क्या आप जानते हैं कि चुनावी राजनीति में आने से पहले श्री नरेंद्र मोदी ने कई साल तक भाजपा संगठन में काम किया। यहां वो अपने संगठन कौशल और जमीनी स्तर पर काम करने के लिए जाने जाते थे। इस बात ने उन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं का प्रिय बना दिया।
श्री नरेंद्र मोदी 1987 में भाजपा से जुड़े और उन्हें सबसे पहले जो जिम्मेदारियां दी गईं, उनमें 1987 के अहमदाबाद स्थानीय चुनाव के लिए प्रचार करना शामिल था। एक जोशीले प्रचार अभियान ने इस चुनाव में भाजपा की जीत पक्की कर दी।
वो 1990 में गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति बनाने वाली मुख्य टीम का हिस्सा थे। इस चुनाव के परिणामों ने एक दशक पुराने कांग्रेस शासन का अंत कर दिया। राज्य में कांग्रेस ने 1980 और 1985 में क्रमश: 141 और 149 सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार कांग्रेस का आंकड़ा घटकर 33 सीटों पर आ गया। भाजपा को 67 सीटों पर सफलता मिली और पार्टी चिमनभाई पटेल के साथ गठबंधन सरकार में शामिल हुई। हालांकि ये गठबंधन कुछ समय तक ही चला, लेकिन भाजपा गुजरात में एक अजेय शक्ति के रूप में उभरकर सामने आई।
श्री नरेंद्र मोदी 1995 के विधानसभा चुनावों के प्रचार अभियान में सक्रिय रूप से शामिल थे। इस बार भाजपा ने पहली बार सभी 182 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया। नतीजे ऐतिहासिक रहे, पार्टी को 121 सीटों पर जीत मिली और भाजपा की सरकार बनी।
वर्ष 1996 में श्री मोदी भाजपा के राष्ट्रीय सचिव के रूप में दिल्ली आए और उन्हें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू तथा कश्मीर जैसे प्रमुख उत्तर भारतीय राज्यों का प्रभार सौंपा गया। वर्ष 1998 में भाजपा ने अपने बल पर हिमाचल में सरकार का गठन किया और हरियाणा (1996), पंजाब (1997) तथा जम्मू और कश्मीर में गठबंधन की सरकार बनाई। दिल्ली में मिले उत्तरदायित्व ने श्री मोदी को सरदार प्रकाश सिंह बादल, बंसी लाल और फारूक अब्दुल्ला जैसे नेताओं के साथ काम करने का अवसर दिया।
श्री मोदी को महासचिव (संगठन) की भूमिका सौंपी गई। इस महत्वपूर्ण पद पर इससे पहले सुंदर सिंह भंडारी और कुशाभाऊ ठाकरे जैसी दिग्गज हस्तियां रह चुकी थीं। महासचिव (संगठन) के रूप में 1998 और 1999 के लोकसभा चुनावों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। दोनों चुनावों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी और उसने श्री अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व में सरकार बनाई।
संगठन में रहते हुए श्री मोदी ने नए नेतृत्व को तैयार किया, युवा कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाया और चुनाव प्रचार के लिए टेक्नॉलॉजी के इस्तेमाल पर भी जोर दिया। इस सब उपायों के जरिए उन्होंने पार्टी के उस सफर में अपना योगदान दिया, जो सफर दो सांसदों से बढ़कर 1998 से 2004 के बीच केंद्र में सरकार बनाकर देश की सेवा करने तक पहुंचा।
डिस्कलेमर :
यह उन कहानियों या खबरों को इकट्ठा करने के प्रयास का हिस्सा है जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और लोगों के जीवन पर उनके प्रभाव पर उपाख्यान / राय / विश्लेषण का वर्णन करती हैं।