"मेघालय ने दुनिया को प्रकृति, प्रगति, संरक्षण और पर्यावरण-स्थिरता का संदेश दिया है।"

- पीएम मोदी

पिछली सरकारों के विपरीत, प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने नॉर्थ-ईस्ट के विकास पर विशेष जोर दिया है। मुख्यधारा के ध्यान, सांस्कृतिक एकीकरण और विकासात्मक फोकस के मामले में लंबे समय से हाशिए पर रहे इस क्षेत्र में 2014 में पीएम मोदी के सत्ता संभालने के बाद से एक परिवर्तनकारी बदलाव देखा गया है।

पिछले दशक के दौरान, नॉर्थ-ईस्ट ने विभिन्न मोर्चों पर उल्लेखनीय विकास का अनुभव किया है, जिसमें पर्याप्त बजटीय आवंटन, इंफ्रास्ट्रक्चर में ग्रोथ, सांस्कृतिक स्वीकृति और गुमनाम नायकों के लिए श्रद्धा शामिल है। पीएम मोदी की सरकार ने उपेक्षा की प्रवृत्ति को खत्म करते हुए, पूर्वोत्तर को नेशनल फ्रेमवर्क के भीतर सम्मान और प्राथमिकता की स्थिति में ला दिया है।

मेघालय, विशेष रूप से, इस प्रगतिशील बदलाव का एक प्रमुख लाभार्थी रहा है। चाहे वह इंफ्रास्ट्रक्चर का अपग्रेडेशन, आर्थिक परिवर्तन या कल्याण के क्षेत्र में हो, पीएम मोदी के नेतृत्व में राज्य की विकास यात्रा को एक निर्णायक बढ़ावा मिला है।

पीएम मोदी की सरकार ने गरीबों और वंचितों के विकास पर विशेष ध्यान दिया है। देश भर में, विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र में, आजादी मिलने के दशकों बाद भी भोजन, पानी और बिजली जैसी जीवन की मूलभूत चीजों की कमी देखी गई।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भूखा न सोए, मोदी सरकार; प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना चला रही है, जो 80 करोड़ भारतीयों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराती है। मेघालय में 21 लाख से अधिक लोग दिसंबर 2023 तक इस योजना के लाभार्थी हैं।

मोदी सरकार अपने जल जीवन मिशन के तहत सभी के लिए पानी मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है जिसका लक्ष्य सभी ग्रामीण घरों में नल का पानी का कनेक्शन प्रदान करना है। इस क्रांतिकारी पहल के तहत, मेघालय में 4.85 लाख नल का पानी कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। 2019 में मामूली 0.7% के मुकाबले कवरेज को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाकर 75% ग्रामीण परिवारों तक कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत 3 लाख से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया है।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लगभग 2 लाख घरों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 1.88 लाख घर ग्रामीण क्षेत्रों में हैं।

सरकार की भारत के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य को बदलने वाली बेजोड़ पहल - आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना - पूर्वोत्तर क्षेत्र की भी उतनी ही सेवा करती है। आज मेघालय में 19 लाख ‘आयुष्मान भारत’ लाभार्थी हैं, जिन्हें 18 जन औषधि केंद्रों के माध्यम से सस्ती दवाओं का लाभ भी मिल रहा है। इसके अलावा, सरकार ने अपनी पीएम-उज्ज्वला योजना के साथ लाखों महिलाओं को धुएँ से भरे रसोई घरों से बचाया है। पूरे देश में 10 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन दिए गए हैं, जिनमें से मेघालय राज्य के 3 लाख से अधिक लाभार्थी हैं।

इसके अलावा, पीएम-किसान योजना के माध्यम से 84,000 करोड़ रुपये से अधिक किसानों को समर्थन दिया जाता है, जो पात्र किसानों को रु. 6,000 की वार्षिक वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इनमें से 70% महिला किसान हैं।

फाइनेंशियल इंक्लूजन में भी प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने जबरदस्त प्रगति की है। प्रधानमंत्री जन धन योजना उस संबंध में एक अग्रणी पहल रही है। आज देश में लगभग 52 करोड़ जन धन खाते खोले जा चुके हैं जिनमें से 55% महिलाओं के हैं। मेघालय में 7.6 लाख से अधिक जन धन खाते हैं जिनमें से 58% महिलाओं के हैं। इनमें से 57,000 से अधिक मेघालय के एक आकांक्षी जिले रिबोई से हैं (यहां 61% खाते महिलाओं के हैं)।

भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है, ऐसे में मोदी सरकार के एजेंडे में रोजगार पैदा करना और उद्यमिता को बढ़ावा देना सबसे ऊपर रहा है। स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और पीएम-स्वनिधि योजना इस दिशा में उल्लेखनीय हस्तक्षेप हैं।

