मलेशिया के प्रधानमंत्री महामहिम दातो श्री मोहम्मद नजीब तून अब्दुल रज़ाक के आमंत्रण पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 23 नवंबर को मलेशिया का आधिकारिक दौरा किया। इससे पहले 21-22 नवंबर 2015 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। दोनों प्रधानमंत्रियों ने पुत्रजय में आधिकारिक वार्ता की और क्वालालम्पुर के ब्रिक्फील्ड्स में संयुक्त रूप से तोरण द्वार का उद्घाटन किया, जो भारत-मलेश्यिा मैत्री के प्रतीक के रूप में भारत की ओर से मलेशिया को उपहार है।
गर्मजोशी और सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में आयोजित आधिकारिक वार्ता के दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों ने माना कि हाल के वर्षों में भारत-मलेशिया संबंधों में प्रभावी प्रगति हुई है। मंत्रिमंडलीय और आधिकारिक स्तर की वार्ताओं और कई समझौतों से अक्टूबर 2010 में दोनों देशों के बीच स्थापित रणनीतिक साझेदारी के पूरी क्षमता का दोहन करने के लिए खाका उपलब्ध कराया गया है।
दोनों नेताओं ने मलेशियाई एयरलाइंस की उड़ान संख्या एमएच-370 पर सवार लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। इस संदर्भ में मलेशिया के प्रधानमंत्री ने मलेशिया में सुबंग एयर बेस सहित छह जहाजों और सात विमानों की तैनाती के जरिये तलाशी अभियान में भारत द्वारा उपलब्ध कराई गई सहायता की सराहना की।
दोनों नेताओं ने दोनों देशों में पर्यटकों की बढ़ती आवाजाही का स्वागत किया और मलेशिया में भारी संख्या में मौजूद भारतीय समुदाय सहित दोनों देशों के लोगों के बीच नजदीकी सांस्कृतिक और धार्मिक आत्मीयता की भावना का स्मरण किया। यह मलेशिया और भारत के बीच वर्तमान में और आगे के मैत्रीपूर्ण संबंधों को गति प्रदान कर अधिक से अधिक विकसित एवं सुदृढ़ करने में एक सकारात्मक आयाम है।
बहुसंस्कृतिवाद को बढ़ावा देने में अपने हितों को याद करते हुए दोनों नेताओं ने लोकतंत्र, बहुलवाद और विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। दोनों नेताओं ने एशिया प्रशांत क्षेत्र में वृद्धि, आर्थिक विकास और स्थायित्व को बढ़ावा देने में मलेश्यिा और भारत द्वारा किए गए योगदान की सराहना की और इस क्षेत्र में राजनैतिक तथा सामाजिक- आर्थिक हितों और आकांक्षाओं पर आधारित शांति, विकास और सुरक्षा को बढ़ावा देने में एक दूसरे की जिम्मेदारी को स्वीकार किया।
दोनों प्रधानमंत्रियों ने पिछले वर्षों में हुई द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और मौजूदा क्षेत्र में सहयोग मजबूत करने तथा नये क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाकर दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी को अगले स्तर तक ले जाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
इसके बाद दोनों प्रधानमंत्रियों की उपस्थिति में 2015 से 2020 के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान के समझौते पर हस्ताक्षर और परियोजना आपूर्ति सहयोग और निगरानी तथा साइबर सुरक्षा सहयोग के दो समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
दोनों देशों के बीच संबंधों को और बढ़ाने और सुदृढ़ करने के प्रयास में दोनों नेता रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने के निम्निलिखित प्रयासों पर सहमत थे:
राजनीतिक विचार-विमर्श
- बहुपक्षीय कार्यक्रमों के अलावा नियमित शिखर सम्मेलनों का आयोजित किया जाए।
- दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की अध्यक्षता में संयुक्त आयोग की अगली बैठक के लिए व्यवस्था की जाए। अगली बैठक नई दिल्ली में 2016 में पहले छह महीनों में हो।
- दोनों देशों के बीच निवेश और व्यापार के अवसर खोलने तथा भारत द्वारा शुरू की गई नई विकास पहलों के बारे में जानकारी देने के लिए व्यापार तथा उद्योग, परिवहन, लोक निर्माण और बुनियादी ढांचा क्षेत्र के प्रभारी मंत्रियों के बीच कैबिनेट स्तर पर नियमित आदान-प्रदान की व्यवस्था की जाए।
