प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोक सभा में मंगलवार को राष्ट्रपति के संबोधन पर धन्यवाद ज्ञापन को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि किताबों के अंदर बंद इतिहास कभी भी समाज को प्रेरित नहीं कर सकता। हर युग में इतिहास को जीने का प्रयास होते रहना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘जब 1857 की स्वाधीनता संग्राम के वक्त कांग्रेस का जन्म भी नहीं हुआ था उस वक्त भी लोग देश के लिए अपनी जान देते थे। कमल तब भी था और आज भी है।’
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 24 नवंबर को शाम करीब 5:30 बजे नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 'ओडिशा पर्व 2024' कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस अवसर पर वह उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।
ओडिशा पर्व नई दिल्ली में ओडिया समाज फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसके माध्यम से, वह ओडिया विरासत के संरक्षण और प्रचार की दिशा में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने में लगे हुए हैं। परंपरा को जारी रखते हुए इस वर्ष ओडिशा पर्व का आयोजन 22 से 24 नवंबर तक किया जा रहा है। यह ओडिशा की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करते हुए रंग-बिरंगे सांस्कृतिक रूपों को प्रदर्शित करेगा और राज्य के जीवंत सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक लोकाचार को प्रदर्शित करेगा। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख पेशेवरों एवं जाने-माने विशेषज्ञों के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय सेमिनार या सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।