सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के अंतर्गत छोटे खुदरा विक्रेता, व्यापारी, दुकानदार आदि आते हैं। इन उद्यमों पर अनुपालन की जिम्मेदारी को कम करने के उद्देश्य से केन्द्रीय बजट में इन उद्यमों के लेखा परीक्षण के लिए टर्नओवर की सीमा 5 गुणा बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव दिया गया है। वर्तमान में यह सीमा 1 करोड़ रुपये है। केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्त वर्ष 2020-21 का केन्‍द्रीय बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने कहा कि कम नगद वाली अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से यह बढ़ाई गई सीमा केवल उन्हीं उद्यमों पर लागू होगी, जिनके कारोबार में नगद लेनदेन की हिस्सेदारी 5 प्रतिशत से कम है। वर्तमान में जिन उद्यमों का टर्नओवर 1 करोड़ रुपये से अधिक है उन्हें अपने खाते-बही का लेखा परीक्षण किसी लेखा अधिकारी से करवाना होता है।

स्टार्ट-अप पारितंत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केन्द्रीय बजट में कर्मचारियों के लिए कर-बोझ में राहत देने हेतु ईएसओपी पर कर भुगतान को 5 साल के लिए या कर्मचारियों द्वारा कम्पनी छोड़े जाने तक या जब वे अपनी हिस्सेदारी बेचते हैं, इनमें से जो भी पहले होगा, कर भुगतान को स्थगित रखा गया है।

स्टार्ट-अप भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास ईंजन के रूप में उभरकर सामने आए हैं। पिछले कई वर्षों में सरकार ने उनकी सहायता करने और उनके विकास को समर्थन देने के लिए कई उपाए किए है। अपने शुरूआती वर्षों में स्टार्ट-अप अत्यंत प्रतिभाशाली कर्मचारियों को आकर्षित करने और उन्हें बनाए रखने के लिए आमतौर पर कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना (ईएसओपी) का प्रयोग करते है। ईएसओपी, इन कर्मचारियों की प्रतिभूति के महत्वपूर्ण घटक है। वर्तमान में ईएसओपी निष्पादन के समय पूर्व शर्त के रूप में कर योग्य है। इससे उन कर्मचारियों के लिए नगद प्रवाह की समस्या होती है जो तुरंत अपने शेयर नहीं बेचते है और लंबे समय तक शेयर को अपने रखते है।

इसके अतिरिक्त, 25 करोड़ रुपये का कुल कारोबार करने वाले पात्र स्टार्ट अप को यदि कुल कारोबार 25 करोड़ रुपये से अधिक न हो, तो सात वर्षों में से लगातार तीन निर्धारण वर्षों के लिए अपने लाभ की 100 प्रतिशत की कटौती की अनुमति दी जाती है। बड़े स्टार्ट-अप को यह लाभ देने के लिए बजट में कुल कारोबार की सीमा मौजूदा 25 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। इसके अलावा, इस तथ्य को मानते हुए कि आरंभिक वर्षों में, इस कटौती का लाभ उठाने के लिए किसी स्टार्ट-अप को पर्याप्त लाभ न हुआ हो, बजट में कटौती के दावे की पात्रता अवधि बढ़ाकर मौजूदा 7 वर्ष से 10 वर्ष करने का प्रस्ताव किया गया है।

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प्रधानमंत्री रोजगार मेले के अंर्तगत 23 दिसंबर को केंद्र सरकार के विभागों और संगठनों में नवनियुक्त भर्तियों के लिए 71,000 से अधिक नियुक्ति पत्रों का वितरण करेंगे
December 22, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 23 दिसंबर को सुबह करीब 10:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नवनियुक्त भर्तियों के लिए 71,000 से अधिक नियुक्ति पत्रों का वितरण करेंगे। इस अवसर पर वे उपस्थित लोगों को संबोधित भी करेंगे।

रोजगार मेला रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में एक कदम है। यह युवाओं को राष्ट्र निर्माण और आत्म-सशक्तिकरण में उनकी भागीदारी के लिए सार्थक अवसर प्रदान करेगा।

रोजगार मेला देश भर में 45 स्थलों पर आयोजित किया जाएगा। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के लिए भर्तियां हो रही हैं। देश भर से चयनित नए कर्मचारी गृह मंत्रालय, डाक विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, वित्तीय सेवा विभाग सहित विभिन्न मंत्रालयों/विभागों में शामिल होंगे।