प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तकनीकी की पावर में विश्वास रखने वाले लोगों में से हैं। वो खुद भी अत्याधित तकनीकी का प्रयोग करते हैं, श्री मोदी जी तकनीकी को सरल, प्रभावी और किफायती चीज़ की तरह देखते हैं और तेजी, सादगी और सेवा को जोड़ने वाली चीज़ के रूप में देखते हैं।  तकनीकी के कारण काम अधिक तेजी के साथ होता है और यहां तक कि सिस्टम में भी साधारण प्रक्रिया लाने का काम करती है। लोगों की सेवा करने का यह सबसे बेहतरीन तरीका है। श्री मोदी जी का मानना है कि तकनीकी के माध्यम से ही कम सशक्त व्यक्ति का सशक्तिकरण किया जा सकता है और सुशासन को और अधिक पारदर्शी बनाया जा सकता है।

साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही पीएम मोदी ने सरकार के कामकाज में तकनीकी का प्रयोग करने पर बल दिया। उन्होंने डिजिटल इंडिया अभियान की शुरुआत की, जोकि सभी को शामिल करने के लिए चलाया गया अभियान था और सरकार के काम से अधिक से अधिक लोगों को लाभ हो उसके लिए पीएम ने आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया और तकनीकी की ताकत के माध्यम से ही लोगों की समस्याओं का समाधान किया गया। प्रधानमंत्री ने तकनीकी पर आधारित एकदम भिन्न अभियान प्रगति को शुरु किया जोकि बहु-उद्देश्यीय और मल्टी-नोडल मंच है जहां पर प्रोजेक्टों को मॉनीटर किया जाता है और लोगों के आड़े आने वाली समस्याओं की पहचान की जाती है। हर महीने के अंतिम बुधवार को प्रधानमंत्री खुद शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठकर प्रगति सेशन्स को लेकर चर्चा करते हैं कि हर सेक्टर में व्याप्त रेंज की ग्राउंड रिपोर्ट लेते हैं। इसने बहुत ही सकारात्मक अंतर पैदा कर दिया है।

भारत सरकार अपनी तकनीकी का उपयोग करके बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं को प्रदान करने के लिए कर रही है। करोड़ों भारतीय किसानों को कृषि से सम्बन्धित सूचना को एसएमएस के माध्यम से प्राप्त किया गया है। कैबिनेट ने एग्री-टेक इंफ्रास्ट्रक्टर फंड के माध्यम से राष्ट्रीय कृषि बाज़ार को प्रोमोट करने के लिए योजना को क्लियरेंस दी। पूरे देश में रेगुलेटेड मार्केट्स एक कॉमन प्लेटफॉर्म पर एकीकृत होंगे। ऐसे में किसान और व्यापारियों के पास कृषि उत्पादों की बिक्री और खरीद एक पारदर्शी ढंग से उचित दामों में करने का मौका होगा।

जुलाई 2014 में प्रधानमंत्री ने माईगव को लॉन्च किया था, एक ऐसा पोर्टल जो कि इंटरनेट की सहायता से देश के नागरिकों को सुशासन और नीति-निर्माण में महत्वपूर्ण हिस्सा बनाता है। माईगव पर बहुत से मंत्रालयों और विभागों के द्वारा लोगों से उनकी राय मांगी जाती है और उसी के अनुरूप काम करने की कोशिश की जाती है। प्रधानमंत्री भी खुद कई बार माईगव का प्रयोग करते हैं और उन्हीं बातों का उल्लेख वो अपने मासिक कार्यक्रम “मन की बात” में या अन्य स्थानों पर करते हैं।

सितम्बर 2015 में अमेरिकी दौरे के दौरान श्री मोदी जी ने सिलिकन वैली का दौरा किया था, जहां उन्होंने कई टेक्नोलॉजी कंपनियों के सीईओ के साथ मुलाकात की थी। उन्होंने फेसबुक के हेडक्वार्टर का भी दौरा किया था और साथ ही उन्होंने प्रश्नोत्तर के ऊपर आधारित टाउनहॉल में भी शिरकत की थी। उन्होंने गूगल के दफ्तर का भी दौरा किया था, वहां जाकर उन्होंने टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन्स को देखा। डिजिटल इंडिया डिनर में टेक्नोलॉजी की दुनिया के दिग्गजों ने शिरकत की थी। सत्या नडेला से लेकर सुन्दर पिचाई तक सभी ने सरकार की ओर से भारत में समाज के डिजिटली सशक्तिकरण किए जाने वाले प्रयासों की प्रशंसा की। दौरे के दौरान श्री मोदी ने स्टार्ट-अप उद्यमियों से भी मुलाकात की जोकि टेक्नोलॉजी का बड़े स्तर पर उपयोग कर रहे हैं। श्री इलोन मस्क ने उन्हें टेस्ला मोटर्स के भीतर भी घुमाया। श्री मोदी और श्री मस्क ने इन बातों को लेकर चर्चा की कि किस तरह से तकनीकी का प्रयोग हम विकास के लिए कर सकते हैं और खास तौर से ग्रामीण इलाकों और कृषि के लिए कैसे तकनीक का उपयोग कर सकते हैं।