स्टैंडअप इंडिया योजना के तहत, मेघालय में 504 उद्यमियों को 110 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मंजूर की गई है। इसी तरह, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 2,450 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं, जिससे राज्य में 2.6 लाख से अधिक लाभार्थियों को सहायता मिली है, जिनमें 52% महिलाएं और 44% अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के हैं।

दूसरी तरफ, पीएम स्वनिधि योजना छोटे विक्रेताओं को सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में सामने आई है। इस योजना के तहत मेघालय में लगभग 3,000 स्ट्रीट वेंडर्स को बिना किसी गारंटी के ऋण प्रदान किया गया है (इनमें से 78% महिलाएं हैं और 73% अनुसूचित जनजाति वर्ग से संबंधित हैं)।

सामाजिक सुरक्षा के मामले में, मेघालय में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 7.4 लाख से अधिक नामांकन, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत लगभग 4 लाख नामांकन और अटल पेंशन योजना के तहत लगभग 58,000 नामांकन हैं।

मार्च 2024 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नॉर्थ-ईस्ट में उद्योगों के विकास और रोजगार सृजन के लिए Uttar Poorva Transformative Industrialisation Scheme, 2024 (UNNATI – 2024) को मंजूरी दी है। यह योजना 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की कुल लागत के साथ 10 वर्षों की अवधि के लिए है।

प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने नॉर्थ-ईस्ट में कनेक्टिविटी को अपने डेवलपमेंटल एजेंडे में सबसे ऊपर रखा है।

सड़क परिवहन की बात करें तो मेघालय में 379 किलोमीटर से अधिक राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए गए हैं। वहीं, भारतमाला परियोजना के तहत राज्य में 170 किलोमीटर से अधिक के राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों के विकास को मंजूरी दी गई है, जिसकी कुल अनुमानित लागत 2,700 करोड़ रुपये से अधिक है। गौरतलब है कि 2014 में दुधई-मेदिपथर रेल लाइन के चालू होने के साथ मेघालय को रेलवे मानचित्र पर लाया गया था। राज्य को 2023 में पहली बार इलेक्ट्रिक ट्रेनें मिलीं, जब प्रधानमंत्री मोदी ने नए विद्युतीकृत न्यू बॉंगऐगांव-दुधई-मेदिपथर खंड को राष्ट्र को समर्पित किया। आज मेदिपथर रेलवे स्टेशन को अमृत भारत योजना के तहत पुनर्विकसित किया जा रहा है।

स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत आने वाले शिलांग शहर में UDAN योजना के तहत एयरपोर्ट को चालू कर दिया गया है। साथ ही, 8 नए एयरपोर्ट भी शुरू किए गए हैं। शिलांग एयरपोर्ट Krishi Udan Scheme के अंतर्गत भी आता है ताकि किसानों को कृषि उत्पादों के परिवहन में मदद मिल सके।

9 मार्च, 2024 को पीएम मोदी ने मेघालय में 290 करोड़ रुपए से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसके अलावा, नॉर्थ-ईस्ट स्पेशल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम (NESIDS) के तहत मेघालय को 569 करोड़ रुपये से अधिक की अप्रूव्ड कॉस्ट पर 14 प्रोजेक्ट्स अलॉट किए गए हैं।

दिसंबर 2022 में, PM मोदी ने शिलांग में 2450 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया, जिसमें उमसावली में IIM शिलांग का नया कॉम्प्लेक्स, 4G मोबाइल टावर, मशरूम डेवलपमेंट सेंटर में स्पॉन लैब और मेघालय में इंटीग्रेटेड मधुमक्खी पालन विकास केंद्र और तुरा में इंटीग्रेटेड हॉस्पिटैलिटी और कन्वेंशन सेंटर शामिल हैं।

सरकार ने PRASHAD योजना के तहत मेघालय में टूरिज्म को बढ़ावा देने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए 29 करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी दी है। स्वदेश दर्शन योजना के तहत नॉर्थ-ईस्ट सर्किट के डेवलपमेंट के लिए 184 करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी दी गई है।

कोऑपरेटिव फेडरलिज्म की भावना को मजबूत करते हुए मोदी सरकार समय-समय पर एडवांस टैक्स डिवॉल्यूशन जारी करती रही है ताकि विभिन्न सामाजिक कल्याण उपायों और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की योजनाओं के फाइनेंसिंग के लिए राज्य सरकारों के हाथ मजबूत किए जा सकें। मोदी सरकार के पिछले 10 वर्षों (फरवरी 2024 तक) में टैक्स डिवॉल्यूशन में लगभग 565% की वृद्धि के साथ विशेष रूप से मेघालय में सेंट्रल ट्रांसफर में काफी वृद्धि हुई है। पिछली सरकार के 10 वर्षों की तुलना में पीएम मोदी की सरकार के नौ वर्षों में ग्रांट्स में भी 69% से अधिक की वृद्धि हुई है। चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में एडिशनल ग्रांट्स के रूप में 7,600 करोड़ रुपये से अधिक राशि जारी करने का बजट बनाया गया था।

उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार के नौ वर्षों में पूर्वोत्तर क्षेत्र में 55 मंत्रालयों और विभागों द्वारा 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है, जो उससे पहले के 25 वर्षों में किए गए कुल खर्च से अधिक है। वित्त वर्ष 2023-24 में 94,000 करोड़ रुपये से अधिक का बजट रखा गया था।

वस्तु और सेवा कर (GST) रिजीम में पूर्वोत्तर राज्य सबसे अधिक लाभान्वित हुए हैं। GST लागू करने के बाद से (2017-18 से 2022-23 तक) उनके GST राजस्व में 27.5% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की गई है, जबकि सभी राज्यों के लिए यह दर 14.8% रही है।

ये सभी कदम दर्शाते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र, विशेष रूप से मेघालय के विकास को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। चाहे बात इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की हो, किसानों और महिलाओं को सहायता की हो, या युवाओं के बीच रोजगार को बढ़ावा देने की हो, पूर्वोत्तर क्षेत्र ने प्रगति की राह पकड़ ली है, जिसमें मेघालय बड़े बदलावों का परिवर्तनों का गवाह बन रहा है।

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प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दिल्ली का विकास
April 12, 2024

दिल्ली को राष्ट्रों के सम्मानित ध्वजों को फहराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है: G20 समिट की मेजबानी के लिए दिल्ली की तैयारियों पर पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के पिछले दस वर्षों ने एक नए भारत के निर्माण की दिशा में काम शुरू किया है; गांव से शहर तक, पानी से बिजली तक, घर से स्वास्थ्य तक, शिक्षा से रोजगार तक, जाति से वर्ग तक - एक व्यापक योजना, जो हर दरवाजे तक विकास और समृद्धि ला रही है।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, इस बदलावकारी दशक में, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संचालित इस डेवलपमेंटल मोमेंटम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनकर उभरा है।

यह शहर, उस इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव के केंद्र में रहा है जिसने पूरे देश को एक नया रूप दिया है। आज अटल सेतु, चिनाब ब्रिज, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और जोजिला टनल जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर के चमत्कार भारत के निरंतर विकसित होते परिदृश्य को दर्शाते हैं।

ट्रांसपोर्ट नेटवर्क को नया रूप देने, शहरी सुविधाओं को उन्नत करने और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, मोदी सरकार ने कई बदलावकारी पहल शुरू की हैं। रेलवे, हाईवेज से लेकर एयरपोर्ट्स तक, ये इनिशिएटिव, देश भर में इंक्लूजिव और सस्टेनेबल डेवलपमेंट को गति देने में महत्वपूर्ण रहे हैं।

मेट्रो रेल नेटवर्क के प्रभावशाली विस्तार ने भारत में शहरी आवागमन में क्रांति ला दी है। 2014 में मात्र 5 शहरों से, मेट्रो रेल नेटवर्क अब देश भर के 21 शहरों में सेवा प्रदान करता है - 2014 के 248 किलोमीटर से बढ़कर 2024 तक यह 945 किलोमीटर हो जाएगा, साथ ही 26 अतिरिक्त शहरों में 919 किलोमीटर लाइनें निर्माणाधीन हैं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में दिल्ली मेट्रो फेज-4 के दो नए कॉरिडोर; लाजपत नगर से साकेत जी-ब्लॉक और इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ को मंजूरी दी है। दोनों लाइनों की संयुक्त लंबाई 20 किलोमीटर से अधिक है और परियोजना की लागत 8,000 करोड़ रुपये से अधिक है (केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से फंडेड)। इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ लाइन हरियाणा के बहादुरगढ़ क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अतिरिक्त, दिल्ली-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर पर चलने वाली भारत की पहली नमो भारत ट्रेन; रीजनल कनेक्टिविटी बढ़ाने और इसके ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को उन्नत करने की मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को और रेखांकित करती है।

इसके अलावा, भारतमाला परियोजना में लगभग 35,000 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों के विकास के माध्यम से बेहतर लॉजिस्टिक्स दक्षता और कनेक्टिविटी की परिकल्पना की गई है। इस योजना के तहत 25 ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर की योजना बनाई गई है, जिनमें से चार दिल्ली की बढ़ती इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता से जुड़ेंगे: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे, दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे और शहरी विस्तार सड़क-II। दिल्ली के लिए स्वीकृत कुल परियोजना लंबाई 203 किलोमीटर है, जिसके लिए 18,000 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है।

पिछले एक दशक में मोदी सरकार ने एयरपोर्ट्स की क्षमता बढ़ाने और भीड़भाड़ कम करने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। IGI एयरपोर्ट दिल्ली देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट बन गया है, जिसमें चार रनवे और एक एलिवेटेड टैक्सीवे है। हाल ही में विस्तारित अत्याधुनिक टर्मिनल 1 का भी उद्घाटन किया गया है। इसके अलावा, आगामी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) दिल्ली एयरपोर्ट की भीड़भाड़ कम करने में और योगदान देगा, जो सालाना लाखों यात्रियों को सेवा प्रदान करेगा।

इसके अलावा, नए संसद भवन के उद्घाटन ने शहर के स्वरूप में सभ्यतागत और आधुनिक दोनों तरह के अर्थ जोड़ दिए हैं। यशोभूमि (India International Convention & Expo Centre) के उद्घाटन ने दिल्ली को भारत का सबसे बड़ा सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र दिया है, जो मिश्रित उद्देश्य वाला पर्यटन अनुभव प्रदान करता है। यशोभूमि के साथ, विश्व स्तरीय सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र ‘भरत मंडपम’, दुनिया को भारत का दर्शन कराता है।

वेलफेयर की बात करें तो, मोदी सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनका लाभ अब तक विकास और प्रगति के हाशिये पर पड़े लोगों को मिला है। दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा एक प्रमुख चिंता का विषय रही है। इसी को हल करने के लिए, मोदी सरकार ने बलात्कार के लिए सजा की मात्रा बढ़ाकर आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 को मजबूत किया, जिसमें 12 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ बलात्कार के लिए मृत्युदंड भी शामिल है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2018 में एक अलग महिला सुरक्षा प्रभाग की स्थापना की। वन-स्टॉप सेंटर, सखी निवास, सेफ सिटी प्रोजेक्ट, निर्भया फंड, शी-बॉक्स, यौन अपराधों के लिए जांच ट्रैकिंग सिस्टम और Cri-MAC (Crime Multi-Agency Center) आदि महिला सुरक्षा के प्रति सरकार के अभियान में महत्वपूर्ण हैं।

इसके अलावा, स्वच्छ भारत मिशन, पीएम-उज्ज्वला योजना, पीएम-मातृ वंदना योजना और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ने भारत में नारी शक्ति को और सशक्त बनाया है।

जैसे-जैसे भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन रहा है, दिल्ली भी इस विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। आज दिल्ली में 13,000 से अधिक DPIIT-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप काम कर रहे हैं, साथ ही सरकार PM MUDRA योजना के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही है, जिसके तहत वित्त वर्ष 2023-24 (26.01.2024 तक) के लिए 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के 2.3 लाख से अधिक लोन स्वीकृत किए गए हैं।

पीएम-स्वनिधि, जो स्ट्रीट वेंडर्स को बिना किसी गारंटी के लोन मुहैया कराता है, दिल्ली में 1.67 लाख से ज़्यादा लाभार्थियों को मदद कर रहा है। इसके अलावा, कोविड-19 महामारी के दौरान नए रोजगार के सृजन और रोजगार के नुकसान की भरपाई के लिए एंप्लॉयर्स को प्रोत्साहित करने के लिए 2020 में शुरू की गई आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत, दिल्ली में 2.2 लाख से ज़्यादा एंप्लॉयी लाभान्वित हुए।

इसके अलावा, पीएम आवास योजना (शहरी) के तहत दिल्ली में लगभग 30,000 घरों को मंजूरी दी गई है और उनका निर्माण पूरा हो चुका है।

दिल्ली के लोगों के लिए वायु प्रदूषण एक सतत समस्या रही है। इस वास्तविकता को समझते हुए, केंद्र सरकार ने देश भर में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की रणनीति के रूप में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम शुरू किया है।

पिछले एक दशक में मोदी सरकार के कार्यकाल ने दिल्ली में विभिन्न मोर्चों पर उल्लेखनीय बदलाव लाए हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से लेकर गवर्नेंस रिफॉर्म्स तक, शिक्षा से लेकर रोजगार तक, सरकार की पहलों ने राजधानी शहर पर एक अमिट छाप छोड़ी है। जैसे-जैसे दिल्ली प्रोग्रेस और डेवलपमेंट के अपने सफर पर आगे बढ़ रही है, मोदी सरकार का योगदान आने वाले वर्षों में इसके भविष्य की दिशा को आकार देने के लिए तैयार है।