15 सितंबर से 10 मई तक नरेन्द्र मोदी ने 5827 रैलियाँ/कार्यक्रम/इवेंट/3डी/चाय पे चर्चा को संबोधित कर लिया होगा 3 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की। 25 से अधिक राज्यों में घूमे। प्रत्येक राज्य के लिए अद्वितीय दृष्टिकोण। अप्रत्याशित नवीनता जैसा 3डी रैलियों और चाय पे चर्चा के दौरान देखा गया प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ कई साक्षात्कार
जैसा कि भारत को उत्सुकता से 16 मई को चुनावी परिणामों की प्रतीक्षा है, इसलिए 2014 अभियान के कुछ और महत्वपूर्ण पहलुओं को वापस देखने और याद करने की आवश्यकता है। जब इस चुनाव का इतिहास लिखा जाएगा, तो एक चीज जो अद्भुत होगी वह भारत की जनता तक विकास और सुशासन का संदेश देने के लिए नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया ऐतिहासिक अभियान होगा। इससे पहले भारत के चुनावी इतिहास में कोई भी नेता लोगों के लिए उम्मीद की ऐसी किरण बनकर नहीं उभरा है। इससे पूर्व किसी भी अभियान का ऐसी नवीनता और शुद्धता के साथ दायित्व नहीं उठाया गया।
Narenrdra Modi on his way to seek blessings of Maa Vaishno Devi before initiating Bharat Vijay rallies
मोदी के अभियान को चुनावी कार्यक्रम के इतिहास में कहीं भी देखे गए सबसे बड़े जन अभियानों में से एक के रूप में वर्णन करना अतिशियोक्ति नहीं होगी। अभियान का पैमाना और तीव्रता अधिक बड़ी हो जाती है जब कोई व्यक्ति भारत की विशाल जनसंख्या और भौगोलिक विस्तार को समझता है। हाँ, पूर्व में राजनैतिक नेताओं ने लंबे अभियानों का नेतृत्व किया है किंतु जिस पैमाने पर यह अभियान हुआ है उसने उन सभी को मीलों दूर छोड़ दिया है! 15 सितंबर 2013 से प्रारंभ करते हुए, जब नरेन्द्र मोदी ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में नियुक्त होने के बाद अपनी पहली रैली को संबोधित किया, 10 मई 2014 तक, जब 2014 लोक सभा चुनावों के लिए अंतिम चरण का अभियान समाप्त हुआ, नरेन्द्र मोदी ने संपूर्ण भारत में जम्मू से कन्याकुमारी तक, अमरेली से अरुणाचल प्रदेश तक 437 ऐतिहासिक रैलियों को संबोधित कर लिया होगा। 15 मार्च से 10 मई तक उन्होंने लगभग 3 लाख किलोमीटर की यात्रा कर ली होगी! संपूर्ण राष्ट्र में 3डी तकनीक द्वारा 1350 रैलियों को जोड़िए।
1787 रैलियाँ और लगभग 3,00,000 किलोमीटर! क्या आपने कभी इतनी विशालता सुनी है?
विषय की आसान और स्पष्ट समझ के लिए हम रैलियों को 3 विशिष्ट चरणों में बाँटेंगे: प्रारंभिक संगठन का चरण 2013 विधानसभा चुनाव और अन्य रैलियाँ भारत विजय रैलियाँ पोस्ट 26 मार्च।
प्राथमिक संगठन: आधार स्थापित करने के लिए 38 विशाल रैलियाँ
15 सितंबर 2013 को स्थितियाँ बदल गईं जब नरेन्द्र मोदी ने हरियाणा में रेवाड़ी में ऐतिहासिक रैली में पूर्व सर्विसमैन को संबोधित किया। 15 सितंबर से उनकी रैली तक उस भूमि, जो महात्मा गाँधी और आचार्य विनोबा भावे से घनिष्ठता से जुड़ी है, वर्धा में 20 मार्च 2014 को नरेन्द्र मोदी ने पार्टी प्रतिष्ठा और फाइल के साथ-साथ समर्थकों को उत्साह से भरने के लिए ऐसी 38 रैलियाँ आयोजित की।
इन 38 रैलियों ने भारत के 21 राज्यों को कवर किया। पहली बार इतिहास में, नरेन्द्र मोदी ने उन राज्यों को भी कवर किया जहाँ भाजपा पारंपरिक रूप से मजबूत नहीं जानी जाती है और प्रत्येक स्थान में परिणाम चमत्कारी थे! रैलियों का स्थानावार विवरण निम्न प्रकार है:
औसतन, बड़े राज्यों में प्रत्येक रैली में 4 लाख की भीड़ आई उत्तर प्रदेश और कई अन्य स्थानों में इस संख्या से भी अधिक भीड़ आई। उत्तरपूर्वी और गोवा में भी ऐतिहासिक और अप्रत्याशित थी। इसप्रकार, इन 38 रैलियों में लगभग एक करोड़ लोगों को संबोधित किया गया!
