श्री नरेन्द्र मोदी ने 27 मार्च को बिहार के सासाराम और गया में रैलियों को संबोधित करते हुए बिहार में विकास और प्रगति की अपार संभावनाएँ निहित होने पर बल दिया और कहा कि बिहार में देश के विकास में बेहतरीन योगदान करने की क्षमता है. श्री मोदी ने यह भी भरोसा दिलाया कि बीजेपी इस क्षेत्र के निरंतर विकास पर अपना पूरा ध्यान देगी.
कांग्रेस द्वारा 2004 में जो वादे किए गए थे, उन्हें पूरा नहीं करके उन्हें फिर से वर्तमान घोषणा पत्र में शामिल करने पर रोष व्यक्त करते हुए श्री मोदी ने कहा कि किस तरह केंद्र सरकार ने इस दस्तावेज़ की गरिमा पूरी तरह गिरा दी है और साल-दर-साल झूठे वादे कर करके लोगों को गुमराह कर रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 2004 में जो वादे किए थे, उन्हें पूरा करने में वह बुरी तरह से विफल रही है. “जो लोग 21वीं सदी की बातें करते हैं, वे बिहार के लोगों के बिजली मुहैया कराने में विफल रहे हैं. कांग्रेस ने 2009 में कीमतें घटाने का वादा किया था, क्या ऐसा हुआ? नहीं, बल्कि कीमतें बढ़ती चली गईं. क्या पिछले 10 सालों में हमारे जीवन में कोई बदलाव आया? क्या महिलाओं की सुरक्षा बेहतर हुई? उस सरकार का क्या मतलब जो आपको कुछ भी न दे सके,” श्री मोदी ने पूछा. महंगाई से लेकर भ्रष्टाचार और बेरोज़गारी से लेकर गरीबी तक श्री मोदी ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस इनमें से किसी भी समस्या को सुलझा पाने में बुरी तरह विफल रही है.
श्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार पिछले एक दशक के अपने काम का रिकॉर्ड दे. लोगों से निर्माण के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने और कौशल विकास करके रोज़गार पैदा करने के झूठे वादे ना करें. “जब वे कहते हैं कि भ्रष्ट्राचार निरोधक बिल लाएँगे तो क्या आप उन पर विश्वास करते हैं? उन्होंने तो आदर्श, बोफोर्स और कोयला जैसे घोटाले करके भ्रष्ट्राचार की एबीसी ही बदल दी है. कांग्रेस कहती है कि वह काला धन लाएगी. क्या आप उन पर विश्वास करते हैं? क्या वे पिछले 10 सालों में एक भी पैसा वापस ला पाए? वाजपेयी जी ने फास्ट ट्रैक कोर्ट शुरू किए थे. 2011 में उन कोर्ट के लिए दिया जाने वाला पैसा रोक दिया गया और अब वे फास्ट ट्रैक कोर्ट की बातें करते हैं. उन्होंने कहा था कि वे ग्रामीण कोर्ट शुरू करेंगे, लेकिन अफसोस है कि बहुत ही कम ग्रामीण कोर्ट बनाए गए. उनका ट्रैक रिकॉर्ड देखिए. देश को पीछे की तरफ धकेल दिया है. वे अधिकारों की बातें करते रहते हैं. देश आपकी नौटंकी से तंग आ गया है, देश अब काम चाहता है,” श्री मोदी ने कहा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का अहंकार इतना ऊँचा हो गया है कि वह देश के नागरिकों के लिए जवाबदेह बनने की भी कोई ज़रूरत नहीं समझती. श्री मोदी ने कहा, “कांग्रेस को झूठे आरोप लगाने का कोई हक नहीं है. उन्हें लोगों को बताना पड़ेगा कि आखिर उन्होंने लोगों के लिए किया क्या है.
कांग्रेस की दोमुँही नीतियों पर हमला करते हुए श्री मोदी ने कहा कि एक तरफ तो पार्टी सेक्युलरिज़्म और सामाजिक समानता की बात करती है, दूसरी तरफ उन्होंने अपने बड़ौदा के प्रत्याशी को इसलिए हटा दिया क्योंकि वह दलित समुदाय का था. “उन्होंने बड़ौदा का टिकट मोदी की वजह से वापस नहीं लिया. उन्होंने इसलिए टिकट लिया क्योंकि वो दलित है. सवाल ये नहीं है कि प्रत्याशी कौन है, ये दलितों के साथ अन्याय है,” श्री मोदी ने कहा. उन्होंने सवाल किया कि दलित के अधिकार क्यों छीन लिए गए, यह सरासर हमारे लोकतांत्रिक ढाँचे पर प्रहार है.
बुद्ध की धरती गया में और पटना रैली के दौरान हुए आतंकी हमलों का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि राज्य सरकार ऐसे दर्दनाक हादसों से आहत नहीं हुई. उन्होंने बस सत्ता में बने रहने की चिंता की और वोटबैंक की राजनीति की. “जिस बुद्ध की धरती ने खून खराबे वाले विश्व को शांति का संदेश दिया, उसी बुद्ध की धरती खून से लाल हुई. खेद की बात है कि गया में हुई घटना की सरकार को परवाह नहीं है. उन्हें एकमात्र यही चिंता है कि उनका वोटबैंक न टूटे. बम फूटने दो, लोगों को मरने दो, बस मेरी कुर्सी नहीं सरकनी चाहिए. इसी रवैये ने बिहार को और भारत को बर्बाद किया है. आतंकवाद का नामोनिशान भी नहीं रहना चाहिए और आतंकवादियों को कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए, लेकिन दिल्ली और पटना में जो लोग बैठे हैं, क्या वे ऐसा कर सकते हैं?” श्री मोदी ने सवाल किया. उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवादी हमलों ने बिहार के पर्यटन उद्योग पर भी बुरा असर डाला है. “भगवान बुद्ध से प्रेरित होकर लाखों लोग बिहार में आते हैं. और पर्यटन गरीब से गरीब को भी रोज़गार के मौके देता है. लेकिन आतंकवादी हमले के बाद पर्यटकों की संख्या में गिरावट आई है. किसे फायदा हुआ? उनकी कुर्सी बनी रही लेकिन गरीब की रोज़ी-रोटी छिन गई. आतंकवाद तोड़ता है, लेकिन पर्यटन जोड़ता है,” आतंकवाद खत्म करने की सख्त ज़रूरत पर बल देते हुए श्री मोदी ने कहा.
बिहार में बुनियादी सुविधाओं की कमी का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने बिहार की डाँवाडोल बिजली आपूर्ति और अनियमित जल आपूर्ति पर भी बात की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार घोटाले करने में लगी रही जबकि वे पूर्वी भारत के समृद्ध कोयला भंडारों से बिजली पैदा कर सकते थे. और लोकसभा की अध्यक्षा श्रीमती मीरा कुमार के सासाराम की सांसद होने के बावजूद ऐसा हुआ. उन्होंने यह भी कहा कि श्रीमती मीरा कुमार के पिताजी बाबू जगजीवन राम कांग्रेस को छोड़कर जयप्रकाश नारायण से जुड़े थे, लेकिन उनकी पुत्री ने अलग ही मार्ग चुना है. उन्होंने प्रश्न किया कि राजनैतिक विचारधारा अलग हो सकती है लेकिन क्या वे अपने पिताजी के सपनों को साकार करने के लिए जवाबदेह नहीं हैं, और वे बोले कि बाबू जगजीवन राम ने बिहार के लिए दुर्गावती जलाशय का सपना देखा था ताकि पानी की नियमित आपूर्ति की जा सके, लेकिन वह सपना अभी तक पूरा नहीं हुआ है.
