“आज, जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में हर बच्चा एक उजले कैनवास के साथ पैदा होता है, जहां वह जीवंत आकांक्षाओं से भरे भविष्य को चित्रित कर सकता है। आज लोगों के सपने अतीत के कैदी नहीं बल्कि भविष्य की संभावनाओं के बारे में हैं। मोहभंग, निराशा और हताशा की जगह अब विकास, लोकतंत्र और गरिमा ने ले ली है” – पीएम नरेन्द्र मोदी

अपनी रणनीतिक मौजूदगी और आकर्षक नजारों के कारण, लद्दाख राष्ट्र और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्व रखता है। पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने न केवल इस क्षेत्र की अधिकतम क्षमता का सावधानीपूर्वक दोहन करने की यात्रा शुरू की है। बल्कि इसके साथ ही स्थानीय लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए ठोस प्रयास किए हैं, राष्ट्र की विविधता और भिन्नता का उत्सव मनाते हुए उन्हें मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था में एकीकृत किया है।

हर परिवर्तनकारी यात्रा एक दृष्टि और एक रणनीति के साथ शुरू होती है, और मोदी सरकार इसे समझती है और इसका पालन करने का प्रयास करती है। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से, मोदी सरकार ने इस क्षेत्र में समावेशी और सतत विकास लाने के लिए दूरगामी नीतियों के साथ एक बहुआयामी दृष्टिकोण का नेतृत्व किया है।

यह सब अगस्त 2019 में शुरू हुआ जब संसद ने अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया, जिसने जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा दिया, राज्य को जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया।

केंद्र शासित प्रदेश के रूप में लद्दाख का निर्माण क्षेत्र की प्रत्याशित सफलताओं और उसमें स्थानीय लोगों के जीवन में उत्प्रेरक साबित हुआ है। बर्फ से ढके पहाड़ों और निर्मल जलराशि से समृद्ध, कभी उपेक्षित रही इस धरती, इस क्षेत्र और इसकी अर्थव्यवस्था में सकारात्मक एवं अभूतपूर्व विकास हुआ है।

अनंत संभावनाएं होने के बावजूद, पिछली सरकारों में लद्दाख को कभी भी जरूरी फोकस हासिल नहीं हुआ। मोदी सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश में समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए लद्दाख के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। चाहे वह कल्याण और विकास योजनाएं हों या इंफ्रास्ट्रक्चर, आजीविका और समग्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाली योजनाएं हों, मोदी सरकार ने लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश के समग्र विकास के लिए कठोर और व्यापक उपाय किए हैं।

चाहे वह एक मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण और कल्याणकारी पहलें हों, क्षेत्र के सतत विकास के लिए ग्रीन एनर्जी को प्रोत्साहित करना हो, पर्यटन को बढ़ावा देना हो, आर्थिक विकास को बढ़ावा देना हो, या अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले विभिन्न क्षेत्रों में रिसर्च और डेवलपमेंट को प्रमुख प्रोत्साहन देना हो, पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है। 230 किलोमीटर लंबी कारगिल-जांस्कर रोड, राष्ट्रीय राजमार्ग 301 का एक महत्वपूर्ण खंड है, कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए इसे उन्नत और चौड़ा किया गया है।

इसके अलावा, जब पर्यटन और इंफ्रास्ट्रक्चर को अधिक महत्वपूर्ण बढ़ावा देने की बात आती है, तो मोदी सरकार ने नवंबर 2023 में, लद्दाख में दक्षिण पूर्व एशिया का पहला नाइट स्काई सैंक्चुरी बनाने का निर्णय लिया। यह क्षेत्र में पर्यटन और इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। भारत में एस्ट्रो-टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ-साथ, यह ऑप्टिकल, इंफ्रारेड और गामा-रे दूरबीनों के लिए दुनिया की सबसे ऊंची स्थित साइटों में से एक होगी।

मोदी सरकार न केवल इस क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर चमत्कार पैदा करने और पर्यटन को प्रोत्साहित करने के बारे में चिंतित है, बल्कि वह वहां रहने वाले स्थानीय लोगों के जीवन को आसान बनाना भी सुनिश्चित कर रही है। इसे सुनिश्चित करने के लिए, सरकार ने पर्याप्त जल आपूर्ति प्रदान करने के मूल लक्ष्य से लेकर घाटी के युवाओं के लिए पर्याप्त रोजगार के अवसर पैदा करने के भविष्य के लक्ष्य तक कई उपाय किए हैं।

रिसर्च और डेवलपमेंट एक अन्य क्षेत्र है जहां सरकार न केवल R&D इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए बल्कि घाटी के युवाओं के लिए निवेश और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए भी एक जगह बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। सितंबर 2023 में, हैदराबाद में National Geophysical Research Institute (CSIR-NGRI) ने ड्रोन का उपयोग करके लद्दाख क्षेत्र में एक Magnetic Survey किया। इसके अतिरिक्त, संस्थान लद्दाख के पुगा और चुमाटांग क्षेत्रों में geothermal exploration studies में शामिल है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने दिसंबर 2023 में लेह में मौसम विज्ञान केंद्र स्थापित करने के लिए 500 लाख रुपये की लागत वाला एक रडार स्थापित किया और 69.65 लाख रुपये की लागत वाली परियोजना का समर्थन किया। सरकार द्वारा इस तरह की ऐतिहासिक पहल क्षेत्र में अधिक सामाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में ठोस कदम हैं।

