भारत-रूस: स्थायी और विस्तारित साझेदारी

1.भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूसी संघ के राष्ट्रपति महामहिम श्री व्लादिमीर पुतिन के आमंत्रण पर 8-9 जुलाई, 2024 को रूसी संघ का आधिकारिक दौरा किया।
2.यात्रा के दौरान, रूस के राष्ट्रपति महामहिम श्री व्लादिमीर पुतिन ने भारत और रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के विकास और दोनों देशों के लोगों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों के प्रति विशिष्ट योगदान के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान "ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल" से सम्मानित किया।

राजनीतिक संबंध

3.राजनेताओं ने भारत और रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के निरंतर मजबूत और प्रगाढ़ होने का उल्लेख किया।

4.राजनेताओं ने समय पर खरे उतरे इस संबंध की विशेष प्रकृति की अत्यधिक सराहना की जो विश्वास, आपसी समझ और रणनीतिक समन्वय पर आधारित है। 2023 में भारत की एससीओ और जी20 की अध्यक्षता और 2024 में रूस की ब्रिक्स की अध्यक्षता सहित सभी स्तरों पर नियमित द्विपक्षीय संवाद ने बढ़ती द्विपक्षीय साझेदारी को और प्रगाढ़ करने और विस्तार देने में मदद की।

5.नेताओं ने बहुआयामी व पारस्परिक रूप से लाभकारी भारत-रूस संबंधों का सकारात्मक मूल्यांकन किया, जो राजनीतिक और रणनीतिक, सैन्य और सुरक्षा, व्यापार और निवेश, ऊर्जा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, परमाणु, अंतरिक्ष, सांस्कृतिक, शिक्षा और मानवीय सहयोग समेत सहयोग के सभी संभावित क्षेत्रों से संबंधित हैं। इस बात पर संतोष व्यक्त किया गया कि दोनों पक्ष पारंपरिक क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करते हुए सहयोग के नए अवसरों की तलाश कर रहे हैं।

6.दोनों पक्षों ने रेखांकित किया कि मौजूदा जटिल, चुनौतीपूर्ण और अनिश्चित भू-राजनीतिक स्थिति की पृष्ठभूमि में भारत-रूस संबंध सुदृढ़ बने हुए हैं। दोनों पक्षों ने एक समसामयिक, संतुलित, पारस्परिक रूप से लाभकारी, स्थायी और दीर्घकालिक साझेदारी बनाने के प्रयास किये हैं। सहयोग के सभी क्षेत्रों में भारत-रूस संबंधों का विकास एक साझा विदेश नीति प्राथमिकता है। नेताओं ने रणनीतिक साझेदारी की पूरी क्षमता का उपयोग करने के लिए सभी प्रयास करने पर सहमति व्यक्त की।

विदेश मंत्रालयों के स्तर पर सहयोग

7.राजनेताओं ने विदेश मंत्रालयों के बीच घनिष्ठ सहयोग और विदेश मंत्रियों के बीच लगातार बैठकों और आदान-प्रदान की सराहना की, जिनका उद्देश्य लगातार विकसित और जटिल भू-राजनीतिक परिदृश्य के माध्यम से द्विपक्षीय साझेदारी को पोषित करना और इसे बदलती परिस्थितियों के अनुकूल बनाना है। नियमित रूप से घनिष्ठ संवाद ने एक-दूसरे के प्रमुख हितों, अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर और विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय और बहुपक्षीय संगठनों में स्थिति की गहरी समझ और सराहना में भी मदद की है।

8.राजनेताओं ने दिसंबर 2023 में भारत के विदेश मंत्रालय और रूसी संघ के विदेश मंत्रालय के बीच हस्ताक्षरित 2024-28 की अवधि के लिए विदेश कार्यालय परामर्श पर प्रोटोकॉल का स्वागत किया, जो सर्वाधिक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय, वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों के आदान-प्रदान और आपसी संवाद की आधारशिला रखता है। उन्होंने द्विपक्षीय, संयुक्त राष्ट्र से संबंधित, आतंकवाद-रोधी, दूतावास और संपत्ति मामलों के साथ-साथ आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विदेश कार्यालय परामर्श के नियमित आयोजन पर संतोष व्यक्त किया।

संसदीय सहयोग

9.दोनों पक्षों ने घनिष्ठ अंतर-संसदीय संवाद का उल्लेख किया और भारत-रूस संबंधों के एक मूल्यवान घटक के रूप में दोनों सदनों के अंतर-संसदीय आयोग और संसदीय मैत्री समूहों की नियमित बैठकों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने 9वें जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अक्टूबर 2023 में रूसी संघ परिषद के अध्यक्ष की नई दिल्ली यात्रा की सराहना की।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषदों के बीच सहयोग

10.राजनेताओं ने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषदों के स्तर पर सुरक्षा वार्ता के महत्व पर प्रकाश डाला और नियमित बातचीत का स्वागत किया, जिसने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय और साथ ही आपसी चिंता के वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर अधिक रणनीतिक समझ और समन्वय को सुविधाजनक बनाया।

व्यापार और आर्थिक भागीदारी

11.दोनों पक्षों ने 2023 में द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि पर संतोष व्यक्त किया, जो राजनेताओं द्वारा 2025 के लिए निर्धारित 30 बिलियन डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य का लगभग दोगुना है। दीर्घावधि में संतुलित और स्थायी द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य हासिल करने के लिए, नेताओं ने औद्योगिक सहयोग को मजबूत करने, विशेष रूप से उन्नत उच्च-प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में नई तकनीकी और निवेश साझेदारी बनाने और सहयोग के नए अवसरों व तरीकों को खोजने के माध्यम से रूस को भारतीय निर्यात बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।

12.द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि को और तेज़ करने तथा उसे बनाए रखने के उद्देश्य से, नेताओं ने 2030 तक 100 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य निर्धारित करने पर सहमति व्यक्त की।