कौन भूल सकता है जब नरेन्द्र मोदी ने 27 अक्टूबर 2013 को पटना में हुँकार रैली को संबोधित किया! मैदान पर जिंदा बम मिले किंतु एक भी व्यक्ति नहीं हिला। अपने संबोधन में, नरेन्द्र मोदी ने यह कहते हुए कि हिंदुओं और मुस्लिमों को आपस में लड़ने के बजाय साथ मिलकर गरीबी से लड़ना चाहिए, शांति और एकता का संदेश दिया। अंत में उन्होंने भीड़ से शांतिपूर्वक बिखरने का निवेदन किया। यह एक ऐतिहासिक घटना थी और इसने बिहार और शेष भारत के लोगों का आश्वस्त किया कि एक नेता है जो भारत माता के लिए, अपने जिंदगी की बाजी लगाकर, किसी भी विपत्ति का सामना करेगा।
भारत विजय रैलियाँ: 45 दिनों में 196 रैलियाँ
भारत विजय रैलियाँ 26 मार्च 2014 को जम्मू और कश्मीर के दैवीय वातावरण से प्रारंभ हुई जब नरेन्द्र मोदी ने वैष्णव देवी मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद उधमपुर में एक विशाल रैली को संबोधित किया। भारत विजय रैलियाँ 25 से अधिक राज्यों में 196 स्थानों पर आयोजित की गईं। इसे पढ़कर कई लोगों को झटका भी लग सकता है!
भारत विजय रैलियों का परिणाम ऐतिहासिक था। जहाँ कहीं भी वे गए ‘मोदी मोदी मोदी’ के नारों से वातावरण गूंज गया! सभी आयु समूह, जाति और संप्रदाय के लोग उपस्थित हुए। पूर्व की 38 रैलियों से भिन्न ये रैलियाँ एक निश्चित लक्ष्य क्षेत्र जैसे कोई लोक सभा सीट और लगे हुए स्थान के लिए आयोजित की गईं जिससे औसतन उपस्थिति प्रति रैली 1 से 2 लाख के बीच थी। इन संख्याओं पर विचार करते हुए, लोगों की संख्या जिस तक नरेन्द्र मोदी इन रैलियों के माध्यम से पहुँचे होंगे वह 5 से 10 करोड़ के बीच आती है।
Road Show before Narendra Modi files nomination from Vadodara
दो कार्यक्रम जो अलग स्थान रखते हैं वे वाराणसी और वडोदरा में ऐतिहासिक रोडशो हैं जब नरेन्द्र मोदी ने अपने नामांकन पेपर दायर किए। ऐसा लगता था मानो संपूर्ण शहर नरेन्द्र मोदी का समर्थन करने के लिए सड़कों पर आ गया हो। रोडशो के पैमाने को देखते हुए प्रत्येक व्यक्ति अचंभित था।
अन्य कार्यक्रम, इवेंट्स और रैलियाँ
इन रैलियों के अतिरिक्त नरेन्द्र मोदी ने सितंबर और मार्च 2014 के बीच अन्य रैलियों और कार्यक्रमों में भाग लिया। संख्या 241 है।
इसमें 4 राज्यों छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान और दिल्ली में 52 रैलियाँ सम्मिलित हैं जहाँ नवंबर और दिसबंर 2013 में चुनाव हुए। परिणाम स्पष्ट रूप से भाजपा के पक्ष में थे। पार्टी राजस्थान में ऐतिहासिक जनादेश के साथ सत्ता में आई, मप्र में अपने आँकड़ों में सुधार किया, छत्तीसगढ़ में सत्ता में रही और दिल्ली में सबसे बड़ी पार्टी बनी।.