सरकार लद्दाख को कार्बन-न्यूट्रल क्षेत्र के रूप में विकसित करने की दिशा में भी जोर दे रही है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को ग्रीन एनर्जी के विकास की जिम्मेदारी दी गई है। इसका एक उदाहरण हाइड्रोजन ईंधन स्टेशन है जिसे NTPC द्वारा लेह में स्थापित किया जा रहा है। साथ ही मोदी सरकार ने लद्दाख में ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। इस पहल के हिस्से के रूप में, 13,000 मेगावाट बिजली पैदा करने वाली रिन्यूएबल एनर्जी परियोजनाओं को इंटर-स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम के माध्यम से पावर ग्रिड से जोड़ा जाना है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जमीनी स्तर पर लोगों के जीवन को बदलने में विश्वास रखते हैं। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में कृषि समुदाय का समर्थन करने के लिए, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत भारत मौसम विज्ञान विभाग, एक कृषि मौसम विज्ञान सलाहकार सेवा (ग्रामीण कृषि मौसम सेवा) कार्यक्रम लागू करता है जो जिला-स्तरीय मध्यम-अवधि मौसम पूर्वानुमान प्रदान करता है और एग्रोमेट सलाह तैयार की जाती है और स्थानीय कृषक समुदाय के साथ साझा की जाती है।

आज लद्दाख में हुए अभूतपूर्व घटनाक्रम से सरकार की पहल और नीतियां अनुकरणीय हैं। यह इस बात का उदाहरण है कि मोदी सरकार घाटी में स्थानीय लोगों के लाभ के लिए विकास को आगे बढ़ाने की कोशिश करते हुए कितनी अथक और सुसंगत रही है। पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और उनकी सरकार के ठोस प्रयासों के साथ, लद्दाख को आर्थिक विकास में सबसे आगे रखा गया है।

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प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दिल्ली का विकास
April 12, 2024

दिल्ली को राष्ट्रों के सम्मानित ध्वजों को फहराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है: G20 समिट की मेजबानी के लिए दिल्ली की तैयारियों पर पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के पिछले दस वर्षों ने एक नए भारत के निर्माण की दिशा में काम शुरू किया है; गांव से शहर तक, पानी से बिजली तक, घर से स्वास्थ्य तक, शिक्षा से रोजगार तक, जाति से वर्ग तक - एक व्यापक योजना, जो हर दरवाजे तक विकास और समृद्धि ला रही है।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, इस बदलावकारी दशक में, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संचालित इस डेवलपमेंटल मोमेंटम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनकर उभरा है।

यह शहर, उस इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव के केंद्र में रहा है जिसने पूरे देश को एक नया रूप दिया है। आज अटल सेतु, चिनाब ब्रिज, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और जोजिला टनल जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर के चमत्कार भारत के निरंतर विकसित होते परिदृश्य को दर्शाते हैं।

ट्रांसपोर्ट नेटवर्क को नया रूप देने, शहरी सुविधाओं को उन्नत करने और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, मोदी सरकार ने कई बदलावकारी पहल शुरू की हैं। रेलवे, हाईवेज से लेकर एयरपोर्ट्स तक, ये इनिशिएटिव, देश भर में इंक्लूजिव और सस्टेनेबल डेवलपमेंट को गति देने में महत्वपूर्ण रहे हैं।

मेट्रो रेल नेटवर्क के प्रभावशाली विस्तार ने भारत में शहरी आवागमन में क्रांति ला दी है। 2014 में मात्र 5 शहरों से, मेट्रो रेल नेटवर्क अब देश भर के 21 शहरों में सेवा प्रदान करता है - 2014 के 248 किलोमीटर से बढ़कर 2024 तक यह 945 किलोमीटर हो जाएगा, साथ ही 26 अतिरिक्त शहरों में 919 किलोमीटर लाइनें निर्माणाधीन हैं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में दिल्ली मेट्रो फेज-4 के दो नए कॉरिडोर; लाजपत नगर से साकेत जी-ब्लॉक और इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ को मंजूरी दी है। दोनों लाइनों की संयुक्त लंबाई 20 किलोमीटर से अधिक है और परियोजना की लागत 8,000 करोड़ रुपये से अधिक है (केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से फंडेड)। इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ लाइन हरियाणा के बहादुरगढ़ क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अतिरिक्त, दिल्ली-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर पर चलने वाली भारत की पहली नमो भारत ट्रेन; रीजनल कनेक्टिविटी बढ़ाने और इसके ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को उन्नत करने की मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को और रेखांकित करती है।