बिहार के किसानों की पानी संबंधी समस्याओं पर बात करते हुए श्री मोदी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी का नदियों को जोड़ने का सपना पूरा हुआ होता, या कम से कम शुरू भी हो गया होता तो किसानों को बहुत फायदा होता. “यहाँ के किसानों को पानी नहीं मिल रहा है, केवल तकलीफें मिल रही हैं. कौन ज़िम्मेदार है इसका? कांग्रेस है. अटल जी का सपना था कि नदियों को जोड़ा जाए. अगर ये सपना पूरा हुआ होता, या कम से कम शुरू भी हुआ होता तो आज हालात कुछ और होते,” श्री मोदी ने कहा. उन्होंने यह भी कहा कि किस तरह केंद्र सरकार ने पर्यावरण की समस्याओं का हवाला देकर कुटकु बांध का निर्माण रोक दिया.
इस क्षेत्र को ‘धान का कटोरा’ कहते हुए श्री मोदी ने कहा कि किस तरह इस क्षेत्र के किसानों के अथक प्रयास व्यर्थ जा रहे हैं क्योंकि कांग्रेस की सरकार गरीबों के प्रति संवेदनशील नहीं है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जल्दबाजी में न्यूनतम समर्थन मूल्य तो घोषित कर लेती है लेकिन धान खरीदने और उसका संग्रहण करने का प्रबंध नहीं करती है. श्री मोदी ने कहा कि इसकी वजह से ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि हमारा कीमती अनाज रेल्वे यार्ड में सड़ता है और बाद में वह शराब बनाने वालों को बेच दिया जाता है. कल कांग्रेस द्वारा जारी घोषणा पत्र पर सवाल खड़े करते हुए श्री मोदी ने कहा, “आप गरीब के लिए घोषणा पत्र निकालते हो लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जब कहा कि गरीबों को अनाज दो तब आपने क्या किया. उन्होंने अनाज शराब बनाने वालों को दे दिया.” श्री मोदी ने यह भी बताया कि किस तरह शराब निर्माण को बढ़ावा देने से राज्य में और देश के कई हिस्सों में कई लोगों की ज़िंदगी बर्बाद हुई है. “आपकी सांसद एक महिला है, फिर भी शराब यहाँ परिवारों को बर्बाद कर रही है. आपकी सांसद के पास आपके लिए समय नहीं है... हम ऐसा सांसद नहीं चाहिए. किसानों की समस्या का समाधान बताते हुए श्री मोदी ने सुझाया कि एफसीआई के तीन हिस्से करने चाहिए- 1. किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करें. 2. बेहतर संग्रहण सुविधाएँ सुनिश्चित करे और 3. समुचित वितरण सुनिश्चित करे.
यह बताते हुए कि भारत विजय रैलियों का उद्देश्य महंगाई, भ्रष्ट्राचार, कुशासन, बेरोज़गारी और वंशवादी राजनीति से की समस्याओं से पार पाना और किसानों व महिलाओं का कल्याण सुनिश्चित करना है, श्री मोदी ने बिहार में लोगों से बड़ी संख्या में वोटिंग करने की अपील की और कहा कि वे बीजेपी का साथ दें. “यह रैली देखकर मैं कह सकता हूँ कि भारत विजय के दिन आ गए हैं,” श्री मोदी ने कहा.
बड़ी संख्या में आए लोगों की तारीफ़ करते हुए श्री मोदी ने कहा कि जो लोग चारदिवारी में बंद रहते हैं और झूठ फैलाते हैं और बेकार की बातें बोलते हैं, उन्हें इन रैलियों में आना चाहिए और भारत में चल रही इस लहर को देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह पहला चुनाव है जिसमें वोटरों ने चुनाव से पहले ही अपना फैसला सुना दिया है.
श्री सुशील मोदी, श्री राम विलास पासवान, श्री नंदकिशोर यादव, श्री उपेंद्र कुशवाहा, श्री गोपाल नारायण, श्री वीरेंद्र सिंह, श्री सुरेंद्र सिन्हा, श्री मंगल पांडेय, श्री जवाहर प्रसाद, श्री ब्रज किशोर, श्री राधा मोहन, श्री जीतेंद्र पांडेय और श्री सुधीर शर्मा भी इस मौके पर मौजूद थे.
Sasaram Rally Photos :