भारत-नेपाल ने दोनों देशों के बीच संबंधों को आगे और मजबूत करने के लिए विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर किये
भारत भूकंप के बाद पुनर्निर्माण सहायता के लिए नेपाल को 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुदान देगा
भारत-नेपाल ने तराई क्षेत्र में सड़क बुनियादी सुविधाओं को और बेहतर करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये
नेपाल संगीत एवं नाटक अकादमी और संगीत नाटक अकादमी के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
भारत और नेपाल ने दोनों देशों के बीच रेल परिवहन और परिवहन मार्गों को बेहतर करने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किये
प्रधानमंत्री मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने मुजफ्फरपुर-ढल्केबार ट्रांसमिशन लाइन का उद्घाटन किया

क्रम संख्या

 (एमओयू)/समझौता

संक्षिप्त विवरण

भारतीय पक्ष की ओर से हस्ताक्षरकर्ता  

नेपाली पक्ष की ओर से हस्ताक्षरकर्ता

1.

 भूकंप के बाद पुनर्निर्माण मदद के लिए भारत सरकार के सहायता पैकेज के 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुदान  घटक के उपयोग पर एमओयू

 चार क्षेत्रों, अर्थात आवास, स्वास्थ्य, शिक्षा और सांस्कृतिक विरासत की पहचान की गई है। आवास में, 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर का उपयोग गंभीर रूप से भूकंप प्रभावित 14 जिलों में 50,000 मकानों के निर्माण के लिए किया जाएगा।  नेपाल के भूकंप प्रभावित 31 जिलों में स्वास्थ्य, शिक्षा और सांस्कृतिक विरासत के क्षेत्रों में से प्रत्येक में 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इस्तेमाल किया जाएगा। 

श्रीमती सुषमा स्वराज, विदेश मंत्री

 कमल थापा, डीपीएम और विदेश मंत्री

2.

नेपाल के तराई क्षेत्र में सड़क बुनियादी सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण पर एमओयू

 इस एमओयू से तराई सड़क प्रथम चरण परियोजना के पैकेज 2, 3, 4, 5 एवं 6 के तहत कुल 518 किलोमीटर लंबी 17 सड़कों पर शेष काम का त्वरित कार्यान्वयन संभव हो पाएगा।  पैकेज 1 के तहत कुल 87 किलोमीटर लंबी दो सड़कों का निर्माण कार्य पहले ही पूरा हो चुका है।

 रणजीत राय, भारत के राजदूत

 अर्जुन कुमार कार्की, सचिव, भौतिक परिवहन मंत्रालय

3.

संगीत एवं नाटक की नेपाल अकादमी और संगीत नाटक अकादमी के बीच एमओयू

इस एमओयू का उद्देश्य  विशेषज्ञों, कलाकारों, नर्तकियों, विद्वानों और बुद्धिजीवियों के आदान-प्रदान के जरिए कला प्रदर्शन के क्षेत्र में भारत और नेपाल के बीच आपसी संबंधों को बढ़ाना है।

 हेलेन आचार्य, सचिव, संगीत नाटक अकादमी

दीप कुमार उपाध्याय, नेपाल के राजदूत

4.

 पारगमन मार्गों पर आदान-प्रदान के पत्र : (i) ककरबित्ता-बांग्लाबंध कॉरीडोर के जरिए नेपाल और बांग्लादेश के बीच पारगमन (ii) विशाखापत्तनम बंदरगाह का परिचालन

i) भारत और नेपाल के बीच पत्रों के इस आदान-प्रदान से ककरबित्ता (नेपाल) और बांग्लाबंध (बांग्लादेश) कॉरीडोर के जरिए, भारत होते हुए पारगमन करते वक्त नेपाल और बांग्लादेश के बीच वस्तुओं की आवाजाही के तौर-तरीकों  का सरलीकरण हो जाएगा  ii) पत्रों के इस आदान-प्रदान से विशाखापत्तनम बंदरगाह के जरिए नेपाल के लिए पारगमन सुविधाएं प्राप्त होंगी।

रीता  तिवतिया, वाणिज्य सचिव

[भारत के राजदूत द्वारा आदान-प्रदान किया गया] रीता  तिवतिया, वाणिज्य सचिव [भारत के राजदूत द्वारा आदान-प्रदान किया गया]

नैनद्र प्रसाद उपाध्याय, वाणिज्य सचिव नैनद्र प्रसाद उपाध्याय, वाणिज्य सचिव

5.

