1. बांग्लादेश गणतंत्र की प्रधानमंत्री शेख हसीना के निमंत्रण पर भारतीय गणराज्य के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी ने बांग्लादेश की आजादी के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल होने के लिए 26 से 27 मार्च 2021 तक आधिकारिक दौरे पर रहे। इस साल बांग्लादेश के राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी और भारत व बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के50 साल भीपूरे हुए हैं। यह यात्रा भारत और बांग्लादेश के 50 साल के मजबूत संबंधों को प्रदर्शित करती है, जो द्विपक्षीय संबंधों के लिहाज से पूरे क्षेत्र के लिए एक आदर्श के रूप में मजबूत, परिपक्व और विकसित हुए हैं।

2. यात्रा के दौरान, भारत के प्रधानमंत्री ने 27 मार्च 2021 को बांग्लादेश के राष्ट्रपति महामहिम श्री मोहम्मद अब्दुल हामिद से मुलाकात की। भारतीय प्रधानमंत्री 26 मार्च 2021 को नेशनल परेड ग्राउंड में आयोजित राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रम, स्वर्ण जयंती समारोह और मुजीब बोरशो समारोह में विशिष्ट अतिथि के तौर पर शामिल हुए। बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. ए. के. अब्दुल मोमन ने 26 मार्च 2021 को भारतीय प्रधानमंत्री से मुलाकात की।

3. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बांग्लादेश के महान स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति और योगदान के सम्मान में सावर स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक पर श्रद्धांजिल अर्पित की। उन्होंने गोपालगंज के तुंगीपारा में बंगबंधु के मकबरे पर जाकर शेख मुजीबुर रहमान को नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

भारत-बांग्लादेश साझेदारी

4. दोनों प्रधानमंत्रियों ने 27 मार्च 2021 को एक दूसरे से बातचीत की, जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। दोनों वार्ताएं बेहद गर्मजोशी और सौहार्द्रपूर्ण माहौल में हुई। दोनों नेताओं ने मजबूत द्विपक्षीय संबंधों पर संतोष व्यक्त किया, जो ऐतिहासिक रूप से गहरे और भाईचारेपूर्ण रिश्तों पर आधारित हैं। यह समानता, भरोसे और आपसी समझ के आधार पर द्विपक्षीय साझेदारी को प्रदर्शित करता है, जो रणनीतिक साझेदारी से भी बढ़कर है।

5. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने समारोह में शामिल होने के लिए कोविड महामारी के दौरान पहली विदेश यात्रा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद किया। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के निर्णायक दिनों के समय सरकार और भारत के लोगों के व्यापक सहयोग के लिए गहरी प्रशंसा और आभार व्यक्त किया। दोनों प्रधानमंत्रियों ने महान मुक्ति संग्राम की स्मृतियों और विरासत को संरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों के बहादुर जवानों के सर्वोच्च बलिदान की याद में आशूगंज में एक स्मारक स्थापित करने के निर्णय के लिए बांग्लादेश सरकार को धन्यवाद दिया।

6. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुजीब बोरशो, बांग्लादेश की आजादी और राजनयिक संबंधों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर बांग्लादेश के लोगों को बधाई दी। उन्होंने प्रधानमंत्री शेख हसीना के कुशल नेतृत्व में मानव विकास, गरीबी उन्मूलन, आतंकवाद का मुकाबला करने और उल्लेखनीय आर्थिक प्रगति में बांग्लादेश की उत्कृष्ट उपलब्धियों की सराहना की। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर द्विपक्षीय सहयोग के लिए भारत की सराहना की।

7. दोनों नेताओं ने अक्टूबर 2019 में प्रधानमंत्री शेख हसीना की दिल्ली यात्रा और 17 दिसंबर 2020 को वर्चुअल समिट के दौरान लिए गए विभिन्न फैसलों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। दोनों पक्षों ने सितंबर 2020 में आयोजित संयुक्त सलाहकार आयोग की छठी बैठक के सफल आयोजन और 4 मार्च 2021 को विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर की ढाका यात्रा को याद किया।

8. दोनों प्रधानमंत्रियों ने लगातार उच्चस्तरीय दौरों पर संतुष्टि व्यक्त की, जिसने सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में दोनों तरफ बेहतर समझ बनाने में मदद की है। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों की गति को बनाए रखने के लिए विशेष तौर पर कोरोना काल के दौरान क्षेत्रीय संस्थागत तंत्र की नियमित बैठकों की भी सराहना की।