13.राजनेताओं ने अप्रैल 2023 में नई दिल्ली में आयोजित व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (आईआरआईजीसी-टीईसी) के 24वें सत्र और भारत-रूस व्यापार मंच तथा परिवहन, शहरी विकास और रेलवे पर कार्य-समूहों और उप-कार्य-समूहों की उद्घाटन बैठकों का स्वागत किया। उन्होंने द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों के और विस्तार और विविधीकरण को सुनिश्चित करने के लिए आयोग के कार्य की सराहना की। उन्होंने आईआरआईजीसी-टीईसी का अगला सत्र 2024 की दूसरी छमाही में रूस में आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की।

14.राजनेताओं ने व्यापार और आर्थिक सहयोग को और अधिक मजबूत करने के लिए तथा दोनों देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार में गतिशील वृद्धि की प्रवृत्ति को बनाए रखने और इसकी मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि सुनिश्चित करने की इच्छा से प्रेरित होकर, संबंधित एजेंसियों को 2030 तक रूसी-भारतीय आर्थिक सहयोग के आशाजनक क्षेत्रों के विकास के लिए एक कार्यक्रम तैयार करने का निर्देश दिया (कार्यक्रम-2030)। दोनों पक्षों ने कार्यक्रम-2030 द्वारा पेश की गई पहलों, परियोजनाओं, उपायों और गतिविधियों के कार्यान्वयन में योगदान देने के प्रति तत्परता की पुष्टि की। इसके कार्यान्वयन का समग्र समन्वय आईआरआईजीसी-टीईसी द्वारा किया जाएगा। इसके कार्य समूहों और उप-कार्य समूहों के साथ-साथ दोनों देशों की संबंधित एजेंसियों को कार्यक्रम-2030 की निगरानी, ​​नियंत्रण और समर्थन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।

15.दोनों पक्षों ने राष्ट्रीय मुद्राओं का उपयोग करके द्विपक्षीय निपटान प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना जारी रखने पर सहमति व्यक्त की। पक्षों ने अपनी वित्तीय संदेश प्रणालियों की अंतर-संचालनीयता के लिए परामर्श जारी रखने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने द्विपक्षीय व्यापार को और बढ़ाने के लिए बीमा और पुनर्बीमा के मुद्दों के लिए परस्पर स्वीकार्य समाधान खोजने के महत्व का उल्लेख किया।

16.सुरक्षात्मक उपायों और प्रशासनिक बाधाओं सहित व्यापार में गैर-टैरिफ/टैरिफ बाधाओं को समाप्त करने के लिए, नेताओं ने भारत और यूरेशिया आर्थिक संघ के बीच वस्तुओं पर मुक्त व्यापार समझौते हेतु पूर्ण वार्ता शुरू करने के लिए मार्च 2024 में प्रारंभिक बैठक की सराहना की। नेताओं ने अपने संबंधित अधिकारियों को सेवाओं और निवेश में द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए वार्ता शुरू करने की संभावना का पता लगाने का भी निर्देश दिया।

17.द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए औद्योगिक सहयोग के महत्व का उल्लेख करते हुए, दोनों पक्षों ने परिवहन इंजीनियरिंग, धातु विज्ञान, रासायनिक उद्योग और आपसी हित के अन्य क्षेत्रों में विनिर्माण सहयोग को मजबूत करने के लिए अपनी पारस्परिक आकांक्षा की पुष्टि की। पक्षों ने प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में आशाजनक संयुक्त परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण करने की अपनी इच्छा व्यक्त की। पक्षों ने औद्योगिक उत्पादों के पारस्परिक व्यापार प्रवाह का विस्तार करने और द्विपक्षीय व्यापार में उनकी हिस्सेदारी बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।

18.दोनों पक्षों ने इस बात की पुष्टि की कि मई 2024 में हस्ताक्षरित अधिकृत आर्थिक संचालक के प्रासंगिक संस्थानों की पारस्परिक मान्यता पर रूस की संघीय सीमा शुल्क सेवा और भारत के केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के बीच समझौता, नामकरण के विस्तार को अतिरिक्त प्रोत्साहन प्रदान करेगा, रूस-भारत व्यापार की मात्रा में वृद्धि करेगा और आपूर्ति श्रृंखलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

19.दोनों पक्षों ने रूसी संघीय सरकार और भारत गणराज्य सरकार के बीच प्रवासन और आवागमन भागीदारी समझौते पर चर्चा जारी रखने पर सहमति व्यक्त की।

20.दोनों पक्षों ने उर्वरकों पर भारत-रूस संयुक्त समिति की रूपरेखा के भीतर कंपनी से कंपनी दीर्घकालिक अनुबंधों के आधार पर भारत को उर्वरकों की सतत आपूर्ति पर सहयोग जारी रखने पर सहमति व्यक्त की।

21.राजनेताओं ने पहली बार आयोजित भारत-रूस निवेश मंच की बैठक और अप्रैल 2024 में मास्को में प्राथमिकता निवेश परियोजनाओं पर कार्य समूह की 7वीं बैठक का स्वागत किया, जहां दोनों पक्षों ने "मेक इन इंडिया" और "आत्मनिर्भर भारत" कार्यक्रमों में रूसी व्यवसायों की भागीदारी और रूस में निवेश परियोजनाओं में भारतीय कंपनियों की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने पर सहमति व्यक्त की। भारतीय पक्ष ने रूसी व्यवसायों को भारत सरकार के औद्योगिक गलियारा कार्यक्रम के तहत ग्रीनफील्ड औद्योगिक शहरों में विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया।

22.दोनों पक्षों ने दूरसंचार, उपग्रह संचार, लोक प्रशासन और शहरी पर्यावरण के डिजिटलीकरण, मोबाइल संचार, सूचना सुरक्षा समेत संचार प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के प्रति अपनी रुचि की पुष्टि की।

