"This Summit is an opportunity for us to learn: Narendra Modi"
"It is our conviction that there is a lot to learn form every part of the nation. From the experts and world we can learn a lot: Narendra Modi"
"Let us take each student as a celebrity and focus on him or her. That way we can change things: Narendra Modi"
"Let us dream of giving something to the world: Narendra Modi"
"Vice Chancellors of Universities of Delhi and Mumbai join National Education Summit"

 

महात्मा मंदिर: नेशनल एज्युकेशन समिट 2014 प्रारम्भ

मुख्यमंत्री ने देश- विदेश के शिक्षाविदों के साथ वन टु वन बैठक कर शिक्षा का गुणात्मक कायाकल्प करने पर परामर्श किया

युवा- ज्ञान कौशल्य से भारत ज्ञान की सदी में विश्व का नेतृत्व करेगा: श्री मोदी

गुजरात की पहल: देश- विदेश के शिक्षाविद सात सत्रों में करेंगे सामूहिक मंथन (वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट की श्रेणी)

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गांधीनगर में राष्ट्रीय शिक्षण समिट का उद्घाटन करते हुए २१वीं सदी के ज्ञान युग में भारत की युवाशक्ति को शिक्षा के माध्यम से सामर्थ्यवान बनाकर भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए शिक्षाविदों को उत्तम योगदान देने का प्रेरक आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि विश्व के सबसे युवा देश के रूप में भारत के पास ज्ञान संस्कृति की महान विरासत है, इसमें ज्ञान की सदी के अनुरूप शिक्षा को गुणवत्तायुक्त बनाने के लिए शिक्षणकारों के सामूहिक मंथन के लिए गुजरात सरकार ने पहल की है। युवा भारत को सुशिक्षित बनाने की दिशा में गुजरात सरकार ने पहल करते हुए आज से दो दिनों के लिए इस वाइब्रेंट गुजरात राष्ट्रीय शिक्षण परिषद का आयोजन किया है। देश-विदेश के १०० से ज्यादा कुलपति और ८५ शिक्षाविदों सहित ५००० प्रतिनिधि इस राष्ट्रीय शिक्षण के नीतिनिर्धारण में सात चर्चासत्रों में दिशासूचक सामूहिक मंथन करेंगे। इसके अलावा ७५ जितने शिक्षा विषयक थीम पर संशोधन पत्र चर्चा सत्रों में पेश किए जाएंगे।

Narendra Modi addresses National Education Summit in Gandhinagar

दिन के दौरान समिट में भाग ले रहे इटली के राजदूत सहित देश-विदेश के गणमान्य १६ शिक्षाविदों के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री ने वन-टू-वन बैठक आयोजित कर गुणात्मक शैक्षणिक क्रांति को लेकर विचार-विमर्श किया।

पहली बार गुजरात सरकार ने शिक्षा विषयक ‘डिजिटल एक्स्पो’ महात्मा मंदिर के परिसर में प्रस्तुत किया है जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया।

हमारे देश में विकास की अपार संभावनाएं और सामर्थ्य है और इसमें यदि जनशक्ति को जोड़ेंगे तो हम नई ऊंचाई पार करेंगे, ऐसा दृढ़ विश्वास जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा भारत का दृष्टिकोण विशाल है और दुनिया में जो उत्तम है उसे अपनाने को वह तत्पर है।

देश-विदेश के शिक्षा क्षेत्र के विविध विशेषज्ञों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा की चिंता करने के लिए हमें भावी पीढ़ियों का मार्गदर्शक बनने हेतु शिक्षा में गुणात्मक बदलाव लाने का दायित्व निभाना होगा।

“यूनान, मिश्र और रोम सब मिट गए जहां से, बाकी मगर है अब तक नामोनिशान हमारा, कुछ बात है कि, हस्ती मिटती नहीं हमारी” सूत्र के जरिए भारतीय संस्कृति का सामर्थ्य बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने मानव-संपदा का ऐसा निरंतर निर्माण किया है कि अनेक आक्रमणों, संकटों, समस्याओं से निपटने की उत्तम परंपरा का सृजन किया, ऐसे समाज का गठन किया जो ज्ञान पर आधारित था, युगानुकूल परिवर्तन अपनाने की शक्ति वाला था। और इसलिए ही “कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी”

Narendra Modi addresses National Education Summit in Gandhinagar

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुलामीकाल में अंग्रेजों ने चतुराई से मैकाले की शिक्षा प्रणाली को देश में शुरू कर हमारी महान शिक्षण परंपरा को बिखेर दिया। लेकिन आजाद भारत में आधुनिक बदलाव के साथ शिक्षा की नई प्रणाली के द्वारा विश्व और मानवजाति के लिए नई ऊर्जा का स्रोत भारतमाता की भूमि पर आकार ले सके ऐसी पूरी क्षमता हम रखते हैं।

