नया आयाम दिया है

भारत में राजनीतिक आन्‍दोलनों की उत्‍पति चार वैचारिक मार्गों से हुई है। सबसे पहला ऐतिहासिक वैचारिक मार्ग था भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस जो आज की कांग्रेस पार्टी के रूप में मौजूद है। कम्‍युनिस्‍ट आन्‍दोलन जिसकी उत्‍पत्ति तत्‍कालीन रूसी गणराज्‍य और कुछ हद तक आज के चीन से हुई, लेकिन आज यह व्‍यवहारिक रूप से भारत में अप्रसांगिक हो गया है। समाजवादी आन्‍दोलन की उत्‍पत्ति राममनोहर लोहिया और जयप्रकाश नारायण से जुड़ी है लेकिन यह उत्‍तरोत्‍तर संकीर्ण क्षेत्रीय या जाति आधारित पार्टियों में बंट गया और आज राष्‍ट्रीय स्‍तर पर इसकी अहमियत मामूली है। क्षेत्रीय दल और हाल में बनी राजनीतिक पार्टियां भी राष्‍ट्रीय स्‍तर पर दावा पेश नहीं कर सकते। 2014 के चुनाव से पूर्व भारत में राष्‍ट्रीय स्‍तर पर राजनीतिक परिदृष्‍य कुछ ऐसा था कि जिसमें कांग्रेस हावी थी और भाजपा की स्थिति एक सुपर क्षेत्रीय दल जैसी थी।

2014 के लोक सभा चुनाव के नतीजे नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में भाजपा के पक्ष में रहे। किसी भी व्‍यक्ति को इन नतीजों को समझने के लिए यह मानना जरूरी है कि किस तरह भाजपा राष्‍ट्रीय परिदृष्‍य पर काबिज हुई और कैसे उसने दक्षिण में अपनी खोयी हुई जमीन फिर हासिल की और पूर्वोत्‍तर में अपनी जगह बनायी। इसके ठीक उलट कांग्रेस की तस्‍वीर बन गयी है। कांग्रेस सीटें उसके इतिहास में अब तक की न्‍यूनतम हैं और कांग्रेस अब एक सुपर क्षेत्रीय दल बनकर रह गयी है जिसकी बड़े राज्‍यों में कोई उपस्थित नहीं है।

कांग्रेस एक सुपर-क्षेत्रीय दल के रूप में सिमट गयी है, उसकी बड़े राज्‍यों में उपस्थित भी नहीं है

कांग्रेस के खात्‍मे पर विचार कीजिए-

An Epochal Mandate


  • जम्‍मू कश्‍मीर से लेकर हिमाचल प्रदेश, उत्‍तराखंड और राष्‍ट्रीय राजधानी जैसे उत्‍तरी राज्‍यों में इसका एक भी लोक सभा  सदस्‍य नहीं है।

  • कांग्रेस उत्‍तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में सिमटकर सिंगल डिजिट में आ गयी है।

  • पश्चिमी भारत में देखें तो राजस्‍थान, गुजरात और गोवा में इसका एक भी सदस्‍य नहीं है। जबकि कभी कांग्रेस का गढ़ रहे महाराष्‍ट्र में पार्टी सिंगल डिजिट में ही है।

  • दक्षिण में तमिलनाडु और सीमांध्रा में उसकी एक भी सीट नहीं है जबकि कर्नाटक और तेलंगाना में वह सिंगल डिजिट में सिमट गयी है।

  • पूर्व में झारखंड, नागालैंड, उड़ीसा, त्रिपुरा और सिक्‍कम में कांग्रेस की एक भी लोक सभा सीट नहीं है/ अधिकांश संघ शासित राज्‍यों ने भी कांग्रेस को पीठ दिखा दी है।

  • कांग्रेस का आज इस कदर अपयश है कि किसी भी राज्‍स में इसकी सीटें डबल डिजिट में नहीं हैं, वहीं जयललिता की अन्‍नाद्रमुक और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस लोक सभा में मुख्‍य विपक्षी पार्टी बनने के लिए इसे चुनौती दे रही हैं।

नरेन्‍द्र मोदी के प्रचार अभियान ने कांग्रेस को इस तरह तहस-नहस कर दिया है। इस तरह नरेन्‍द्र मोदी ने भाजपा के चुनावी परिदृष्‍य को पूरी तरह बदल दिया है।