परिवहन और संपर्क

23.दोनों पक्षों ने स्थिर और कुशल परिवहन गलियारों के लिए एक नई वास्तुकला के निर्माण पर दृष्टिकोण साझा किए और यूरेशिया में आशाजनक उत्पादन और विपणन श्रृंखलाओं के विकास पर पूरा ध्यान दिया, जिसमें ग्रेटर यूरेशियन स्पेस के विचार को लागू करने का उद्देश्य भी शामिल है। इस संदर्भ में, दोनों पक्षों ने चेन्नई-व्लादिवोस्तोक पूर्वी समुद्री गलियारे और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे के कार्यान्वयन के साथ-साथ उत्तरी समुद्री मार्ग की क्षमता का उपयोग करने सहित अवसंरचना की क्षमता बढ़ाने पर जोर देते हुए लॉजिस्टिक्स संपर्कों का विस्तार करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य करने के प्रति तत्परता व्यक्त की।

24.दोनों पक्ष कार्गो परिवहन के समय और लागत को कम करने और यूरेशिया में परिवहन-संपर्क को बढ़ावा देने के लिए आईएनएसटीसी मार्ग के उपयोग को तेज करने के लिए संयुक्त प्रयास जारी रखेंगे। परिवहन और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में सहयोग पारदर्शिता, व्यापक भागीदारी, स्थानीय प्राथमिकताओं, वित्तीय स्थायित्व और सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान के सिद्धांतों पर आधारित होगा।

25.दोनों पक्षों ने उत्तरी समुद्री मार्ग के माध्यम से रूस और भारत के बीच पोत परिवहन के विकास में सहयोग का समर्थन किया। इस उद्देश्य के लिए, उन्होंने उत्तरी समुद्री मार्ग पर सहयोग के लिए आईआरआईजीसी-टीईसी के तहत एक संयुक्त कार्य निकाय स्थापित करने के प्रति तत्परता व्यक्त की।

26.दोनों पक्षों ने मॉस्को में नागरिक उड्डयन पर उप-कार्य समूह की बैठक (फरवरी, 2023) के परिणामों पर संतोष व्यक्त किया। वे नागरिक उड्डयन और नागरिक उड्डयन सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग करने पर सहमत हुए।

ऊर्जा भागीदारी

27.दोनों पक्षों ने विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक भागीदारी के एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में ऊर्जा क्षेत्र में मजबूत और व्यापक सहयोग के महत्व को दोहराया। इस संदर्भ में, दोनों पक्षों ने ऊर्जा संसाधनों में द्विपक्षीय व्यापार के निरंतर विशेष महत्व को रेखांकित किया और नए दीर्घकालिक अनुबंधों की खोज करने पर सहमति व्यक्त की।

28.दोनों पक्षों ने कोयला क्षेत्र में जारी आपसी सहयोग की सराहना की और भारत को कोकिंग कोयले की आपूर्ति बढ़ाने और रूस से भारत को एन्थ्रेसाइट कोयला निर्यात करने के अवसरों की तलाश करने पर सहमति व्यक्त की।

रूसी सुदूर पूर्व और आर्कटिक में सहयोग

29.दोनों पक्षों ने रूसी संघ के सुदूर पूर्व और आर्कटिक क्षेत्र में व्यापार और निवेश सहयोग को तेज करने के प्रति अपनी तत्परता व्यक्त की। इस संबंध में, दोनों पक्षों ने 2024-2029 की अवधि के लिए रूसी सुदूर पूर्व में व्यापार, आर्थिक और निवेश क्षेत्रों में भारत-रूस सहयोग के कार्यक्रम पर हस्ताक्षर करने तथा रूसी संघ के आर्कटिक क्षेत्र में सहयोग सिद्धांत का स्वागत किया। सहयोग कार्यक्रम भारत और रूसी सुदूर पूर्व क्षेत्र के बीच, विशेष रूप से कृषि, ऊर्जा, खनन, जनशक्ति, हीरे, फार्मास्यूटिकल्स, समुद्री परिवहन आदि के क्षेत्रों में, आगे के सहयोग के लिए आवश्यक रूपरेखा प्रदान करेगा।

30.दोनों पक्षों ने रूसी सुदूर पूर्व के क्षेत्रों और भारतीय राज्यों के बीच अंतर-क्षेत्रीय संवाद के विकास की आवश्यकता को दोहराया और व्यापार, वाणिज्य, शैक्षिक, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और परियोजनाओं को विकसित करने के लिए द्विपक्षीय संबंधों की स्थापना को प्रोत्साहित किया।

31.रूसी पक्ष ने रूसी सुदूर पूर्व में उन्नत विकास के क्षेत्रों की रूपरेखा के भीतर उच्च तकनीक निवेश परियोजनाओं को लागू करने के लिए इच्छुक भारतीय निवेशकों को आमंत्रित किया। भारतीय पक्ष ने जनवरी 2024 में वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन में रूसी सुदूर पूर्व और आर्कटिक विकास मंत्रालय के प्रतिनिधिमंडल की भागीदारी की सराहना की। रूसी पक्ष ने सेंट पीटर्सबर्ग अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मंच (जून 2023) और पूर्वी आर्थिक मंच (सितंबर 2023) में भारतीय प्रतिनिधिमंडलों की भागीदारी का स्वागत किया। पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार, आर्थिक और निवेश सहयोग को बढ़ावा देने के लिए इन आर्थिक मंचों के दौरान आयोजित भारत-रूस व्यापार वार्ता के योगदान को रेखांकित किया।

32.दोनों पक्षों ने पूर्वी आर्थिक मंच के ढांचे के भीतर एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अग्रणी व्यापार क्षेत्रों में सहयोग विकसित करने के महत्व को मान्यता दी।

असैन्य परमाणु सहयोग, अंतरिक्ष में सहयोग

33.दोनों पक्षों ने रणनीतिक साझेदारी के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग में सहयोग के महत्व का उल्लेख किया। दोनों पक्षों ने कुडनकुलम में शेष परमाणु ऊर्जा संयंत्र की शेष इकाइयों के निर्माण में हुई प्रगति का स्वागत किया और आपूर्ति की अदायगी की समयसीमा सहित निर्धारित कार्यक्रम का पालन करने पर सहमति व्यक्त की। दोनों पक्षों ने पहले हस्ताक्षरित समझौतों के अनुसार भारत में दूसरे स्थल पर आगे की चर्चा के महत्व को रेखांकित किया। दोनों पक्षों ने रूसी डिजाइन के वीवीईआर 1200, उपकरणों के स्थानीयकरण और एनपीपी घटकों के संयुक्त विनिर्माण के साथ-साथ तीसरे देशों में सहयोग पर तकनीकी चर्चा जारी रखने पर सहमति व्यक्त की। दोनों पक्षों ने ईंधन चक्र, केकेएनपीपी के संचालन के लिए जीवन चक्र समर्थन और गैर-ऊर्जा अनुप्रयोगों सहित परमाणु ऊर्जा में सहयोग को व्यापक बनाने के अपने इरादे की पुष्टि की।

34.अंतरिक्ष में सहयोग के महत्व को ध्यान में रखते हुए, दोनों पक्षों ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और रूसी राज्य अंतरिक्ष निगम "रोस्कोस्मोस" के बीच शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाह्य अंतरिक्ष के उपयोग में बढ़ी हुई साझेदारी का स्वागत किया, जिसमें मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, उपग्रह नेविगेशन और ग्रह अन्वेषण शामिल हैं। रूसी पक्ष ने चंद्रयान-3 के चाँद की भूमि पर सफलतापूर्वक उतरने पर भारत को बधाई दी और इसे बाह्य अंतरिक्ष के अन्वेषण में एक लंबी छलांग और विज्ञान और इंजीनियरिंग में भारत द्वारा की गई प्रभावशाली प्रगति के रूप में व्यक्त किया, जो भविष्य के सहयोग के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी हो सकता है। दोनों पक्षों ने रॉकेट इंजन के विकास, उत्पादन और उपयोग में पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग की संभावनाओं का पता लगाने पर सहमति व्यक्त की।

सैन्य और सैन्य तकनीकी सहयोग

35.सैन्य और सैन्य-तकनीकी सहयोग पारंपरिक रूप से भारत और रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी का स्तंभ रहा है, जो कई दशकों के संयुक्त प्रयासों और सैन्य और सैन्य तकनीकी सहयोग पर अंतर-सरकारी आयोग (आईआरआईजीसी-एमएंडएमटीसी) द्वारा संचालित उपयोगी सहयोग के माध्यम से मजबूती से आगे बढ़ा है।दोनों पक्षों ने नियमित रक्षा और सैन्य संपर्कों पर संतोष व्यक्त किया, जिसमें अप्रैल 2023 में नई दिल्ली में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान रक्षा मंत्रियों की बैठक और दोनों देशों के सशस्त्र बलों के संयुक्त अभ्यास शामिल हैं। उन्होंने 2024 की दूसरी छमाही में मास्को में आईआरआईजीसी-एमएंडएमटीसी के 21वें दौर का आयोजन करने पर सहमति जताई। भारत की आत्मनिर्भरता की आकांक्षा को देखते हुए, साझेदारी वर्तमान में उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी और प्रणालियों के संयुक्त अनुसंधान और विकास, सह-विकास और संयुक्त उत्पादन की ओर आगे बढ़ रही है। दोनों पक्षों ने संयुक्त सैन्य सहयोग गतिविधियों की गति को बनाए रखने और सैन्य प्रतिनिधिमंडल के आदान-प्रदान का विस्तार करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

36.दोनों पक्षों ने मेक-इन-इंडिया कार्यक्रम के तहत रूसी मूल के हथियारों और रक्षा उपकरणों के रखरखाव के लिए कल-पुर्जों, हिस्सों, समुच्चयों और अन्य उत्पादों के भारत में संयुक्त विनिर्माण को प्रोत्साहित करने पर सहमति जताई। इसके लिए, दोनों पक्षों ने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और भारतीय सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा करने के लिए संयुक्त उद्यमों की स्थापना के साथ-साथ पक्षों की मंजूरी से पारस्परिक रूप से मैत्रीपूर्ण तीसरे देशों को निर्यात करने पर सहमति व्यक्त की। इस संबंध में, दोनों पक्षों ने तकनीकी सहयोग पर एक नया कार्य समूह स्थापित करने और आईआरआईजीसी-एमएंडएमटीसी की अगली बैठक के दौरान इसके प्रावधानों पर चर्चा करने पर सहमति जताई।

शिक्षा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में सहयोग

37.दोनों पक्षों ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में द्विपक्षीय सहयोग के महत्व को रेखांकित किया तथा शैक्षिक और वैज्ञानिक संगठनों के बीच साझेदारी विकसित करने में आपसी रुचि की पुष्टि की, जिसमें विभिन्न शैक्षणिक गतिशीलता रूपों, शैक्षिक कार्यक्रमों और अनुसंधान परियोजनाओं के कार्यान्वयन के साथ-साथ भारत में इच्छुक रूसी शैक्षिक और वैज्ञानिक संगठनों की शाखाएँ खोलने में सहयोग शामिल है।