- आपसी हित के क्षेत्रीय और सामरिक मुद्दों सहित द्विपक्षीय सहयोग की प्रगति की निगरानी के लिए मलेशिया और भारत के विदेश मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच नियमित विचार-विमर्श किया जाए।
- संसदीय लोकतंत्र और दोनों देशों के संसदों के बीच सहयोग को और बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई तथा भारत और मलेशिया के सांसदों का एक दूसरे के देश में नियमित आने-जाने को बढ़ावा देने के महत्व को रेखांकित किया गया।
आर्थिक, व्यापार और वित्तीय क्षेत्र
- रणनीतिक साझेदारी का महत्वपूर्ण बिन्दु, द्विपक्षीय व्यापार तथा निवेश सहयोग को और सुदृढ़ करने एवं आर्थिक संबंधों को और बढ़ाने तथा मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता दोहराई गई।
- दोनों देशों के व्यापार और उद्योग मंत्रियों के बीच नियमित बैठकें आयोजित करने के महत्व को रेखांकित किया गया।
- दोनों देशों के निजी क्षेत्रों के बीच सहयोग और संयुक्त परियोजनाओं की सुविधा विशेष रूप से बुनियादी ढांचा और निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त सहयोग। मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटीज और कौशल विकास जैसे भारत द्वारा उठाए गए नये विकास और व्यापारिक पहलों में मलेशियाई व्यापारियों के लिए निवेश के महत्वपूर्ण अवसर उपलब्ध हैं। प्रधानमंत्री ने निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में बताया और दोनों देशों के आपसी लाभ के लिए मलेशियाई निवेशकों को आर्थिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।
- उच्चस्तरीय भारत- मलेशिया मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के कार्यकलापों को गति देने की आवश्यकता को स्वीकारते हुए सीईओ फोरम से प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए विशिष्ट सिफारिशें देने को कहा गया। उन्होंने सीईओ फोरम से वर्ष में दो बार समय से बैठक करने का भी आग्रह किया ताकि सिफारिशों का कार्यान्वयन और सार्थक जांच सुनिश्चित हो सके।
- दोनों क्षेत्राधिकारों, मलेशियाई और भारतीय स्वामित्व वाले वित्तीय संस्थानों के बीच बढ़ते सहयोग का स्वागत किया गया, जिससे दोनों देशों बीच बढ़ते आर्थिक और वित्तीय संबंधों का पता चलता है।
- मलेशिया में पिछले दो दशकों से भी अधिक समय से रेलवे सहयोग में इरकॉन के योगदान की सराहना की गई और रेलवे की आगे की परियोजनाओं में इरकॉन के शामिल होने की महत्वपूर्ण रुचि का स्वागत किया गया।
- दोनों देशों के सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों को एक दूसरे देश में निवेश के अवसरों का लाभ उठाने के लिए उत्साहित किया गया। दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत में उपलब्ध व्यापारिक अवसरों का लाभ उठाने के लिए मलेशियाई कंपनियों की रूचि और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश करने की उनकी महत्वाकांक्षा का स्वागत किया गया।
- मलेशिया में भारतीय निवेश विशेष रूप से साइबरजाया स्थित भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के योगदान का स्वागत किया गया और मलेशिया में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के संबंधों को बढ़ावा देना जारी रखने पर सहमति बनी।
रक्षा और सुरक्षा
- रक्षामंत्रियों, वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों, सेना प्रमुखों के बीच चर्चा और सेवा स्टाफ वार्ता सहित विभिन्न स्तरों पर नियमित बातचीत के जरिये रक्षा संबंधी आदान-प्रदान को बढ़ावा देने पर सहमति बनी।
- रक्षा सचिव/ सचिव जनरल स्तर पर अगली भारत-मलेशियाई रक्षा सहयोग बैठक आयोजित करने पर सहमति।
- संयुक्त अभ्यासों के परिणाम हरिमाउ शक्ति और कंपनी स्तर के अभ्यासों के उन्नयन और उसके बाद तीनों सेनाओं के अभ्यासों का स्वागत किया गया।
- मलेशिया में भारतीय पायलटों द्वारा एसयू-30, एमकेएम प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल समापन में भारत की मदद से प्रशिक्षण, प्रबंधन, तकनीकी सहयोग, सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर सहयोग के लिए एसयू-30 फोरम के गठन पर सहमति।
