नए तरह का प्रचार प्रसार करना नरेन्द्र मोदी के 2014 लोक सभा अभियान की सबसे निर्धारक विशेषता रही।इसमें तकनीक से परे कई पहलुओं का उपयोग किया गया… इंडिया 272+ खुले मंचों द्वारा क्राउडसॉर्स करना, स्वयंसेवकों ने मूल्यवान इनपुट, विचार भेजे जो नरेन्द्र मोदी के भाषणों का हिस्सा बने।यह जुलाई 2013 में प्रारंभ हुआ जहाँ उन्होंने पुणे में विद्यार्थियों की भीड़ को संबोधित करने के लिए फेसबुक के माध्यम से इनपुटों का उपयोग किया।
नरेन्द्र मोदी का अगला बड़ा भाषण क्राउडसॉर्स के माध्यम से हैदराबाद रैली में एक था (अगस्त 2013) जहाँ उन्होंने नारा दिया – “जय तेलंगाना, जय सीमांध्रा”।2014 के दौरान सबसे व्यस्त क्राउडसॉर्स अभियानों में से एक था स्मृति ईरानी की अगुवाई में “मेरे सपनों का भारत”, एक प्रयास जहाँ नागरिकों को उनके सपनों के भारत पर संक्षिप्त वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। नमो चाय स्टॉलों से नमो मोबाइल फोन तक, साड़ी की दुकानों से मिठाई की दुकानों तक और नेक-टैग्स, स्टीकर्स, कैप से लेकर कारों पर सन-शेड्स तक ब्रांडिंग करते हुए, ब्रांड नमो 2014 अभियान के माध्यम से हर तरफ देखा गया।
नरेन्द्र मोदी की रैलियाँ वास्तव में स्थानीय मतदाताओं से जोड़ने के लिए ब्रांड की गईं थीं।उ.प्र. में उनकी रैलियों को विजय शंखनाद रैलियों के रूप में ब्रांड किया गया, जबकि बिहार में रैलियों को हुँकार रैलियाँ पुकारा गया।
कर्नाटक में यदि यह भारत गेलिसी रैलियाँ था, तो महाराष्ट्र में महागर्जना था।अरुणाचल प्रदेश में रैली को विजय संकल्प अभियान रैली पुकारा गया, असम में इसे महा-जागरण रैली पुकारा गया, गोवा में इसे विजय संकल्प रैली पुकारा गया, हिमाचल प्रदेश में इसे परिवर्तन रैली पुकारा इत्यादि।यह जानते हुए कि प्रत्येक सीट मायने रखती है कोलकाता में जन चेतना सभा के लिए पृष्ठभूमि इंडिया 272+ थी भाषण बंगाल के गर्व के बारे में बात करने के बारे में था। इसी प्रकार अटलजी के चित्रण के साथ लखनऊ में विजय शंखनाद महारैली के लिए पृष्ठभूमि महत्वपूर्ण थी। चाय पे चर्चा। नवीनतम प्रचार जिसका शीर्षक है“चाय पे चर्चा”: डीटीएच, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, मोबाइल ब्रॉडबैंड, इत्यादि तकनीकों के युग्मन के माध्यम से भारत में सैंकड़ों चाय के स्टॉलों पर नरेन्द्र मोदी और मतदाताओं के बीच एक दो पक्षीय संवादकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म सक्षम किया गया। भारत में विभिन्न चक्रों में 24 राज्यों में 4000 स्थानों पर और अंतर्राष्ट्रीय रूप से 15 देशों में 50 स्थानों पर आयोजित की गईं।लगभग 10 लाख चर्चाओं से जुड़े। 3डी होलोग्राफिकरैलियाँ 2014 अभियान के दौरान नरेन्द्र मोदी, चुनावी अभियान में 3डी होलोग्राफिक प्रोजेक्शंस के उपयोग में अग्रणी, ने अप्रैल और मई 2014 के महीनों के दौरान 1350 स्थानों में 12 भाषण देने के लिए इसका उपयोग किया। एक डिजिटल इकॉ-सिस्टम 2014 चुनावी अभियान के दौरान डिजिटल इकॉसिस्टम मिशन 272+ के लिए अपनी अद्वितीय विशेषताओं के साथ-साथ आया: कई प्लेटफॉर्म्स से कौशलों, संसाधनों और उत्साह पर ध्यान आकर्षित करने की इसकी वितरित प्रकृति – आधिकारिक और स्वैच्छिक।मिशन 272+ के मध्य में डिजिटल इकॉसिस्टम भाजपा का आई.टी. सेल और इसका राष्ट्रीय डिजिटल प्रचालन केंद्र (NDOC) था जिसने संपूर्ण डिजिटल चैनलों में 360 डिग्री अभियान को चलाया – वेब, मोबाइल, सॉशल मीडिया, वॉइस और एसएमएस। अभियान के दौरान गेम-चैंजर्स थे: एक राष्ट्रव्यापी निशुल्क नंबर 78200-78200 जहाँ संपूर्ण भारत से भाजपा समर्थक अभियान में सम्मिलित होने के लिए साधन के रूप में मिस्ड कॉल दे सकते हैं या एसएमएस या WhatsApp संदेश भेज सकते हैं। एसएमएस के उपयोग में आगे नवीनता नमो नंबर का उपयोग था जिसने स्वयंसेवक कार्य को बदल दिया, समर्थन की प्रतिज्ञाओं की संख्याएक स्वयंसेवक अपने संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं से उनका EPIC (वोटरआईडी क्रमांक) एसएमएस करवाकर उनसे निवेदन कर सकता है। इन डिजिटल नवीनताओं ने साथ मिलकर पिछले 8 महीनों में अभियान में एक बड़ा अंतर ला दिया।