प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘परीक्षा पे चर्चा’ के 7वें संस्करण के दौरान छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ इंटरैक्टिव सेशन में शामिल हुए और परीक्षा की तैयारी और तनाव प्रबंधन पर गहन चर्चा की।
प्रधानमंत्री मोदी ने माता-पिता के अत्यधिक उत्साह या छात्रों की अति-गंभीरता के कारण होने वाली गलतियों से बचने पर ज़ोर दिया। उन्होंने अभिभावकों को सलाह दी कि वे परीक्षा के दिन को नए कपड़े खरीदने, रीति-रिवाजों को निभाने या स्टेशनरी खरीद के नाम पर अनावश्यक दबाव का अवसर न बनाएं।
पीएम मोदी ने दूसरी ओर, छात्रों को तनावमुक्त रहने और आखिरी समय में पढ़ाई न करने की भी सलाह दी। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि बाहरी भटकाव से बचना ज़रूरी है, क्योंकि वे बेवजह तनाव बढ़ा सकते हैं।
प्रधानमंत्री की छात्रों को दी गई महत्वपूर्ण सलाह में से एक यह थी कि परीक्षा के दौरान घबराहट से बचने के लिए, वे पहले ध्यान से प्रश्न-पत्र पढ़ें और टाइम मैनेजमेंट की अच्छी रणनीति बनाएं।
इस सार्थक बातचीत के दौरान, पीएम मोदी ने कंप्यूटर और फोन के बढ़ते चलन के कारण लिखने की घटती आदत को रेखांकित किया और छात्रों को राइटिंग की प्रैक्टिस को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया। उनका एक ठोस सुझाव यह था कि पढ़ाई के समय का 50% राइटिंग के लिए समर्पित किया जाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया जाए कि राइटिंग के माध्यम से हमें एक विषय अधिक बेहतर तरीके से समझ आता है।
प्रधानमंत्री ने छात्रों से अन्य छात्रों की स्पीड के बारे में चिंता करने से बचने के लिए कहा और उनसे आग्रह किया कि वे अपने प्रदर्शन से भी अभिभूत न हों। पीएम मोदी के मार्गदर्शन का उद्देश्य आत्मविश्वास पैदा करना और प्रभावी परीक्षा तैयारी रणनीतियों को बढ़ावा देना है, जिससे अंततः छात्रों को तनाव का प्रबंधन करने और परीक्षा के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी।