1. हम, ब्राजील संघ गणराज्‍य, रूसी संघ, भारत गणराज्य, चीन गणराज्‍य और दक्षिण अफ्रीका गणराज्य के राष्‍ट्र प्रमुखों ने जी-20 शिखर सम्मेलन के इत्तर जापान के ओसाका में 28 जून 2019 को मुलाकात की। हमने जी-20 जापानी प्रेसीडेंसी को बधाई दी और हमें दिए गए आतिथ्य के लिए हमने उनके प्रति आभार व्यक्त किया।

2. हम जापान द्वारा उसकी प्रेसीडेंसी तथा व्‍यापार, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवप्रवर्तन, बुनियादी ढांचे, जलवायु परिवर्तन, सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज, उम्रदार आबादी और टिकाऊ विकास के लिए चुनी गई प्राथमिकताओं से अवगत हैं।

3. विश्व आर्थिक विकास स्थिर प्रतीत होता है और यह अनुमान है कि इस वर्ष के अंत तक और 2020 में इसमें मामूली रूप से वृद्धि होगी। तथापि, व्‍यापार, भौगोलिक तनाव, कमोडिटी मूल्य अस्थिरता, असमानता और अपर्याप्त समावेशी संवृद्धि तथा वित्तीय स्थितियों के साथ संवृद्धि को मजबूती प्रदान करना अनिश्चित सा प्रतीत होता है। वैश्विक स्‍तर पर काफी असंतुलन लगातार बने हुए हैं जिनके लिए पूरी तरह से मॉनिटरिंग और समय पर नीतिगत प्रतिक्रियाओं की आवश्यकता होती है। हम अंतरराष्ट्रीय व्यापार की निरंतर संवृद्धि के लिए एक अनुकूल वैश्विक आर्थिक वातावरण के महत्व पर बल देते हैं।

4. इस परिदृश्य में, हम इस बात पर संतोष व्‍यक्‍त करते हैं कि ब्रिक्स देश पिछले एक दशक में वैश्विक संवृद्धि के मुख्य चालक रहे हैं, और वर्तमान में वैश्विक उत्पादन में उनका योगदान एक तिहाई के करीब हैं। अनुमानों से संकेत मिलता है कि 2030 तक कुल वैश्विक आर्थिक विकास में आधा योगदान ब्रिक्स का होगा। संरचनात्मक सुधारों के निरंतर कार्यान्वयन से हमारी विकास संभावना में वृद्धि होगी। ब्रिक्स सदस्यों के बीच संतुलित व्यापार विस्तार अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रवाह को और अधिक मजबूत करने में योगदान देगा।

5. चुनौतियों का समाधान करने और अवसरों का पूरी तरह से लाभ उठाने में मदद करने के लिए, हम अन्‍य विषयों के साथ खुले बाजार; मजबूत आर्थिक लचीलापन; वित्तीय स्थिरता; उपयुक्त रूप से डिजाइन की गई एवं सुविचारित समन्वित मैक्रो आर्थिक नीतियां; संरचनात्मक सुधार; मानव पूंजी में पर्याप्त निवेश; गरीबी के स्तरों और असमानता में कमी; निवेश और नवप्रवर्तन को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी प्रतिस्‍पर्धा; खुला, निष्पक्ष, न्यायपूर्ण और गैर-भेदभावपूर्ण कारोबारी माहौल; सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) में सहयोग; और बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण और विकास की महत्ता को समझते हैं। इन क्षेत्रों और अन्य क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय तथा घरेलू उपाय स्थायी एवं समावेशी आर्थिक विकास में योगदान करेंगे। हम वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में विकासशील देशों की अधिक भागीदारी का आह्वान करते हैं। हम व्यापार और डिजिटल अर्थव्यवस्था के बीच इंटरफेस के महत्व को पहचानते हैं। हम विकास के लिए डेटा की भूमिका को भी समझते हैं।