रेल परिवहन पर आदान-प्रदान के पत्र : (i) रेल परिवहन  विशाखापत्तनम तक/ विशाखापत्तनम से (ii) बांग्लादेश के जरिए/उसके साथ नेपाल के व्यापार के लिए सिंहाबाद के माध्यम से रेल पारगमन सुविधा  

(i) पत्रों के इस आदान-प्रदान से  विशाखापत्तनम तक और विशाखापत्तनम से नेपाल तक रेल परिवहन संभव हो पाएगा (ii) पत्रों के इस आदान-प्रदान से   बांग्लादेश के जरिए/उसके साथ नेपाल के व्यापार के लिए भारत में सिंहाबाद के माध्यम से रेल पारगमन सुविधा  को चालू करने में मदद मिलेगी।

ए.एस. उपाध्याय, सलाहकार (यातायात एवं परिवहन), रेलवे बोर्ड

ए.एस. उपाध्याय, सलाहकार (यातायात एवं परिवहन), रेलवे बोर्ड

ए.एस. उपाध्याय, सलाहकार (यातायात एवं परिवहन), रेलवे बोर्ड

ए.एस. उपाध्याय, सलाहकार (यातायात एवं परिवहन), रेलवे बोर्ड

6.

मुजफ्फरपुर-धाल्केबार पारेषण लाइन का उद्घाटन [80 मेगावाट की प्रारंभिक आपूर्ति, अक्टूबर 2016 तक इसे बढ़ाकर 200 मेगावाट और दिसंबर 2017 तक इसे बढ़ाकर 600 मेगावाट किया जाएगा]

13.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर के एलओसी के तहत 400 किलोवाट की मुजफ्फरपुर-धाल्केबार पारेषण लाइन का नेपाली हिस्सा नेपाल सरकार द्वारा क्रियान्वि‍त किया जा रहा है। 132 केवी के प्रारंभिक चार्ज के साथ 80 मेगावाट बिजली का प्रवाह इस लाइन के माध्यम से तुरंत शुरू हो जाएगा।  इसके बाद, इसे 220 केवी पर अक्टूबर 2016 में बढ़ाकर 200 मेगावाट और फि‍र 400 केवी पर दिसंबर 2017 तक बढ़ाकर 600 मेगावाट किया जाएगा।  

दो प्रधानमंत्रियों द्वारा शुभारंभ

7.

प्रख्यात हस्ति‍यों के समूह का गठन

जुलाई 2014 में काठमांडु में आयोजित भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की तीसरी बैठक में प्रख्यात हस्ति‍यों के समूह (ईपीजी) के गठन का निर्णय लिया गया था। ईपीजी में आठ सदस्य शामिल हैं जिसके लिए प्रत्येक देश ने चार सदस्यों को नामित किया, जो मुख्यत: एक सांसद, एक वकील, एक अर्थशास्त्री और सिविल सोसाइटी कार्यकर्ता हैं।  ईपीजी का अब गठन कर दिया गया है। इसे द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा करने एवं द्विपक्षीय संबंधों को और ज्यादा मजबूत करने के लिए संस्थागत व्यवस्थाओं सहित विभि‍न्न उपायों की सिफारिश करने की जिम्मेदारी दी गई है।

नेपाली संरचना : सांसद राजन भट्टाराई; पूर्व एफएम भेख  बहादुर थापा; पूर्व सीआईएए प्रमुख सूर्य नाथ उपाध्याय; और पूर्व कानून मंत्री नीलाम्बर आचार्य।

भारतीय संरचना: सांसद भगत सिंह कोश्यारी; सिक्किम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति महेंद्र लामा; आईडीएसए के डीजी जयंत प्रसाद; वीआईएफ के वरिष्ठ फेलो बी.सी. उप्रेती 

 

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पीएम ‘स्वामित्व योजना’ के तहत प्रॉपर्टी मालिकों को 50 लाख से अधिक प्रॉपर्टी कार्ड वितरित करेंगे
December 26, 2024
Drone survey already completed in 92% of targeted villages
Around 2.2 crore property cards prepared

Prime Minister Shri Narendra Modi will distribute over 50 lakh property cards under SVAMITVA Scheme to property owners in over 46,000 villages in 200 districts across 10 States and 2 Union territories on 27th December at around 12:30 PM through video conferencing.

SVAMITVA scheme was launched by Prime Minister with a vision to enhance the economic progress of rural India by providing ‘Record of Rights’ to households possessing houses in inhabited areas in villages through the latest surveying drone technology.

The scheme also helps facilitate monetization of properties and enabling institutional credit through bank loans; reducing property-related disputes; facilitating better assessment of properties and property tax in rural areas and enabling comprehensive village-level planning.

Drone survey has been completed in over 3.1 lakh villages, which covers 92% of the targeted villages. So far, around 2.2 crore property cards have been prepared for nearly 1.5 lakh villages.

The scheme has reached full saturation in Tripura, Goa, Uttarakhand and Haryana. Drone survey has been completed in the states of Madhya Pradesh, Uttar Pradesh, and Chhattisgarh and also in several Union Territories.