38.दोनों पक्षों ने रूसी संघ के विज्ञान और उच्च शिक्षा मंत्रालय और भारत गणराज्य सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के बीच रोडमैप, 2021 के सफल कार्यान्वयन का उल्लेख किया, जिसमें दोनों देशों के मंत्रालयों और वैज्ञानिक संस्थाओं के माध्यम से रूस-भारत अनुसंधान परियोजनाओं का कार्यान्वयन शामिल है।

39.विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में संयुक्त अनुसंधान के महत्व पर जोर देते हुए, दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच नवाचार-संबंधी सहयोग को बढ़ावा देने, प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण और आर्थिक और सामाजिक प्रभाव के लिए संयुक्त परियोजनाओं को पूर्ण-चक्र समर्थन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए 2021 के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सहयोग के रोडमैप की रूपरेखा पर एक साथ कार्य करने पर सहमति व्यक्त की। दोनों पक्षों ने प्रौद्योगिकी साझेदारी में सुधार के लिए अभिनव उद्यमिता और अंतर-क्लस्टर बातचीत के लिए अंतर्राष्ट्रीय केंद्रों के निर्माण की संभावना की तलाश करने पर सहमति व्यक्त की।

40.दोनों पक्षों ने कृषि और खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, जहाज निर्माण और मरम्मत, नीली अर्थव्यवस्था, समुद्री उद्योग और महासागर संसाधन, रासायनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, जल, जलवायु और प्राकृतिक संसाधन, स्वास्थ्य और चिकित्सा प्रौद्योगिकी, जीवन विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी, अनुप्रयुक्त गणित और डेटा विज्ञान और प्रौद्योगिकी, धातु विज्ञान और प्रौद्योगिकी, भौतिकी और खगोल भौतिकी, ध्रुवीय अनुसंधान एवं नैनो प्रौद्योगिकी के रूप में सहयोग के संभावित क्षेत्रों की पहचान की।

41.दोनों पक्षों ने भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और रूसी संघ के विज्ञान और उच्च शिक्षा मंत्रालय के साथ-साथ आपसी हित के क्षेत्रों में रूसी विज्ञान फाउंडेशन द्वारा संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं के लिए संयुक्त बोलियों के सफल कार्यान्वयन का भी उल्लेख किया।

42.दोनों पक्षों ने आईआरआईजीसी-टीईसी की रूपरेखा के तहत उच्च शिक्षा पर एक कार्य समूह स्थापित करने की अपनी इच्छा दोहराई, जिसमें इस क्षेत्र में संवाद के सामयिक मुद्दों के समाधान के लिए दोनों देशों के इच्छुक विभागों और संगठनों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा।

43.दोनों पक्षों ने शिक्षा और अकादमिक डिग्रियों की पारस्परिक मान्यता पर अपने परामर्श जारी रखने पर सहमति व्यक्त की।

44.दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय शैक्षिक और वैज्ञानिक संबंधों को बढ़ाने और विस्तार देने के उद्देश्य से रूस-भारत गोलमेज बैठक, सेमिनार, सम्मेलन और अन्य गतिविधियों के आयोजन के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया।

45.शिक्षा के क्षेत्र में भारत और रूस के बीच पारंपरिक रूप से मजबूत सहयोग को मान्यता देते हुए, दोनों पक्षों ने विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों को जारी रखने पर सहमति व्यक्त की और इस संबंध में अप्रैल 2024 में लगभग 60 रूसी विश्वविद्यालयों की भागीदारी के साथ भारत में आयोजित शिक्षा शिखर सम्मेलन का स्वागत किया।

सांस्कृतिक सहयोग, पर्यटन और लोगों के बीच आदान-प्रदान

46.दोनों पक्षों ने सहमति व्यक्त की कि सांस्कृतिक संपर्क रूस-भारत विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण घटक है। दोनों पक्ष दोनों देशों के कलाकारों, थिएटरों, पुस्तकालयों, संग्रहालयों, रचनात्मक विश्वविद्यालयों और अन्य सांस्कृतिक संस्थानों के बीच सीधे संपर्क और आगे के सहयोग की स्थापना का समर्थन और प्रोत्साहन करते हैं।

47.पारंपरिक रूप से मजबूत सांस्कृतिक संबंधों को रेखांकित करते हुए, दोनों पक्षों ने 2021-2024 के लिए रूसी संघ के संस्कृति मंत्रालय और भारत गणराज्य सरकार के संस्कृति मंत्रालय के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम, जो लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, के सफल कार्यान्वयन की सराहना की। सांस्कृतिक और फिल्म समारोहों को पारस्परिक रूप से आयोजित करने की पारस्परिक रूप से लाभकारी प्रथा को जारी रखने पर सहमति व्यक्त की गई। सांस्कृतिक आदान-प्रदान के भौगोलिक विस्तार और युवाओं व लोक कला समूहों की अधिक भागीदारी की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला गया। इस संबंध में, दोनों पक्षों ने सितंबर 2023 में रूस के आठ शहरों में भारतीय संस्कृति महोत्सव और 2024 में भारत में रूसी संस्कृति महोत्सव के सफल आयोजन पर संतोष व्यक्त किया।

48.द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए राजनेताओं ने मार्च 2024 में सोची विश्व युवा महोत्सव में छात्रों और युवा उद्यमियों के भारतीय प्रतिनिधिमंडल की सक्रिय भागीदारी तथा मार्च और जून 2024 में क्रमशः कज़ान में "भविष्य के खेल" और ब्रिक्स खेलों में भारतीय खिलाड़ियों और एथलीटों की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से युवा आदान-प्रदान पर संतोष व्यक्त किया।

49दोनों पक्षों ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान के अलावा दोनों देशों की अधिक समकालीन समझ को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जिसमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी, हरित ऊर्जा, अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शनियां और आदान-प्रदान शामिल किये जा सकते हैं। इस संबंध में, दोनों पक्षों ने लोगों के बीच आदान-प्रदान बढ़ाने और आर्थिक, शैक्षिक, वैज्ञानिक और नागरिक समाजों को एक साथ लाने के लिए दोनों देशों में "पारस्परिक/बहु-क्षेत्रीय आदान-प्रदान वर्ष" आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की।

