क्रम संख्या

एमओयू/समझौतों का नाम

एमओयू/समझौते का विवरण

भारतीय पक्ष

ईरानी पक्ष

1.

दोहरे कराधान से बचाव और आय पर राजकोषीय अपवंचन की रोकथाम से संबंधित समझौता।

निवेश एवं सेवाओं के प्रवाह को बढ़ावा देने के क्रम में दोनों देशों के बीच दोहरे कराधान के बोझ से बचाव।

श्रीमती सुषमा स्वराज, विदेश मंत्री

डॉ. मसूद कारबासियां, आर्थिक और वित्त मामलों के मंत्री

2.

राजनियक पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा जरूरत से छूट देने के लिए एमओयू

हर देश में राजनयिक पासपोर्ट धारकों को यात्रा के लिए वीजा की जरूरत से छूट देना

श्रीमती सुषमा स्वराज, विदेश मंत्री

डॉ. मोहम्मद जावेद जरीफ, विदेश मंत्री

3.

प्रत्यर्पण संधि के अनुसमर्थन के दस्तावेज के लेनदेन

भारत और ईरान के बीच 2008 में हुई प्रत्यर्पण संधि अमल में आई।

श्रीमती सुषमा स्वराज, विदेश मंत्री

डॉ. मोहम्मद जावेद जरीफ, विदेश मंत्री

4.

बंदरगाह र सामुद्रिक संगठन (पीएमओ), ईरान और इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (आईपीजीएल) के बीच अंतरिम अवधि के दौरान चाबाहार के चरण 1-शाहिद बेहेस्ती बंदरगाह के लिए पट्टा अनुबंध

मौजूदा बंदरगाह सुविधाओं को अधिकार में लेने के लिए डेढ़ सौर वर्ष (18 महीने) की अवधि के लिए बहुद्देश्यीय क्षेत्र के एक हिस्से और कंटेनर टर्मिनल को पट्टे पर लेना

श्री नितिन गडकरी, पोत परिवहन मंत्री

डॉ. अब्बास अखुंडी, सड़क एवं शहरी विकास मंत्री

5.

दवाओं की पारंपरिक पद्धतियों के क्षेत्र में सहयोग के लिए एमओयू

शिक्षा, अभ्यास, दवाओं और दवारहित उपचार; सभी दवा सामग्रियों और दस्तावेजों की आपूर्ति; प्रशिक्षण विशेषज्ञों, चिकित्सा सहायकों, वैज्ञानिकों, शैक्षणिक पेशेवरों और छात्रों को एक-दूसरे देश में भेजना और अनुसंधान, शिक्षण और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए संस्थानों में जगह दिलाना; दवा संबंधी पुस्तकों और नियमावलियों को परस्पर मान्यता देना; शिक्षण संस्थानों की स्थापना; छात्रवृत्ति के प्रावधान; परस्पर भागीदारी के आधार पर पारंपरिक तैयारियों को मान्यता; परस्पर भागीदारी के आधार पर अभ्यास को मंजूरी देने सहित दवाओं की पारंपरिक पद्धतियों में भागीदारी विकसित करना और मजबूत बनाना।

श्री विजय गोखले, विदेश सचिव

एच. ई. घोलामिर्जा अंसारी, ईरान के राजदूत

6.

पारस्परिक हित के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के वास्ते व्यापार में सुधार के उपायों के पर विशेषज्ञ समूह की स्थापना के लिए एमओयू

इसका उद्देश्य एंटी डंपिंग और काउंटरवीलिंग ड्यूटी के लिहाज से व्यापार में सुधार के उपायों में सहयोग का एक फ्रेमवर्क स्थापित करना है।

श्रीमती रीता तिओतिया, सचिव (वाणिज्य)

डॉ. मोहम्मद खाजेई, आर्थिक मामले और वित्त उप मंत्री

7.

कृषि एवं संबंधित सेक्टरों के क्षेत्र में सहयोग पर एमओयू।

संयुक्त गतिविधियों, कार्यक्रमों, सूचना एवं कर्मचारियों के आदान प्रदान; कृषि फसलों, कृषि विस्तार, बागवानी, मशीनरी, कृषि बाद प्रौद्योगिकी, पौधों को अलग करने उपाय, कर्ज एवं भागीदारी, मृदा संरक्षण, बीज तकनीक, पशुधन सुधार, दुग्ध विकास सहित कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग।

श्री एस के पटनायक, सचिव (कृषि)

डॉ. मोहम्मद खाजेई, आर्थिक मामले और वित्त उप मंत्री

8.