ऐतिहासिक संबंधों का संयुक्त उत्सव

9. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान आधुनिक समय के महानतम नेताओं में से एक रहे हैं, जिन्हें एक संप्रभु देश के रूप में बांग्लादेश के उद्भव के लिए उनके साहस और अमिट योगदान के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और विकास में बंगबंधु के योगदान को याद किया। बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को अहिसंक और अन्य गांधीवादी तरीकों से बांग्लादेश के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन के लिए उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए साल 2020 का गांधी शांति पुरस्कार प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत को धन्यवाद कहा।

10. दोनों प्रधानमंत्रियों ने संयुक्त रूप से ढाका में बंगबंधु- बापू डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, जो इन प्रतिष्ठित नेताओं के जीवन और विरासत की जानकारी उपलब्ध कराता है। दोनों प्रधानमंत्रियों ने जोर देकर कहा कि दोनों महान नेताओं की विरासत और आदर्श दुनियाभर के लोगों, खासतौर से युवाओं को उत्पीड़न के खिलाफ प्रेरित करते रहेंगे।

11. भारत-बांग्लादेश मित्रता की 50वीं वर्षगांठ के प्रतीक के तौर पर दोनों पक्षों ने स्मारक डाक टिकट जारी किए। 6 दिसंबर को मैत्री दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया, इसी दिन 1971 में भारत ने बांग्लादेश को मान्यता दी थी। भारतीय पक्ष ने दिल्ली विश्वविद्यालय में बंगबंधु चेयर की स्थापना की घोषणा की। बांग्लादेश की स्वतंत्रता के साथ-साथ द्विपक्षीय राजनयिक संबंधों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ के मद्देनजर दोनों पक्ष 19 चुनिंदा देशों में इस पर कार्यक्रम आयोजित करने पर सहमत हुए।

12. दोनों पक्षों ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि भारतीय फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल के निर्देशन में बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की बायोपिक की शूटिंग शुरू हो गई है और तय अवधि में इसके पूरा होने की उम्मीद है। दोनों पक्षों ने मुक्ति संग्राम पर डॉक्युमेंट्री बनाने को लेकर जल्द से जल्द काम शुरू करने पर बल दिया।

13. दोनों पक्षों ने भारत के गणतंत्र दिवस समारोह 2020में बांग्लादेश सशस्त्र बलों के तीनों सेवाओं की 122 सदस्यीय टुकड़ी के शामिल होने की सराहना की।

14. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजनयिक संबंधों की स्थापना की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री शेख हसीना को 2022 में भारत आने का निमंत्रण दिया।

15. दोनों पक्षों ने बांग्लादेश के निमंत्रण पर समारोह में शामिल होने के लिए भारतीय नौसेना के जहाजों सुमेधा और कुलिश के 8-10 मार्च 2021 तक बंदरगाह शहर मोंगला आने का स्वागत किया। यह भारतीय नौसेना के किसी भी जहाज की मोंगला पोर्ट की पहली यात्रा थी। बांग्लादेश नेवी की शिप का भी संयुक्त समारोह के हिस्से के रूप में विशाखापट्टनम में बंदरगाह पर आना निर्धारित है।

16. भारत में शिक्षा/कोर्स के लिए बांग्लादेशी छात्रों के लिए 1000 शुबर्नौ जॉयंती छात्रवृत्ति की घोषणा करने के भारत सरकार के फैसले का बांग्लादेश ने स्वागत किया।

17. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश-भारत सीमा पर मुजीब नगर से नादिया तक ऐतिहासिक सड़क का नाम मुक्ति संग्राम के दौरान इस सड़क के ऐतिहासिक महत्व को याद करते हुए 'शादिनोता शेरोक' रखने के बांग्लादेश के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए भारतीय पक्ष को धन्यवाद दिया। दोनों पक्षों ने संयुक्त समारोह के तहत जल्द ही सड़क का उद्घाटन करने को लेकर तत्परता दिखाई।

जल संसाधन सहयोग

18. पहले की चर्चाओं को याद करते हुए, प्रधानमंत्री शेख हसीना ने तीस्ता नदी के जल बंटवारे पर अंतरिम समझौते को निष्कर्ष तक लाने के बांग्लादेश के लंबित अनुरोध को दोहराया। उन्होंने जोर देकर कहा कि तीस्ता नदी बेसिन पर निर्भर लाखों लोगों की आजीविका को बचाने और परेशानियों को दूर करने के लिए यह आवश्यक है कि बांग्लादेश को तीस्ता के जल का उचित हिस्सा मिले, जिसके मसौदा समझौते पर दोनों सरकारें जनवरी 2011 में ही सहमति व्यक्त कर चुकी हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संबंधित हितधारकों के परामर्श से इस समझौते को पूरा करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता और लगातार प्रयासों को दोहराया। भारतीय पक्ष ने फेनी नदी के पानी के बंटवारे के लिए अंतरिम समझौते के मसौदे को जल्द अंतिम रूप देने का भी अनुरोध किया, जो बांग्लादेश पक्ष की ओर से लंबित है और दोनों पक्ष 2011 में ही इस पर सहमति जता चुके हैं।

19. दोनों नेताओं ने अपने संबंधित जल मंत्रालयों को मनु, मुहुरी, खोवाई, गुमटी, धारला और दूधकुमार नामक छह नदियों के पानी के बंटवारे पर अंतरिम समझौते के फ्रेमवर्क को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया।

20. बांग्लादेश पक्ष ने भारतीय पक्ष से सिंचाई के लिए कुशियारा नदी के पानी के उपयोग के लिए रहीमपुर खल के शेष हिस्से की खुदाई की अनुमति देने की आवश्यकता दोहराई क्योंकि यह मामला सीधे बांग्लादेश की खाद्य सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। इस संबंध में, कुशियारा नदी से पानी की निकासी के लिए दोनों देशों के बीच प्रस्तावित एमओयू पर हस्ताक्षर करने के लिए भारत से शीघ्र सहमति का अनुरोध किया गया था। इस संबंध में समझौते पर हस्ताक्षर अभी लंबित है। भारतीय पक्ष ने जानकारी दी कि संबंधित राज्य सरकार के साथ परामर्श से एमओयू पर विचार किया जा रहा है।

21. इस बात का जिक्र करते हुए कि अक्टूबर 2019 में प्रधानमंत्री शेख हसीना की यात्रा के दौरान फेनी नदी से 1.82 क्यूसेक पानी की निकासी को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे, भारतीय पक्ष ने एमओयू के शीघ्र कार्यान्वयन के लिए बांग्लादेश पक्ष से आग्रह किया।

22. दोनों प्रधानमंत्रियों ने इस उद्देश्य के लिए गठित संयुक्त तकनीकी समिति को गंगा-पद्म बैराज की व्यवहार्यता और बांग्लादेश में अन्य वैकल्पिक विकल्पों के अध्ययन में तेजी लाने का निर्देश दिया, जिससे 1996 के गंगा जल बंटवारा समझौते के तहत बांग्लादेश को मिलने वाले गंगा जल का अधिकतम उपयोग हो सके।

23. दोनों नेताओं ने संयुक्त नदी आयोग के सकारात्मक योगदान का जिक्र किया और दोनों देशों के जल संसाधन मंत्रालयों की हाल में हुई सचिव स्तरीय बैठक पर संतोष व्यक्त किया।

विकास के लिए व्यापार

24. दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए, दोनों प्रधानमंत्रियों ने गैर-प्रशुल्क बाधाओं को हटाने की जरूरत पर जोर दिया। बांग्लादेश ने भारतीय सीमा शुल्क की उस नई नीति से छूट का अनुरोध किया, जो उत्पाद के लिए संबंधित देश से जारी उत्पत्ति प्रमाणपत्र के सत्यापन पर जोर देता है।भारतीय पक्ष ने बताया कि नए सीमा शुल्क नियमों के प्रावधानों के तहत, इन नियमों के प्रावधानों और व्यापार समझौते के नियमों में टकराव की स्थिति में, व्यापार समझौते के नियम ही अहम होंगे। इसके अलावा, द्विपक्षीय व्यापार को पनपने के लिए दोनों नेताओं ने व्यापार नीतियों, नियमों और प्रक्रियाओं को अनुमानयोग्य बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

25. दोनों देशों के बीच व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए दोनों प्रधानमंत्रियों ने समन्वित तरीके से जमीनी सीमा शुल्क केंद्रों (एलसीएस)/भूमि -बंदरगाहों के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं का उन्नयन करने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया।

26. भारतीय पक्ष ने पूर्वोत्तर क्षेत्र की सीमा पर (जहां संभव हो) आईसीपी अगरतला-अखौरा से शुरू होकर, बाजार पहुंच आसान करने के लिए बंदरगाह प्रतिबंधों के बिना या प्रतिबंधों की निगेटिव लिस्ट के साथ कम से कम एक प्रमुख भूमि बंदरगाह के लिए अपना अनुरोध दोहराया।

27. दोनों प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए मानकों के सामंजस्य और समझौतों व प्रमाणपत्रों की आपसी मान्यता के महत्व को दोहराया। इस पर सहमति बनी कि दोनों देशों के बीच व्यापार को उदार बनाने की भावना के साथ बांग्लादेश मानक और परीक्षण संस्थान (बीएसटीआई) और भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) क्षमता निर्माण और परीक्षण व लैब सुविधाओं के विकास लिए सहयोग करेंगे।