50.दोनों पक्षों ने भारत में रूसी भाषा और रूस में भारतीय भाषाओं को व्यापक रूप से बढ़ावा देने के लिए अपने संयुक्त प्रयासों को जारी रखने पर सहमति व्यक्त की, जिसमें प्रासंगिक शैक्षणिक संस्थानों के बीच संपर्क विकसित करना भी शामिल है।

51.दोनों पक्षों ने भारत और रूस के विशेषज्ञों, थिंक-टैंक और संस्थानों के बीच बढ़े हुए आदान-प्रदान और संपर्क की सराहना की। पिछले कुछ वर्षों में, संवाद के इस कार्यक्रम ने भारत और रूस के रणनीतिक और नीति निर्माण मंडलों और व्यवसायों के बीच आपसी समझ को बढ़ावा दिया है, ताकि रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत किया जा सके।

52.दोनों पक्षों ने रूस और भारत के बीच पर्यटकों के आदान-प्रदान में लगातार वृद्धि की सराहना की। पर्यटन में सहयोग को और प्रगाढ़ करने के लिए, दोनों पक्षों ने पर्यटकों के प्रवाह को बढ़ाने के उद्देश्य से सरकारी और निजी क्षेत्र, दोनों स्तरों पर सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की। इस संदर्भ में, दोनों पक्षों ने मॉस्को इंटरनेशनल टूरिज्म एंड ट्रैवल एक्सपो 2023 और 2024 और ओटीडीवाईकेएच-2023 जैसी लोकप्रिय रूसी टूर प्रदर्शनियों में अतुल्य भारत टीम के नेतृत्व में भारतीय टूर ऑपरेटरों, भारतीय राज्यों के पर्यटन विभागों की भागीदारी का उल्लेख किया।

53.दोनों पक्षों ने दोनों देशों द्वारा ई-वीजा की शुरूआत सहित वीजा औपचारिकताओं के सरलीकरण का स्वागत किया। उन्होंने भविष्य में वीजा व्यवस्था को और सरल बनाने पर काम जारी रखने पर सहमति जताई।

संयुक्त राष्ट्र और बहुपक्षीय मंचों में सहयोग

54.दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र में मुद्दों पर दोनों देशों के बीच उच्च स्तर की राजनीतिक बातचीत और सहयोग का उल्लेख किया और इसे और मजबूत करने पर सहमति जताई। दोनों पक्षों ने विश्व मामलों में संयुक्त राष्ट्र द्वारा निभाई जाने वाली केंद्रीय समन्वयकारी भूमिका के साथ बहुपक्षवाद को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया। पक्षों ने अंतरराष्ट्रीय कानून के सम्मान की प्राथमिकता को रेखांकित किया और सदस्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने के सिद्धांत सहित संयुक्त राष्ट्र चार्टर में वर्णित उद्देश्यों और सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

55.रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्य के रूप में भारत के 2021-22 के कार्यकाल और सुधार किये गए बहुपक्षवाद, संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना और आतंकवाद का मुकाबला करने की दिशा में भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्राथमिकताओं और प्रयासों की सराहना की। दोनों पक्षों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की उपस्थिति संयुक्त राष्ट्र में सर्वाधिक महत्वपूर्ण मुद्दों पर समन्वय स्थापित करने का एक मूल्यवान अवसर प्रदान करती है।

56.दोनों पक्षों ने समकालीन वैश्विक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने तथा अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के मुद्दों से निपटने में इसे अधिक प्रतिनिधि आधारित, प्रभावी और कुशल बनाने के लिए यूएनएससी में व्यापक सुधार का आह्वान किया। रूस ने सुधार किये गए और विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए अपने दृढ़ समर्थन को दोहराया।

57.दोनों पक्षों ने विशेष रूप से 2023 में जी20 की भारत की अध्यक्षता के तहत "वसुधैव कुटुम्बकम" या "एक पृथ्वी एक परिवार एक भविष्य" थीम के तहत, जी20 प्रारूप में अपने उपयोगी सहयोग पर प्रकाश डाला, जिसमें जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सतत विकास के लिए जीवनशैली (लाइफ) पहल को भी सामने रखा गया। राष्ट्रपति महामहिम श्री व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जी20 की भारतीय अध्यक्षता की सफलता की अत्यधिक सराहना की, जिसमें सभी के लिए न्यायसंगत और समान विकास, मानव-केंद्रित दृष्टिकोण पर जोर दिया गया, जबकि समावेशी विकास के लिए एक महत्वपूर्ण क्षमता प्रदाता के रूप में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) सहित नवाचार, डिजिटल प्रौद्योगिकी और बहुपक्षवाद में नवीनीकृत विश्वास का समर्थन किया गया। भारतीय पक्ष ने भारत की सफल जी20 अध्यक्षता के लिए रूस के निरंतर समर्थन की सराहना की।

58.दोनों पक्षों ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की जी20 अध्यक्षता की महत्वपूर्ण व्यावहारिक विरासत है - अंतरराष्ट्रीय आर्थिक और वित्तीय सहयोग के मुख्य में वैश्विक दक्षिण के देशों की प्राथमिकताओं का समेकन एवं अफ्रीकी संघ का मंच के पूर्ण सदस्यों की श्रेणी में प्रवेश। दोनों पक्षों ने 2023 में भारतीय अध्यक्षता के तत्वावधान में वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ वर्चुअल शिखर सम्मेलन के आयोजन का भी स्वागत किया, जिसने बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के निर्माण और वैश्विक मामलों में विकासशील देशों की स्थिति को मजबूत करने के पक्ष में महत्वपूर्ण संकेत दिया। वे वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के लिए संयुक्त समाधान विकसित करने, नई दिल्ली जी20 नेताओं की घोषणा में निहित हरित विकास संधि में परिकल्पित जलवायु वित्त और प्रौद्योगिकी तक पहुंच बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय आर्थिक शासन संस्थानों, विशेष रूप से बहुपक्षीय विकास बैंक, के न्यायसंगत सुधार को सुनिश्चित करने के लिए जी20 के भीतर समन्वय को मजबूत करना जारी रखने पर सहमत हुए।