इसके अलावा, भारतमाला परियोजना में लगभग 35,000 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों के विकास के माध्यम से बेहतर लॉजिस्टिक्स दक्षता और कनेक्टिविटी की परिकल्पना की गई है। इस योजना के तहत 25 ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर की योजना बनाई गई है, जिनमें से चार दिल्ली की बढ़ती इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता से जुड़ेंगे: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे, दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे और शहरी विस्तार सड़क-II। दिल्ली के लिए स्वीकृत कुल परियोजना लंबाई 203 किलोमीटर है, जिसके लिए 18,000 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है।

पिछले एक दशक में मोदी सरकार ने एयरपोर्ट्स की क्षमता बढ़ाने और भीड़भाड़ कम करने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। IGI एयरपोर्ट दिल्ली देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट बन गया है, जिसमें चार रनवे और एक एलिवेटेड टैक्सीवे है। हाल ही में विस्तारित अत्याधुनिक टर्मिनल 1 का भी उद्घाटन किया गया है। इसके अलावा, आगामी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) दिल्ली एयरपोर्ट की भीड़भाड़ कम करने में और योगदान देगा, जो सालाना लाखों यात्रियों को सेवा प्रदान करेगा।

इसके अलावा, नए संसद भवन के उद्घाटन ने शहर के स्वरूप में सभ्यतागत और आधुनिक दोनों तरह के अर्थ जोड़ दिए हैं। यशोभूमि (India International Convention & Expo Centre) के उद्घाटन ने दिल्ली को भारत का सबसे बड़ा सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र दिया है, जो मिश्रित उद्देश्य वाला पर्यटन अनुभव प्रदान करता है। यशोभूमि के साथ, विश्व स्तरीय सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र ‘भरत मंडपम’, दुनिया को भारत का दर्शन कराता है।

वेलफेयर की बात करें तो, मोदी सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनका लाभ अब तक विकास और प्रगति के हाशिये पर पड़े लोगों को मिला है। दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा एक प्रमुख चिंता का विषय रही है। इसी को हल करने के लिए, मोदी सरकार ने बलात्कार के लिए सजा की मात्रा बढ़ाकर आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 को मजबूत किया, जिसमें 12 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ बलात्कार के लिए मृत्युदंड भी शामिल है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2018 में एक अलग महिला सुरक्षा प्रभाग की स्थापना की। वन-स्टॉप सेंटर, सखी निवास, सेफ सिटी प्रोजेक्ट, निर्भया फंड, शी-बॉक्स, यौन अपराधों के लिए जांच ट्रैकिंग सिस्टम और Cri-MAC (Crime Multi-Agency Center) आदि महिला सुरक्षा के प्रति सरकार के अभियान में महत्वपूर्ण हैं।

इसके अलावा, स्वच्छ भारत मिशन, पीएम-उज्ज्वला योजना, पीएम-मातृ वंदना योजना और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ने भारत में नारी शक्ति को और सशक्त बनाया है।

जैसे-जैसे भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन रहा है, दिल्ली भी इस विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। आज दिल्ली में 13,000 से अधिक DPIIT-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप काम कर रहे हैं, साथ ही सरकार PM MUDRA योजना के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही है, जिसके तहत वित्त वर्ष 2023-24 (26.01.2024 तक) के लिए 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के 2.3 लाख से अधिक लोन स्वीकृत किए गए हैं।

पीएम-स्वनिधि, जो स्ट्रीट वेंडर्स को बिना किसी गारंटी के लोन मुहैया कराता है, दिल्ली में 1.67 लाख से ज़्यादा लाभार्थियों को मदद कर रहा है। इसके अलावा, कोविड-19 महामारी के दौरान नए रोजगार के सृजन और रोजगार के नुकसान की भरपाई के लिए एंप्लॉयर्स को प्रोत्साहित करने के लिए 2020 में शुरू की गई आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत, दिल्ली में 2.2 लाख से ज़्यादा एंप्लॉयी लाभान्वित हुए।

इसके अलावा, पीएम आवास योजना (शहरी) के तहत दिल्ली में लगभग 30,000 घरों को मंजूरी दी गई है और उनका निर्माण पूरा हो चुका है।

दिल्ली के लोगों के लिए वायु प्रदूषण एक सतत समस्या रही है। इस वास्तविकता को समझते हुए, केंद्र सरकार ने देश भर में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की रणनीति के रूप में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम शुरू किया है।

पिछले एक दशक में मोदी सरकार के कार्यकाल ने दिल्ली में विभिन्न मोर्चों पर उल्लेखनीय बदलाव लाए हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से लेकर गवर्नेंस रिफॉर्म्स तक, शिक्षा से लेकर रोजगार तक, सरकार की पहलों ने राजधानी शहर पर एक अमिट छाप छोड़ी है। जैसे-जैसे दिल्ली प्रोग्रेस और डेवलपमेंट के अपने सफर पर आगे बढ़ रही है, मोदी सरकार का योगदान आने वाले वर्षों में इसके भविष्य की दिशा को आकार देने के लिए तैयार है।