कुछ विशेष कार्यक्रम जिसमें नरेन्द्र मोदी सम्मिलित हुए वे हैं अडवाणी जी के साथ एकता की मूर्ति का शिलान्यास, पुणे में दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल का उद्घाटन करना और सीए तथा वकीलों को संबोधित करना। बहुत ही मार्मिक मुद्रा में, वह उन सभी परिवारों से मिले जिन्होंने पटना में हुँकार रैली के दौरान धमाकों में अपना जीवन खो दिया। वह गीत ‘ए मेरे वतन के लोगों’ की 51वीं वर्षगाँठ मानने के लिए एक कार्यक्रम में भी सम्मिलित हुए जहाँ कोई और नहीं स्वयं लता मंगेशकर ने पूर्व सर्विसमेन और श्रोताओं के साथ, जो कार्यक्रम में सम्मिलित हुए, गाने का कुछ अंश गाया।
तकनीक के पथप्रदर्शक: 3डी और चाय पे चर्चा
इतिहास को एक ऐतिहासिक अभियान में उस विधि द्वारा लिखा गया है जिसमें नरेन्द्र मोदी ने लोगों तक पहुँचने के लिए तकनीक और नवीनता का उपयोग किया है। इसका सबसे महत्वपूर्ण उदाहरण 3डी रैलियाँ हैं। सबसे पहले गुजरात में उपयोग की गईं, यद्यदि एक छोटे स्तर पर, 3डी रैलियाँ एक ही समय में अधिक से अधिक स्थानों में लोगों के साथ जुड़ने का एक ऐतिहासिक माध्यम है। तकनीक का ऐसा अनुप्रयोग संपूर्ण में विश्व में सबसे पहला है।
Historic Bharat Vijay 3D rallies
11 से 30 अप्रैल तक कश्मीर से केरल, महाराष्ट्र से असम तक 750 स्थानों में 3डी रैलियों के कई चक्र आयोजित किए गए। वे लोग जो 3डी रैलियों में सम्मिलित हुए कहते हैं कि यह एक जीवनभर का अनुभव है। 600 से अधिक और 3डी रैलियाँ 1 मई से 10 मई 2014 तक आयोजित की जाएँगी।
अन्य नवीनता चाय पे चर्चा के दौरान देखी गई। एक कप चाय के साथ, नरेन्द्र मोदी ने संपूर्ण भारत के लोगों के साथ कृषि और महिला सशक्तिकरण जैसी समस्याओं पर संवाद किया। चर्चाएँ विभिन्न चक्रों में 24 राज्यों में 4000 स्थानों में आयोजित की गईं। अंतर्राष्ट्रीय रूप से यह 15 देशों में 50 स्थानों में आयोजित की गई। लगभग 10 लाख चर्चाओं में सम्मिलित हुए।
मोदी रैलियाँ विशेष क्यों हैं?
विशिष्ट दृष्टिकोण
नरेन्द्र मोदी जहाँ भी गए, उन्होंने ने एक अद्वितीय दृष्टिकोण प्रस्तुत किया जिससे क्षेत्र के लोग जुड़ सकें। इस दृष्टिकोण ने लोगों को नरेन्द्र मोदी से जोड़ा और उन्हें आश्वस्त किया कि एक नेता है जो बेहतरी के लिए सुशासन और विकास का प्रयास कर सकता है। उत्तरपूर्व में उनके दौरों का उदाहरण लीजिए। यह मानते हुए कि भाजपा उस क्षेत्र में मजबूत नहीं है, नरेन्द्र मोदी ने कई बार क्षेत्र का दौरा किया और क्षेत्र में कई रैलियों को संबोधित किया। वहाँ, उन्होंने क्षेत्र का वर्णन ‘आस्था लक्ष्मी’ के रूप में किया जो भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने विभिन्न समस्याओं को संबोधित किया जैसे भ्रष्टाचार, आतंकवाद का विस्तार, मणिपुर में फर्जी एन्काउंटर, बांग्लादेश से अवैध शरणार्थी, सताए हुए बांग्लादेशी हिंदु जिन्हें पार्टियाँ संबोधित करने में शर्माती हैं। सीमा समस्या पर उन्होंने चीन को अरुणाचल प्रदेश से एक कठोर संदेश दिया।