59.दोनों पक्षों ने ब्रिक्स के भीतर अपनी रणनीतिक साझेदारी और घनिष्ठ समन्वय को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया और जोहान्सबर्ग में XV शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स की सदस्यता का विस्तार करने के लिए गए निर्णय का स्वागत किया। उन्होंने आपसी सम्मान और समझ, समानता, एकजुटता, खुलापन, समावेशिता और आम सहमति की विशेषता वाली ब्रिक्स भावना के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। रूस और भारत ब्रिक्स सहयोग की निरंतरता और समेकन सुनिश्चित करने, ब्रिक्स में नए सदस्यों के निर्बाध एकीकरण और ब्रिक्स भागीदार देश मॉडल की स्थापना के लिए तौर-तरीकों को विकसित करने के उद्देश्य से संयुक्त प्रयास जारी रखने पर सहमत हुए। 2024 में रूस की अध्यक्षता की प्राथमिकताओं का समर्थन करने के लिए, रूसी पक्ष ने भारत के प्रति आभार व्यक्त किया।

60.दोनों पक्षों ने विस्तारित ब्रिक्स परिवार में नए सदस्य देशों का स्वागत किया। भारत ने "न्यायसंगत वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना" विषय के तहत 2024 में रूस की ब्रिक्स अध्यक्षता के लिए अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया। दोनों पक्षों ने अक्टूबर 2024 में कज़ान में XVI ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की सफलता के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

61.दोनों पक्षों ने शंघाई सहयोग संगठन के ढांचे के भीतर संयुक्त कार्य को रूस और भारत के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए महत्वपूर्ण माना।

62.दोनों पक्षों ने आतंकवाद, उग्रवाद, अलगाववाद, नशीले पदार्थों की तस्करी, सीमा पार संगठित अपराध और सूचना सुरक्षा खतरों जैसे प्रमुख क्षेत्रों में एससीओ के भीतर अपने उपयोगी सहयोग पर संतोष व्यक्त किया। रूस ने 2022-23 में भारत की एससीओ अध्यक्षता की सराहना की और स्वीकार किया कि इसने एससीओ में सहयोग के व्यापक क्षेत्रों में नई गति आयी है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मामलों में तथा स्थायी और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के निर्माण में एससीओ की बढ़ती भूमिका का स्वागत किया। उन्होंने एससीओ के नए सदस्यों के रूप में ईरान और बेलारूस का स्वागत किया। दोनों पक्ष अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में एससीओ की भूमिका को बढ़ाने, संयुक्त राष्ट्र और इसकी विशेष एजेंसियों के साथ-साथ अन्य बहुपक्षीय संगठनों और संघों के साथ संगठन के संपर्कों के व्यापक विकास का समर्थन करते हैं।

आतंकवाद का मुकाबला

63.राजनेताओं ने स्पष्ट रूप से आतंकवाद और उसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले हिंसक उग्रवाद की निंदा की, जिसमें आतंकवादियों की सीमा पार आवाजाही, आतंकवाद के वित्तपोषण नेटवर्क और सुरक्षित पनाह स्थल शामिल हैं। उन्होंने 8 जुलाई 2024 को जम्मू और कश्मीर के कठुआ क्षेत्र में सेना के काफिले पर, 23 जून को दागेस्तान में और 22 मार्च को मास्को में क्रोकस सिटी हॉल पर हुए हाल ही के नृशंस आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और इस बात पर जोर दिया कि ये आतंकवादी हमले आतंकवाद से निपटने के लिए सहयोग को और मजबूत करने की चेतावनी देते हैं। पक्षों ने अंतर्राष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के ठोस आधार पर तथा छिपे हुए एजेंडे और दोहरे मानकों के बिना, इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के महत्व को ध्यान में रखते हुए, सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ बिना समझौता किये लड़ाई का आह्वान किया। इसके अलावा, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रासंगिक प्रस्तावों के दृढ़ कार्यान्वयन के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र वैश्विक आतंकवाद-रोधी रणनीति के कार्यान्वयन की आवश्यकता पर बल दिया।

64.दोनों पक्षों ने आतंकवाद का मुकाबला करने में देशों और उनके सक्षम अधिकारियों की प्राथमिक जिम्मेदारी पर जोर दिया और कहा कि आतंकवादी खतरों को रोकने और उनका मुकाबला करने के वैश्विक प्रयासों को अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत अपने दायित्वों का पूरी तरह से पालन करना चाहिए। उन्होंने आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता और संयुक्त राष्ट्र रूपरेखा में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन को शीघ्र अंतिम रूप देने और अपनाने के साथ-साथ आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद का मुकाबला करने पर यूएनजीए और यूएनएससी के प्रस्तावों को लागू करने का आह्वान किया।

65.राजनेताओं ने दोहराया कि आतंकवाद को किसी भी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से नहीं जोड़ा जाना चाहिए और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल सभी लोगों और उनके समर्थकों को अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।

