प्रिय मित्रों,

आशा है कि नव वर्ष आपके लिए सुख का संदेश लेकर आया होगा। आगामी तीन दिनों में गुजरात छठी वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट का आयोजन करने जा रहा है। इस द्विवार्षिक कार्यक्रम के आयोजन की शुरुआत हमने वर्ष २००३ से की थी। मुझे प्रसन्नता है कि पिछली पांचों समिट को ज्वलंत सफलता हासिल हुई है और ८२० अरब रुपये का पूंजीनिवेश आकर्षित कर वाइब्रेंट समिट ने गुजरात के विकास में संगीन योगदान दिया है। इस समिट के आयोजन से गुजरात व्यापार के एक वैश्विक केन्द्र के तौर पर उभरा है और हमारे लोगों के लिए विकास के अनगिनत अवसरों का निर्माण हुआ है।

मौजूदा वर्ष की वाइब्रेंट गुजरात समिट अपने फलक एवं सहभागिता के नजरिये से ज्यादा भव्य है, सिर्फ इतना ही नहीं, गुजरात के सातत्यपूर्ण, सर्वांगीण और सर्वसमावेशक विकास के लिए इस समिट में ज्ञान, चिंतन-मनन एवं नये विचारों का अद्भुत समन्वय हुआ है।

आगामी तीन दिनों के दौरान १२० राष्ट्रों का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल और राजनयिक महात्मा मंदिर सहित गुजरात के अन्य स्थलों पर उपस्थित रहेंगे। भारत के उद्योग जगत की हस्तियां और अन्य राज्यों के प्रतिनिधि भी समिट में मौजूद रहेंगे। इस समिट में विविध प्रकार के १२५ सेमिनार, विचार-विमर्श और परिषदों का आयोजन किया गया है। इनमें से कई कार्यक्रम आयोजित हो चुके हैं और अन्य कई आने वाले दिनों में आयोजित होंगे।

इतने सारे देशों और राज्यों से उच्चस्तर के प्रतिनिधि समिट में उपस्थित रहेंगे, यह कोई छोटी-मोटी बात नहीं। उनकी उपस्थिति इस बात की परिचायक है कि गुजरात के विकास मॉडल ने समग्र दुनिया का ध्यान आकृष्ट किया है और इसके लिए आप सभी - मेरे गुजरात के छह करोड़ भाई-बहन धन्यवाद के पात्र हैं। आपके द्वारा बहाए गए पसीने के फलस्वरूप ही आज गुजरात सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि समूची दुनिया में विकास का पर्याय बन गया है।

वर्ष २०१३ की वाइब्रेंट गुजरात समिट का उद्देश्य अन्य समिट से काफी अनोखा है। पूंजीनिवेश से आगे बढ़कर इस समिट में हमने ‘ज्ञान’ को केन्द्रस्थान में रखा है। इतिहास इस बात का गवाह है कि जब-जब मनुष्य ने ज्ञान के युग में प्रवेश किया है, तब हमारा यह महान देश पथप्रदर्शक बना है। २१वीं सदी ज्ञान की सदी है और यदि इस सदी में हमें जगतगुरु बनना है तो ज्ञान के सृजन एवं विनियोग की प्रणाली को मजबूत बनाना होगा। इसलिए ही हमने ज्ञान के क्षेत्र पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया है।

कल मैं विश्व के गणमान्य विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थाओं की अंतरराष्ट्रीय परिषद में गया था। समिट के सभी कार्यक्रमों में से मेरे लिए यह सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम था। इस परिषद के माध्यम से ५६ देशों के १३५ विश्वविद्यालय/शिक्षण संस्थाएं और भारत के १४ राज्यों के ६० विश्वविद्यालय/शिक्षण संस्थाएं एक छत्र के नीचे ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए सामूहिक चिंतन-मनन करेंगे। इस परिषद के दौरान उल्लेखनीय प्रमाण में समझौता करार किए गए। वहीं, मुझे शिक्षा क्षेत्र के अत्यंत बुद्धिजीवी लोगों के साथ वार्तालाप करने का अवसर मिला। मुझे भरोसा है कि गुजरात के विश्वविद्यालयों को इस परिषद के माध्यम से काफी लाभ प्राप्त होगा।

