रम संख्या |
समझौता/समझौता ज्ञापन/संधि और समझौते का उद्देश्य |
मंत्री का नाम/भारत और कंबोडिया की ओर से समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान करने वाले अधिकारियों के नाम |
1. |
2018 से 2022 के बीच कंबोडिया के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम। सीईपी के तहत भारत और कंबोडिया के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहन और आपसी संबंधों को सुदृढ़ करना। |
भारतीय पक्षः डॉ. महेश शर्मा, संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सरकार कंबोडिया पक्षः श्रीमती फोउरंग सकोना संस्कृति और ललितकला मंत्री कंबोडिया सरकार |
2. |
एक्ज़िम बैंक, भारत सरकार और कंबोडिया सरकार के बीच क्रेडिट लाइन समझौता। इसके तहत 36.92 मिलियन डॉलर की स्टंग सवा हब जल संसाधन विकास परियोजना को ऋण मुहैया कराया जाएगा। |
भारतीय पक्षः श्रीमती प्रीती सरन, सचिव (पूर्व) विदेश मंत्रालय कंबोडिया पक्षः श्री फान फल्ला, अवर सचिव, अर्थव्यवस्था और वित्त मंत्रालय कंबोडिया सरकार |
3. |
आपराधिक मामलों में परस्पर कानूनी सहयोग। इसका उद्देश्य आपराधिक मामलों में विधिक सहयोग के जरिए दोनों देशों के बीच अपराध को रोकने, जांच और आपराधिक मामलों में अभियोग के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना है। |
भारतीय पक्षः श्रीमती प्रीती सरन, सचिव (पूर्व) विदेश मंत्रालय कंबोडिया पक्षः श्री सियेंग लाप्रेस, सलाहकार, अंतर्राष्ट्रीय अपराध के प्रभारी, गृह मंत्रालय कंबोडिया सरकार |
4. |
आपसी सहयोग के जरिए मानव तस्करी को रोकने के लिए समझौता ज्ञापन। इसके तहत मानव तस्करी से जुड़े अपराधों की रोकथाम, मदद और पीड़ितों की स्वदेश वापसी के क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ाना। |
भारतीय पक्षः श्रीमती प्रीती सरन, सचिव (पूर्व) विदेश मंत्रालय कंबोडिया पक्षः श्रीमती चो बुन ऐंग, सचिव, गृह मंत्रालय (मानव तस्करी) कंबोडिया सरकार |
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 24 नवंबर को शाम करीब 5:30 बजे नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 'ओडिशा पर्व 2024' कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस अवसर पर वह उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।
ओडिशा पर्व नई दिल्ली में ओडिया समाज फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसके माध्यम से, वह ओडिया विरासत के संरक्षण और प्रचार की दिशा में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने में लगे हुए हैं। परंपरा को जारी रखते हुए इस वर्ष ओडिशा पर्व का आयोजन 22 से 24 नवंबर तक किया जा रहा है। यह ओडिशा की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करते हुए रंग-बिरंगे सांस्कृतिक रूपों को प्रदर्शित करेगा और राज्य के जीवंत सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक लोकाचार को प्रदर्शित करेगा। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख पेशेवरों एवं जाने-माने विशेषज्ञों के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय सेमिनार या सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।