1. स्‍वतंत्रता दिवस और रक्षा बंधन के पावन पर्व पर सभी देशवासियों को अनेक-अनेक शुभकामनाएं।

2. वर्षा और बाढ़: आज देश के अनेक भागों में अति वर्षा और बाढ़ के कारण लोग कठिनाइयों से जूझ रहे हैं। राज्‍य सरकार, केंद्र सरकार, एनडीआरएफ सभी संगठन, नागरिकों का कष्‍ट कम कैसे हो, सामान्‍य परिस्थिति जल्‍दी कैसे लौटे,उसके लिए दिन-रात प्रयास कर रहे हैं।

3. अनुच्‍छेद 370: दस हफ्ते के भीतर-भीतर ही अनुच्‍छेद 370 का हटना, 35A का हटना सरदार वल्‍लभ भाई पटेल के सपनों को साकार करने की दिशा में एक अहम कदम है। जो काम पिछले 70 साल में नहीं हुआ, नई सरकार बनने के बाद, 70 दिन के भीतर-भीतर अनुच्‍छेद370 और 35A को हटाने का काम भारत के दोनों सदनों ने, राज्यसभा और लोकसभा ने, दो-तिहाई बहुमत से पारित कर दिया। आज लाल किले से मैं जब देश को संबोधित कर रहा हूं, मैं यह गर्व के साथ कहता हूं कि आज हर हिन्‍दुस्तानी कह सकता है- One Nation, One Constitution.

4. तीन तलाक: दस हफ्ते के भीतर-भीतर हमारे मुस्लिम माताओं और बहनों को उनका अधिकार दिलाने के लिए तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया। अगर इस देश में, हम सती प्रथा को खत्म कर सकते हैं, हम भ्रूण हत्या को खत्म करने के कानून बना सकते हैं, अगर हम बाल-विवाह के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं, हम दहेज में लेन-देन की प्रथा के खिलाफ कठोर कदम उठा सकते हैं, तो क्यों न हम तीन तलाक के खिलाफ भी आवाज उठाएं।

5. आतंक से जुड़े कानून: आतंक से जुड़े कानूनों में आमूल-चूल परिवर्तन करके उसको एक नई ताकत देने का, आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के संकल्‍प को और मजबूत करने का काम किया गया।

6. किसान सम्‍मान निधि: हमारे किसान भाइयों-बहनों को प्रधानमंत्री सम्‍मान निधि के तहत 90 हजार करोड़ रुपया किसानों के खाते में transfer करने का एक महत्‍वपूर्ण काम आगे बढ़ा है।

7. किसानों और छोटे व्‍यापारियों के लिए पेंशन: हमारे किसान भाई-बहन, हमारे छोटे व्‍यापारी भाई-बहन, उनको कभी कल्‍पना नहीं थी कि कभी उनके जीवन में भी पेंशन की व्‍यवस्‍था हो सकती है, वैसी पेंशन योजना को भी लागू करने का काम कर दिया है।

8. जल शक्ति अभियान: जल संकट की चर्चा बहुत होती है, भविष्‍य जल संकट से गुजरेगा, यह भी चर्चा होती है, उन चीजों को पहले से ही सोच करके, केंद्र और राज्‍य मिलकर के योजनाएं बनाएं इसके लिए एक अलग जल-शक्ति मंत्रालय का भी निर्माण किया गया है।

9. जल-जीवन मिशन: हम आने वाले दिनों में जल-जीवन मिशन को आगे ले करके बढ़ेंगे। इसके लिए केंद्र और राज्‍य सरकारें साथ मिलकर काम करेंगे और आने वाले वर्षों में साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा रकम इस मिशन के लिए खर्च करने का हमने संकल्‍प लिया है।