वर्ष २०१३ की वाइब्रेंट गुजरात समिट में छोटे एवं मध्यम दर्जे के उद्योगों पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया है। चंद दिनों पहले मैं सूरत में हीरे-जवाहरात की एक प्रदर्शनी में गया था। जहां भारत सरकार की ओर से ही जारी किए गए आंकड़े मुझे ज्ञात हुए, जिसके मुताबिक देश में छोटे उद्योगों की विकास दर १९ फीसदी है, इसके मुकाबले गुजरात के लघु उद्योग ८५ फीसदी की उल्लेखनीय दर से विकास कर रहे हैं। इस विकास में वाइब्रेंट गुजरात समिट का बहुमूल्य योगदान है। इसके साथ ही यह आंकड़े गुजरात के औद्योगिक विकास को लेकर दुष्प्रचार फैला रहे गुजरात विरोधी तत्वों को एक करारा जवाब है।

इस समिट में हम टेक्नोलॉजी के आदान-प्रदान, कौशल विकास और नवीन शोधों पर ध्यान केन्द्रित करेंगे ताकि हमारे युवाओं को उनके सपनों को साकार करने का श्रेष्ठ अवसर मिल सके। आप में से प्रत्येक व्यक्ति अपने विकास का पथ स्वयं निर्मित कर सके और राष्ट्र की समृद्धि में अपना योगदान दे सके, यही हमारी अभिलाषा है।

ग्लोबल ट्रेड शो-२०१३ इस वर्ष की ग्लोबल समिट के सबसे आकर्षक पहलुओं में से एक है। एक लाख वर्ग मीटर से भी अधिक क्षेत्र में फैले भारत के इस सबसे बड़े व्यापार मेले में १,२०० कंपनियों के तकरीबन २५,००० उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है। महिला उद्योगकर्ताओं को प्रोत्साहन देने के वास्ते यहां एक अलहदा पैवेलियन बनाया गया है। मेरी गुजारिश है कि आप सभी इस प्रदर्शनी को निहारें।

मैं आप सभी को गुजरात आने का आमंत्रण देता हूं, और मुझे यकीन है कि गुजरात जिसके लिए जाना जाता है, ऐसे उसके अतिथि सत्कार से मोहित हुए बिना आप नहीं रहेंगे। मुझे उम्मीद है कि इस समिट में आप अपने समय का फलदायी उपयोग कर सकेंगे। आप नये लोगों से मिल सकेंगे एवं प्रदर्शनी और परिषद का अधिकतम लाभ उठा सकेंगे। पिछले कुछ दिनों के दौरान मुझे समिट के अंतर्गत आयोजित विविध परिषद और विचार-विमर्श के कार्यक्रमों में जाने का अवसर मिला, अनेक नये लोगों से मुलाकात कर ज्ञान के आदान-प्रदान का अनुभव मेरे लिए अत्यंत लाभदायी रहा।

इस समिट का आयोजन दुनिया भर में मशहूर उत्तरायण त्योहार के दौरान किया गया है। मैं आप सभी को गुजरात की इस अनोखी विरासत का अनुभव करने और रंगबिरंगे आकाश को निहारने का लुत्फ उठाने का आमंत्रण देता हूं।

इस समिट में गुजरात के सहयोगी देश जापान और कनाडा का मैं विशेष आभार व्यक्त करता हूं। गुजरात सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा दिन-रात परिश्रम कर समिट को सफल बनाने के लिए मैं ह्रदय से उनके प्रति आभार व्यक्त करता हूं।

वाइब्रेंट गुजरात-२०१३ में आपका स्वागत है।

आपका

नरेन्द्र मोदी

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रण उत्सव: एक अद्भुत अनुभव
December 21, 2024

सफेद रण बुला रहा है!

