राष्ट्रपति ओबामा ने अमेरिकियों को छोटे व्यापार का समर्थन करने के लिए कहा, लेकिन क्या डॉ. मनमोहन सिंह को इस के बारे में पता है? अगर है, तो वह हमारे छोटे निर्माताओं और युवाओं को विनाश के रास्ते पर क्यों ले जा रहे हैं? श्री मोदी पूछते हैं
प्रधानमंत्री यू.एस.ए. के लिए दो बार ‘सिंघम्’ बन गए और वह भी जब यू.एस.ए. में चुनाव सामने हों
रिटेल में एफ.डी.आई. लाने के यू.पी.ए. के फैसले का श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जोरदार विरोध किया गया है। यू.पी.ए. की जनविरोधी नीतियों पर तेज हमला करते हुए, श्री मोदी ने कहा है कि ऐसी नीति छोटे निर्माताओं को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करेगी और हमारे युवाओं में बेरोजगारी पैदा करेगी।महत्वपूर्ण रूप से, श्री मोदी ने इस निर्णय से संबंधित कुछ अहम मुद्दों पर प्रकाश डाला है। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बाद सार्वजनिक रैली में अपने भाषण के दौरान, श्री मोदी ने बताया कि उन्होंने यू.एस.ए. के राष्ट्रपति श्री बराक ओबामा की एक ट्विट के बारे में सुना है, जिसमें उन्होंने लोगों से बड़े मॉल के बजाय छोटे व्यापारियों से खरीदने के लिए आग्रह किया, क्योंकि यह युवाओं को बेरोजगारी से बचाएगा।
नवंबर २०११ में, श्री ओबामा ने ट्विट किया था, “आज, अपने पसंदीदा स्थानीय दुकानों पर खरीदारी के द्वारा अपने समुदाय में छोटे व्यवसायों का समर्थन करें। #स्मॉलबिजनेससैटर्डे”। इस के अलावा, उन्होंने इस मुद्दे पर कई अन्य ट्विट के बारे में भी कहा।
इस प्रकार, अगर यू.एस.ए. जैसी एक उदार अर्थव्यवस्था के राष्ट्रपति छोटे व्यापार का समर्थन करने के लिए लोगों को आग्रह करते हैं, तो ऐसा भारत में क्यों नहीं हो रहा है? क्या हमारे प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति ओबामा की स्थिति के बारे में पता नहीं है? वे क्यों हमारे छोटे निर्माताओं के भविष्य और युवाओं की नौकरियों को नष्ट करने पर तुले हुए हैं? ये श्री मोदी के द्वारा उठाए गए बड़े मुद्दे हैं।
उसी प्रकार, श्री मोदी ने पूछा कि जब अमेरिकी हितों का सवाल हो तो प्रधानमंत्री ‘सिंघम्’ क्यों बन जाते हैं और वह भी उन वर्षों में जब यू.एस.ए. में चुनाव सामने हों। २००८ में उन्होंने परमाणु करार पर एक स्टैंड लिया था, जबकि आज, चार साल बाद वह रिटेल में एफ.डी.आई. है।
निश्चित रूप से यह श्री मोदी द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण सवाल हैं, जो प्रधानमंत्री से एक मजबूत और ठोस जवाब के पात्र हैं।