- रक्षा उपकरण और उद्योग, अनुसंधान, प्रशिक्षण और क्षमता बढ़ाने के क्षेत्रों सहित रक्षा क्षेत्र में आपसी हित के परियोजनाओं में संयुक्त सहयोग को बढ़ावा देने पर सहमति।
- एशियाई तटरक्षक एजेंसी प्रमुखों की बैठक (एचएसीजीएएम) सहित भारतीय तटरक्षक बल और मलेशियाई समुद्री प्रवर्तन एजेंसी के प्रमुखों के बीच वार्षिक वार्ता करने पर सहमति।
- मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) तथा व्हाइट शिपिंग के लिए सूचना साझा करने हेतु प्रक्रिया तैयार करने पर सहमति।
- सेंटर फॉर यूएन पीस कीपिंग ऑफ इंडिया (सीयूएनपीके) और मलेशियन पीसकीपिंग सेंटर (एनपीसी) के बीच संबंध स्थापित करने पर सहमति।
- आतंकवाद और उसके सभी रूपों और तरीकों की कड़ी निंदा की गई और सभी राष्ट्रों से आतंकवाद को नकारने तथा अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने का अह़वान किया गया। इस संदर्भ में उन्होंने आतंकवाद का मुकाबला करने में दोनों देशों के बीच चल रहे सहयोग का स्वागत किया और इस दिशा में आगे और सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी।
- आतंकवाद और अन्य पारंपरिक तथा गैर पारंपरिक खतरों की चुनौतियों से निपटने में सूचना साझा करना जारी रखने पर सहमत।
- दोनों देशों द्वारा एशिया प्रशांत क्षेत्र और इससे शांति समृद्धि और सुरक्षा के लिए सहयोग में आपसी हित साझा करने की प्रतिबद्धता दोहराई गई।
- सजायाफ्ता कैदियों के हस्तांतरण के समझौता ज्ञापन पर अंतिम निर्णय लेने के लिए आगे वार्ता करने पर सहमति बनी। यह सजायाफ्ता कैदियों के प्रति एक महत्वपूर्ण मानवीय भाव है।
पर्यटन और शिक्षा
- मलेशिया के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय, भारतीय संस्कृति मंत्रालय और भारतीय उच्चायोग के सहयोग से मलेशिया में भारत महोत्सव-2015 की सफलता की सराहना की गई। यह पहली बार मलेशिया के सभी प्रमुख शहरों और राज्यों में आयोजित किया गया।
- छात्रों द्वारा उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए एक दूसरे के देशों में आने-जाने के अवसरों को बढ़ावा देने की मंशा दोहराई गई। भारत और मलेशिया के बीच डिग्री और विश्वविद्यालयों की आपसी मान्यता पर जल्द से जल्द एमओयू तैयार करने पर सहमत।
- क्वालालम्पुर में भारतीय उच्चायोग द्वारा प्रबंधित भारतीय छात्रवृत्ति ट्रस्ट कोष में भारत के 50 मिलियन रुपयों के अतिरिक्त योगदान का स्वागत किया गया। यह कोष 1954 से योग्य मलेशियाई भारतीय छात्रों के लिए शुरू किया गया था।
- क्वालालम्पुर में भारतीय सांस्कृतिक केंद्र का नाम ‘नेताजी सुभाषचंद्र बोस भारतीय सांस्कृतिक केंद्र’ के रूप रखने का स्वागत किया गया।
मानव संसाधन
- मलेशियाई अर्थव्यवस्था में भारतीय कामगारों के योगदान का स्वागत किया गया।
- संयुक्त कार्य समूह बैठक और नवीनतम नीतियों, कानूनों और नियमों पर जानकारी के आदान प्रदान के जरिये श्रम क्षेत्र में दोनों देशों के बीच आपसी हित को बढ़ावा देना।
स्वास्थ्य
- आयुर्वेद एवं भारतीय परम्परा की अन्य पारम्परिक चिकित्साओं में दोनों देशों के बीच बेहतर सहयोग को बढ़ावा देने की जरूरत को स्वीकार करते हुए मलेशिया ने भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग कार्यक्रम के तहत भारत से एक आयुर्वेद के चिकित्सक और दो थेरेपिस्ट की प्रतिनियुक्ति का स्वागत किया। दोनों पक्षों ने भारत सरकार की तरफ से मलेशिया को एक शिरोदारा यंत्र मशीन के उपहार का भी स्वागत किया।
- भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग कार्यक्रम के तहत भारत से एक सिद्ध चिकित्सक प्राप्त करने पर सहमति जताई।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
