प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामी विवेकानंद जी की 154वीं जयंती पर कन्याकुमारी के विवेकानंदपुरम में ‘रामायण दर्शनम, भारत माता सदनम’ का लोकार्पण किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आनेवाले समय में यहां आने वाले लोगों को ‘रामायण दर्शनम’ सबसे ज्यादा प्रेरित करेगा। पीएम ने कहा कि श्रीराम भारत के कण-कण में हैं। जन-जन के मन में हैं। इसलिए जब हम श्रीराम के विषय में सोचते हैं, तो श्रीराम एक आदर्शपुत्र, भाई, पति, मित्र और आदर्श राजा के रूप में पाते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि गांधी जी भी ऐसे ही राम राज्य के शासन की बात करते थे,जहां व्यक्ति नहीं, बल्कि सिद्धांत महत्वपूर्ण हुआ करते थे। पीएम मोदी ने गोस्वामी तुलसीदास के रामचरित मानस में वर्णित राम राज्य का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि राम राज्य यानि जहां कोई गरीब ना हो, दु:खी ना हो, कोई किसी से घृणा ना करता हो, जहां सभी स्वस्थ और सुशिक्षित हों। जहां प्रकृति और मनुष्य के बीच तालमेल हो।
पीएम मोदी ने भगवान राम और भरत के बीच एक प्रसंग के बारे में भी बताया जब श्रीराम भरत से कहते हैं, ऐसी योजनाएं लागू करो जिनसे कम खर्च में ज्यादा लोगों का फायदा हो और तुरंत इनको लागू किया जाए। रामजी ने भरत से आगे कहा कि इस बात का ध्यान रखना कि आय ज्यादा हो और खर्च कम। यह भी हिदायत दी कि अपात्रों को राज्य कोष का फायदा ना मिले।