मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार | 3 अक्टूबर, 2014 विजयादशमी का पावन पर्व | ‘मन की बात’ के माध्यम से हम सबने एक साथ, एक यात्रा का प्रारम्भ किया था | ‘मन की बात’, इस यात्रा के आज 50 एपिसोड पूरे हो गए हैं | इस तरह आज ये Golden Jubilee Episode स्वर्णिम एपिसोड है | इस बार आपके जो पत्र और फ़ोन आये हैं, अधिकतर वे इस 50 एपिसोड के सन्दर्भ में ही हैं | MyGov पर दिल्ली के अंशु कुमार, अमर कुमार और पटना से विकास यादव, इसी तरह से NarendraModiApp पर दिल्ली की मोनिका जैन, बर्दवान, West Bengal के प्रसेनजीत सरकार और नागपुर की संगीता शास्त्री इन सब लोगों ने लगभग एक ही तरह का प्रश्न पूछा है |
Expect की बजाय accept और dismiss करने की बजाय discuss करने से संवाद प्रभावी बनेगा | अलग-अलग कार्यक्रमों या फिर Social Media के माध्यम से युवाओं के साथ लगातार बातचीत करने का मेरा प्रयास रहता है | वे जो कर रहे हैं या क्या सोच रहे हैं - उससे सीखने का मैं हमेशा प्रयास करता रहता हूँ | उनके पास हमेशा ideas का भण्डार होता है | वे अत्यधिक energetic, innovative और focussed होते हैं | ‘मन की बात’ के माध्यम से मैं युवाओं के प्रयासों को, उनकी बातों को, ज्यादा से ज्यादा साझा करने का प्रयास करता हूँ | अक्सर शिकायत होती है कि युवा बहुत ही अधिक सवाल करते हैं | मैं कहता हूँ कि अच्छा है कि नौजवान सवाल करते हैं | ये अच्छी बात इसलिए है क्योंकि इसका अर्थ हुआ कि वे सभी चीज़ों की जड़ से छानबीन करना चाहते हैं | कुछ लोग कहते हैं कि युवाओं में धैर्य नहीं होता, लेकिन मेरा मानना है कि युवाओं के पास बर्बाद करने के लिए समय नहीं है | यही वो चीज़ है जो आज के नौजवानों को अधिक innovative बनने में मदद करती है, क्योंकि, वे चीज़ों को तेज़ी से करना चाहते हैं | हमें लगता है आज के युवा बहुत महत्वाकांक्षी हैं और बहुत बड़ी-बड़ी चीज़ें सोचते हैं | अच्छा है, बड़े सपने देखें और बड़ी सफलताओं को हासिल करें - आखिर, यही तो New India है | कुछ लोग कहते हैं कि युवा पीढ़ी एक ही समय में कई चीज़ें करना चाहती है | मैं कहता हूँ - इसमें बुराई क्या है ? वे multitasking में पारंगत हैं इसलिए ऐसा करते हैं | अगर हम आस-पास नज़र दौड़ायें तो वो चाहे Social Entrepreneurship हो, Start-Ups हो, Sports हो या फिर अन्य क्षेत्र - समाज में बड़ा बदलाव लाने वाले युवा ही हैं | वे युवा, जिन्होंने सवाल पूछने और बड़े सपने देखने का साहस दिखाया | अगर हम युवाओं के विचारों को धरातल पर उतार दें और उन्हें अभिव्यक्त करने के लिए खुला वातावरण दें तो वे देश में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं | वे ऐसा कर भी रहे हैं |
विनीता जी, आपके सुझाव के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद|