इसी प्रकार, आंध्र प्रदेश में वह राज्य के लिए एक बहुत ही आवश्यक रामबाण औषधि बने जो काँग्रेस की फूट डालो और शासन करो की नीतियों का प्रमुख उदाहरण बन गया है। वह ‘जय तेलंगाना और जय सीमांध्रा’ का एक तुरही नारा देने वाले पहले नेता थे और उन्होंने तेलंगाना के विकास और सीमांध्र के लिए न्याय पर अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। नरेन्द्र मोदी ने पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यटन के विकास में और लोगों तक विकास निधि का पहुँचना सुनिश्चित करने में उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश पहाड़ी राज्यों के तीव्र विकास के प्रति अपनी सुदृढ़ प्रतिबद्धता को दिखाया। एक हटकर विचार जो विकसित हुआ वह समान राज्यों वाली परिषदों का निर्माण करना था जैसे पहाड़ी राज्यों की परिषद या तटीय राज्यों की परिषद जिसमें प्रधानमंत्री और संबंधित मुख्यमंत्री सम्मिलित होते हैं। इस प्रकार सबसे छोटी समस्या को प्रभावी रूप से संबोधित किया जा सकता है। इसी प्रकार नरेन्द्र मोदी पूर्वी राज्य बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड का विकास करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर टिके हैं। उन्होंने इन राज्यों को अन्य राज्यों के समान स्थान दिलाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है और उसके लिए एनडीए हर संभव कार्य करेगा।
टीम इंडिया
भारत का संघीय ढाँचा भाजपा के लिए विश्वास का एक आलेख है। दुखद रूप से, संघीय ढाँचे को समय-समय पर ठोकर मारी गई और पुन: यूपीए द्वारा। एक मुख्यमंत्री के रूप में, नरेन्द्र मोदी ऐसा करने के खतरों को समझते हैं और इसलिए उन्होंने ‘टीम इंडिया’ का दृष्टिकोण दिया है जहाँ प्रधानमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री संबंधित राज्यों और राष्ट्र के विकास के लिए एक टीम के रूप में साथ-साथ कार्य करेंगे। राज्यों के बीच भेदभाव का कोई प्रश्न नहीं है। राज्य के नागरिक के नाते एक टिप्पणी में, नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसी राज्य में एनडीए, यूपीए या कोई अन्य सरकार हो। प्रत्येक व्यक्ति साथ-साथ कार्य करेगा।
Mesmerizing the South: At the rally in Visakhapatnam
गठबंधन
यह माना गया कि नरेन्द्र मोदी की दिल्ली तक की यात्रा अकेली होगी। इस पर लिखे गए संपादकियों, ओप-एड्स और आलेखों की संख्या अधिक है। इन सभी को नरेन्द्र मोदी द्वारा गलत सिद्ध कर दिया गया है क्योंकि आज एनडीए एक 25 दलों वाला मजबूत गठबंधन है लोगों के पास विकास के एजेंडा के साथ जा रहा है और भारत को एक मजबूत और स्थायी नेतृत्व प्रदान कर रहा है। एनडीए ने भारत के सभी भागों से नए सहयोगियों को खींचा है। बिहार में श्री रामविलास पासवान और श्री उपेंद्र कुशवाहा सम्मिलित हुए। तमिलनाडु में एक विजयकांत, वाइको और डॉ। रामदोस जैसे नेताओं के साथ एक 5 दलीय गठबंधन का विकास हुआ। सीमांध्र और तेलंगाना में भाजपा श्री चंद्रबाबू नायडू और श्री पवन कल्याण के साथ कार्य कर रही है। उप्र में अपना दल ने समर्थन देने की प्रतिज्ञा की है। महाराष्ट्र में श्री रामदास अठावले गठबंधन में सम्मिलित हुए। उसी समय मौजूदा सहयोगियों और पुराने मित्रों जैसे शिव सेना और अकाली दल के साथ संबंध बहुत-बहुत मजबूत हैं। इसका परिणाम यह हुआ कि भाजपा उन स्थानों पर भी एक विकल्प के रूप में विकसित हो रही है जहाँ किसी ने कभी विश्वास नहीं किया था कि काम चमक सकता है। तमिलनाडू में एनडीए एआईएडीएमके और डीएमके को चुनौती दे रही है, पश्चिम बंगाल में वामदल और तृणमूल देख रहे हैं कि एक पार्टी है जो उनके स्वामित्व को भंग करेगी। उप्र सपा और बसपा के अतिरिक्त और केरल यूडीएफ और एलडीएफ के अतिरिक्त आशा कर रही है। यह पूर्व में कभी नहीं हुआ है। जनता या श्रोता यह माना जाता था कि किसी रैली को आयोजित करना एक जटिल प्रक्रिया थी। एक व्यक्ति को भीड़ “इकठ्ठा” और अन्य व्यवस्थाएँ करना पड़ती थी किंतु नरेन्द्र मोदी ने इस सभी को गलत सिद्ध कर दिया है। यदि लोग कहते हैं कि राजनैतिक दल लोगों को रैलियों में आने के लिए पैसे देते हैं तो उन्होंने मोदी की रैलियों को नहीं देखा है जहाँ लोगों ने स्वैछिक रूप से रैली में सम्मिलित होने के लिए भुगतान किया और उत्तराखंड त्रासदी के लिए राहत कार्य के प्रति कार्यवाहियाँ की गईं! त्रिची में, पुलिस ने रैली के एक दिन बाद युवाओं को खाली शराब की बोतलें खोजते हुए पकड़ा किंतु युवाओं ने बताया कि पहली बार उन्हें एक भी बोतल नहीं मिली! वास्तव में, भाजपा द्वारा त्रिचि में की जाने वाली रैली स्वयं में एक ऐतिहासिक दावत थी। यूपी और बिहार में रैलियाँ दो मंजिला वाली थीं! मोदी की एक बेतहर झलक पाने के लिए कई लोगों का खंभों पर चढ़ना असामान्य नहीं था। वास्तव में मोदी एक ऐसी हस्ती है जिसे खंभे पर भी चढ़कर देखा जाए!
साक्षात्कार
संपूर्ण अभियान में नरेन्द्र मोदी ने प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और स्थानीय मीडिया को अनगिनत साक्षात्कार दिए। उनके साक्षात्कारों के कई रूप हैं, प्रश्न पूछने वाले एक पत्रकार से लेकर पत्रकारों के एक पैनल तक और पत्रकारों के एक पैनल से लेकर “लोक” अदालत तक। सूची में इंडिया टीवी पर ‘आप की अदालत’, जी न्यूज के साथ साक्षात्कार, एबीपी घोषणा पत्र सम्मिलित हैं। उनका एएनआई के साथ एक विस्तृत साक्षात्कार था जहाँ उन्होंने राजनीति, नीति और विदेश संबंधों के बारे में बात की।
In the people’s court of a different kind: Aap Ki Adalat with Rajat Sharma
हिंदुस्तान टाइम्स, हिंदुस्तान, दैनिक जागरण, इकॉनॉमिक्स टाइम्स जैसे समाचार पत्रों ने उनके साक्षात्कार लिए। सीएनबीसी टीवी -18 के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने एक व्यापक आर्थिक दृष्टिकोण को सूचीबद्ध किया जो भारत की बुनियाद की रचना करेगा। क्षेत्रीय नेटवर्क जैसे ईटीवी, टीवी9 ने मोदी का साक्षात्कार लिया। उसी समय पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और गुजरात में स्थानीय समाचार पत्रों ने भी अन्य के बीच मोदी का साक्षात्कार लिया। क्या आप भारत के इतिहास में ऐसे किसी व्यापक और विविध कार्यक्रम को याद कर सकते हैं? उनका दिन सुबह 5 बजे शुरु होता था और कभी-कभी आधी रात तक चलता था किंतु नरेन्द्र मोदी की ऊर्जा और समर्पण में केवल वृद्धि हुई। नरेन्द्र मोदी द्वारा कहे गए ये शब्द उनकी दिनचर्या और उनकी दृढ़ता में वृद्धि करते हैं, “दौड़ रहा हूँ, जनता का प्यार दौड़ा रहा है। न थका हूँ, न रुका हूँ और देश विरोधी ताकतों के सामने झुकने का तो सवाल ही नहीं”( मैं दौड़ रहा हूँ, जनता का प्यार दौड़ा रहा है। न थका हूँ, न रुका हूँ और देश विरोधी ताकतों के सामने झुकने का तो सवाल ही नहीं उठता है।)