1.  ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री श्री टोनी एबोट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर 4-5 सितम्‍बर 2014 को भारत की राजकीय यात्रा पर आये।
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  1.  5 सितम्‍बर 2014 को प्रधानमंत्री एबोट का राष्‍ट्रपति भवन में रस्‍मी स्‍वागत किया गया। उन्‍होंने राजघाट में महात्‍मा गांधी की समाधि और इंडिया गेट पर पुष्‍पांजलि अर्पित की।
  2.  प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री एबोट के साथ द्विपक्षीय, क्ष्‍ोत्रीय और आपसी हितों के मामलों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री एबोट ने राष्‍ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी और उपराष्‍ट्रपति श्री हामिद अंसारी से भेंट की। विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने उनसे भेंट की। प्रधानमंत्री एबोट ने मुम्‍बई का भी दौरा किया जहां उन्‍होंने राज्‍यपाल श्री सी. विद्यासागर राव से भेंट की। उन्‍होंने दिल्‍ली और मुम्‍बई में भारतीय उद्योगपतियों से मुलाकात की। उनकी यात्रा के दौरान चार समझौतों/सहमति पत्रों पर हस्‍ताक्षर किये गये और कई महत्‍वपूर्ण पहल की गईं।
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आपसी सहयोग

  1.  दोनों प्रधानमंत्रियों ने हाल के वर्षों में आपसी संबंधों में तेजी से हुई वद्धि का स्‍वागत किया जो साझा मूल्‍यों, आर्थिक संबंधों के विस्‍तार, सामरिक हितों के मेल और क्षेत्रीय एवं बहुपक्षीय संस्‍थानों में बढ़ते साझा एजेंडे का आधार है।
  2.  दोनों प्रधानमंत्रियों ने आपसी सामरिक भागीदारी को सशक्‍त बनाने और उसे आपसी विश्‍वास के नए स्‍तर तक ले जाने की प्रतिबद्धता दोहराई है।
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  1.  दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने आपसी भागीदारी के सशक्‍त प्रतीक के रूप में द्विपक्षीय असैन्‍य परमाणु सहयोग समझौते पर हस्‍ताक्षर होने का स्‍वागत किया। उन्‍होंने इस बात पर गौर किया कि इस समझौते की बदौलत ऑस्‍ट्रेलिया, भारत को यूरेनियम बेचने में सक्षम हो सकेगा, जिससे भारत को अपनी बढ़ती ऊर्जा संबंधी जरूरते पूरी करने में मदद मिलेगी। उन्‍होंने वार्ताकारों से प्रशासनिक समझौतों को जल्‍द अंतिम रूप देने का निर्देश दिया।
आर्थिक संबंध
  1.  दोनों प्रधानमंत्रियों ने आर्थिक भागीदारी कायम करने को प्राथमिकता दिये जाने पर बल दिया, जो दोनों देशों के संबंधों का स्‍तम्‍भ है। दोनों नेताओं ने आपसी लाभ और दोनों देशों की आर्थिक वृद्धि को दीर्घकालिक और निरंतर प्रोत्‍साहन देने के लिए व्‍यापार को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दोहरायी। उन्‍होंने इस बात पर सह‍मति व्‍यक्‍त की कि कार्यकुशलता बढ़ाने, नयी तकनीके शुरू करने और नवरचना एवं कौशल विकास करने के लिए बुनियादी ढांचे, संसाधन, कृषि, विनिर्माण, स्‍वास्‍थ्‍य,शिक्षा और अन्‍य क्षेत्रों में निवेश और सहयोग को बढ़ावा देने की सम्‍भावनाएं विद्यमान हैं।
  2.  प्रधानमंत्री एबॅट ने ऑस्‍ट्रेलिया में बढ़ते भारतीय निवेश का स्‍वागत किया और निवेश का स्थिर वातावरण उपलब्‍ध कराने तथा मंजूरी देने की प्रक्रिया को सुव्‍यवस्थित करने की ऑस्‍ट्रेलिया की प्रतिबद्धता रेखांकित की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बुनियादी ढांचे, संसाधन, प्रौद्योगिकी और अन्‍य परियोजनाओं में ऑस्‍ट्र‍ेलियाई निवेश का स्‍वागत किया।
  3.  प्रधानमंत्रियों ने समग्र आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) की दिशा में हुई प्रगति का स्‍वागत किया जिससे दोनों पक्षों के व्‍यापार और निवेश में महत्‍वपूर्ण विस्‍तार में मदद मिलेगी। उन्‍होंने उचित, संतुलित, समग्र और उच्‍च गुणवत्‍ता वाले समझौते को जल्‍द सम्‍पन्‍न कराने की प्रतिबद्धता दोहरायी।
  4.  प्रधानमंत्रियों ने कराधान, प्रतिस्‍पर्धा, वित्‍तीय क्षेत्र के विनियमन और ढांचागत क्षेत्रों सहित आर्थिक नीति पर द्विपक्षीय वार्ता का विस्‍तार किये जाने पर गौर किया।
11.   प्रधानमंत्रियों ने प्रधानमंत्री एबॅट की यात्रा पर उनके साथ आए प्रमुख ऑस्‍ट्रेलियाई उद्योग‍पतियों के शिष्‍टमंडल का स्‍वागत किया। उन्‍होंने इस बात पर सहमति व्‍यक्‍त की कि आर्थिक संबंध और व्‍यापारिक भागीदारी को नई ऊर्जा से भरपूर सीईओ फोरम और व्‍यापार और कारोबारी मिशनों के नियमित आदान-प्रदान को बढ़ावा देकर तथा 2015 की शुरूआत में भारत-आस्‍ट्रेलिया व्‍यापारिक शिखर सम्‍मेलन के आयोजन के माध्‍यम से सशक्‍त बनाया जाना चाहिये।