6. हम पारदर्शी, गैर-भेदभावपूर्ण, खुले, मुक्त और समावेशी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए प्रतिबद्ध हैं। संरक्षणवाद और एकतरफावाद विश्व व्यापार संगठन की भावना और नियमों के विपरीत कार्य करते हैं। हम बहुपक्षवाद और अंतर्राष्ट्रीय कानून के लिए अपनी प्रतिबद्धता को पुन: रेखांकित करते हैं, और हम उसके केंद्र में विश्व व्यापार संगठन के साथ नियम-आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के लिए अपने समर्थन को दोहराते हैं। हम संगठन के आवश्यक सुधार पर सभी डब्ल्यूटीओ सदस्यों के साथ रचनात्मक रूप से काम करेंगे ताकि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों को बेहतर ढंग से हल किया जा सके तथा डब्‍ल्‍यूटीओ की प्रासंगिकता और प्रभावशीलता को बढ़ाया जा सके। अन्य बातों के साथ, सुधारों में विश्व व्यापार संगठन की केंद्रीयता, मूल मूल्यों और बुनियादी सिद्धांतों को संरक्षित किया जाना चाहिए, और विकासशील देशों और एलडीसी सहित सभी सदस्यों के हितों पर विचार किया जाना चाहिए। यह आवश्यक है कि विश्व व्यापार संगठन वार्ता का एजेंडा संतुलित हो और उस पर खुले, पारदर्शी और समावेशी तरीके से चर्चा की जाए।

7. विश्व व्यापार संगठन विवाद निपटान तंत्र बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली का एक अनिवार्य स्तंभ है और संगठन के उचित एवं प्रभावी कामकाज के लिए एक अपीलीय निकाय आवश्यक है। हम विश्व व्यापार संगठन में विवादों के लिए एक दो-चरणीय आबद्धकारी न्‍यायिक प्रणाली के कार्यकरण के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध हैं। विश्व व्यापार संगठन अपीलीय निकाय के सदस्यों की नियुक्ति में गतिरोध को हल करने की तात्कालिकता को ध्‍यान में रखते हुए, हम अपील करते हैं कि अपीलीय निकाय चयन प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए।

8. हम वैश्विक वित्तीय सुरक्षा नेट के केंद्र में एक मजबूत, कोटा-आधारित और पर्याप्त रूप से संसाधनयुक्‍त अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर पुन: जोर देते हैं। हम आईएमएफ कोटा के कार्यान्वयन और 2010 में सहमत सिद्धांतों के आधार पर, शासन सुधार के लिए कार्यकारी बोर्ड के साथ काम करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं। हम 2019 की वार्षिक बैठकों में ही कोटा के 15th General Review of Quotas को संपन्‍न करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

9. हम अवसंरचना वित्तपोषण और सतत विकास में न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) की भूमिका की सराहना करते हैं और मजबूत, संतुलित एवं उच्च-गुणवत्ता वाली परियोजनाओं के पोर्टफोलियो के निर्माण के लिए निरंतर एवं सतत प्रयासों की आवश्यकता पर बल देते हैं। हम सदस्य देशों में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के निवेश में बैकलॉग का समाधान करने के लिए एक केंद्रित प्रयास के महत्व पर जोर देते हैं। न्यू डेवलपमेंट बैंक को क्षेत्रीय कार्यालयों की स्थापना के द्वारा मजबूत किया जाएगा। हम एनएनडीबी द्वारा अपने सभी सदस्यों की घरेलू मुद्राओं में संसाधनों को जुटाने के लिए चीन में शुरुआत के साथ, दक्षिण अफ्रीका और रूस में आगामी बांड कार्यक्रम सहित उसकी प्रतिबद्धता का स्वागत करते हैं। हम एनडीबी प्रोजेक्‍ट प्रिपेरेशन फंड के शीघ्र कार्यान्वयन के लिए तत्पर हैं और उम्मीद करते हैं कि यह परियोजनाओं को तैयार करने के लिए एक दक्ष साधन बने, जो एनडीबी के सदस्य देशों को तकनीकी सहायता प्रदान करे।