एक अविस्मरणीय अनुभव आपका इंतजार कर रहा है!

आइए, संस्कृति, इतिहास और लुभावनी सुंदरता के अनूठे मिश्रण में खो जाइए!

भारत के पश्चिमी छोर पर स्थित कच्छ, एक मनमोहक स्थान है और समृद्ध विरासत का प्रतीक है। कच्छ में प्रसिद्ध सफेद रण है, जो एक विशाल नमक का रेगिस्तान है और चाँदनी में चमकता है, जिससे अलौकिक अनुभव मिलता है। यह अपनी समृद्ध कला और शिल्प के लिए भी समान रूप से प्रसिद्ध है।

और, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह सबसे अधिक मेहमाननवाज़ लोगों का घर है, जो अपनी जड़ों पर गर्व करते हैं और दुनिया के साथ जुड़ने के लिए उत्सुक हैं।

प्रत्येक वर्ष, कच्छ के स्नेही लोग प्रतिष्ठित रण उत्सव के लिए अपने दरवाजे खोलते हैं - जो इस क्षेत्र की विशिष्टता, लुभावनी सुंदरता और चिरस्थायी भावना का चार महीने तक चलने वाला जीवंत उत्सव है।

इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आप सभी डायनमिक, मेहनती पेशेवरों और आपके परिवारों को कच्छ आने और रण उत्सव का आनंद लेने के लिए अपना व्यक्तिगत निमंत्रण दे रहा हूँ। इस वर्ष का रण उत्सव, जो 1 दिसंबर 2024 को शुरू हुआ है, 28 फरवरी 2025 तक चलेगा, जिसमें रण उत्सव में टेंट सिटी मार्च 2025 तक खुली रहेगी।

मैं आप सभी को आश्वस्त करता हूँ कि रण उत्सव एक यादगार अनुभव होगा।

टेंट सिटी, सफेद रण की खूबसूरत पृष्ठभूमि में आरामदायक ठहरने की सुविधा प्रदान करती है। जो लोग रिलैक्स करना चाहते हैं, उनके लिए यह सही जगह है।

और, जो लोग इतिहास और संस्कृति के नए पहलुओं की खोज करना चाहते हैं, उनके लिए भी यहाँ बहुत कुछ करने को है। रण उत्सव की गतिविधियों के अलावा, आप ये भी कर सकते हैं:

UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट (सिंधु घाटी सभ्यता से संबंधित) धोलावीरा की यात्रा के साथ अपने प्राचीन अतीत से जुड़ें।

विजय विलास पैलेस, काला डूंगर घूम कर प्रकृति से जुड़ें।

सफेद नमक के मैदानों से घिरी ‘रोड टू हेवन’ भारत की सबसे खूबसूरत सड़क है। यह लगभग 30 किलोमीटर लंबी है और खावड़ा को धोलावीरा से जोड़ती है।

लखपत किला देखकर हमारी गौरवशाली संस्कृति से जुड़ें।

माता नो मढ़ आशापुरा मंदिर में प्रार्थना करके अपनी आध्यात्मिक जड़ों से जुड़ें।

श्यामजी कृष्ण वर्मा स्मारक, क्रांति तीर्थ पर श्रद्धांजलि अर्पित करके हमारे स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ें।

और, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप कच्छी हस्तशिल्प की विशेष दुनिया में जा सकते हैं, जहां प्रत्येक उत्पाद अनूठा है और कच्छ के लोगों की प्रतिभा का प्रतीक है।

