भीमासर-अंजार में 1100 करोड़ के निवेश से इस्पात संयंत्र
के दूसरे चरण का उद्घाटन
देश का स्टील हब बना कच्छ : मुख्यमंत्री
च्कच्छ ने पेश की विकास के गुजरात मॉडल की मिसालज्
गांधीनगर, गुरुवार: मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कच्छी नव वर्ष के अवसर पर भीमासर-अंजार में इंडियन स्टील कॉर्पोरेशन (आईएससी) के इस्पात संयंत्र के दूसरे चरण का उद्घाटन करते हुए ऐलान किया कि, अकेला कच्छ देश का स्टील हब बन गया है। उन्होंने कहा कि 2001 से पूर्व के कच्छ और वर्तमान 2012 के कच्छ की तुलना करने पर विकास की परिभाषा स्पष्ट हो जाती है। कच्छ ने विकास के गुजरात मॉडल की मिसाल को बखूबी पेश किया है।जापान की मित्सुई कंपनी और भारत के रुचि ग्रूप इंडस्ट्रीज के संयुक्त उद्यम के तौर पर वर्ष 2005 में 241 करोड़ रुपये के निवेश से इंडियन स्टील कॉर्पोरेशन का इस्पात संयंत्र भीमासर में कार्यान्वित हुआ। मार्च, 2007 में मुख्यमंत्री के जापान दौरे के दौरान दोनों कंपनियों ने 884 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश से संयंत्र के विस्तार की तत्परता व्यक्त की थी। इस सन्दर्भ में वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक निवेशक सम्मेलन-2009 में दोनों कंपनियों के बीच समझौता करार हुआ। जिसके चलते आज आईएससी के इस्पात संयंत्र का दूसरा चरण कार्यरत हुआ।
कच्छ के विकास को सर्वांगीण और संतुलित बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि विकास का तुलनात्मक अध्ययन करने वालों के लिए कच्छ का विकास एक मॉडल है। उन्होंने कहा कि देश में सर्वाधिक औद्योगिक पूंजी निवेश गुजरात में हुआ है। साथ ही कृषि विकास के तहत पिछले दस वर्षों में बुवाई के क्षेत्र में 37 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी भी हुई है। यह दर्शाता है कि गुजरात के विकास में कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र का समान हिस्सा है।
पर्यटन के क्षेत्र में गुजरात और कच्छ की लंबी छलांग का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात में अमिताभ बच्चन के पर्यटन दूत बनने के बाद च्खूश्बु गुजरात कीज् समूचे विश्व में फैली है।
उन्होंने कहा कि आज गुजरात च्ऑटोमोबाइल हबज् बन चुका है और दुनिया भर की सभी नामी कंपनियों की मोटरकार की उत्पादन इकाई गुजरात में है। जापान और गुजरात का नाता भी अब अटूट बन गया है। गुजरात में सर्वाधिक विदेशी पूंजी निवेश करने वाला देश जापान है, जो गुजरात के विकास का भागीदार बना है। एशिया के आर्थिक विकास में अग्रसर जापान जैसे ताकतवर देश की गुजरात के साथ भागीदारी इस बात की ओर इशारा करती है कि गुजरात में विश्व स्तर के विकास की कितनी क्षमता और सामथ्र्य है।
आईएससी के अध्यक्ष कैलाश सहारा ने कहा कि दुनिया के प्रगतिशील देशों को गुजरात में आमंत्रित करने की जो दीर्घदृष्टि मुख्यमंत्री ने बताई है उससे गुजरात की औद्योगिक प्रगति को तेज गति मिली है।
आईएससी के जापान के सहभागीदार और प्रबंध निदेशक मकातो सुजिकी ने अपने वक्तव्य में उल्लेख किया कि वर्ष 2004 में श्री मोदी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के समक्ष संयंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था और आज संयंत्र के दूसरे चरण के कार्यरत होने के साथ ही कंपनी की उत्पादन क्षमता 6 लाख मीर्टिक टन तक पहुंच गई है।
इस मौके पर विशेष रूप से मौजूद इंदौर की सांसद श्रीमती सुमित्रा महाजन ने कहा कि वर्ष 2001 की भूकंप की विनाशक परिस्थिति को गुजरात ने सच्चे अर्थों में अवसर में तब्दील कर दिखाया है, और इसका मुख्य श्रेय मुख्यमंत्री श्री मोदी को जाता है।
आईएससी के प्रबंध निदेशक उमेश सहारा ने स्वागत भाषण दिया जबकि कंपनी के कार्यकारी अधिकारी अर्जुन जालाणी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री के भीमासर आगमन पर आईएससी के अध्यक्ष कैलाश सहारा ने पुष्प गुच्छ से उनका स्वागत किया। उनके साथ राज्य मंत्री वासणभाई आहिर, विधायक नीमाबेन आचार्य और कंपनी के महाप्रबंधक कर्नल सैनी भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कंपनी के प्रांगण में वृक्षारोपण किया और परियोजना स्थल का जायजा भी लिया।
सहभागीदार जापानी कंपनी के पदाधिकारी कुरुहाता, तानीगुची, कुजिता, हारा, मिजुतानी और भीमासर प्रोजेक्ट के उच्च अधिकारी भी इस मौके पर उपस्थित थे.
मुख्यमंत्री ने आईएससी के सोवेनियर का विमोचन किया। वहीं कंपनी के अध्यक्ष कैलाश सहारा ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट किया।