10. हम सदस्य देशों में भुगतान दबावों को कम करने के लिए ब्रिक्‍स कंटिन्‍जेंट रिजर्व अरेन्‍जमेंट (सीआरए) के निरंतर महत्व पर बल देते हैं। 2018 में सफल परीक्षण को ध्यान में रखते हुए, हम उसके और अधिक गहन परीक्षण के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि संसाधानों पर, यथा आवश्‍यकता, किसी सदस्‍य देश से अनुरोध आने पर उसे सहायता प्रदान करने में सीआरए की परिचालन तैयारी सुनिश्चित की जा सके। हम मैक्रो इकोनॉमिक इन्फॉर्मेशन (SEMI) में CRA सिस्टम ऑफ एक्सचेंज के कामकाज का स्वागत करते हैं। हम ब्रिक्स स्थानीय मुद्रा बॉन्ड फंड की स्थापना के लिए निरंतर प्रयासों का स्वागत करते हैं और इसके संचालन को शुरू करने के लिए तत्पर हैं। हम सीआरए और आईएमएफ के बीच सहयोग का समर्थन करते हैं।

11. हम ब्रिक्स देशों सहित आतंकवादी हमलों को उसके सभी रूपों एवं स्‍फुटनों की कड़ी निंदा करते हैं, चाहे घटनाओं को कहीं भी और किसी के द्वारा अंजाम दिया गया हो। हम एकजुट अंतरराष्ट्रीय कानूनी आधार पर संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए ठोस प्रयासों और व्यापक दृष्टिकोण का आग्रह करते हैं। हम दोहराते हैं कि यह सभी राज्यों की जिम्मेदारी है कि वे आतंकवादी नेटवर्क के वित्तपोषण और अपने क्षेत्रों से आतंकवादी कार्रवाइयों को रोकें। हम आतंकवादी उद्देश्यों के लिए इंटरनेट के शोषण से लड़ने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं। यह स्वीकार करते हुए कि आईसीटी के उपयोग में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्यों की अग्रणी भूमिका है, हम टेक्‍नोलॉजी कंपनियों से, लागू कानून के अनुसार, सरकारों के साथ अपना सहयोग देने का आह्वान करते हैं ताकि आतंकवादियों द्वारा अपने सहयोगियों को प्रोत्‍साहित करने, उनकी भर्ती करने, आंतकवादी हमले में सुविधा देने या उसे अंजाम देने में डिजिटल प्लेटफार्मों के उपयोग करने की क्षमता को समाप्त किया जा सके।

12. हम भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं और सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों में एकीकरण को बढ़ावा देना जारी रखेंगे। इसलिए, हम विशेष रूप से संपत्ति की वसूली के संबंध में, भ्रष्टाचार के मामलों को और अधिक प्रभावी ढंग से हल करने के लिए, यथा उपयुक्त, अंतरराष्ट्रीय एंटीकोऑपरेशन सहयोग और कानूनी ढांचे को मजबूत करने को बढ़ावा देने का प्रयास करेंगे। हम भ्रष्टाचार से संलिप्‍त व्यक्तियों के खिलाफ अभियोजन में अपने आपसी प्रयासों को बढ़ाने की कोशिश करेंगे। हम सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में भ्रष्टाचार को रोकने और उसका मुकाबला करने के लिए विसल ब्‍लोअर की भूमिका को तथा उन्‍हें संरक्षण दिए जाने हेतु उपायों में सुधार की आवश्‍यकता को समझते हैं।

13. हम स्वीकार करते हैं कि भ्रष्टाचार, अवैध धन और वित्तीय प्रवाह तथा विदेशी अधिकार क्षेत्रों में एकत्र संपत्ति एक वैश्विक चुनौती है, जो आर्थिक विकास और सतत विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। हम अपने दृष्टिकोण को समन्वित करने और इस संबंध में एक मजबूत वैश्विक प्रतिबद्धता को प्रोत्साहित करने का प्रयास करेंगे। हम भ्रष्टाचार विरोधी कानून प्रवर्तन; भगोड़े, आर्थिक और भ्रष्टाचार अपराधियों के प्रत्यर्पण और चुराई गई संपत्तियों की वसूली में घरेलू कानूनी प्रणालियों के अधीन सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता को भी समझते हैं। हम फाइनेंसियल टास्‍क फोर्स (FATF), विश्व सीमा-शुल्क संगठन और अन्य प्रासंगिक बहुपक्षीय तंत्र के भीतर सहयोग सहित अवैध वित्तीय प्रवाह का मुकाबला करने में अंतरराष्ट्रीय सहयोग का समर्थन करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।