कुछ समय पहले, मुझे स्मृति वन का उद्घाटन करने का अवसर मिला; 26 जनवरी 2001 के भूकंप में हम जिन लोगों को खो चुके हैं, यह उनकी याद में एक स्मारक है। यह आधिकारिक तौर पर दुनिया का सबसे खूबसूरत म्यूजियम है, जिसने UNESCO में प्रिक्स वर्सेल्स 2024 वर्ल्ड टाइटल - इंटीरियर्स जीता है! यह भारत का एकमात्र म्यूजियम भी है जिसने यह उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। यह इस बात की याद दिलाता है कि कैसे ह्यूमन स्पिरिट सबसे चुनौतीपूर्ण वातावरण में भी अनुकूलन, पनपने और बढ़ने में सक्षम है।

तब और अब, एक तुलनात्मक झलक:

करीब बीस साल पहले, अगर आपको कच्छ में आमंत्रित किया जाता, तो आपको लगता कि कोई आपके साथ मज़ाक कर रहा है। आखिरकार, भारत के सबसे बड़े जिलों में से एक होने के बावजूद, कच्छ को बड़े पैमाने पर नजरअंदाज किया गया और उसके हाल पर छोड़ दिया गया। कच्छ की एक तरफ रेगिस्तान है और दूसरी तरफ पाकिस्तान।

कच्छ ने 1999 में सुपरसाइक्लोन और 2001 में भीषण भूकंप देखा। सूखे की समस्या लगातार बनी रही।

सभी ने कच्छ का खत्म मान लिया था।

लेकिन उन्हें कच्छ के लोगों के दृढ़ संकल्प का अनुमान नहीं था।

कच्छ के लोगों ने दिखा दिया कि वे किस मिट्टी के बने हैं, और 21वीं सदी की शुरुआत में उन्होंने एक ऐसा बदलाव शुरू किया जो इतिहास में अद्वितीय है।

हमने मिलकर कच्छ के सर्वांगीण विकास पर काम किया। हमने आपदाओं से निपटने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया और साथ ही, हमने आजीविका के ऐसे साधनों के निर्माण पर भी ध्यान केंद्रित किया जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि कच्छ के युवाओं को काम की तलाश में अपने घरों से बाहर न जाना पड़े।

21वीं सदी के पहले दशक के अंत तक, लगातार सूखे के लिए जानी जाने वाली भूमि; खेतीबाड़ी के लिए जानी जाने लगी। आम सहित कच्छ के फल विदेशी बाजारों में पहुँच गए। कच्छ के किसानों ने ड्रिप सिंचाई और अन्य तकनीकों में महारत हासिल कर ली, जिससे पानी की हर बूंद की बचत हुई और साथ ही अधिकतम उत्पादकता भी सुनिश्चित हुई।

गुजरात सरकार के इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट पर जोर ने जिले में निवेश सुनिश्चित किया। हमने कच्छ के समुद्रतट का भी उपयोग किया, ताकि इस क्षेत्र को समुद्री व्यापार केंद्र के रूप में फिर से महत्वपूर्ण बनाया जा सके।

वर्ष 2005 में कच्छ की छुपी हुई पर्यटन क्षमता का लाभ उठाने के लिए रण उत्सव की शुरुआत की गई। यह अब एक जीवंत पर्यटन केंद्र बन गया है। रण उत्सव को कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं।

धोरडो गाँव, जो हर साल रण उत्सव का आयोजन करता है, को यूनाइटेड नेशंस वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन (UNWTO) द्वारा 2023 का बेस्ट टूरिज्म विलेज चुना गया। यह गाँव अपनी सांस्कृतिक धरोहर, टिकाऊ पर्यटन और ग्रामीण विकास के लिए जाना जाता है।

इसलिए, मुझे उम्मीद है कि जल्द ही मैं आपसे कच्छ में मिलूंगा! अपने अनुभव सोशल मीडिया पर भी साझा करें, ताकि दूसरों को भी कच्छ आने के लिए प्रेरित किया जा सके।

मैं इस अवसर पर आपको 2025 की शुभकामनाएं देता हूं और आशा करता हूं कि आने वाला वर्ष आपके और आपके परिवारों के लिए सफलता, समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य लेकर आए!