चिकित्‍सा कानून: हमारे देश में बहुत बड़ी तादाद में डॉक्‍टरों की जरूरत है, आरोग्‍य की सुविधाएं और व्‍यवस्‍थाओं की आवश्यकता है। Medical Education को पारदर्शी बनाने के लिए अनेक महत्‍वपूर्ण कानून हमने बनाए हैं, महत्‍वपूर्ण निर्णय लिए हैं।
बच्‍चों की सुरक्षा के लिए कठोर कानून प्रबंधन आवश्‍यक था। हमने इस काम को भी पूर्ण कर लिया है।
अगर 2014 से 2019 आवश्‍यकताओं की पूर्ति का दौर था, तो 2019 के बाद का कालखंड देशवासियों की आकांक्षाओं की पूर्ति का कालखंड है, उनके सपनों को साकार करने का कालखंड है।
जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख: जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख के नागरिकों की आशा-आकांक्षा पूरी हो, यह हम सब का दायित्‍व है। वहां के मेरे दलित भाइयो-बहनो को, देश के अन्‍य दलितों के समान अधिकार प्राप्त नहीं थे, वो उनको भी मिलने चाहिए। वहां हमारे कई ऐसे समाज और व्‍यवस्‍था के लोग चाहे वह गुर्जर हों, बकरवाल हों, गद्दी हों, सिप्‍पी हों,बाल्‍टी हों - ऐसी अनेक जनजातियां, उनको राजनीतिक अधिकार भी मिलने चाहिए।भारत विभाजन हुआ, लाखों-करोड़ों लोग विस्‍थापित होकर आये उनका कोई गुनाह नहीं था लेकिन जो जम्‍मू-कश्‍मीर में आकर बसे, उनको मानवीय अधिकार भी नहीं मिले, नागरिक के अधिकार भी नहीं मिले।
जम्‍मू-कश्‍मीर के लोगों का योगदान: जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख सुख-समृद्धि और शांति के लिए भारत के लिए प्रेरक बन सकता है। भारत की विकास यात्रा में बहुत बड़ा योगदान दे सकता है। अब, जम्‍मू-कश्‍मीर का सामान्‍य नागरिक भी दिल्‍ली सरकार को पूछ सकता है। उसको बीच में कोई रुकावटें नहीं आएंगी। यह सीधी-सीधी व्‍यवस्‍था आज हम कर पाए हैं।
एक राष्‍ट्र एक कर: GST के माध्‍यम से हमने One Nation, One Tax के सपने को साकार किया है। पिछले दिनों ऊर्जा के क्षेत्र में One Nation, One Grid को भी हमने सफलतापूर्वक पार किया। One Nation, One Mobility Card - इस व्‍यवस्‍था को भी हमने विकसित किया है। और आज चर्चा चल रही है, “एक देश, एक साथ चुनाव’’। यह चर्चा होनी चाहिए, लोकतांत्रिक तरीके से होनी चाहिए।
जनसंख्‍या विस्‍फोट: जनसंख्‍या विस्‍फोट हमारे लिए, हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए अनेक नए संकट पैदा करता है लेकिन हमारे देश में एक जागरूक वर्ग भी है, जो इस बात को भली-भांति समझता है। उनके सम्‍मान की आवश्‍यकता है। समाज के बाकी वर्गों को जोड़कर जनसंख्‍या विस्‍फोट की हमें चिंता करनी ही होगी।
भ्रष्‍टाचार, भाई-भतीजावाद: भ्रष्‍टाचार, भाई-भतीजावाद ने हमारे देश का कल्‍पना से परे नुकसान किया है और दीमक की तरह हमारे जीवन में घुस गया है। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसको हमने निरंतर Technology का उपयोग करते हुए निरस्‍त करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं।
लोगों के जीवन में सरकार का दखल: आजाद भारत का मतलब मेरे लिए यह है कि धीरे-धीरे सरकारें लोगों की जिंदगी से बाहर आएं। ऐसा Eco-system हमको बनाना ही होगा। न सरकार का दबाव हो, न सरकार का अभाव हो,लेकिन हम सपनों को लेकर आगे बढ़ें। Ease of living आजाद भारत की आवश्यकता है।
Incremental progress बनाम High Jump: हमारा देश आगे बढ़े, लेकिन incremental progress, उसके लिये देश अब ज्यादा इंतजार नहीं कर सकता है, हमें ऊंची छलांग लगानी पड़ेगी।
आधुनिक ढांचागत विकास: हमने तय किया है कि इस कालखंड में 100 लाख करोड़ रुपयाआधुनिक Infrastructure के लिए लगाए जाएंगे, जिससे रोजगार भी मिलेगा, जीवन में भी नई व्‍यवस्‍था विकसित होंगी।
5 Trillion Dollar Economy: हमने 5 Trillion Dollar Economy का सपना संजोया है। आजादी के 70 साल बाद हम दो Trillion Dollar Economy पर पहुंचे थे, लेकिन पिछले पांच साल के भीतर हम लोग दो Trillion से तीन Trillion पहुंच गए। इस गति से हम आने वाले पांच साल में 5 Trillion Dollar Economy बन सकते है।
ग्रामीण विकास और किसानों की आय: आजादी के 75 साल में देश के किसान की आय दो गुनी होनी चाहिए, हर गरीब के पास पक्‍का घर होना चाहिए, हर परिवार के पास बिजली होनी चाहिए, हर गांव में Optical Fiber Network और Broadband की Connectivity हो, साथ ही साथ Long Distance Education की सुविधा हो।
हमारी समुद्री संपत्ति, Blue Economy इस क्षेत्र पर हम बल दें। हमारे किसान अन्‍नदाता है, ऊर्जादाता बनें। हमारे किसान, ये भी Exporter क्‍यों न बनें। हमारे देश को Export बढ़ाना ही होगा। हमारा हर जिला Export Hub बनने की दिशा में क्‍यों न सोचें। हिन्‍दुस्‍तान का कोई जिला ऐसा नहीं होगा जहां से कुछ न कुछ export न होता हो। Value addition वाली चीजें दुनिया के अनेक देशों तक export हों।
पर्यटन: हमारा देश Tourist Destination के लिए दुनिया के लिए अजूबा हो सकता है। हम सभी देशवासी तय करें कि हमें देश के tourism पर बल देना है। जब tourism बढ़ता है, कम से कम पूंजी ‍निवेश में ज्‍यादा से ज्‍यादा रोजगार मिलता है। देश की economy को बल मिलता है। क्या आप तय कर सकते हैं कि 2022 में आजादी के 75 साल पूरे होने के पहले हम अपने परिवार के साथ भारत के कम से कम 15 tourist destinations पर जाएंगे।
स्थिर सरकार – भरोसेमंद नीति: जब Government stable होती है, policy predictable होती है, व्‍यवस्‍थाएं stable होती है तो दुनिया का भी एक भरोसा बनता है। विश्‍व भी भारत की political stability को बड़े गर्व और आदर के साथ देख रहा है।
महंगाई और विकास में संतुलन: आज हमारे लिए गर्व का विषय है कि महंगाई को control करते हुए हम विकास दर को बढ़ाने वाले एक महत्‍वपूर्ण समीकरण को ले करके चले हैं।
अर्थव्‍यवस्‍था: हमारी अर्थव्‍यवस्‍था के fundamentals बहुत मजबूत हैं। जीएसटी और IBC जैसे सुधार लाना अपने आप में एक नया विश्‍वास पैदा करते हैं। हमारे निवेशक ज्‍यादा कमाएं, ज्‍यादा निवेश करेंऔर ज्‍यादा रोजगार पैदा करें। हम wealth creator को आशंका की नजरों से न देखें। उनका गौरव बढ़ना चाहिए और wealth create नहीं होगी तो wealth distribute भी नहीं होगी। अगर wealth distribute नहीं होगी तो देश के गरीब आदमी की भलाई नहीं होगी।
आतंकवाद: भारत आतंक फैलाने वालों के खिलाफ मजबूती के साथ लड़ रहा है। आतंकवाद को पनाह, प्रोत्‍साहन औरexport, करने वाली ताकतों को उजागर करने में दुनिया के देशों के साथ मिलकर भारत अपनी भूमिका अदा करें, हम यही चाहते हैं। आतंकवाद को नेस्‍तनाबूद करने में हमारे सैनिकों, सुरक्षा बलों और सुरक्षा एजेंसियों ने बहुत प्रशंसनीय काम किया है। मैं उनको नमन करता हूं।
29. भारत के पड़ोसी देश – बांग्लादेश, अफगानिस्‍तान, श्रीलंका आतंकवाद से जूझ रहे हैं। हमारा पड़ोसी और एक अच्‍छा मित्र अफगानिस्‍तान चार दिन बाद 100वीं आजादी का उत्‍सव मनाने जा रहा है। मैं अफगानिस्‍तान के मित्रों को अनेक-अनेक शुभकानाएं देता हूं।

30.सैन्‍य सुधार: हमारे देश में सैन्‍य व्‍यवस्‍था, सैन्‍य शक्ति, सैन्‍य संसाधन - उसके Reform पर लंबे अरसे से चर्चा चल रही है। अनेक सरकारों ने इसकी चर्चा की है। अनेक commission बैठे हैं, अनेक रिपोर्ट आई हैं और सारे रिपोर्ट करीब-करीब एक ही स्‍वर को उजागर करते रहे हैं। हमारी पूरी सैन्‍यशक्ति को एकमुश्‍त होकर एक साथ आगे बढ़ने की दिशा में काम करना होगा। जल, थल, नभ में तीनों सेनाएं एक साथ एक ही ऊंचाई पर आगे बढ़ें। आज हमने निर्णय किया है कि अब हम Chief of Defense Staff - CDS की व्‍यवस्‍था करेंगे और इस पद के गठन के बाद तीनों सेनाओं को शीर्ष स्‍तर पर प्रभावी नेतृत्‍व मिलेगा। हिन्‍दुस्‍तान की सामरिक दुनिया की गति में ये CDS एक बहुत अहम और reform तथा बल देने वाला काम है।

31.स्‍वच्‍छता अभियान: मैंने इसी लाल किले से 2014 में स्‍वच्‍छता की बात कही थी। कुछ ही सप्‍ताह बाद बापू की 150वीं जयंती, 02 अक्‍तूबर को भारत अपने-आपको खुले में शौच मुक्‍त राष्‍ट्र घोषित कर पाएगा। राज्‍यों, गांवों, नगर पालिकाओं और मीडिया ने स्‍वच्‍छता अभियान को जन-आंदोलन बना दिया।

32.प्‍लास्टिक मुक्‍त भारत: मैं एक छोटी-सी अपेक्षा आज आपके सामने रखना चाहता हूं। क्‍या हम इस 02 अक्‍तूबर को भारत को single use plastic से मुक्ति दिला सकते हैं। इसके लिए हर नागरिक, नगरपालिकाएं, महानगर-पालिकाएंऔर ग्राम पंचायतें सब मिलकर प्रयास करें।

33.मेक इन इंडिया: Made in India Product, हमारी प्राथमिकता क्यों न होनी चाहिए? हमें lucky कल के लिये local product पर बल देना है। देश की Economy में भी इसके कारण हम मदद कर सकते हैं।

34.Digital Payment: हमारा digital platform बड़ी मजबूती के साथ उभर रहा है, लेकिन हमारे गांव में, छोटी-छोटी दुकानों में भी, हमारे शहर के छोटे-छोटे मॉल में भी हम क्यूं न Digital payment पर बल दें?

35.रासायनिक उर्वरकों का उपयोग: हम chemical fertilizer, pesticides का उपयोग करके धरती के स्‍वास्‍थ्‍य को खराब कर रहे हैं। आजादी के 75 साल होने जा रहे हैं। क्‍या हम 10 percent, 20 percent, 25 percent अपने खेत में chemical fertilizer को कम करेंगे, हो सके तो मुक्तिकर अभियान चलाएंगे। मेरे किसान मेरी इस मांग को पूरा करेंगे यह मुझे पूरा विश्‍वास है।

36.प्रगति के नए आयाम: हमारे देश के professionals की आज पूरी दुनिया में गूंज है। हमारा चंद्रयान तेजी से चांद के उस छोर की ओर आगे बढ़ रहा है, जहां अब तक कोई नहीं गया है। आज दुनिया के खेल के मैदानों में मेरे देश के 18 से 22 साल के बेटे-बेटियां हिन्‍दुस्‍तान का तिरंगा झंडा फहरा रही हैं।

37. नए लक्ष्‍य: आने वाले दिनों में गांवों में डेढ़ लाख wellness center बनाने होंगे, हर तीन लोकसभा के बीच एक medical college, दो करोड़ से अधिक गरीब लोगों के लिए घर, 15 करोड़ ग्रामीण घरों में पीने का पानी पहुंचाना है। सवा लाख किलोमीटर गांव की सड़के बनानी हैं और हर गांव को Broadband connectivity, optical fiber network से जोड़ना है। 50 हजार से ज्‍यादा नये start up का जाल बिछाना है।

38.समता मूलक समाज: भारत के संविधान के 70 साल हो गए हैं। बाबा साहेब अम्‍बेडकर के सपने और यह वर्ष महत्‍वपूर्ण है, गुरू नानक देव जी का 550वां पर्व भी है। आइये, बाबा साहेब अम्‍बेडकर, गुरू नानक देव जी की शिक्षा को ले करके हम आगे बढ़ें और एक उत्‍तम समाज का निर्माण, उत्‍तम देश का निर्माण, विश्‍व की आशाओं-अपेक्षाओं के अनुरूप भारत का निर्माण करें ।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।