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रक्षा और सुरक्षा सहयोग

  1.   प्रधानमंत्रियों ने सहकारी तंत्रों के समर्थन से शांतिपूर्ण, समृद्ध और स्थिर एशिया-प्रशांत क्षेत्र की इच्‍छा दोहरायी। उन्‍होंने समुद्री क्षेत्र में करीब संबंध बनाने में दिलचस्‍पी जाहिर की।
  2.   प्रधानमंत्रियों ने रक्षा और सुरक्षा भागीदारी सशक्‍त बनाने की प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की। उन्‍होंने रक्षा,आतंकवाद से निपटने, साइबर नीति, अंतर्राष्ट्रीय अपराध, निरस्‍त्रीकरण और अप्रसार, मानवीय सहायता, आपदा प्रबंधन और शांतिरक्षण में बढ़ते सहयोग का स्‍वागत किया। उन्‍होंने इन क्षेत्रों तथा प्राथमिकता वाले अन्‍य क्षेत्रों में रक्षा और सुरक्षा सहयोग के प्रारूप को सशक्‍त बनाने का आह्वान किया।
  3.   प्रधानमंत्रियों ने 2015 में होने वाले प्रारम्भिक समुद्रीय अभ्‍यास की तैयारियों तथा रक्षा विज्ञान एवं उद्योग के क्षेत्र में करीबी सम्‍पर्क और सहयोग बढ़ाने सहित रक्षा सहयोग मजबूत बनाने की जा रही पहल का स्‍वागत किया। उन्‍होंने प्रथम विश्‍व युद्ध की समाप्ति की याद में आयोजित कार्यक्रमों में मिलकर भाग लेने की सम्‍भावनाएं भी तलाशी। ऑस्‍ट्रेलिया और न्‍यूजीलैंड के प्रधानमंत्रियों की ओर से प्रधानमंत्री एबॅट ने प्रधानमंत्री मादी को गैलीपोली के 100 वर्ष पूर्ण होने की याद में 2015 में होने वाले समारोह में आमंत्रित किया।
  4.    प्रधानमंत्रियों ने ऑस्‍ट्र‍ेलियाई और भारतीय दोनों के आतंकवाद से पीडि़त होने का संज्ञान लेते हुए साइबर सुरक्षा और आतंकवादी गुटों के खतरों से निपटने के लिए बढ़ते सहयोग जैसे आतंकवाद-निरोधी संयुक्‍त कार्य समूह के कार्यों की सराहना की। उन्‍होंने अवैध प्रवासन से निपटने की दिशा में जारी सहयोग का भी संज्ञान लिया।
  5.  प्रधानमंत्रियों ने समुद्रीय पहलुओं के बढ़ते महत्‍व पर गौर करते हुए आधिकारिक स्‍तर पर हो रही निरस्‍त्रीकरण और अप्रसार संबंधी वार्ता में सामुि‍द्रक सुरक्षा पर चर्चाओं का स्‍वागत किया।
ऊर्जा, विज्ञान, जल, शिक्षा और कौशल में सहयोग

 