हाँ, कल ‘संविधान दिवस’ है | उन महान विभूतियों को याद करने का दिन जिन्होंने हमारा संविधान बनाया | 26 नवम्बर, 1949 को हमारे संविधान को अपनाया गया था | संविधान draft करने के इस ऐतिहासिक कार्य को पूरा करने में संविधान सभा को 2 वर्ष, 11 महीने और 17 दिन लगे | कल्पना कीजिये 3 वर्ष के भीतर ही इन महान विभूतियों ने हमें इतना व्यापक और विस्तृत संविधान दिया | इन्होंने जिस असाधारण गति से संविधान का निर्माण किया वो आज भी time management और productivity का एक उदाहरण है | ये हमें भी अपने दायित्वों को record समय में पूरा करने के लिए प्रेरित करता है | संविधान सभा देश की महान प्रतिभाओं का संगम थी, उनमें से हर कोई अपने देश को एक ऐसा संविधान देने के लिए प्रतिबद्ध था जिससे भारत के लोग सशक्त हों, ग़रीब से ग़रीब व्यक्ति भी समर्थ बने |
हमारे संविधान में खास बात यही है कि अधिकार और कर्तव्य यानी Rights and Duties, इसके बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है | नागरिक के जीवन में इन्हीं दोनों का तालमेल देश को आगे ले जाएगा | अगर हम दूसरों के अधिकार का सम्मान करेंगे तो हमारे अधिकारों की रक्षा अपने आप हो जायेगी और इसी तरह अगर हम संविधान में दिए अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे तो भी हमारे अधिकारों की रक्षा अपने आप हो जायेगी | मुझे अभी भी याद है 2010 में जब भारत के गणतंत्र को 60 साल हुए थे तब गुजरात में हमने हाथी पर रख कर संविधान की शोभा-यात्रा निकाली थी | युवाओं में संविधान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए और उन्हें संविधान के पहलुओं से जोड़ने के लिए ये एक यादगार प्रसंग था | वर्ष 2020 में एक गणतंत्र के रूप में हम 70 साल पूरे करेंगे और 2022 में हमारी आज़ादी के 75 वर्ष पूरे हो जायेंगे |
आइये, हम सभी अपने संविधान के मूल्यों को आगे बढ़ाएँ और अपने देश में Peace, Progression, Prosperity यानी शांति, उन्नति और समृद्धि को सुनिश्चित करें |
मेरे प्यारे देशवासियो, संविधान सभा के बारे में बात करते हुए उस महापुरुष का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता जो संविधान सभा के केंद्र में रहे | ये महापुरुष थे पूजनीय डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर | 6 दिसम्बर को उनका महा-परिनिर्वाण दिवस है | मैं सभी देशवासियों की ओर से बाबा साहब को नमन् करता हूँ जिन्होंने करोड़ों भारतीयों को सम्मान से जीने का अधिकार दिया | लोकतंत्र बाबा साहब के स्वभाव में रचा-बसा था और वो कहते थे कि भारत के लोकतांत्रिक मूल्य कहीं बाहर से नहीं आए हैं | गणतंत्र क्या होता है और संसदीय व्यवस्था क्या होती है - ये भारत के लिए कोई नई बात नहीं है | संविधान सभा में उन्होंने एक बहुत भावुक अपील की थी कि इतने संघर्ष के बाद मिली स्वतंत्रता की रक्षा हमें अपने खून की आखिरी बूँद तक करनी है | वे यह भी कहते थे कि हम भारतीय भले ही अलग-अलग background के हों लेकिन हमें सभी चीज़ों से ऊपर देशहित को रखना होगा | India First - डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर का यही मूलमंत्र था | एक बार फिर पूज्य बाबा साहब को विनम्र श्रद्धांजलि |
मेरे प्यारे देशवासियो, दो दिन पहले 23 नवम्बर को हम सबने श्री गुरु नानक देव जी की जयंती मनाई है और अगले वर्ष यानी 2019 में हम उनका 550वाँ प्रकाश-पर्व मनाने जा रहे हैं | गुरु नानक देव जी ने सदा ही पूरी मानवता के कल्याण के लिए सोचा | उन्होंने समाज को हमेशा सत्य, कर्म, सेवा, करुणा और सौहार्द का मार्ग दिखाया | देश अगले वर्ष गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती समारोह को भव्य रूप से मनायेगा | इसका रंग देश ही नहीं, दुनिया-भर में बिखरेगा | सभी राज्य सरकारों और केन्द्रीय शासित प्रदेशों से भी इस अवसर को धूमधाम से मनाने का अनुरोध किया गया है | इसी प्रकार गुरु नानक देव जी का 550वाँ प्रकाश पर्व विश्व के सभी देशों में भी मनाया जाएगा | इसके साथ ही गुरु नानक जी से जुड़े पवित्र स्थलों के मार्ग पर एक ट्रेन भी चलाई जायेगी | अभी हाल ही में जब मैं इससे जुड़ी मीटिंग कर रहा था तो उसी समय मुझे लखपत साहिब गुरुद्वारा की याद आई | गुजरात के 2001 के भूकंप के दौरान उस गुरूद्वारे को भारी नुकसान पहुँचा था, लेकिन, जिस प्रकार स्थानीय लोगों के साथ मिलकर राज्य सरकार ने उसका जीर्णोद्धार कराया वो आज भी एक मिसाल है | भारत सरकार ने एक बड़ा महत्वपूर्ण निर्णय किया है कि करतारपुर corridor बनाने का ताकि हमारे देश के यात्री आसानी से पाकिस्तान में, करतारपुर में गुरु नानक देव जी के उस पवित्र स्थल पर दर्शन कर सकें |
बहुत-बहुत धन्यवाद |
We began the 'Mann Ki Baat' journey on 3rd October 2014 and today we have the Golden Jubilee episode: PM @narendramodi #MannKiBaat50
— PMO India (@PMOIndia) November 25, 2018
Many people want to know how did the idea of a programme like 'Mann Ki Baat' come. Today, I want to share it: PM @narendramodi #MannKiBaat50
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ये 1998 की बात है, मैं भारतीय जनता पार्टी के संगठन के कार्यकर्ता के रूप में हिमाचल में काम करता था | मई का महीना था और मैं शाम के समय travel करता हुआ किसी और स्थान पर जा रहा था |
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हिमाचल की पहाड़ियों में शाम को ठण्ड तो हो ही जाती है, तो रास्ते में एक ढाबे पर चाय के लिये रुका और जब मैं चाय के लिए order किया तो उसके पहले, वो बहुत छोटा सा ढाबा था, एक ही व्यक्ति खुद चाय बनाता था, बेचता था |
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ऊपर कपड़ा भी नहीं था ऐसे ही road के किनारे पर छोटा सा ठेला लगा के खड़ा था | तो उसने अपने पास एक शीशे का बर्तन था, उसमें से लड्डू निकाला, पहले बोला – साहब, चाय बाद में, लड्डू खाइए | मुँह मीठा कीजिये |
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मैं भी हैरान हो गया तो मैंने पूछा क्या बात है कोई घर में कोई शादी-वादी कोई प्रसंग-वसंग है क्या ! उसने कहा नहीं-नहीं भाईसाहब, आपको मालूम नहीं क्या ? अरे बहुत बड़ी खुशी की बात है वो ऐसा उछल रहा था, ऐसा उमंग से भरा हुआ था, तो मैंने कहा क्या हुआ !
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अरे बोले आज भारत ने bomb फोड़ दिया है | मैंने कहा भारत ने bomb फोड़ दिया है ! मैं कुछ समझा नहीं ! तो उसने कहा - देखिये साहब, रेडियो सुनिये | तो रेडियो पर उसी की चर्चा चल रही थी : PM @narendramodi #MannKiBaat50
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उसने कहा उस समय हमारे प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने - वो परमाणु परीक्षण का दिन था और मीडिया के सामने आकर के घोषणा की थी और इसने ये घोषणा रेडियो पर सुनी थी और नाच रहा था...
