2014 के चुनाव में भाजपा को वोट देकर भारत के विकास के नये युग के लिए समर्थन देने की अपील जनता से करते हुए श्री नरेन्द्रे मोदी ने 27 मार्च की सुबह गुमला और चतरा में भारत विजय रैलियां संबोधित करते हुए कहा, “16वीं लोक सभा का यह चुनाव वर्ष 2014 में है और झारखंड की 14 सीटों के लिए है। यहां सभी 14 सीटों पर कमल का फूल खिलना चाहिए।”
माओवादियों से हथियार डालने और आतंक छोड़ने की अपील करते हुए श्री मोदी ने उन्हें हल और कलम उठाने और विकास लाने को कार्य करने का आग्रह किया। श्री मोदी ने महात्मा गांधी के अहिंसा के संदेश को याद करते हुए युवाओं को हत्या और आतंक का माओवादी रास्ता छोड़कर शांति और तरक्की का मार्ग अपनाने का आग्रह किया। श्री मोदी ने कहा, “महात्मा गांधी ने अहिंसा का संदेश दिया। लेकिन माओवाद से प्रभावित युवकों ने हथियार उठा लिये हैं और सड़कों पर खून बहा रहे हैं। हमारी धरती को खून के रंग की नहीं बल्कि तरक्की के रंग की जरुरत है। आइये किसानों की मेहनत से इस धरती को हराभरा बनायें। माओवादियों के हाथ में बंदूक नहीं होनी चाहिए, इसकी जगह उनके हाथ में कृषि के औजार और कलम होने चाहिए ताकि वे दूसरों की सेवा कर सकें। रास्ताऔ कलम, हल और पसीने का है, खून का नहीं।” उन्होंने यह भी बताया कि रैली में बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी इस बात को साबित करती है कि लोकतंत्र की ताकत हमेशा खतरे और बंदूक की ताकत से अधिक है।
श्री मोदी ने झारखंड राज्यं के गठन के लिए श्री अटल बिहारी वाजपेयी के अथक प्रयासों का याद किया और बताया कि किस तरह यह भाजपा के शासन में संभव हुआ। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस लगातार सत्ताी में रहती तो झारखंड का गठन कभी नहीं हो पाता। श्री मोदी ने कहा, “कांग्रेस की कई सरकारें आयीं लेकिन उन्होंने झारखंड की कभी चिंता नहीं की। अब जबकि इसका गठन हो गया है, देखिये वे इस तरह की राजनीति कर रहे हैं। मत भूलिये कि पंडित नेहरु ने झारखंड बनाने के विचार का मजाक उड़ाया था। यह अटलजी थे जिन्होंने हमको झारखंड दिया।” श्री मोदी ने बिहार के उन नेताओं से भी सवाल किया जिन्हों ने राज्य के गठन का विरोध किया था। उन्होंने पूछा कि ऐसे नेता अब कहां गायब हो गये हैं।
आदिवासियों के लिए चिंता के अभाव के लिए कांग्रेस पर हमला करते हुए श्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार कुछ समय पहले तक आदिवासियों के अस्तित्व् से भी वाकिफ नहीं थी। हालांकि उन्होंने कई वर्ष तक शासन किया लेकिन आदिवासियों के कल्याण की चिंता कभी नहीं की। श्री मोदी ने कहा, “कांग्रेस आदिवासी समुदायों की चिंता नहीं करती। वर्ष 2004 तक आदिवासी समुदायों के विकास के लिए कोई नया मंत्रालय नहीं था। अगर कोई दल जो आदिवासियों की सेवा कर सकता है तो वह भाजपा है। हमने उनके विकास के लिए योजनाएं बनायी हैं।” श्री मोदी ने बताया कि श्री वाजपेयीजी ने अलग मंत्रालय का गठन सुनिश्चित किया और आदिवासियों के विकास के लिए बजट आवंटित किया।
श्री मोदी ने झारखंड में व्याप्त अपार संभावनाओं का जिक्र किया जो कि प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है। उन्होंने कहा कि कोयला और लौह अयस्कर के भंडारों से भरपूर होने के बावजूद झारखंड के युवाओं को रोजगार की तलाश में राज्यों में जाना पड़ता है और यह सब केंद्र और राज्य सरकार की नीति और नीयत के अभाव के चलते हुआ है। श्री मोदी ने कहा कि सत्तामधारी सरकार का जोर अपने नागरिकों के विकास के लिए प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग के बजाय कोयला घोटाले के जरिये खुद को लाभ पहुंचाने पर है। उन्होंने कहा, “कुछ नेताओं और पार्टियों को लगता है कि प्राकृतिक संसाधन भ्रष्टाचार के लिए बड़ा अवसर हैं। उन्होंने कोयला तक को भी नहीं छोड़ा।”