- टिकाऊ ऊर्जा विकास भविष्य में ऊर्जा सुरक्षा अर्जित करने की दिशा में एक प्रमुख तत्व रहा है और भारत तथा मलेशिया दोनों ही देश बेहतर ऊर्जा सुविधाओं के साथ अपनी ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ाने पर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। दोनों ही पक्षों ने जल्द से जल्द नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा पर एक संयुक्त कार्य समूह के गठन पर सहमति जताई है, जो दोनों ही देशों के लिए विचारों के आदान-प्रदान तथा परस्पर लाभदायक समझौता करने के लिए एक अच्छे मंच के रूप में काम करेगा।
सार्वजनिक प्रशासन
- सार्वजनिक प्रशासन एवं शासन के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन के तहत भारत के कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय तथा मलेशिया के पब्लिक सर्विस डिपार्टमेंट के बीच जारी शानदार सहयोग दर्ज किया गया। 28-30 सितम्बर, 2015 को क्वालालम्पुर में आयोजित तीसरी संयुक्त कार्य समूह बैठक के बाद दोनों पक्ष अंग्रेजी भाषा प्रशिक्षण, तकनीकी स्वरोजगार शिक्षण एवं प्रशिक्षण (टीवीईटी), ई-गवर्नेंस, प्रशिक्षण संस्थान गठबंधन, सेवानिवृत्ति लाभ प्रबंधन, कराधान आंकड़े एवं व्यवसाय ज्ञान और परियोजना क्रियान्वयन एवं निगरानी में सहयोग बढ़ाने के लिए बैठक में लिये गये निर्णयों को क्रियान्वित करने के लिए काम करेंगे।
- प्रदर्शन प्रबंधन, परियोजना आपूर्ति एवं निगरानी के क्षेत्रों में सहयोग स्थापित करने के लिए दोनों पक्षों के लिए प्रस्ताव का स्वागत किया।
- मलेशिया और भारत के बीच द्विपक्षीय कार्य समझौते के समापन का स्वागत किया, जो राजनयिक एजेंटों एवं राजनयिक मिशनों के प्रशासनिक एवं तकनीकी कर्मचारियों के सदस्यों के पति/पत्नी एवं दूतावास पदों पर दूतावास अधिकारियों के पति/पत्नी को पारस्परिक आधार पर संबंधित देश में रोजगार के लिए अधिकृत करता है।
क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग
- एक खुली, पारदर्शी और समावेशी क्षेत्रीय व्यवस्था को आकार देने और उभरते क्षेत्रीय ढांचे में आसियान की केन्द्रीयता के लिए क्षेत्रीय पहलों में भारत की सामरिक भागीदारी के महत्व की, खासकर, जब से नई दिल्ली में 2012 में आसियान-भारत संस्मारक सम्मेलन में साझेदारी को सामरिक दर्जे तक ऊपर उठाया गया, फिर से पुष्टि करते हुए भारत और आसियान के बीच बेहतर संबंधों का स्वागत किया।
- 05 अगस्त, 2015 को क्वालालम्पुर में आसियान-भारत मंत्रिस्तरीय बैठक में शांति, प्रगति एवं साझा समृद्धि के लिए आसियान-भारत साझीदारी को क्रियान्वित करने के लिए आसियान एवं भारत द्वारा नई कार्य योजना (2016-2020) को लागू करने का स्वागत किया।
- क्वालालम्पुर में नवम्बर, 2015 में 27वें आसियान सम्मेलन एवं संबंधित सम्मेलनों तथा पूर्व एशिया सम्मेलन की 10वीं जयंती के संस्मरण के सफल आयोजनों का स्वागत किया। साथ ही, आसियान समुदाय की स्थापना पर 2015 क्वालालम्पुर घोषणा पत्र एवं आसियान 2025 : साथ मिलकर आगे बढ़ना; पर क्वालालम्पुर घोषणा पत्र का भी स्वागत किया।
- सेवाओं में आसियान-भारत व्यापार तथा निवेश समझौतों पर हस्ताक्षर किये जाने का स्वागत किया तथा क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक सहयोग साझीदारी (आरसीईपी) समझौते को सम्पन्न करने की दिशा में की गई प्रगति दर्ज की।
- जोर देकर कहा कि संयुक्त राष्ट्र की 70वीं वर्षगांठ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधार समेत संयुक्त राष्ट्र के प्रारंभिक सुधारों के लिए आग्रह करने का एक अवसर है। मलेशिया ने एक संशोधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की आकांक्षाओं पर गौर किया; और
- संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाये गये 2015-पश्चात विकास एजेंडा का स्वागत किया, जिसमें 2030 तक गरीबी उन्मूलन मुख्य उद्देश्य है।
भारत के प्रधानमंत्री ने गर्मजोशी भरे स्वागत और यात्रा के दौरान उन्हें तथा उनके शिष्टमंडल के भावभीनी आवभगत के लिए मलेशिया के प्रधानमंत्री की सराहना की। उन्होंने मलेशिया के प्रधानमंत्री को आपसी रूप से किसी सुविधाजनक तारीख पर भारत की एक और यात्रा के लिए आमंत्रित किया, जिसे मलेशिया के प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया।