“मिजोरम की अपनी एक यात्रा के दौरान, मैंने ‘ट्रांसपोर्टेशन से ट्रांसफॉर्मेशन’ के लिए काम करने का वादा किया था। तब से, सभी क्षेत्रों में क्रांति आ गई है।”
- पीएम मोदी
पिछले एक दशक में, प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में मिजोरम ने महत्वपूर्ण विकास देखा है। भारत के शांत पूर्वोत्तर में बसे इस राज्य ने कल्याणकारी पहलों से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर की उन्नति तक, विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति का अनुभव किया है। आइए पिछले दस वर्षों में मिजोरम में हुए परिवर्तनकारी बदलावों पर नज़र डालें।
मोदी सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं के तहत, मिजोरम ने कल्याणकारी उपायों में काफी सुधार देखा है। सरकार, पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराती है। इस व्यापक पहुंच से राज्य के 6.8 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना, जिसका उद्देश्य सभी को आवास प्रदान करना है, ने मिजोरम में 69,000 से अधिक घरों को मंजूरी दी है। दूसरी ओर, जल जीवन मिशन ने लगभग 1.24 लाख घरों में नल के कनेक्शन सुनिश्चित किए हैं, जो पानी की उपलब्धता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह भी उल्लेखनीय है कि मिजोरम ने 2019 में नाममात्र कवरेज (6.9%) के मुकाबले मिशन के तहत 100% ग्रामीण परिवारों को कवरेज हासिल किया है।
इसके अलावा, स्वच्छ भारत मिशन जैसी पहलों के कारण लगभग 60,000 शौचालयों का निर्माण हुआ है, जिससे स्वच्छता और स्वास्थ्य की संस्कृति को बढ़ावा मिला है। आयुष्मान भारत के कार्यान्वयन से 5.3 लाख से अधिक व्यक्तियों को लाभ हुआ है, जिससे 12 जन औषधि केंद्रों के माध्यम से सस्ती दवाओं की उपलब्धता के साथ-साथ क्वालिटी हेल्थकेयर सर्विस तक पहुंच सुनिश्चित हुई है। इसके अतिरिक्त, पीएम-उज्ज्वला योजना जैसी योजनाओं ने लगभग 36,000 लाभार्थियों को एलपीजी कनेक्शन प्रदान किए हैं, जिससे खाना पकाने की सुविधा और सुरक्षा में वृद्धि हुई है।
केंद्र सरकार ने भी देश के अन्नदाताओं को पर्याप्त सहायता दी है। पीएम-किसान ऐसी ही एक अग्रणी पहल है। आज मिजोरम में 77,000 से अधिक किसान इस योजना से लाभान्वित हैं। फाइनेंशियल इंक्लूजन की बात करें तो, राज्य में 3.7 लाख से अधिक जन-धन खाते खोले गए हैं, जिनमें से 53% महिलाओं के हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का युवा सशक्तिकरण और रोजगार सृजन पर ध्यान मिजोरम के विकास परिदृश्य में स्पष्ट है। Uttar Poorva Transformative Industrialisation Scheme, 2024 (UNNATI – 2024) की मंजूरी, पूर्वोत्तर क्षेत्र में उद्योगों को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
इसके अलावा, पीएम-मुद्रा योजना और स्टैंडअप इंडिया जैसी योजनाओं ने महत्वाकांक्षी उद्यमियों को वित्तीय सहायता की सुविधा प्रदान की है, जिसका एक बड़ा हिस्सा हाशिए पर पड़े समुदायों के व्यक्तियों को लाभान्वित कर रहा है। जबकि पीएम-मुद्रा योजना के तहत 1.3 लाख से अधिक लाभार्थियों के लिए 2,100 करोड़ रुपये से अधिक मंजूर किए गए हैं, स्टैंडअप इंडिया के तहत 589 उद्यमियों को 141 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं (इनमें से 95% लाभार्थी एससी/एसटी श्रेणी के हैं)।
पीएम-स्वनिधि योजना ने 2,100 से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स, विशेषकर महिलाओं को उनके कारोबार के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करके सशक्त बनाया है।
नेशनल डेवलपमेंट और कोऑपरेटिव फेडरलिज्म की स्पिरिट में, पीएम मोदी की सरकार ने पिछली सरकारों के हाथों नॉर्थ-ईस्ट की ऐतिहासिक उपेक्षा को समाप्त कर दिया है। मोदी सरकार के नेतृत्व में मिजोरम में सेंट्रल ट्रांसफर और अनुदान सहायता में पर्याप्त वृद्धि देखी गई है। टैक्स डिवॉल्यूशन में 590% से अधिक की वृद्धि हुई है, जो संसाधनों के समान वितरण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अनुदान सहायता में भी 81% से अधिक की वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2020-21 से, कोविड-19 महामारी के मद्देनजर विशेष सहायता पैकेज के हिस्से के रूप में मिजोरम को 50-वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण (27 फरवरी 2024 तक) के रूप में 1,400 करोड़ रुपये से अधिक प्रदान किए गए हैं।
इसके अलावा, राज्य, GST व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण लाभार्थी के रूप में उभरा है, जिसने प्रभावशाली रेवेन्यू ग्रोथ दर्ज की है। यह राजकोषीय स्थिरता को मजबूत करने और मिजोरम में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में कर सुधारों की सफलता को दर्शाता है।
इसके अलावा, इंफ्रास्ट्रक्चर का डेवलपमेंट पिछले 10 वर्षों में मिजोरम की प्रगति का आधार रहा है। मोदी सरकार में 60 मेगावाट की तुइरियल हाइड्रो पावर परियोजना का पूरा होना इसका एक प्रमुख उदाहरण है।
इसके अलावा, स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत आइजोल का चयन और RURBAN क्लस्टर के रूप में Aibawk का डेवलपमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इसके अतिरिक्त, सड़क और रेलवे में महत्वपूर्ण निवेश किया गया है, जिससे राज्य के भीतर और बाहर कनेक्टिविटी बढ़ी है और साथ ही आर्थिक विकास और क्षेत्रीय एकीकरण को भी बढ़ावा मिला है।
भारतमाला परियोजना के तहत, राज्य के लिए 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की कुल पूंजी लागत के साथ 593 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों के विकास को मंजूरी दी गई है। मिजोरम को 2016 में यात्री ट्रेन सेवाओं के लिए बैराबी में भारतीय रेलवे के ब्रॉड गेज नेटवर्क से जोड़ा गया है। मिजोरम के लिए राजधानी रेल संपर्क के लिए बैराबी-सैरांग रेल लाइन परियोजना (51.38 किमी) पर काम चल रहा है और इसके पूरा होने पर कनेक्टिविटी को काफी बढ़ावा मिलेगा। सैरंग रेलवे स्टेशन (आइजोल) का भी अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत रीडेवलप किया जा रहा है।
हवाई मार्गों के मामले में, रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम UDAN के तहत राज्य में दो नए हवाई मार्ग चालू किए गए हैं। राज्य में लेंगपुई हवाई अड्डे को कृषि उड़ान योजना के तहत शामिल किया गया है ताकि किसानों को अपनी उपज के परिवहन में सहायता मिल सके।
इसके अलावा, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और बेहतर संपर्क ने राज्य के पर्यटन उद्योग को लाभ पहुंचाया है। इसकी मदद के लिए, स्वदेश दर्शन योजना के तहत तेनजावल और दक्षिण क्षेत्र और इको-एडवेंचर सर्किट के डेवलपमेंट के लिए 150 करोड़ रुपये से अधिक स्वीकृत किए गए हैं। केंद्र सरकार की PRASHAD योजना के तहत पर्यटन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए भी 40 करोड़ रुपये से अधिक प्रदान किए गए हैं।
मोदी सरकार के नेतृत्व में मिजोरम का सफर; इंक्लूजिव और सस्टेनेबल डेवलपमेंट की दिशा में एक आदर्श बदलाव को दर्शाता है। मजबूत फिस्कल ट्रांसफर और ट्रांसफॉर्मेटिव फ्लैगशिप स्कीम से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर में स्ट्रैटेजिक इंवेस्टमेंट तक, सरकार के बहुमुखी दृष्टिकोण ने राज्य को प्रगति और समृद्धि के पथ पर अग्रसर किया है। जैसे-जैसे मिजोरम अपने विकास पथ पर आगे बढ़ रहा है, क्षेत्र के विकास के लिए मोदी सरकार की अटूट प्रतिबद्धता दृढ़ बनी हुई है, जो इसके नागरिकों के लिए एक उज्जवल और अधिक समृद्ध भविष्य की नींव तैयार कर रही है।