मनुष्य के विकास के लिए व्यक्ति-समूह-समाज-राज्य-राष्ट्र और विश्व व्यक्ति तक का विकास हमारी शिक्षा की विरासत में है, इसे व्यवस्था के रूप में विकसित करने की भूमिका श्री मोदी ने पेश की।

विद्यार्थी के स्कूली अभ्यासकाल के समय से ही उसकी रुचि-शक्ति के विकास के लिए प्रेरित करने हेतु एप्टीट्युड सर्टिफिकेट की तथा संशोधन-जिज्ञासा की परिपूर्ति की व्यवस्था विकसित करने का सुझाव देते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए संसद में कानून बनाने की जरूरत नहीं है बल्कि हमारा व्यक्ति-विकास का शिक्षा विषयक अभिगम बदलने की जरूरत है।

शिक्षा में ‘श्रम एव जयते’ की महिमा केन्द्र में होनी चाहिए, इसका प्रेरक चिंतन प्रस्तुत करते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि शिक्षा में श्रम का महत्व ही समाज को प्रशिक्षित करेगा। शिक्षा के माध्यम से व्यक्तित्व विकास के लिए रोबोट-निर्माण की जरूरत नहीं है। हाथ, दिमाग और ह्रदय को जोड़कर ही शिक्षा से मानव का विकास हो सकता है। उन्होंने कहा कि मानवीय संवेदनायुक्त ह्रदय, बौद्धिक कौशल्य और हाथ के हुनर से ही विद्यार्थी सामर्थ्यवान बनेगा।

हमें ऐसे व्यक्तित्व विकास की और शिक्षित युवाशक्ति की आवश्यकता है जो समाज विकास के लिए आवश्यक हो। इसके लिए प्रेक्टिकल एजुकेशन के साथ रिसर्च-इनोवेशन की क्षमता का संवर्धन होना चाहिए, ऐसा श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा। नई पीढ़ी में परिवर्तन की क्षमता है, उसे कौशल्यवान बनाने की शिक्षा प्रणाली पर ध्यान केन्द्रित करने और इसके लिए वातावरण तैयार करने का मार्गदर्शक सुझाव उन्होंने दिया।

Narendra Modi addresses National Education Summit in Gandhinagar

यूनिवर्सिटी परिसर इसके लिए प्रेरणास्त्रोत-उत्प्रेरक बने इसका चिंतन पेश करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि २०वीं सदी के उत्तरार्ध में इंफर्मेशन टेक्नोलॉजी ने मानवजीवन में क्रांति पैदा की, अब २१वीं सदी में इटी-एन्वायर्नमेंट टेक्नोलॉजी का प्रभाव विश्व में बढ़ने वाला है। इस दिशा में टेक्नोलॉजी एजुकेशन के गुणात्मक दायरे में विस्तार की जरूरत पर उन्होंने बल दिया।

कौशल्य विकास – स्किल डेवलपमेंट के गुजरात मॉडल की विशेषताओं का निर्देश करते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात में आईटीआई पास युवा के लिए भी उच्च तकनीकी शिक्षा के दरवाजे खोल दिए गए हैं। आईटीआई पास कक्षा ८ और १०वीं के कौशल्य वाला विद्यार्थी भी अब इंजीनियर बन सकता है ऐसा वातावरण खड़ा किया है।

२१वीं सदी ज्ञान की सदी है और भारत अपनी सामर्थ्यशक्ति से ज्ञानयुग का नेतृत्व कर सकेगा, ऐसा विश्वास दर्शाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत विश्व का सबसे युवा देश है और इस देश के युवाओं को कौशल्यवान बनाने का अवसर प्रदान कर युवाशक्ति के ज्ञान-कौशल्य से भारत मानवजाति के कल्याण की दिशा दे सकता है।

इसके लिए श्री मोदी ने ऐसे शिक्षाविदों का योगदान लेने की प्रतिबद्धता जतायी जो आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के निर्माण के लिए अपना दायित्व और नेतृत्व प्रदान कर सकें। उन्होंने आह्वान किया कि सरकार नहीं बल्कि शिक्षा क्षेत्र के कर्मण विशेषज्ञ इस दिशा में मार्गदर्शक हितचिंतक बनकर सामूहिक चिंतन दें।

प्रारंभिक सत्र में इटली के राजदूत डेनियेल मानसिनी, दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. दिनेश सिंह, मुंबई यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. राजन वेलुरकर, यूनिवर्सिटी ऑफ बफेलो के प्रोवोस्ट-वाइस प्रेसीडेंट चार्ल्स जुकोस्की, यूनिवर्सिटी ऑफ ह्युस्टन के डीन प्रो. लथा रामचन्द्र इत्यादि ने भी राष्ट्रीय शिक्षण समिट के लिए मार्गदर्शक सुझाव दिए।

शिक्षा मंत्री भूपेन्द्रसिंह चूड़ास्मा ने स्वागत भाषण दिया जबकि शिक्षा विभाग के अग्र सचिव ए.एम. तिवारी ने आभार व्यक्त किया।

Narendra Modi addresses National Education Summit in Gandhinagar

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