4 मार्च 2019 को विश्व उमिया धाम परिसर की आधारशिला रखने के भव्य कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, "मेरा आपसे अनुरोध है, क्या आप मेरी मदद करेंगे।"

जब एक राजनीतिक व्यक्तित्व इस तरह का बयान देता है, तो सहज प्रतिक्रिया यह होगी कि वह वोट या समर्थन मांग रहा है। आखिरकार, भारत की यह राजनीतिक संस्कृति दशकों से है।

 

हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी ने सभा में कहा कि वे चाहते हैं कि लोग लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के साथ कन्या भ्रूण हत्या की शर्मनाक प्रथा को कभी नहीं अपनाने का संकल्प लें।

पद संभालने के बाद से ही प्रधानमंत्री मोदी ने लैंगिक समानता और विशेष रूप से महिलाओं के सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने के लिए आगे बढ़ चढ़कर काम किया है। उन्होंने कई बार महिला उत्थान की बात की और महिला आधारित विकास पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत हरियाण से की, जहां लड़के और लड़कियों के लिंगानुपात में ज्यादा अंतर रहा है। पिछले पांच वर्षों में इस अभियान को अभूतपूर्व परिणाम मिली है।

मुद्रा योजना का उद्देश्य लाखों लोगों की आकांक्षाओं को पंख देना है। इसमें अधिकांश लाभार्थी महिला हैं।

 

एक क्रांतिकारी कदम में महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत परिवार की महिला सदस्यों को घर आवंटित किए जाते हैं। यह छोटा प्रतीत होने वाला कदम महिलाओं की गरिमा की रक्षा और सुरक्षा की दिशा में काफी महत्वपूर्ण है।

 

डिस्कलेमर :

यह उन कहानियों या खबरों को इकट्ठा करने के प्रयास का हिस्सा है जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और लोगों के जीवन पर उनके प्रभाव पर उपाख्यान / राय / विश्लेषण का वर्णन करती हैं।

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प्रधानमंत्री मोदी का मार्मिक पत्र
December 03, 2024

दिव्यांग आर्टिस्ट दीया गोसाई के लिए रचनात्मकता का एक पल, जीवन बदलने वाले अनुभव में बदल गया। 29 अक्टूबर को पीएम मोदी के वडोदरा रोड शो के दौरान, उन्होंने पीएम मोदी और स्पेन सरकार के राष्ट्रपति महामहिम श्री पेड्रो सांचेज़ के अपने स्केच भेंट किए। दोनों नेताओं ने व्यक्तिगत रूप से उनके भावनात्मक उपहार को स्वीकार किया, जिससे वह बहुत खुश हुईं।

कुछ सप्ताह बाद, 6 नवंबर को, दीया को प्रधानमंत्री से एक पत्र मिला जिसमें उनकी कलाकृति की प्रशंसा की गई थी और बताया गया था कि कैसे महामहिम श्री सांचेज़ ने भी इसकी प्रशंसा की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें समर्पण के साथ ललित कलाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया, और "विकसित भारत" के निर्माण में युवाओं की भूमिका पर विश्वास व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने उनके परिवार को दीपावली और नववर्ष की शुभकामनाएं भी दीं, जो उनके व्यक्तिगत जुड़ाव को दर्शाता है।

खुशी से अभिभूत दीया ने अपने माता-पिता को वह पत्र पढ़कर सुनाया, जो इस बात से बहुत खुश थे कि उसने परिवार को इतना बड़ा सम्मान दिलाया। दीया ने कहा, "मुझे अपने देश का एक छोटा सा हिस्सा होने पर गर्व है। मोदी जी, मुझे अपना स्नेह और आशीर्वाद देने के लिए धन्यवाद।" उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री के पत्र से उन्हें जीवन में साहसिक कदम उठाने और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करने की गहरी प्रेरणा मिली।

पीएम मोदी का यह कदम, दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने और उनके योगदान को सम्मान देने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सुगम्य भारत अभियान जैसी अनेक पहलों से लेकर दीया जैसे व्यक्तिगत जुड़ाव तक, वह लगातार प्रेरणा देते हैं और उत्थान करते हैं, यह साबित करते हुए कि उज्जवल भविष्य बनाने में हर प्रयास महत्वपूर्ण है।