कल से मैं यहीं, DLW के परिसर में ठहरा हूँ। चारों तरफ रेल्वे के माहौल ने मुझे मेरे बचपन से जोड़ दिया।
नरेंद्र मोदी ने वाराणसी की अपनी यात्रा के दौरान डीजल लोकोमोटिव वर्क्स के विस्तार समारोह में भाग लिया। प्रधानमंत्री वाराणसी की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान डीजल लोकोमोटिव वर्क्स (डीएलडब्ल्यू) में रुके थे। वाराणसी की रेलवे इकाई में रुकने से नरेंद्र मोदी के मन में एक रोचक संबंध बना, जिसने उन्हें बचपन की याद दिला दी।
अपनी यात्रा पूरी करने पर उन्होंने आगंतुक पुस्तिका में लिखा कि डीएलडब्ल्यू में रुकने से उनके मन में अपने बचपन की वो यादें ताज़ा हो गईं जब वह रेलगाड़ियों और रेलवे स्टेशनों के साथ करीब से जुड़े थे।प्रधानमंत्री ने बताया कि किस तरह उन्हें यात्रियों और रेलगाड़ियों की याद आई और किस तरह यह उनके लिए एक तरह का भावनात्मक अनुभव था। भविष्य को लेकर नरेंद्र मोदी ने कहा कि बचपन की ये यादें नए संकल्प और नई संभावनाओं को बढ़ावा देंगी।उन्होंने लिखा :
“बचपन से ही मेरा नाता रेल्वे से रहा, रेल्वे स्टेशन से रहा, रेल के डिब्बे से रहा। कल से मैं यहीं DLW के परिसर में ठहरा हूँ। चारों तरफ रेल्वे के माहौल ने मुझे मेरे बचपन से जोड़ दिया। शायद पहली बार पूरा समय बचपन, वो रेल के डिब्बे, वो यात्री, सबकुछ मेरी आँखों के सामने ज़िंदा हो गया। वे यादें बहुत ही भावुक थी। यहां सबका अपनापन बहुत भाया। सभी कर्मयोगी भाइयों को धन्यवाद। अब तो मुझे बार बार यहां आना होगा। फिर बचपन की स्मृतियों के साथ नए संकल्प, संभावनाएं बनेंगी। माँ गंगा का प्यार और आशीर्वाद हमारे देश को निर्मल बनाये, हमारी सोच को निर्मल बनाये यही प्रार्थना।”
प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा के दौरान नए हाई हार्सपावर डीजल लोकोमोटिव को झंडी दिखाकर रवाना किया और उसे भारत की स्वदेशी क्षमताओं तथा ‘मेक इन इंडिया’ के उनके विजन का उदाहरण बताया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नारे “जय जवान, जय किसान” को याद करते हुए कहा इस नारे ने खाद्य उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किसानों को प्रेरित किया। उन्होंने यह आशा जताई कि “मेक इन इंडिया” हमें अपनी सभी जरूरतों में आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करेगा।
उन्होंने रेलवे के आधुनिकीकरण और इसे सेवा उन्मुख बनाने का वादा किया, ताकि यह देश के विकास का इंजन बन सके। नरेंद्र मोदी ने कहा कि रेलवे के लिए सही एवं सुप्रशिक्षित मानव संसाधन सुनिश्चित करने के लिए चार रेल विश्वविद्यालय स्थापित किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि रेलवे को सिर्फ़ परिवहन के माध्यम के रूप में नहीं देखना चाहिए बल्कि इसे आर्थिक विकास का आधार बनना चाहिए। उन्होंने रेलवे कर्मचारियों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि भारत में भारतीय रेल सबसे अच्छी सेवा प्रदान करे।