28. भारतीय पक्ष ने एलडीसी दर्जे से जल्द आगे निकलने के लिए बांग्लादेश को बधाई दी। द्विपक्षीय आर्थिक एवं वाणिज्यिक संबंधों की अपार संभावनाओं को स्वीकार करते हुए, दोनों पक्षों ने व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) में प्रवेश करने की संभावनाओं पर चल रहे संयुक्त अध्ययन के जल्द पूरा होने पर जोर दिया।

29. इस पर बल देते हुए कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में जूट क्षेत्र ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बांग्लादेश पक्ष ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत बांग्लादेश की जूट मिलों में भारतीय निवेश को आमंत्रित किया। यह मूल्य वर्धित और विविध जूट उत्पादों के निर्माण के माध्यम से जूट क्षेत्र को पुनर्जीवित और आधुनिक बनाने के सरकार के निर्णय का हिस्सा है। इस संबंध में, बांग्लादेश पक्ष ने दोनों देशों के बीच इस क्षेत्र में ज्यादा सार्थक सहयोग और 2017 से बांग्लादेश से निर्यात किए जाने वाले जूट उत्पादों पर लगाए गए करों को वापस लेने का आग्रह किया। भारतीय पक्ष ने जूट क्षेत्र में सहयोग का स्वागत किया। जूट पर डंपिंग-रोधी शुल्क के मामले पर भारतीय पक्ष ने गौर करने पर सहमति जताई।

30. भारतीय पक्ष ने बंग्लादेश सरकार की एजेंसियों और विभिन्न मंत्रालयों की निविदाओं में भाग लेने को लेकर भारतीय कंपनियों के खिलाफ मौजूदा कार्यप्रणाली को हटाने के लिए बांग्लादेश पक्ष से आग्रह किया। बांग्लादेश पक्ष की ओर से सूचित किया गया कि इस प्रक्रिया में किसी देश विशेष पर प्रतिबंध नहीं है।

31. दोनों प्रधानमंत्रियों ने सहमत हुए स्थानों पर नए बॉर्डर हाट खोलने का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि ये दोनों देशों की सीमा के दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के आर्थिक विकास के लिहाज से पारस्परिक लाभकारी होंगे।

बिजली और ऊर्जा में सहयोग और विकास भागीदारी

32. दोनों पक्षों ने उच्चस्तरीय निगरानी समिति की पहली बैठक का संज्ञान लिया और समिति को लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत परियोजनाओं के शीघ्र निष्पादन के लिए सिफारिशें प्रदान करने का निर्देश दिया।

33. दोनों पक्षों ने बिजली और ऊर्जा क्षेत्र में सशक्त सहयोग पर संतोष व्यक्त किया, जिसमें निजी क्षेत्रों के बीच सहयोग भी शामिल है। नेपाल और भूटान समेत उप-क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने पर सहमति बनी और इस संबंध में ऊर्जा में सहयोग को रेखांकित किया गया। भारतीय पक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि बिजली में सीमा पार ट्रेड के लिए नियमों और दिशानिर्देशों को अंतिम रूप देने से उप-क्षेत्रीय सहयोग बढ़ेगा। भारत ने कटिहार-परबतीपुर-बोर्नगर सीमा पार बिजली इंटरकनेक्शन के कार्यान्वयन के लिए तौर-तरीकों को जल्द अंतिम रूप देने का अनुरोध किया। दोनों पक्षों ने इस संबंध में अध्ययन के लिए एक टीम बनाने के फैसले का स्वागत किया। दोनों पक्षों ने भारत बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन और मैत्री सुपर थर्मल पावर परियोजना की यूनिट-1 के कार्यान्वयन में प्रगति का जायजा लिया और उम्मीद जताई कि ये परियोजनाएं जल्द ही चालू हो जाएंगी।

34. दिसंबर 2020 में हाइड्रोकार्बन के क्षेत्र में सहयोग संबंधी सहमति की रूपरेखा पर हस्ताक्षर किए जाने का जिक्र करते हुए दोनों नेताओं ने संबंधित अधिकारियों से जल्द से जल्द संस्थागत व्यवस्था को लागू करने का आग्रह किया, जो इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाएगी।

समृद्धि के लिए कनेक्टिविटी

35. दोनों प्रधानमंत्रियों ने क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण की सुविधा के लिए संपर्क बढ़ाने के महत्व को दोहराया, जिससे सभी पक्षों को लाभ होगा। भारत ने प्रधानमंत्री हसीना की 1965 से पहले के रेल संपर्क को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ रेल, सड़क और जलमार्ग के माध्यम से कई कनेक्टिविटी पहलों के लिए बांग्लादेश के सहयोग के लिए आभार जताया। इसी भावना के साथ, बांग्लादेश ने भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना की पहल में साझेदारी को लेकर अपनी उत्सुकता दोहराई। दोनों देशों के बीच बेहतर संपर्क और यात्रियों व माल की आवाजाही को आसान बनाने के लिए, दोनों नेता बांग्लादेश, भारत और नेपाल के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर में तेजी करके बीबीआईएन मोटर वाहन समझौते को शीघ्र लागू करने पर सहमत हुए, जिससे सामानों और यात्रियों की आवाजाही शुरू हो सके। आगे भूटान को भी इसमें शामिल किया जा सकता है।

