विकास के क्षेत्र में जी-20 को सतत विकास एजेंडा 2030 को प्रभावी ढंग से लागू करना चाहिए और इसके लिए पर्याप्त धन सुनिश्चित करना चाहिए: पीएम
वैश्विक वित्त के क्षेत्र में जी-20 को वैश्विक आर्थिक संस्थानों का पुनर्गठन करने के निर्णयों के कार्यान्वयन पर ध्यान देना चाहिए: पीएम
जी-20 को बहुपक्षीय और क्षेत्रीय वित्तीय संस्थानों के बीच अधिक से अधिक सहयोग पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए: प्रधानमंत्री
हमारा लक्ष्य नियम आधारित वैश्विक व्यापार प्रणाली होना चाहिए, नए व्यापारिक ब्लॉक से वैश्विक व्यापार व्यवस्था का विभाजन नहीं होना चाहिए: पीएम
हमें दोहा विकास कार्यसूची को पूरा करने में तेजी लाना चाहिए: प्रधानमंत्री मोदी
हमारा लक्ष्य अधिक से अधिक कुशल एवं गतिशील पेशेवर और वैश्विक कौशल बल बाजार बनाने पर होगा: प्रधानमंत्री
जी-20 की प्राथमिकताओं में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के सिद्धांतों पर आधारित सीओपी-21 के सफल परिणाम को शामिल करना चाहिए: प्रधानमंत्री
हमें स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग, दक्षता और इसे खरीदने की क्षमता बढ़ाने के लिए स्वच्छ एवं अक्षय ऊर्जा पर अनुसंधान एवं विकास को बढ़ाना होगा: प्रधानमंत्री
जी-20 को सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए मजबूत वैश्विक कार्रवाई को बढ़ावा देना चाहिए: प्रधानमंत्री मोदी
जी-20 को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन को जल्द से जल्द शुरू करने पर ज़ोर देना चाहिए: प्रधानमंत्री मोदी
ब्रिक्स अर्थव्यवस्थाएं मजबूत और स्थिर रहेंगी तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए मजबूती का स्रोत बनी रहेंगी: प्रधानमंत्री
भारत आपसी विश्वास, सम्मान और पारदर्शिता की भावना के साथ ब्रिक्स भागीदारों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा: प्रधानमंत्री मोदी

माननीयों,

हम ब्रिक्स की आर्थिक पहलों पर गर्व कर सकते हैं। इनसे न सिर्फ ब्रिक्स देशों की अर्थव्यवस्थाओं को मजबूती मिलेगी, बल्कि इससे विकासशील विश्व को फायदा होगा।

ब्रिक्स के तौर पर हमें जी20 के एजेंडे और गतिविधियों को अपनी प्राथमिकताओं को सामने रखना चाहिए।

पहला, क्षेत्र के विकास में जी20 को पहले बिंदु के रूप में इसे प्राथमिकता पर रखना चाहिए

 -टिकाऊ विकास एजेंडा (सस्टेनेबल डेवलपमेंट एजेंडा) 2030 का प्रभावी कार्यान्वयन और इसके लिए समुचित फंडिंग सुनिश्चित करना।

 दूसरा, वैश्विक फाइनेंस के क्षेत्र में जी20 को इस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए

 -वैश्विक आर्थिक संस्थानों के पुनर्गनठन के फैसलों का कार्यान्वयन

-वैश्विक और क्षेत्रीय वित्तीय संस्थानों के बीच व्यापक भागीदारी।

-विकासशील देशों में बुनियादी ढांचे के लिए दीर्घकालिक वित्तपोषण को बढ़ाना।

-अगली पीढ़ी के, पर्यावरण अनुकूल बुनियाद ढांचे का विकास करना। इसमें कचरे को बुनियादी ढांचे के लिए इनपुट्स (कच्चे माल) में तब्दील करना भी शामिल होगा।

-2030 से वैश्विक उत्प्रेषण (रेमिटेंस) की लागत में कमी लाना।

-भ्रष्टाचार को रोकने के लिए व्यापक समन्वय और विदेश में जमा बेनामी धन को जब्त करने के लिए भागीदारी व उसकी आवाजाही को रोकना।

तीसरा, हमें कारोबार के क्षेत्र में ध्यान केंद्रित करना चाहिए

-नियम आधारित वैश्विक कारोबारी व्यवस्था को मजबूत बनाना और सुनिश्चित करना कि नए ट्रेडिंग ब्लॉक्स से वैश्विक कारोबारी व्यवस्था में विभाजन नहीं हो।

-दोहा विकास एजेंडा को तेजी से पूरा करना।

-कुशल पेशेवरों की आवाजाही को बढ़ावा देना और एक वैश्विक कुशल कार्यबल बाजार तैयार करना।

चौथा, जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में जी20 की प्राथमिकताओं में यह भी शामिल होना चाहिए

-यूएन फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज के सिद्धांतों पर आधारित सीओपी 21 के सफल आउटकम में समान लेकिन विभेदित जिम्मेदारियों के सिद्धांत को शामिल करना।

-विकासशील देशों को क्लाइमेट फाइनेंस और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण आसान बनाना।