गुजरात में खनन के क्षेत्र में किये गये क्रांतिकारी सुधार जैसे- अलग खनन नीति, खनन में कार्य के उपग्रह मानचित्र, कंप्यूट्रीकृत, वाहनों की निगरानी के लिए जीपीएस के इस्ते माल आदि का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने बताया कि प्रौद्योगिकी के इस्तेेमाल से राजस्वक में कई गुना वृद्धि हुई है। इस पहल को मैजिक MAGIC( खनन प्रशासन और सूचना संचार प्रौद्योगिकी का इस्ते माल करते हुए सुशासन) नाम दिया गया। इस पहल को भ्रष्टाचार को कम करने तथा कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय स्त्र पर पुरस्कार मिला। श्री मोदी ने यह भी बताया कि किसानों को पर्याप्त पानी मुहैया कराने की मूलभूत पहल किस कदर कृषक समुदाय की बेहतरी के लिए क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है। ड्रिप सिंचाई और अन्य सुधारों के इस्ते माल से किसानों को पर्याप्त पानी मुहैया कराने की गुजरात की कृषि की सफल कहानी का उदाहरण देते हुए श्री मोदी ने कहा कि यह तरीका झारखंड के लिए भी आश्चर्यजनक परिणाम लेकर आयेगा।
केंद्र सरकार में व्याप्त व्यापक भ्रष्टाचार, जिसके चलते अनगिनत भ्रष्टाचार हुए हैं, उसके लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए श्री मोदी ने कहा, “हमने सभी तरह के टैक्स के बारे में सुना है लेकिन दिल्ली में एक टैक्सं था जिसका नाम है- जयंती टैक्से। यह टैक्स् पर्यावरण मंजूरी के लिए था। मैं अनुभव से कह सकता हूं कि हमारा देश भ्रष्टाचार से मुक्त हो सकता है। सिर्फ वादों से काम नहीं चलेगा.....इरादे नेक होने चाहिए।”
कांग्रेस पार्टी के कल घोषित घोषणापत्र का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि किसी भी पार्टी का घोषणापत्र पवित्र होना चाहिए लेकिन कांग्रेस ने इसकी पवित्रता खोदी है। उन्होंने 2004, 2009 और 2014 के चुनावों में किये गये वादों को बार-बार दोहराने के लिए कांग्रेस हमला बोलते हुए कहा कि महंगाई घटाने की बात हो या बेरोजगारी कम करने की सभी वादे पुराने ही हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि जिस तरह एक उम्मीदवार को लिखित में हलफनामा देना होता है, वैसे ही प्रत्येक सत्तारुढ़ दल से उसके घोषणापत्र को पूरा करने की लिखित प्रतिबद्धता लेनी चाहिए। श्री मोदी ने कहा, “मैं निर्वाचन आयोग से अपील करता हूं- आप उम्मीदवारों से हलफनामा लेते हैं। नियम बनाइये- सरकार अपने घोषणापत्र के कितने वादों को पूरा करती है।”
गुमला को वीरों की, बलिदानियों की और समाजसेविकों की भूमि करार देते हुए श्री मोदी ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम और भारत-पाकिस्तान युद्ध में यहां के योगदान को याद किया। श्री मोदी ने कहा, “यह भूमि बहादुरों की है। यह भूमि उन लोगों की है जिन्होंने दूसरों के लिए खुद का बलिदान दे दिया भले ही यह 1857 में हो या किसी अन्यं युग में।” उन्होंने प्रेरणादायी बाबा तिलका, विश्वैनाथ सहदेव, नीलंबर और पीतांबर और परमवीर एलबर्ट एक्का की कहानी का जिक्र भी किया। उन्होंने बताया कि बिरसा मुंडा को उनके अमूल्य योगदान के लिए सैदव याद किया जायेगा।
इस मौके पर रैली को संबोधित करते हुए झारखंड के पूर्व मुख्यिमंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने श्री मोदी का सवागत किया और उन्हें भारत का भावी प्रधानमंत्री करार दिया। उन्होंने झारखंड की सत्ता धारी सरकार में व्याप्तु कुशासन की चर्चा करते हुए कहा, “यह सरकार झारखंड की जनता के लिए नहीं बल्कि राज्य के लोगों को लूटने के लिए है।”
इस मौके पर श्री अर्जुन मुंडा, श्री रघुवरदास, श्री सुमित सुदर्शन भगत, श्री कमलेश राव, श्री विजय मिश्र और श्रीमती विमला प्रधान भी मौजूद थे।