36. बांग्लादेश पक्ष ने अपनी ओर से प्रस्तावित नए संपर्क मार्गों पर विचार के लिए भारत से अनुरोध किया। बांग्लादेश ने भद्रपुर-बैरागी गलगलिया, बिराटनगर-जोगमनी और बीरगंज-रक्सौल अतिरिक्त भूमि बंदरगाहों को बंगलाबांधा-फुलबाड़ी और बिरोल-राधिकापुर के साथ वैकल्पिक मार्गों के रूप में जोड़ने की अनुमति की मांग की। भारत से बिराटनगर-जोगमनी के साथ बिरोल-राधिकापुर और रोहनपुर-सिंघाबाद रेल-इंटरचेंज को जोड़ने पर भी विचार करने का अनुरोध किया गया क्योंकि यह बांग्लादेश से नेपाल तक रेल द्वारा माल के परिवहन की दूरी और लागत को कम करने में मदद करेगा। बांग्लादेश पक्ष ने भूटान के साथ रेल संपर्क को सुविधाजनक बनाने के लिए नवनिर्मित चिलाहाटी-हल्दीबाड़ी मार्ग के माध्यम से भूटान के साथ रेल संपर्क की मांग की।

भारतीय पक्ष ने बांग्लादेश से गुवाहाटी और चट्टग्राम और मेघालय के महेंद्रगंज से पश्चिम बंगाल में हिली तक संपर्क स्थापित करने में बांग्लादेश को सहयोग करने को कहा। बांग्लादेश पक्ष ने इस संबंध में भारतीय पक्ष से विस्तृत प्रस्ताव का अनुरोध किया है।

37. कनेक्टिविटी और कोलकाता से चट्टग्राम के जरिए अगरतला तक भारतीय माल के ट्रांस-शिपमेंट के ट्रायल रन से लाभ का जिक्र करते हुए, भारतीय पक्ष ने भारत से माल की आवाजाही के लिए चट्टग्राम और मोंगला बंदरगाह के इस्तेमाल पर समझौते (मूल्य निर्धारण और नियामक आदेशों को अंतिम रूप देने के साथ) के जल्द लागू किए जाने का अनुरोध किया।

38. भारतीय पक्ष ने आशूगंज कंटेनर टर्मिनल को विकसित करने की द्विपक्षीय परियोजना के पूरा होने तक अंतर्देशीय जल पारगमन और व्यापार प्रोटोकॉल के हिस्से के रूप में मुंशीगंज और पनगांव में ट्रांसशिपमेंट व्यवस्था का अनुरोध किया। बांग्लादेश पक्ष की ओर से इस संबंध में अवसंरचना सीमाओं की जानकारी दी गई और कहा कि सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कार्य योजना बनाई जा रही है।

39. प्रधानमंत्री मोदी ने फेनी नदी पर हाल में उद्घाटन किए गए मैत्री सेतु को याद किया और इस महत्वपूर्ण संपर्क परियोजना को सफल बनाने में बांग्लादेश के सहयोग की सराहना की। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने कहा कि फेनी पुल का उद्घाटन इस क्षेत्र में खासतौर से पूर्वोत्तर भारत के लिए संपर्क और आर्थिक एकीकरण को मजबूत करने की पहल का समर्थन करने की बांग्लादेश सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता का साक्षी है। दोनों पक्षों ने इस नए पुल के सर्वोत्तम उपयोग के लिए बचे हुए व्यापार और यात्रा संबंधी बुनियादी ढांचे को विकसित करने पर सहमति जताई।

40. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर भारत खासतौर से त्रिपुरा के लोगों द्वारा चट्टग्राम और सिलहट अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के इस्तेमाल की पेशकश की। बांग्लादेश ने यह भी बताया कि सैदपुर हवाई अड्डे को इस क्षेत्र के लोगों के उपयोग के लिए एक क्षेत्रीय हवाई अड्डे के रूप में विकसित किया जा रहा है।