  1.  प्रधानमंत्रियों ने मंत्रिस्‍तरीय वार्ता के द्वारा दोनों देशों के मध्‍य ऊर्जा सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने पर सहमति व्‍यक्‍त की। उन्होंने भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं पर आधारित आस्ट्रेलियाई संसाधनों की दीर्घकालीन, सतत और विश्वसनीय आपूर्ति पर आधारित ऊर्जा और संसाधनों पर रणनीतिक भागीदारी विकसित करने पर सहमति व्यक्त की। ऊर्जा के सहयोग को कोयला, एलएनजी, नवीकरणीय एवं यूरेनियम, लौह अयस्क, तांबा और सोने जैसे संसाधनों पर बढ़ा दिया जाएगा। ये संबंधों के मुख्य तत्व हैं और हम इन संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
  2.  प्रधानमंत्रियों ने आस्ट्रेलिया-भारत सामरिक अनुसंधान निधि की सफलता का स्वागत किया, जिसने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्‍यम से उच्‍च प्रभावी ज्ञान भागीदारी उपलब्‍ध कराई है। उन्‍होंने अनुसंधान परिणामों के व्‍यावसायिकरण के बढ़ते प्रभाव के साथ प्रतिबद्धता और आदान-प्रदान के आधार पर और चार वर्षों की अवधि के लिए निधि का विस्‍तार करने की घोषणा की।
  3.  प्रधानमंत्रियों ने घटते जल संसाधनों और नदी बेसिन प्रबंधन की चुनौतियों का सामना करने के लिए सहयोग बढ़ाने का स्‍वागत किया और जल सहयोग पर समझौता ज्ञापन का विस्‍तार करने की घोषणा की। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के गंगा पुनरूद्धार प्रयासों में ऑस्‍ट्रेलिया द्वारा मदद करने के प्रस्‍ताव का स्‍वागत किया।
  4.  प्रधानमंत्रियों ने शिक्षा, कौशल एवं अनुसंधान में उच्‍च गुणवत्‍ता ज्ञान भागीदारियों को बढ़ाने पर सहमति व्‍यक्‍त की, जिससे आर्थिक और सामाजिक विकास की दिशा में आपसी प्रयासों को मदद मिलेगी। उन्‍होंने भारत के नवीकरण, उत्‍पादकता और विकास के राष्‍ट्रीय लक्ष्‍यों में इसकी महत्‍वपूर्ण भूमिका और योगदान का भी उल्‍लेख किया।
  5.  प्रधानमंत्रियों ने विश्‍वविद्यालयों के दरमियान सहयोग का स्‍वागत किया और संयुक्‍त अनुसंधान, संयुक्‍त पीएचडी कार्यक्रम और संयुक्‍त उपाधियों की संभावना बढ़ाने के प्रयासों का आह्वान किया तथा शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान भागीदारी आगे बढ़ाने में ऑस्‍ट्रेलिया-भारत शिक्षा परिषद (एआईईसी) के कार्य की सराहना की। प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्‍ट्रेलिया में अध्‍ययन कर रहे भारतीय छात्रों का कल्‍याण और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऑस्‍ट्रेलिया के अधिकारियों के सतत प्रयासों की सराहना की।
  6.  प्रधानमंत्रियों ने भारत में गुणवत्‍ता युक्‍त प्रशिक्षण ढांचा विकसित करने में बढ़ते सहयोग का स्‍वागत किया। प्रधानमंत्री एबोट ने ऑस्‍ट्रेलिया की विश्‍वस्‍तरीय व्‍यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण (वीईटी) क्षमताओं के माध्‍यम सहित भारत के कार्यबल का कौशल बढ़ाने में ऑस्‍ट्रेलिया की प्रतिबद्धता का उल्‍लेख किया। प्रधानमंत्रियों ने प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में भारत की क्षेत्र कौशल परिषदों और ऑस्‍ट्रेलिया की उद्योग कौशल परिषदों के दरमियान भागीदारियों का स्‍वागत किया।
  7.  प्रधानमंत्रियों ने ऑस्‍ट्रेलिया सरकार की न्‍यू कोलम्‍बो प्‍लान पहल का स्‍वागत किया, जिसके तहत युवा ऑस्ट्रेलियाई छात्र भारतीय संस्‍थानों में अध्‍ययन करेंगे, जिससे युवा और शैक्षिक आदान-प्रदानों और संबंधों को प्रोत्‍सहित करने में मदद मिलेगी।
क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग
  1.  दोनों प्रधानमंत्रियों ने अंतर्राष्‍ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए एक प्रमुख फोरम के रूप में जी-20 को मजबूत बनाने की महत्‍ता पर विचार-विमर्श किया। प्रधानमंत्री एबोट ने प्रधानमंत्री मोदी को 2014 में जी-20 की मेजबानी के रूप में ऑस्‍ट्रेलिया की प्राथमिकताओं के बारे में जानकारी दी और महत्‍वाकांक्षा बढ़ाने तथा जी-20 द्वारा आर्थिक विकास, रोजगार और लचीली वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था सुनिश्चित करने के लिए भारत के साथ मिल-जुलकर कार्य करने के ऑस्‍ट्रेलियाई हितों को रेखांकित किया।
  2.  प्रधानमंत्रियों ने सामरिक, राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों से निपटने के लिए एक महत्‍वपूर्ण क्षेत्रीय फोरम के रूप में पूर्व-एशिया शिखर सम्‍मेलन (ईएएस) की महत्‍ता को स्‍वीकार किया। उन्‍होंने एशिया-पैसिफिक लीडर्स मलेरिया एलायंस के तहत गुणवत्‍तापूर्ण दवाइयों तक पहुंच के लिए कार्यबल के सह-अध्‍यक्ष भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के साथ ईएएस में बढ़ते हुए द्विपक्षीय सहयोग का स्‍वागत किया।