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मुझे बड़ा ही आश्चर्य हुआ कि इस जंगल के सुनसान इलाके में, बर्फीली पहाड़ियों के बीच, एक सामान्य इंसान जो चाय का ठेला लेकर के अपना काम कर रहा है और दिन-भर रेडियो सुनता रहता होगा और उस रेडियो की ख़बर का उसके मन पर इतना असर था, इतना प्रभाव था...
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और तब से मेरे मन में एक बात घर कर गयी थी कि रेडियो जन-जन से जुड़ा हुआ है और रेडियो की बहुत बड़ी ताकत है : PM @narendramodi #MannKiBaat50
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Spreading positivity all over India. #MannKiBaat50 pic.twitter.com/CjtMeJHSag
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An interesting survey on 'Mann Ki Baat.' #MannKiBaat50 pic.twitter.com/vqmGllWNrk
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जब ‘मन की बात’ शुरू किया था तभी मैंने तय किया था कि न इसमें politics हो, न इसमें सरकार की वाह-वाही हो, न इसमें कहीं मोदी हो और मेरे इस संकल्प को निभाने के लिये सबसे बड़ा संबल, सबसे बड़ी प्रेरणा मिली आप सबसे : PM @narendramodi #MannKiBaat50
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मोदी आएगा और चला जाएगा, लेकिन यह देश अटल रहेगा, हमारी संस्कृति अमर रहेगी | 130 करोड़ देशवासियों की छोटी-छोटी यह कहानियाँ हमेशा जीवित रहेंगी | इस देश को नयी प्रेरणा में उत्साह से नयी ऊंचाइयों पर लेती जाती रहेंगी : PM @narendramodi #MannKiBaat50
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'Mann Ki Baat' - about people and not politics. pic.twitter.com/UOq2zwzv8i
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‘मन की बात’ सरकारी बात नहीं है - यह समाज की बात है | #MannKiBaat50 pic.twitter.com/SQw6ZSa9f7
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भारत का मूल-प्राण राजनीति नहीं है, भारत का मूल-प्राण राजशक्ति भी नहीं है |
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भारत का मूल-प्राण समाजनीति है और समाज-शक्ति है | #MannKiBaat50 pic.twitter.com/DESpgDy9tM
PM @narendramodi is asked, how much do you prepare before every 'Mann Ki Baat' - here is what he is saying. #MannKiBaat50 pic.twitter.com/u4U85FzQKI
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Understanding the joys and aspirations of every Indian. #MannKiBaat50 pic.twitter.com/wFYe5dKAAa
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This is a 'Mann Ki Baat' of 130 crore Indians. #MannKiBaat50 pic.twitter.com/KS9uV579ip
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Gratitude to the various people who help during 'Mann Ki Baat.' #MannKiBaat50 pic.twitter.com/eOxbkV7mCj
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Thank you to friends in the media. #MannKiBaat50 pic.twitter.com/XsrxHYVlC9
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When it comes to youngsters- accept rather than expect. #MannKiBaat50 pic.twitter.com/Aturec0GE4
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It is a good thing our youth are asking questions. #MannKiBaat50 pic.twitter.com/jFPRxMImzA
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Our youth is all set to scale new heights of glory. #MannKiBaat50 pic.twitter.com/FdDfKwYvHP
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Youngsters from India are excelling in various fields. #MannKiBaat50 pic.twitter.com/aNYioINfWN
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Tributes to the makers of the Constitution.
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The working of the Constituent Assembly gives us lessons in time management and productivity. #MannKiBaat50 pic.twitter.com/FxvNgD4KRc
Our Constitution talks about both rights and duties. #MannKiBaat50 pic.twitter.com/YFM6BaQXIw
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Let is reiterate our commitment to preserving the values of our Constitution. #MannKiBaat50 pic.twitter.com/BiS6OkRQ7T
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Tributes to Dr. Babasaheb Ambedkar. #MannKiBaat50 pic.twitter.com/zioCdWhQlZ
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Remembering the rich thoughts of Dr. Ambedkar. #MannKiBaat50 pic.twitter.com/wESapsrbSa
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