41. दोनों देशों में टीकाकरण अभियान के जोर-शोर से जारी रहने के साथ ही दोनों पक्षों ने नियमित हवाई यात्रा शुरू करने और जल्द से जल्द भूमि बंदरगाहों के माध्यम से आवागमन के लिए प्रतिबंध हटाने की दिशा में आगे बढ़ने पर सहमति जताई। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच जल्द से जल्द ट्रेन और बस सेवाओं को शुरू करने पर भी बात हुई। यात्रा की पूर्ण बहाली कोविड के हालात पर निर्भर करेगी, यह कहते हुए भारतीय पक्ष ने उम्मीद जताई कि जल्द ही पूर्ण रूप से यात्रा फिर से शुरू होगी।

42. शिक्षा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच चल रहे सहयोग को स्वीकार करते हुए, दोनों प्रधानमंत्रियों ने पारस्परिक लाभ के लिए इस सहयोग को व्यापक बनाने की प्रतिबद्धता जताई। इस संबंध में उन्होंने दोनों देशों के विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच विभिन्न सहयोगात्मक व्यवस्थाओं की सराहना की। दोनों नेताओं ने अकादमिक योग्‍यता की पारस्‍परिक मान्‍यता पर एमओयू को जल्द फाइनल करने के लिए अपने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। बांग्लादेश पक्ष ने मत्स्य पालन, कृषि, आपदा प्रबंधन, एसएमई और महिला सशक्तीकरण जैसे क्षेत्रों में रुचि रखने वाले भारतीय युवाओं के लिए अल्पावधि विनिमय कार्यक्रम आयोजित करने की पेशकश की। दोनों पक्षों ने संस्कृति, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, युवा और खेल और जन मीडिया को बढ़ावा देने के लिए नियमित आदान-प्रदान जारी रखने की इच्छा दोहराई।

जन स्वास्थ्य में सहयोग

43. दोनों पक्षों ने अपने-अपने देशों में कोविड-19 महामारी के हालात पर चर्चा की और इस संकट के दौरान दोनों देशों के बीच लगातार जुड़ाव को लेकर संतोष व्यक्त किया। बांग्लादेश पक्ष ने भारत में बनी ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका कोविशील्ड वैक्सीन की 3.2 मिलियन खुराक गिफ्ट करने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया और 5 मिलियन डोज के पहले बैच की शीघ्र डिलिवरी की सराहना की। बांग्लादेश ने भारत से यह भी अनुरोध किया कि वह सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया से बांग्लादेश द्वारा खरीदे गए टीके की शेष खेप की नियमित डिलिवरी में सहयोग करे। भारत ने घरेलू मांग और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के साथ उच्चतम सहयोग का आश्वासन किया।

44. कोविड-19 महामारी के चलते जन स्वास्थ्य क्षेत्र, खासतौर से स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं और अनुसंधान की पृष्ठभूमि में दोनों प्रधानमंत्रियों ने दोनों देशों के बीच अगाध सहयोग के महत्व को स्वीकार किया। बांग्लादेश पक्ष ने प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए ज्यादा से ज्यादा आपसी सहयोग का अनुरोध किया। बांग्लादेश पक्ष ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जैव-सुरक्षा सहयोग एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें दोनों पक्षों द्वारा काम किया जा सकता है। कोविड-19 महामारी से पता चल गया है कि दोनों देशों के बीच सीमा पार व्यापार की परस्पर प्रकृति और लोगों से लोगों के बीच संपर्क को देखते हुए सशक्त जैव सुरक्षा उपायों के बिना आर्थिक समृद्धि दांव पर है। दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, भारत और बांग्लादेश चिकित्सा अनुसंधान परिषद, बांग्लादेश के बीच विभिन्न प्रणालियों के तहत सहयोग और सक्रिय भागीदारी की सराहना की।

सीमा प्रबंधन और सुरक्षा सहयोग

45. दोनों नेताओं ने शांत, स्थिर और अपराध मुक्त सीमा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी सीमा प्रबंधन के महत्व पर जोर दिया। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि सीमा पर किसी की भी मौत चिंता का विषय है और सीमा सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे बलों से लोगों को ध्यान में रखते हुए ऐसे उपाय करने का निर्देश दिया गया, जिससे नागरिकों की मौत न हो। बांग्लादेश पक्ष ने मानवीय आधार पर राजशाही जिले के पास पद्मा नदी के जरिए 1.3 किमी के जलमार्ग का निवेदन दोहराया है। भारतीय पक्ष ने इस अनुरोध पर विचार करने का आश्वासन दिया है। भारतीय पक्ष ने त्रिपुरा (भारत)- बांग्लादेश क्षेत्र से शुरुआत करते हुए अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लंबित क्षेत्रों में बाड़ लगाने का काम पूरा करने का आग्रह किया। बांग्लादेश पक्ष ने इस मामले पर गौर करने का आश्वासन दिया है।

46. दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच मौजूदा रक्षा सहयोग पर गहरा संतोष जताया। इस संबंध में दोनों प्रधानमंत्रियों ने कार्यक्रमों के लगातार आदान-प्रदान और प्रशिक्षण व क्षमता निर्माण में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। भारतीय पक्ष ने डिफेंस लाइन ऑफ क्रेडिट के शीघ्र परिचालन का अनुरोध किया।

47. दोनों पक्षों ने आपदा प्रबंधन, पुनर्निर्माण और शमन को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत किया। यह कहा गया कि इससे प्राकृतिक आपदाओं को कम करने में संस्थागत सहयोग बढ़ेगा।

48. आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बना हुआ है, इस बात को रेखांकित करते हुए दोनों पक्षों ने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद को खत्म करने की अपनी मजबूत प्रतिबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री मोदी ने सुरक्षा संबंधी मामलों में बांग्लादेश के सहयोग के लिए भारत की ओर से सराहना की।

सहयोग के नए क्षेत्र

49. इस बात का जिक्र करते हुए कि बांग्लादेश ने 2017 में अपना पहला उपग्रह, बंगबंधु उपग्रह (बीएस-1) लॉन्च किया था, प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बताया कि बांग्लादेश जल्द ही दूसरा उपग्रह लॉन्च करेगा। इस संबंध में दोनों प्रधानमंत्री अंतरिक्ष और उपग्रह अनुसंधान में आगे सहयोग और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए सहमत हुए।

50. दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सहयोग के नए और उभरते क्षेत्रों की क्षमता को स्वीकार किया और विज्ञान, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, परमाणु प्रौद्योगिकी के शांतिपूर्ण उपयोग, बड़े डाटा और स्वास्थ्य व शिक्षा में प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाओं में सहयोग बढ़ाने पर ध्यान देने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। दोनों देशों के बीच युवा आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बांग्लादेश के 50 युवा उद्यमियों को भारत आने और अपने विचारों को साझा करने के लिए आमंत्रित किया।

51. यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 मार्च 2021 को जशोर में जशोरेश्वरी देवी मंदिर और गोपालगंज में ओरकांडी मंदिर का दौरा किया। प्रधानमंत्री ने धार्मिक सद्भाव की परंपरा की सराहना की।

म्यांमार के रखाइन प्रांत से जबरन विस्थापित लोग

52. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने म्यांमार के रखाइन प्रांत से जबरन विस्थापित किए गए 1.1 मिलियन लोगों को शरण देने और मानवीय सहायता प्रदान करने में बांग्लादेश की उदारता की सराहना की। दोनों प्रधानमंत्रियों ने क्षेत्र की ज्यादा सुरक्षा के लिए उन्हें अपनी मातृभूमि में सुरक्षित, शीघ्र और स्थायी वापसी के महत्व को दोहराया। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य के रूप में भारत से अनुरोध किया कि वह म्यांमार में विस्थापित रोहिंग्याओं के शीघ्र वापसी में एक मजबूत भूमिका निभाए। भारत ने इस संबंध में लगातार सहयोग का आश्वासन दिया है।

क्षेत्र और दुनिया में भागीदार

53. दोनों देश संयुक्त राष्ट्र और अन्य बहुपक्षीय मंचों पर साझा उद्देश्यों के लिए साथ मिलकर काम करना जारी रखने पर सहमत हुए।

54. दोनों नेताओं ने जोर दिया कि सार्क और बिम्सटेक जैसे क्षेत्रीय संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका है, खासतौर से कोविड-19 के हालात के बाद की स्थिति में। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने मार्च 2020 में दक्षेस नेताओं की वीडियो कॉन्फ्रेंस बुलाने और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में वैश्विक महामारी के प्रभाव से निपटने के लिए सार्क आपातकालीन प्रतिक्रिया कोष बनाने का प्रस्ताव रखने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया।

55. दोनों नेता प्राथमिकता के आधार पर क्षेत्रीय और उप-क्षेत्रीय मंच पर आगे सहयोग करने पर सहमत हुए। इस लक्ष्य की दिशा में, सभी सदस्य देशों की सामूहिक समृद्धि के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए वे अंतर-क्षेत्रीय सहयोग के लिए बिम्सटेक को और अधिक प्रभावी बनाने पर सहमत हुए।

56. बांग्लादेश पक्ष की ओर से बताया गया कि देश अक्टूबर 2021 में पहली बार आईओआरए की अध्यक्षता ग्रहण करेगा और हिंद महासागर क्षेत्र में ज्यादा समुद्री सुरक्षा और रक्षा के लिए काम करने के लिए भारत से सहयोग का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बांग्लादेश को बधाई दी और इस संबंध में भारत के सहयोग का आश्वासन दिया।

