वाराणसी अध्यात्मिक है। वाराणसी रहस्यमय है, वाराणसी पवित्र है। वाराणसी भारतीय सभ्यता का कालातीत धरोहर है। यह शहर हजारों वर्षों की हमारी बहुमूल्य परंपराओं की विरासत संजोए हुए है।
आखिर इस पौराणिक शहर में नया क्या है!
तो पहली बार इस शहर का सांसद देश का प्रधानमंत्री बना है। यदि भारत के राजनीतिक इतिहास को देखे तो पीएम का संसदीय क्षेत्र बस कुछ समय के लिए ही ज्यादा चर्चित रहा है जब वहां पीएम के संभावित उम्मीदवार चुनाव लड़ते हैं। उसके बाद अगले चुनाव तक उस संसदीय क्षेत्र को लोग भूल जाते हैं।
लेकिन पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी होने के कारण पूरे 5 साल यह संसदीय क्षेत्र पूरे देश में चर्चा का केंद्र रहा है। अपने व्यस्तम कार्यक्रमों के बावजूद पीएम मोदी 1 साल में कई बार अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा करते रहे हैं। क्योंकि पीएम मोदी को वाराणसी और वहां के लोगों से बहुत गहरा लगाव है।
काशी के लोगों के बारे में पीएम के अपने शब्द हैं
‘काशी ने मुझे अपनाया है। मैं आपके प्यार में कैद हूं।’
काशी आगमन के दौरान पीएम मोदी को वहां के लोगों के साथ विचार विमर्श अलावा अक्सर देखा जाता है कि कभी वह अस्पताल का उद्घाटन करते हैं तो कभी किसी नई एक्सप्रेस ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना करते हैं, रिंग रोड के निर्माण की आधारशिला रखते हैं और काशी को देश का पहला इनलैंड वाटरवे के मल्टी मोडल हब का उद्घाटन करते हैं।
पीएम मोदी के विकास मॅाडल की एक खास बात यह है कि लगभग सभी घोषित परियोजनाएं समय पर पूरी हुई हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने बुनकरों के लिए व्यापार सहयोग केंद्र ‘ दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल की आधारशिला 2014 में रखी और 2017 में इसे राष्ट्र को समर्पित कर दिया।
2015 में पीएम मोदी ने रिंग रोड फेज-1 की आधारशिला रखी और सिर्फ 3 साल के भीतर उन्होंने शहर को दो महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट सौंप दिए। 2014 में पीएम मोदी ने यह कहा था कि वाराणसी को स्वच्छ बनाना है और अस्सी घाट पर एक शुरूआत की थी, आज हम घाटों का देख सकते हैं किस तरह वहां साफ सफाई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपना 68 वां जन्म दिवस वाराणसी में मनाया था और उन्होंने वहां के लोगों के सामने अपना रिपोर्ट कार्ड पेश किया था। उस अवसर पर उन्होंने कहा -आपने भले ही मुझे प्रधानमंत्री का दायित्व दिया है, लेकिन यह मेरा दायित्व है कि मैं एमपी के नाते अपने किए हुए काम का लेखा जोखा प्रस्तुत करूं। आप ही मेरे हाई कमांड हैं। आप ही मेरे स्वामी हैं। मैं आपका सेवक हूं। इसलिए मुझे एक एक पैसे और एक एक मिनट का हिसाब देना है। कोई भी प्रधानमंत्री इस तरह अपने संसदीय क्षेत्र के लिए काम नहीं किया होगा।
केवल काशी ही यह विकास नहीं देख रही है, बल्कि यहां के लोग भी यह अनुभव कर रहे हैं कि जब आपका एमपी ही पीएम हो तो क्या होता है।
वाराणसी के एक छोटे से व्यापारी ने प्रधानमंत्री को चेक बाउसिंग से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के नये नियम की कठिनाई बताई तो तुंरत पीएम ने कार्रवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चेक बाउसिंग से संबंधित केस वहां फाइल किए जाएंगे जहां के बैंक से जारी हुए थे। इससे छोटे व्यापारी को बहुत ही समस्या होने वाली थी, क्योंकि हर शहर से चेक उनके पास आता है और बाउंस होने की स्थिति में उन्हें शहर-शहर भागना पड़ता। पीएम ने काशी के इस नागरिक की समस्या को समझते हुए एक महीने के अंदर ही इस कानून में आवश्यक बदलाव करवा दिया। इससे पूरे देश के लोगों को राहत मिली। वाराणसी के इस व्यापारी की बात प्रधानमंत्री तक इसलिए जल्दी पहुंच गई, क्योंकि पीएम वाराणसी के एमपी हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का जनसंपर्क कार्यालय वहां के लोगों के लिए 24 घंटे काम करता है। यह वाराणसी के लोगों के लिए पूरी तरह समर्पित है। जब देश के प्रधानमंत्री आपके एमपी हो और वह प्रधानमंत्री पूरे देश में बदलाव लाने की दिन रात कोशिश कर रहे हों तो फिर काशी के एमपी होने कारण वहां तो और तेजी से बदलाव आएगा ही।