  3.  प्रधानमत्रियों ने एशियन क्षेत्रीय फोरम और एशिया-यूरोप मीटिंग जैसे अन्‍य क्षेत्रीय निकायों के साथ चल रहे सहयोग को स्‍वीकार किया। प्रधानमंत्री एबोट ने एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग फोरम (एपीईसी) में भारत की सदस्‍यता के लिए ऑस्‍ट्रेलिया के सहयोग को फिर से दोहराया।
  4.  प्रधानमंत्रियों ने भारतीय महासागर क्षेत्रीय संघ (आईओआरए) की अधिक प्रभावी प्रयोगात्‍मक सहयोग के लिए उठाए गए ठोस कदमों का उल्‍लेख करते हुए बताया कि भारत और ऑस्‍ट्रेलिया समुद्री सुरक्षा और समुद्री डकैती, मत्‍स्‍य प्रबंधन, आपदा जोखिम घटाना, पर्यटन एवं सांस्‍कृतिक आदान-प्रदान, शैक्षिक एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग, व्‍यापार और निवेश सहायता के छह प्राथमिकता क्षेत्रों में संगठन को और मजबूत बनाने के लिए मिल-जुलकर कार्य करेंगे। दोनों देश अक्‍टूबर, 2014 में पर्थ में आयोजित होने वाली मंत्रिपरिषद की अगली बैठक में इस सहयोग को उच्‍च स्‍तर पर पहुंचाने के लिए बातचीत करेंगे।
  5.  प्रधानमंत्रियों ने समकालीन वास्‍तविकताओं को बेहतर दर्शाने के लिए सुरक्षा परिषद सहित संयुक्‍त राष्‍ट्र में सुधार की महत्‍ता पर मजबूती दर्शाई। प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्‍थायी सदस्‍य बनाने के लिए ऑस्‍ट्रेलिया के लगातार समर्थन का स्‍वागत किया।
जनता और सांस्‍कृतिक संबंध
  1.  प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संसदीय आदान-प्रदान के महत्‍व पर प्रकाश डाला और संसदीय शिष्‍टमंडलों के दोनों देशों में आपसी भ्रमण के लिए सहमति व्‍यक्‍त की।
  2.  शिक्षा और पर्यटन क्षेत्रों सहित बढ़ते हुए व्‍यावसायिक और सांस्‍कृतिक संबंधों को समर्थन देने के लिए व्‍यापक जुड़ाव के महत्‍व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्रियों ने एयर इंडिया की ऑस्‍ट्रेलिया के लिए सीधी उड़ान शुरू करने का स्‍वागत किया। यह देखते हुए कि दोनों देशों में पर्यटकों की संख्‍या बढ़ रही है, प्रधानमंत्रियों ने पर्यटन पर समझौता ज्ञापन के लिए विचार-विमर्श शुरू करने के निर्णय का स्‍वागत किया।
  3.  प्रधानमंत्रियों ने सामाजिक सुरक्षा समझौते पर विचार-विमर्श में हुई प्रगति को देखते हुए जल्‍द निष्‍कर्ष का आह्वान किया। विशेष रूप से युवाओं में आदान-प्रदान को प्रोत्‍साहित करने के महत्‍व को देखते हुए उन्‍होंने कार्य और छुट्टी के लिए वीजा अनुबंध पर विचार-विमर्श करने के लिए कहा।
  4.  प्रधानमंत्रियों ने यह माना कि व्यक्ति से व्यक्ति का तेजी से बढ़ रहा संपर्क हमारी विकसित हो रही भागीदारी को दर्शाता है और इससे दोनों देश भविष्य में अधिक मजबूत संबंध स्थापित करने में समर्थ होंगे। उन्होंने इस बात को प्रशंसनीय माना कि भारतीय समुदाय आस्ट्रेलिया के आर्थिक और सामाजिक जीवन में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। अब भारत आस्ट्रेलिया के लिए कुशल प्रवासियों का सबसे बड़ा स्रोत बन गया है।
  5.  प्रधानमंत्रियों ने यह माना कि कला, संस्कृति और खेल जनता को साथ लाने में शक्तिशाली बल हो सकते हैं। उन्होंने भ्रमणकारी प्रदर्शनियों, पेशेवर प्रशिक्षणों और आदान-प्रदानों सहित संस्‍कृति और रचनात्‍मक कलाओं में अधिक सघन आदान-प्रदान का आह्वान किया। उन्‍होंने शैक्षिक प्रोत्‍साहन और छात्रों के आदान-प्रदान के लिए आस्ट्रेलिया के पांच विश्‍वविद्यालयों में भारतीय अध्‍ययन के लिए भारतीय सांस्‍कृतिक संबंध परिषद के आसन (चेयर) की स्‍थापना तथा पर्यावरण अध्‍ययन में नालंदा विश्‍वविद्यालय आसन की स्‍थापना में ऑस्‍ट्रेलिया के समर्थन का स्‍वागत किया। उन्‍होंने खेल सहयोग में समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर करने का भी स्‍वागत किया, जिससे खेल प्रशिक्षण सहित बड़े पैमाने पर आदान-प्रदान करने में मदद मिलेगी।
  6.  प्रधानमंत्रियों ने सजायाफ्ता व्‍यक्तियों के हस्‍तांतरण पर अनुबंध करने के लिए बातचीत में हुई प्रगति का स्‍वागत किया और इसके जल्‍द से जल्‍द किसी निष्‍कर्ष पर पहुंचने की उम्‍मीद जाहिर की।
अनुबंध
  1.  दोनों प्रधानमंत्रियों की उपस्थिति में निम्‍नलिखित द्विपक्षीय समझौता ज्ञापनों पर हस्‍ताक्षर किए गए –
I.            परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग में सहयोग।