जब भी कभी प्रधानमंत्री विदेशी दौरे पर होते हैं तो हर बार वो तकनीकी सहयोग पर विचार-विमर्श की बातें करते हैं। भारत-अफ्रीका समिट के दौरान प्रधानमंत्री ने इस तरह के माध्यमों की एक लंबी सूची बताई जोकि भारत और अफ्रीका को तकनीकी के क्षेत्र में काफी अधिक मदद कर सकते हैं।

व्यक्तिगत तौर पर भी जो लोग श्री मोदी जी को करीब से जानते हैं वो तकनीकी के प्रति उनके प्यार के बारे में भलिभांति बता सकते हैं। सोशल मीडिया पर एक सबसे अधिक एक्टिव वर्ल्ड लीडरों में से एक हैं। फेसबुक, ट्विटर, लिंक्डइन और इंस्टाग्राम पर लगातार उनकी उपस्थिति को दर्ज किया जाता रहा है। सोशल मीडिया का उपयोग उन्होंने लोगों से जुड़े रहने के लिए और उनसे इनपुट लेने के लिए किया है। एक सकारात्मक अंतर बनाने के लिए ही उन्होंने सोशल मीडिया का प्रयोग किया है, चाहे वो बेटियों के साथ सेल्फी खींच कर उसे पोस्ट करने का बात हो या फिर अतुल्य भारत को लेकर लोगों के द्वारा उनके भाव प्रकट करने के लिए किया गया आग्रह हो।

श्री मोदी जी ने एम गवर्नेंस यानि कि मोबाइल गवर्नेंस के ऊपर भी खासा ज़ोर दिया। उनकी खुद की एक मोबाइल एप है जिसका नाम ‘नरेन्द्र मोदी मोबाइल एप’ है जोकि एप्पल और एंड्रॉयड फोनों पर उपलब्ध होती है। एप के माध्यम से आप लेटेस्ट न्यूज़ प्राप्त कर सकते हैं, न्यूज़ अपडेट प्राप्त कर सकते हैं और श्री मोदी जी के साथ जुड़ सकते हैं।

श्री मोदी बिना थके एक ऐसे भारत निर्माण के लिए जज़्बे के साथ काम कर रहे हैं जहां पर सवा सौ करोड़ देशवासी तकनीक के साथ जुड़ें हों और तकनीकी के माध्यम से चलने वाली इनोवेशन में उनकी भागीदारी हो। वो डिजिटल हाई-वे के माध्यम से भी देश को जोड़ने के लिए काम कर रहे हैं ताकि देश के नागरिकों का सशक्तिकरण किया जा सके।

यह भी देखिएः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ डिजिटल डायलाग

 

डिस्कलेमर :

यह उन कहानियों या खबरों को इकट्ठा करने के प्रयास का हिस्सा है जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और लोगों के जीवन पर उनके प्रभाव पर उपाख्यान / राय / विश्लेषण का वर्णन करती हैं।

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प्रधानमंत्री मोदी का मार्मिक पत्र
December 03, 2024

दिव्यांग आर्टिस्ट दीया गोसाई के लिए रचनात्मकता का एक पल, जीवन बदलने वाले अनुभव में बदल गया। 29 अक्टूबर को पीएम मोदी के वडोदरा रोड शो के दौरान, उन्होंने पीएम मोदी और स्पेन सरकार के राष्ट्रपति महामहिम श्री पेड्रो सांचेज़ के अपने स्केच भेंट किए। दोनों नेताओं ने व्यक्तिगत रूप से उनके भावनात्मक उपहार को स्वीकार किया, जिससे वह बहुत खुश हुईं।

कुछ सप्ताह बाद, 6 नवंबर को, दीया को प्रधानमंत्री से एक पत्र मिला जिसमें उनकी कलाकृति की प्रशंसा की गई थी और बताया गया था कि कैसे महामहिम श्री सांचेज़ ने भी इसकी प्रशंसा की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें समर्पण के साथ ललित कलाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया, और "विकसित भारत" के निर्माण में युवाओं की भूमिका पर विश्वास व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने उनके परिवार को दीपावली और नववर्ष की शुभकामनाएं भी दीं, जो उनके व्यक्तिगत जुड़ाव को दर्शाता है।

खुशी से अभिभूत दीया ने अपने माता-पिता को वह पत्र पढ़कर सुनाया, जो इस बात से बहुत खुश थे कि उसने परिवार को इतना बड़ा सम्मान दिलाया। दीया ने कहा, "मुझे अपने देश का एक छोटा सा हिस्सा होने पर गर्व है। मोदी जी, मुझे अपना स्नेह और आशीर्वाद देने के लिए धन्यवाद।" उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री के पत्र से उन्हें जीवन में साहसिक कदम उठाने और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करने की गहरी प्रेरणा मिली।

पीएम मोदी का यह कदम, दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने और उनके योगदान को सम्मान देने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सुगम्य भारत अभियान जैसी अनेक पहलों से लेकर दीया जैसे व्यक्तिगत जुड़ाव तक, वह लगातार प्रेरणा देते हैं और उत्थान करते हैं, यह साबित करते हुए कि उज्जवल भविष्य बनाने में हर प्रयास महत्वपूर्ण है।