-स्वच्छ ऊर्जा की उपलब्धता, कुशलता और वहनीयता को बढ़ाने के लिए स्वच्छ और नवीनीकृत ऊर्जा पर शोध एवं विकास को प्रोत्साहन देना।

-अगली पीढ़ी के और जलवायु प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के विकास में सहयोग देना।

-भारत द्वारा प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय सौर अलायंस को समर्थन देना।

पांचवां, जी20 को इनके माध्यम से सुरक्षा संबंधी चुनौतियों से पार पाने के लिए एक मजबूत वैश्विक योजना को आगे बढ़ाना चाहिए

-आतंकवादियों के वित्त, आपूर्ति और कम्युनिकेशन चैनलों को बंद करने के लिए एक व्यापक वैश्विक रणनीति।

-आतंकवादी समूहों को हथियारों और विस्फोटकों की आपूर्ति पर रोक लगाना।

-आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लए एक विशेष अंतरराष्ट्रीय कानूनी व्यवस्था विकसित करना।

-आतंकवादी समूहों द्वारा साइबर नेटवर्क्स के इस्तेमाल को रोकने के लिए भागीदारी।

-कॉम्प्रिहेंसिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेररिज्म को जल्द से जल्द स्वीकार किया जाना।

मुझे भरोसा है कि ब्रिक्स अर्थव्यवस्थाएं आगे भी मजबूत और टिकाऊ बनी रहेंगी, साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूती का स्रोत बनी रहेंगी।

माननीयों,

ब्रिक्स इकोनॉमिक कोऑपरेशन के लिए रणनीति जिसे ऊफा में ही मान्यता दे दी गई थी, एक अहम फ्रेमवर्क दस्तावेज है।

कॉन्टैक्ट ग्रुप ऑन ट्रेड एंड इकोनॉमिक इश्यूज एंड बिजनेस काउंसिल को समयबद्ध तरीके से रणनीति के कार्यान्वयन के लिए एक कार्ययोजना तैयार करनी चाहिए।

ब्रिक्स के हर सदस्य देश को रणनीति (स्ट्रैटजी) में सूचीबद्ध कम से कम दो प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में बढ़त लेनी चाहिए।

यह उचित रहेगा, यदि पहली संयुक्त बैठक रूस की अध्यक्षता में होती है।

संयुक्त बैठक 2020 तक कारोबार, आर्थिक और निवेश भागीदारी के लिए रोडमैप पर भी काम कर सकती है।

माननीयों,

हमें उम्मीद है कि न्यू डेवलपमेंट बैंक जल्द से जल्द अपना परिचालन शुरू कर देगा। जैसा कि मैंने ऊफा में कहा था कि उसका पहला प्रोजेक्ट स्वच्छ ऊर्जा पर होना चाहिए, जो मुख्य रूप से सभी ब्रिक्स राष्ट्रों में होना चाहिए।

हमें न्यू डेवलपमेंट बैंक इंस्टीट्यूट या एनडीबीआई जैसा एक सहयोगी ढांचा बनाना चाहिए, जिसे योजनाओं के बैंक, अनुभव के भंडार और एक ज्ञान के पावरहाउस के रूप में काम करना चाहिए। यह कॉन्टिनजेंसी रिजर्व अरेंजमेंट्स के लिए इनपुट भी उपलब्ध करा सकता है।

माननीयों,

भारत पारस्परिक विश्वास, सम्मान और पारदर्शिता की भावना के साथ ब्रिक्स के अपने भागीदार देशों के साथ मिलकर काम करते रहेंगे।

मैंने ऊफा में कुछ विचार साझा किए थे। इनमें व्यापार मेले; कृषि शोध; रेलवे शोध; डिजिटल पहल; ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकी; राज्यों, शहरों और स्थानीय निकायों के बीच भागीदारी; फिल्म और खेलों के क्षेत्र में आदान-प्रदान को बढ़ावा देना शामिल है।

हम इन पर काम करते रहेंगे और ब्रिक्स के एजेंडे पर कई नए विचारों को सामने रखते रहेंगे।

हम ब्रिक्स के संस्थागत ढांचे को और मजबूत बनाने के लिए आपके साथ मिलकर काम करते रहेंगे।

मैं अगले साल भारत में होने वाली 8वीं समिट के लिए आपका इंतजार कर रहा हूं।

 आपको धन्यवाद।

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दूसरी भारत-ऑस्ट्रेलिया वार्षिक शिखर बैठक
November 20, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi and Prime Minister Anthony Albanese of Australia held the 2nd India-Australia Annual Summit on the sidelines of the G20 Summit in Rio de Janeiro on 19 November. The 1st Annual Summit was held on 10 March 2023 in New Delhi during the State Visit of Prime Minister Albanese to India.

The Prime Ministers reaffirmed their support for strengthening the India-Australia Comprehensive Strategic Partnership. They discussed cooperation in the areas of defence and security, trade and investments, education, skills and mobility, renewable energy, space, sports and people-to-people ties. A Joint Statement was issued on the occasion. The Prime Ministers also welcomed the launch of the Renewable Energy Partnership.

Both sides also exchanged views on regional and global issues of mutual interest. They also reiterated their commitment for a peaceful, stable and prosperous Indo-Pacific Region, based on respect for international law.