II.            खेलों में सहयोग पर समझौता ज्ञापन।

III.            जल संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग पर समझौत ज्ञापन का नवीकरण।

IV.            तकनीकी व्‍यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण (टीवीईटी) में सहयोग पर समझौता ज्ञापन।

36.  प्रधानमंत्री श्री टोनी एबोट ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी को ऑस्‍ट्रेलिया की यात्रा का एक बार फिर निमंत्रण दिया। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने नवम्‍बर, 2014 में जी-20 शिखर सम्‍मेलन के समय ऑस्‍ट्रेलिया की द्विपक्षीय यात्रा करने का उनका निमंत्रण स्‍वीकार किया। दोनों पक्ष इस बारे में सहमत थे कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की ऑस्‍ट्रेलिया यात्रा से दोनों देशों के मध्‍य सहयोगी संबंधों में और मजबूती आएगी और सामरिक भागीदारी के आगामी विकास के लिए और प्रोत्‍साहन मिलेगा।

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PM to participate in Veer Baal Diwas programme on 26 December in New Delhi
December 25, 2024
PM to launch ‘Suposhit Gram Panchayat Abhiyan’

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in Veer Baal Diwas, a nationwide celebration honouring children as the foundation of India’s future, on 26 December 2024 at around 12 Noon at Bharat Mandapam, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Prime Minister will launch ‘Suposhit Gram Panchayat Abhiyan’. It aims at improving the nutritional outcomes and well-being by strengthening implementation of nutrition related services and by ensuring active community participation.

Various initiatives will also be run across the nation to engage young minds, promote awareness about the significance of the day, and foster a culture of courage and dedication to the nation. A series of online competitions, including interactive quizzes, will be organized through the MyGov and MyBharat Portals. Interesting activities like storytelling, creative writing, poster-making among others will be undertaken in schools, Child Care Institutions and Anganwadi centres.

Awardees of Pradhan Mantri Rashtriya Bal Puraskar (PMRBP) will also be present during the programme.