"नमो भारत ट्रेन नए भारत की नई यात्रा और उसके नए संकल्पों को परिभाषित कर रही है।" - नमो भारत ट्रेन के शुभारंभ पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोद
दिसंबर 2002 में, तत्कालीन प्रधानमंत्री, अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल्ली मेट्रो के पहले सेक्शन का उद्घाटन किया था। रेड लाइन ने शाहदरा और तीस हजारी को जोड़ा, जो क्रांतिकारी साबित हुआ। आज, दिल्ली मेट्रो में 288 स्टेशन, लगभग 400 किलोमीटर का नेटवर्क, और बारह लाइनें हैं। दिल्ली मेट्रो, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
20 अक्टूबर, 2023 को इतिहास ने खुद को दोहराया, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) के प्राथमिकता वाले खंड का उद्घाटन किया, जो 17 किलोमीटर में फैले पांच स्टेशनों को कवर करता है। यह उद्घाटन दिल्ली मेट्रो की ग्रोथ को दर्शाते हुए, आगे विस्तार का मार्ग प्रशस्त करेगा।
RRTS, जिसे नमो भारत के नाम से जाना जाता है, एक महज परिवहन परियोजना से कहीं बढ़कर है। इसके प्रभाव कनेक्टिविटी से आगे बढ़ते हैं, जो शहरी परिदृश्य को नया रूप देने और NCR में आर्थिक विकास को गति देने का वादा करते हैं। अपने पहले चरण में, मेरठ, पानीपत और अलवर को कवर करते हुए, RRTS 8,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक फैलेगा और दिल्ली मेट्रो के मौजूदा लगभग 3,500 वर्ग किलोमीटर के कवरेज को पीछे छोड़ देगा।
बाद के चरणों में दिल्ली-पलवल, दिल्ली-खुर्जा, दिल्ली-रोहतक, दिल्ली-बराउत और गाजियाबाद-हापुड़ मार्ग शामिल होंगे, जिससे RRTS का कवरेज 25,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक हो जाएगा। यह महत्वाकांक्षी RRTS परियोजना न केवल कनेक्टिविटी को एक बड़ा बढ़ावा देगी, बल्कि इस क्षेत्र के शहरी परिदृश्य और आर्थिक गतिविधियों को भी पुनर्परिभाषित करेगी।
RRTS राष्ट्रीय राजधानी को भीड़भाड़ से मुक्त करने के साथ यात्रा के अनुभव को बेहतर बनाएगा और उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के दूरदराज के इलाकों को NCR के लिए सुलभ बनाएगा। यह रोजगार के अवसरों को सक्षम करने वाला भी साबित होगा, खासकर महिलाओं के लिए।
RRTS के आर्थिक लाभ कई गुना हैं। यह NCR में रियल एस्टेट सेक्टर की इन्फ्लेशन को कम करने के लिए तैयार है क्योंकि लोग वायु प्रदूषण, पानी की कमी और यातायात की भीड़ जैसी चिंताओं से प्रेरित होकर उपनगरों की ओर रुख करते हैं। RRTS कवरेज क्षेत्र राज्य सरकारों द्वारा समर्थित स्थानीय निकायों के लिए रियल एस्टेट और कमर्शियल संपत्ति के डेवलपमेंट को भुनाने, इंडस्ट्रीज के लिए स्पेशल इकोनॉमिक जोन बनाने और टूरिस्ट डेस्टिनेशन स्थापित करने का अवसर प्रस्तुत करता है। उदाहरण के लिए, हरियाणा के मुरथल में एक RRTS स्टेशन दिल्ली से निकटता और प्रसिद्ध फूड जॉइंट्स का लाभ उठाते हुए एक महत्वपूर्ण टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित हो सकता है।
दिल्ली मेट्रो के सफल मॉडल की तरह, नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्टेशन कॉर्पोरेशन (NCRTC) के लिए भी कमाई के रणनीतिक उपाय प्राथमिकता होंगे। स्टेशनों, डिब्बों (RAPIDX), और आसपास के स्थानों को रेवेन्यू जनरेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे DMRC और NCRTC परिवहन के साथ-साथ रियल एस्टेट में भी खास भूमिका निभाएंगे।
आने वाले वर्षों में, क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और शहरी परिदृश्य पर पड़ने वाला इसका प्रभाव सामने आएगा, जो इसे दशक के एक महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के रूप में स्थापित करेगा।
RRTS की शुरुआत से केंद्र और राज्य स्तरों पर सरकारों द्वारा शहरीकरण पर अपनाए जाने वाले दृष्टिकोण के पुनर्मूल्यांकन को बढ़ावा मिलता है। वास्तव में, मोदी सरकार का ध्यान भीड़भाड़ वाले शहरों से विस्तारित उपनगरों की ओर स्थानांतरित हो गया है, जिसमें कस्बे और छोटे शहर शामिल हैं। प्रमुख आर्थिक केंद्रों को वर्क डेस्टिनेशन के रूप में बनाए रखने की उम्मीद है, जो सस्टेनेबल इकोनॉमिक ग्रोथ, पर्यावरण संरक्षण और शहरी विस्तार के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण को बढ़ावा देगा।
नमो भारत का RRTS एक मिसाल कायम करता है, जहां मुंबई और बेंगलुरु जैसे अन्य महानगर भी इसी तरह की रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम पर विचार कर सकते हैं। यह एक सटीक विचार है, जो 2035 तक दस ट्रिलियन डॉलर की महत्वाकांक्षी अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की जरूरतों के अनुरूप है। RRTS की सफलता देश भर में तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में सतत शहरीकरण और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए एक ब्लूप्रिंट के रूप में काम कर सकती है।
2014 से, पीएम मोदी ने शहरी परिदृश्य और जीवन शैली में सुधार पर जोर दिया है। नमो भारत ट्रेन, शहरों में मेट्रो और हाल ही में, मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक जैसी परियोजनाओं के साथ, मोदी सरकार एक समय में एक परियोजना के साथ अपने वादों को पूरा कर रही है। इससे लाखों शहरवासियों के लिए जीवनयापन में आसानी सुनिश्चित होती है और अधिक सब-अर्बन अवसर पैदा होते हैं।