नरेन्‍द्र मोदी ने एक नया सामाजिक गठबंधन बुना है

लोक सभा की 543 सीटो में से रिकार्ड 282 सीटें जीतकर नरेन्‍द्र मोदी पहले गैर-कांग्रेसी नेता हैं जो अपनी पार्टी को लोक सभा में सामान्‍य बहुमत दिलाने में कामयाब रहे हैं। यह ऐसी उपलब्धि है जो अब तक विशेष तौर से गांधी-नेहरु खानदान के नाम ही रही है।

अगर हवा भाजपा के राष्‍ट्रीय प्रसार की कहानी बताती है तो जीत की जनसांख्यिकीय जटिलता भाजपा की राष्‍ट्रीय गहराई की असली कहानी बयां करती है।

An Epochal Mandate


  • भाजपा ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 84 सीटों में से 40 पर जीत दर्ज की। इस तरह एससी सीटों में से 47 प्रतिशत पर भाजपा ने जीत दर्ज की और कई सीटों पर तो दलित महिलाएं चुनकर आयीं हैं।

  • भारतीय जनता पार्टी ने अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 47 सीटों में से 27 पर जीत दर्ज की जो कि 69 प्रतिशत हैं।

  • विभिन्‍न दलों के गठबंधन के रूप में एनडीए ने एससी के लिए आरक्षित सीटों में से 62 प्रतिशत तथा एसटी के लिए आरक्षित सीटों में से 70 प्रतिशत पर जीत दर्ज की।

  • 28 महिला सांसदों के साथ भाजपा ने एक नया बेंचमार्क सेट किया कि इसके 10 प्रतिशत सदस्‍य महिलाएं हैं।
नरेन्‍द्र मोदी ने न सिर्फ भाजपा को अकल्‍पनीय जीत दिलायी है बल्कि यह कामयाबी उन्‍होंने उममीदों की लहर पर सवार होकर हासिल की है जिसे भाजपा विगत में नहीं कर सकी। नरेन्‍द्र मोदी की भाजपा ने पूर्व की सभी राजनीतिक रुढि़यों को तोड़ दिया है जो 1980 के दशक में वाजपेयी/आडवाणी के युग और तत्‍कालीन जन संघ से जुड़ी थीं। नरेन्‍द्र मोदी ने जो सामाजिक गठजोड़ बुना है वह जनसांख्यिकीय रूप, भौगोलिक विस्‍तार, लैंगिक समता और इसके जनादेश के मामले में विशेष है।

उम्‍मीद और आकांक्षाओं के इस जनादेश से ही नरेन्‍द्र मोदी की टीम को आकार मिलना चाहिए

यह जनादेश नरेन्‍द्र मोदी के लिए विभिन्‍न जाति, धर्म और क्षेत्र से ऊपर उठकर आबादी के बड़े भाग की नयी उम्‍मीदों को पूरा करने का है। इसने उन्‍हें भारत को एक नयी दिशा में ले जाने को सशक्‍त किया है। ऐसा करते समय उन्‍हें किसी भी प्रकार के तुच्‍छ कार्य और दवाब में नहीं आना होगा।

यह जनादेश उस व्‍यापक राजनीति आन्‍दोलन में भी बदलाव के युग की शुरुआत है जिसने 1950 के दशक में जनसंघ को जन्‍म दिया और 1980 के दशक में भाजपा को। अगर इसकी पहली पीढ़ी डा. श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी और दीनदयाल उपाध्‍याय थे तो दूसरी पीढ़ी अटल बिहारी वाजपेयी और एल के आडवाणी का युग थी। अब नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में तीसरी पीढ़ी का आगाज हुआ है। भारत के शासन के लिए राष्‍ट्रीय जनादेश होने के साथ ही उनके पास अब राजनीतिक जनादेश भी है जिससे वह इस आन्‍दोलन को नया रूप देकर अपने सुशासन के दर्शन को प्रदर्शित कर सकते हैं।

एक अरब सपने और उम्‍मीदें अब नरेन्‍द्र मोदी की ओर देख रहे हैं। जब वह अपनी सरकार बनायेंगे तो इन्‍हीं सपनों और उम्‍मीदों से ही उनकी टीम को आकार मिलना चाहिए न कि किसी और चीज से।