14. हम स्‍वच्‍छ, उदारवादी ऊर्जा दक्ष प्रणालियों की दिशा में परिवर्तन में सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका से अवगत हैं, जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के साथ विकास को जोड़ती हैं और ऊर्जा सुरक्षा, ऊर्जा से पहुंच, स्थिरता और सामर्थ्य जैसे विषयों को सुनिश्चित करती है। हम सौर ऊर्जा, टिकाऊ बायोएनर्जी और परिवहन में प्राकृतिक गैस सहित एक न्‍यून उत्सर्जन वाले भविष्य को साकार करने हेतु ऊर्जा और तकनीकी विकासों के विभिन्न स्रोतों के महत्व को स्वीकार करते हैं। इस संबंध में, हम ब्रिक्स देशों द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के प्रयासों की सराहना करते हैं और टिकाऊ ऊर्जा पर संयुक्त अध्ययन में सुविधा प्रदान करने के उद्देश्‍य के साथ ब्रिक्स ऊर्जा अनुसंधान सहयोग मंच को मजबूत करने के लिए तथा उन्नत ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को साझा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।

15. हम यूएनएफसीसीसी के सिद्धांतों के तहत अपनाए गए पेरिस समझौते के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें भिन्न राष्ट्रीय परिस्थितियों के मद्देनजर कॉमन लेकिन अलग-अलग जिम्मेदारियों और संबंधित क्षमताओं के सिद्धांत शामिल हैं। हम विकसित देशों से आग्रह करते हैं कि वे मिटिगेशन और अडेप्‍टेशन में अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए विकासशील देशों को वित्तीय, तकनीकी और क्षमता-निर्माण सहायता प्रदान करें। हम सकारात्मक परिणाम हासिल करने के लिए इस वर्ष सितंबर में आयोजित होने वाले यूएन क्लाइमेट एक्‍शन समिट के लिए तत्पर हैं।

16. सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा को ध्‍यान में रखते हुए, हम सतत विकास के लिए अपनी मजबूत प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं। हम अदीस अबाबा एक्शन एजेंडा के अनुसार शासकीय विकास सहायता प्रतिबद्धताओं और विकास संसाधनों के प्रावधान को पूरी तरह से सम्मानित करने के महत्व पर बल देते हैं। हम 2030 एजेंडा पर एक्शन प्लान, अफ्रीका और कम विकसित देशों में औद्योगीकरण सपोर्ट पर जी-20 की पहल और अफ्रीका के साथ कॉम्पैक्ट सहित जी-20 अफ्रीका भागीदारी का समर्थन करते रहेंगे ।

17. हम 2019 की प्रेसिडेंसी के विषय के रूप में, एक नवप्रवर्तन व उज्‍जवल भविष्य के लिए आर्थिक विकास की पहचान करने हेतु ब्राजील की सराहना करते हैं। यह स्वीकार करते हुए कि नवप्रवर्तन विकास के लिए एक प्रमुख प्रेरक शक्ति है, हम ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों की आबादी सहित डिजिटलकरण और उभरती प्रौद्योगिकियों के लाभों को अधिकतम करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं। हम इंटरनेट-संचालित गरीबी उन्मूलन और औद्योगिक क्षेत्र के डिजिटल परिवर्तन पर अच्छी प्रथाओं को साझा करने के संयुक्त प्रयासों को प्रोत्साहित करते हैं। हम ब्रिक्स वैज्ञानिक, तकनीकी, नवप्रवर्तन और उद्यमिता सहयोग, नई औद्योगिक क्रांति पर ब्रिक्‍स भागीदारी (पार्ट एनआईआर), आई ब्रिक्स नेटवर्क, ब्रिक्स इंस्टीट्यूट ऑफ फ्यूचर नेटवर्क्स और यंग साइंटिस्ट्स फोरम को जारी रखने की आवश्‍यकता पर जोर देते हैं।

18. हम ब्राजील की ब्रिक्स चेयरशिप 2019 के लिए अपना समर्थन व्यक्त करते हैं और नवंबर में ब्रासीलिया में सफल 11वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए तत्पर हैं।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।