57. बांग्लादेश पक्ष ने 2023 में डब्लूएचओ के दक्षिण पू्र्व एशियाई क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक पद के लिए बांग्लादेश के उम्मीदवार के पक्ष में समर्थन करने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया।

58. भारतीय पक्ष ने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश आपदा प्रतिरोधक संरचना गठबंधन (सीडीआरआई) में शामिल होगा, जो बांग्लादेश को अन्य सदस्य देशों के साथ बुनियादी ढांचे के जोखिम प्रबंधन, मानकों, वित्तपोषण और रिकवरी तंत्र में अपने अनुभवों का आदान-प्रदान करने में सक्षम बनाएगा।

59. भारतीय पक्ष ने भी न्यू डेवलपमेंट बैंक में शामिल होने के बांग्लादेश के फैसले का स्वागत किया।

द्विपक्षीय दस्तावेजों पर हस्ताक्षर और परियोजनाओं का उद्घाटन

60. यात्रा के दौरान निम्नलिखित द्विपक्षीय दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए गए और उनका आदान-प्रदान हुआ:

(क) आपदा प्रबंधन, पुनर्निर्माण एवं शमन के क्षेत्र में सहयोग पर एमओयू।

(ख) बांग्लादेश नेशनल कैडेट कोर (बीएनसीसी) और भारत के नेशनल कैडेट कोर (आईएनसीसी) के बीच एमओयू।

(ग) बांग्लादेश और भारत के बीच कारोबार से संबंधित उपायों के क्षेत्र में सहयोग की रूपरेखा तय करने पर एमओयू।

(घ) आईसीटी उपकरण, कोर्सवेयर और संदर्भ पुस्तकों की आपूर्ति और बांग्लादेश-भरोट डिजिटल सेवा के लिए प्रशिक्षण और रोजगार प्रशिक्षण (बीडीएसईटी) केंद्र पर त्रिपक्षीय एमओयू।

(ड़) राजशाही कॉलेज मैदान और आसपास के क्षेत्रों में खेल सुविधाओं की स्थापना के लिए त्रिपक्षीय एमओयू।

61. प्रधानमंत्री कार्यालय में एक समारोह में दोनों प्रधानमंत्रियों ने निम्नलिखित घोषणा/अनावरण/उद्घाटन किया-

(क) द्विपक्षीय राजनयिक संबंधों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर भारत-बांग्लादेश मैत्री टिकट जारी किए गए।

(ख) भारतीय सशस्त्र बलों के शहीदों, जिन्होंने 1971 के मुक्ति संग्राम में अपने जीवन का बलिदान किया, के सम्मान में आशूगंज, ब्राह्मणबारिया में एक स्मारक की आधारशिला रखी गई।

(ग) पांच पैकेजों वाले (अमीन बाजार-कालियाकोर, रूपपुर-ढाका, रूपपुर- गोपालगंज, रूपपुर- धामराई, रूपपुर-बोगरा) रूपपुर पावर इवैक्यूएशन प्रोजेक्ट के लिए आधारशिला समारोह।

(घ) 3 बॉर्डर हाटों का उद्घाटन- नलीकाटा (भारत)- सायदाबाद (बांग्लादेश); रिनगकु (भारत)- बागान बारी (बांग्लादेश) और भोलागुंज (भारत)- भोलागुंज (बांग्लादेश)।

(ड़) कुथीबारी में रबींद्र भवन का उद्घाटन।

(च) 'मिताली एक्सप्रेस' का उद्घाटन- चिल्हाटी-हल्दीबाड़ी रेल लिंक के माध्यम से ढाका-न्यू जलपाईगुड़ी-ढाका मार्ग पर यात्री ट्रेन सेवा;

 

(छ) मुजीबनगर और नादिया के बीच ऐतिहासिक सड़क को जोड़ने और इसका नाम 'शादिनोता शेरोक' करने की घोषणा।

62. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री शेख हसीना को उनकी तरफ से दिखाई गई गर्मजोशी और आत्मीयता तथा बांग्लादेश में उनके रहने के दौरान उनका और उनके प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों केशानदारआतिथ्य के लिए धन्यवाद दिया।

 

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Text Of Prime Minister Narendra Modi addresses BJP Karyakartas at Party Headquarters
November 23, 2024
आज महाराष्ट्र ने विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत देखी है: पीएम मोदी
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल सीटों से कहीं ज़्यादा सीटें दी हैं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह पिछले 50 सालों में किसी भी पार्टी या चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है: पीएम मोदी
‘एक हैं तो सेफ हैं’ देश का ‘महामंत्र’ बन गया है: पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
महाराष्ट्र देश का छठा राज्य बन गया है जिसने लगातार तीसरी बार भाजपा को जनादेश दिया है: पीएम मोदी

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।