संकट के समय में बना रिश्ता अटूट होता है और यही बात नरेंद्र मोदी और जयापुर पर लागू होती है। वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए उनके नाम की घोषणा होने के बाद नरेंद्र मोदी को गांव में लगी आग के बारे में पता चला और उन्होंने तत्काल अधिकारियों के साथ बात कर उन्हें राहत कार्य में जुटने के लिए कहा।
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना का शुभारंभ किया जिसके तहत सांसद जनता को साथ लेकर गांव के समग्र विकास के लिए काम करेंगे।
मैं जयापुर से यह विनती करने आया हूं कि मुझे अंगीकार करो। मुझे सिखाओ, गांवों की समस्याएं किस तरह से दूर की जाती हैं।
सांसद आदर्श ग्राम योजना के लिए जयापुर को चुनने के बाद नरेंद्र मोदी का मानना था कि गांव के समग्र विकास के लिए लोगों और उनके प्रतिनिधि को मिलकर काम करना होगा। नरेंद्र मोदी ने कहा कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत सांसद गांव को गोद नहीं ले रहे बल्कि इस योजना के जरिए गाँव के लोग सांसदों को अपनी छांव में ले रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक अच्छे जन प्रतिनिधि को ग्रामीणों के विशाल अनुभवों और समस्यासएं सुलझाने की उनकी अंतर्दृष्टि से बहुत कुछ सीखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सांसद आदर्श ग्राम योजना का मतलब गांव में अतिरिक्ति धनराशि सुलभ कराना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि योजनाएं सही ढंग से लागू की जाएं और समूचा गांव समस्याएं सुलझाने और विकास सुनिश्चित करने में भागीदारी करे।नरेंद्र मोदी ने कहा कि वो उन कमियों को दूर करना चाहते हैं, जिनके चलते पिछले 60 वर्षों से गांवों की प्रगति रुकी हुई है।
सामूहिक चेतना की शक्ति का उपयोग
जयापुर में नरेंद्र मोदी ने जनशक्ति और इसके जरिए मिल सकने वाले जबरदस्त परिणामों पर बल दिया।प्रधानमंत्री ने सामाजिक चेतना पैदा करने और लोगों की सामूहिक इच्छाशक्ति के माध्यम से महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल करने पर अत्यधिक जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्येक गांव को अपना जन्मदिन या अपना स्थापना दिवस मनाना चाहिए और सभी को इस उत्सव में भाग लेना चाहिए। यह जातिवाद को समाप्त करने का सबसे अच्छा तरीका है।
प्रधानमंत्री ने एक बड़ी जनसभा में लोगों से पूछा कि क्याा हम यह तय कर सकते हैं कि हम जयापुर को गंदा नहीं होने देंगे? क्या हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि भोजन करने से पहले बच्चे अपने हाथ अवश्य धोएंगे? उन्होंने कहा किइन बातों के लिए सरकार के हस्तक्षेप की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि इस तरह की सकारात्मक सामाजिक ऊर्जा से एक आदर्श गांव बनाने में मदद मिलेगी। नरेंद्र मोदी ने जयापुर गांव के प्रत्येक परिवार से यह भी कहा कि वे बेटियों के जन्म को एक उत्सव के रूप में मनाएं। साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके पास वाराणसी के लिए कई योजनाएं हैं, जिन्हें वो जनता की ताकत यानी जनशक्ति के माध्यम से पूरा करना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री द्वारा जयापुर के लोगों से मिलने और उन्हें संबोधित करने के बाद वहां के लोगों ने उनके विचार पर अमल करते हुए बेटी के जन्म को उत्सव के रूप में मनाना शुरू कर दिया और वृक्षारोपण किया। परिवारों ने बताया कि जयापुर में प्रधानमंत्री को सुनने के बाद उन्होंने बेटी के जन्म का उत्सव मनाने के बारे में सोचा।
अपने गांवों को आदर्श बनाना प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगर एक गांव को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किया गया तो इससे अन्य गांव भी प्रेरित होंगे और अधिकारियों को भी यह पता चलेगा कि कैसे योजनाओं को अच्छी तरह लागू किया जा सकता है। ग्रामीण विकास के अपने विजन पर जोर देते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें बड़े शहरों की आपूर्ति संचालित प्रणाली से हटकर गांवों की जरूरतों के अनुसार मांग संचालित प्रणाली की दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की आकांक्षाएं शहरी क्षेत्रों के लोगों से कम नहीं हैं और उन्हें पूरा करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने सफाई के महत्व पर भी बल दिया और कहा कि नागरिकों के जीवन में सुधार लाने के लिए इसे एक लंबा सफर तय करना होगा।