स्वास्थ्य एवं दवा के क्षेत्र में सहयोग पर एमओयू

प्रौद्योगिकी, वैज्ञानिक, वित्तीय एवं मानव संसाधन; स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण में मानव, सामग्री और बुनियादी ढांचागत संसाधनों की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार; चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों के प्रशिक्षण से जुड़े अनुभवों के आदान-प्रदान; मानव संसाधनों के विकास एवं स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थापना में सहयोग; दवा, चिकित्सा उपकरण एवं कॉस्मेटिक्स के नियमन एवं आदान प्रदान; चिकित्सा अनुसंधान में सहयोग; सार्वजनिक स्वास्थ्य, टिकाऊ विकास से लक्ष्यों (एसडीजी) और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य में सहयोग सहित दोनों पक्षों के बीच व्यापक अंतर मंत्रालयी और अंतर संस्थानिक सहयोग की स्थापना।

श्री विजय गोखले, विदेश सचिव

एच. ई. घोलामिर्जा अंसारी, ईरान के राजदूत

9.

डाक सहयोग पर सहयोग।

अनुभवों, ई-कॉमर्स/लॉजिस्टिक सेवाओं में जानकारियों और प्रोद्योगिकी; डाक टिकट पर सहयोग; विशेषज्ञों के कार्यकारी समूह की स्थापना; दोनों देशों की वायु और सतह पारगमन क्षमताओं के इस्तेमाल पर व्यवहार्य अध्ययन के आदान प्रदान सहित दोनों डाक एजेंसियों के बीच सहयोग।

श्री अनंत नारायण नंदा, सचिव (डाक)

एच. ई. घोलामिर्जा अंसारी, ईरान के राजदूत

 

यात्रा के दौरान व्यापारिक संगठनों के निम्नलिखित एमओयू भी हुएः


(1). ईईपीसी इंडिया और ईरान के व्यापार प्रोत्साहन संगठन के बीच एमओयू।


(2). फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) और ईरान चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्रीज, माइन्स एंड एग्रीकल्चर (आईसीसीआईएमए) के बीच एमओयू।


(3). एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) और ईरान चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्रीज, माइन्स एंड एग्रीकल्चर (आईसीसीआईएमए) के बीच एमओयू।


(4). पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) और ईरान चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्रीज, माइन्स एंड एग्रीकल्चर (आईसीसीआईएमए) के बीच एमओयू।

क्रम संख्या

एमओयू/समझौतों का नाम

एमओयू/समझौते का विवरण

भारतीय पक्ष

ईरानी पक्ष

1.

दोहरे कराधान से बचाव और आय पर राजकोषीय अपवंचन की रोकथाम से संबंधित समझौता।

निवेश एवं सेवाओं के प्रवाह को बढ़ावा देने के क्रम में दोनों देशों के बीच दोहरे कराधान के बोझ से बचाव।

श्रीमती सुषमा स्वराज, विदेश मंत्री

डॉ. मसूद कारबासियां, आर्थिक और वित्त मामलों के मंत्री

2.

राजनियक पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा जरूरत से छूट देने के लिए एमओयू

हर देश में राजनयिक पासपोर्ट धारकों को यात्रा के लिए वीजा की जरूरत से छूट देना

श्रीमती सुषमा स्वराज, विदेश मंत्री

डॉ. मोहम्मद जावेद जरीफ, विदेश मंत्री

3.

प्रत्यर्पण संधि के अनुसमर्थन के दस्तावेज के लेनदेन

भारत और ईरान के बीच 2008 में हुई प्रत्यर्पण संधि अमल में आई।

श्रीमती सुषमा स्वराज, विदेश मंत्री

डॉ. मोहम्मद जावेद जरीफ, विदेश मंत्री

4.

बंदरगाह र सामुद्रिक संगठन (पीएमओ), ईरान और इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (आईपीजीएल) के बीच अंतरिम अवधि के दौरान चाबाहार के चरण 1-शाहिद बेहेस्ती बंदरगाह के लिए पट्टा अनुबंध

मौजूदा बंदरगाह सुविधाओं को अधिकार में लेने के लिए डेढ़ सौर वर्ष (18 महीने) की अवधि के लिए बहुद्देश्यीय क्षेत्र के एक हिस्से और कंटेनर टर्मिनल को पट्टे पर लेना

श्री नितिन गडकरी, पोत परिवहन मंत्री

डॉ. अब्बास अखुंडी, सड़क एवं शहरी विकास मंत्री

5.

दवाओं की पारंपरिक पद्धतियों के क्षेत्र में सहयोग के लिए एमओयू

शिक्षा, अभ्यास, दवाओं और दवारहित उपचार; सभी दवा सामग्रियों और दस्तावेजों की आपूर्ति; प्रशिक्षण विशेषज्ञों, चिकित्सा सहायकों, वैज्ञानिकों, शैक्षणिक पेशेवरों और छात्रों को एक-दूसरे देश में भेजना और अनुसंधान, शिक्षण और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए संस्थानों में जगह दिलाना; दवा संबंधी पुस्तकों और नियमावलियों को परस्पर मान्यता देना; शिक्षण संस्थानों की स्थापना; छात्रवृत्ति के प्रावधान; परस्पर भागीदारी के आधार पर पारंपरिक तैयारियों को मान्यता; परस्पर भागीदारी के आधार पर अभ्यास को मंजूरी देने सहित दवाओं की पारंपरिक पद्धतियों में भागीदारी विकसित करना और मजबूत बनाना।

श्री विजय गोखले, विदेश सचिव

एच. ई. घोलामिर्जा अंसारी, ईरान के राजदूत

6.

पारस्परिक हित के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के वास्ते व्यापार में सुधार के उपायों के पर विशेषज्ञ समूह की स्थापना के लिए एमओयू

इसका उद्देश्य एंटी डंपिंग और काउंटरवीलिंग ड्यूटी के लिहाज से व्यापार में सुधार के उपायों में सहयोग का एक फ्रेमवर्क स्थापित करना है।

श्रीमती रीता तिओतिया, सचिव (वाणिज्य)

डॉ. मोहम्मद खाजेई, आर्थिक मामले और वित्त उप मंत्री

7.

कृषि एवं संबंधित सेक्टरों के क्षेत्र में सहयोग पर एमओयू।

संयुक्त गतिविधियों, कार्यक्रमों, सूचना एवं कर्मचारियों के आदान प्रदान; कृषि फसलों, कृषि विस्तार, बागवानी, मशीनरी, कृषि बाद प्रौद्योगिकी, पौधों को अलग करने उपाय, कर्ज एवं भागीदारी, मृदा संरक्षण, बीज तकनीक, पशुधन सुधार, दुग्ध विकास सहित कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग।

श्री एस के पटनायक, सचिव (कृषि)

डॉ. मोहम्मद खाजेई, आर्थिक मामले और वित्त उप मंत्री

8.

स्वास्थ्य एवं दवा के क्षेत्र में सहयोग पर एमओयू

प्रौद्योगिकी, वैज्ञानिक, वित्तीय एवं मानव संसाधन; स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण में मानव, सामग्री और बुनियादी ढांचागत संसाधनों की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार; चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों के प्रशिक्षण से जुड़े अनुभवों के आदान-प्रदान; मानव संसाधनों के विकास एवं स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थापना में सहयोग; दवा, चिकित्सा उपकरण एवं कॉस्मेटिक्स के नियमन एवं आदान प्रदान; चिकित्सा अनुसंधान में सहयोग; सार्वजनिक स्वास्थ्य, टिकाऊ विकास से लक्ष्यों (एसडीजी) और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य में सहयोग सहित दोनों पक्षों के बीच व्यापक अंतर मंत्रालयी और अंतर संस्थानिक सहयोग की स्थापना।

श्री विजय गोखले, विदेश सचिव

एच. ई. घोलामिर्जा अंसारी, ईरान के राजदूत

9.

डाक सहयोग पर सहयोग।

अनुभवों, ई-कॉमर्स/लॉजिस्टिक सेवाओं में जानकारियों और प्रोद्योगिकी; डाक टिकट पर सहयोग; विशेषज्ञों के कार्यकारी समूह की स्थापना; दोनों देशों की वायु और सतह पारगमन क्षमताओं के इस्तेमाल पर व्यवहार्य अध्ययन के आदान प्रदान सहित दोनों डाक एजेंसियों के बीच सहयोग।

श्री अनंत नारायण नंदा, सचिव (डाक)

एच. ई. घोलामिर्जा अंसारी, ईरान के राजदूत

 

यात्रा के दौरान व्यापारिक संगठनों के निम्नलिखित एमओयू भी हुएः


(1). ईईपीसी इंडिया और ईरान के व्यापार प्रोत्साहन संगठन के बीच एमओयू।


(2). फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) और ईरान चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्रीज, माइन्स एंड एग्रीकल्चर (आईसीसीआईएमए) के बीच एमओयू।


(3). एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) और ईरान चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्रीज, माइन्स एंड एग्रीकल्चर (आईसीसीआईएमए) के बीच एमओयू।


(4). पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) और ईरान चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्रीज, माइन्स एंड एग्रीकल्चर (आईसीसीआईएमए) के बीच एमओयू।

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PM to attend Christmas Celebrations hosted by the Catholic Bishops' Conference of India
December 22, 2024
PM to interact with prominent leaders from the Christian community including Cardinals and Bishops
First such instance that a Prime Minister will attend such a programme at the Headquarters of the Catholic Church in India

Prime Minister Shri Narendra Modi will attend the Christmas Celebrations hosted by the Catholic Bishops' Conference of India (CBCI) at the CBCI Centre premises, New Delhi at 6:30 PM on 23rd December.

Prime Minister will interact with key leaders from the Christian community, including Cardinals, Bishops and prominent lay leaders of the Church.

This is the first time a Prime Minister will attend such a programme at the Headquarters of the Catholic Church in India.

Catholic Bishops' Conference of India (CBCI) was established in 1944 and is the body which works closest with all the Catholics across India.