66.दोनों पक्षों ने अक्टूबर 2022 में भारत में सीटीसी की भारतीय अध्यक्षता में आयोजित यूएनएससी आतंकवाद रोधी समिति (सीटीसी) की विशेष बैठक की अत्यधिक सराहना की और आतंकवादी उद्देश्यों के लिए नई व उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग का मुकाबला करने पर सर्वसम्मति से अपनाए गए दिल्ली घोषणापत्र का स्वागत किया। उन्होंने उल्लेख किया कि घोषणापत्र का उद्देश्य सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के आतंकवादी दुरूपयोग, जैसे भुगतान प्रौद्योगिकी, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और धन उगाहने के तरीके तथा मानव रहित हवाई यानों (यूएवी या ड्रोन) से जुड़ी मुख्य चिंताओं को शामिल करना है।

67.दोनों पक्षों ने अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध से निपटने, धन शोधन, आतंकवादी वित्तपोषण और नशीले पदार्थों की तस्करी का मुकाबला करने के क्षेत्र में बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

68.दोनों पक्षों ने 15 अक्टूबर, 2016 को अंतर्राष्ट्रीय सूचना सुरक्षा में सहयोग पर समझौते के आधार पर आईसीटी के उपयोग के संदर्भ में सुरक्षा के क्षेत्र में संवाद को मजबूत करने के लिए अपनी तत्परता व्यक्त की। दोनों पक्षों ने देशों की संप्रभु समानता के सिद्धांतों के सख्त अनुपालन और उनके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने के महत्व पर जोर दिया। इस दिशा में दोनों पक्षों ने सार्वभौमिक अंतर्राष्ट्रीय कानूनी उपायों को अपनाने का आग्रह किया और आईसीटी अपराध से निपटने पर व्यापक सम्मेलन सहित संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में हुए प्रयासों का स्वागत किया।

69.दोनों पक्षों ने बाह्य अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग पर संयुक्त राष्ट्र समिति (यूएन सीओपीयूओएस) के भीतर सहयोग को मजबूत करने का इरादा किया, जिसमें बाह्य अंतरिक्ष गतिविधियों की दीर्घकालिक स्थिरता के मुद्दे भी शामिल हैं।

70.दोनों पक्षों ने सामूहिक विनाश के हथियारों के अप्रसार के लिए वैश्विक प्रयासों को और मजबूत करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। रूस ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता के लिए अपना मजबूत समर्थन व्यक्त किया। दोनों पक्षों ने वैश्विक शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सभी सदस्यों से आपसी विश्वास के स्तर को बढ़ाने की दिशा में काम करने का आग्रह किया।

71.भारतीय पक्ष ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए), आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन (सीडीआरआई) और अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट गठबंधन (आईबीसीए) में रूस के शामिल होने की आशा व्यक्त की।

72.दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान पर भारत और रूस के बीच घनिष्ठ समन्वय की सराहना की, जिसमें दोनों देशों की सुरक्षा परिषदों के बीच संवाद व्यवस्था शामिल है। दोनों पक्षों ने क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति और उसके निहितार्थ, वर्तमान राजनीतिक स्थिति, आतंकवाद, कट्टरपंथ और मादक पदार्थों की तस्करी समेत अफगानिस्तान की स्थिति चर्चा की। उन्होंने अफगानिस्तान को आतंकवाद, युद्ध और मादक पदार्थों से मुक्त एक स्वतंत्र, एकजुट और शांतिपूर्ण राज्य बनाने, अपने पड़ोसियों के साथ शांति से रहने और अफगान समाज के सबसे कमजोर वर्गों सहित मूलभूत मानवाधिकारों और स्वतंत्रता के लिए सम्मान सुनिश्चित करने की वकालत की। उन्होंने अफगान समझौते को सुविधाजनक बनाने के लिए मास्को प्रारूप बैठकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

73.राजनेताओं ने विशेष रूप से आईएसआईएस और अन्य समूहों सहित अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी समूहों के खिलाफ आतंकवाद-रोधी उपायों का स्वागत किया और विश्वास व्यक्त किया कि अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई व्यापक और प्रभावी होगी। उन्होंने अफगान लोगों को बिना किसी राजनीतिक मांग के तत्काल और निर्बाध मानवीय सहायता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

74.दोनों पक्षों ने, दोनों पक्षों के बीच संवाद और कूटनीति के माध्यम से यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की अनिवार्यता पर प्रकाश डाला। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार और संयुक्त राष्ट्र चार्टर संपूर्णता के आधार पर संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के उद्देश्य से मध्यस्थता और अच्छे कार्यालयों के प्रासंगिक प्रस्तावों की सराहना की।

75.दोनों पक्षों ने गाजा पर विशेष ध्यान देते हुए मध्य पूर्व की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की। इस संबंध में उन्होंने प्रासंगिक यूएनजीए प्रस्तावों और यूएनएससी संकल्प 2720 के प्रभावी कार्यान्वयन और गाजा पट्टी में फिलिस्तीनी नागरिक आबादी को सीधे बड़े पैमाने पर मानवीय सहायता के तत्काल, सुरक्षित और निर्बाध डिलीवरी का आह्वान किया। उन्होंने स्थायी युद्धविराम के लिए यूएनएससी संकल्प 2728 के प्रभावी कार्यान्वयन का भी आह्वान किया। उन्होंने सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई के साथ-साथ उनकी चिकित्सा और अन्य मानवीय जरूरतों को पूरा करने के लिए मानवीय पहुंच का भी आह्वान किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन की पूर्ण सदस्यता के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत आधार के अनुसार दो-राज्य समाधान के सिद्धांत के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता दोहराई।

76.दोनों पक्षों ने समान और अविभाज्य क्षेत्रीय सुरक्षा की संरचना बनाने एवं ग्रेटर यूरेशियन क्षेत्र तथा हिन्द और प्रशांत महासागरों के क्षेत्र में एकीकरण और विकास पहलों के बीच पूरकताओं पर परामर्श को तेज करने के लिए संयुक्त प्रयासों को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की।

77.दोनों पक्षों ने पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन, आसियान क्षेत्रीय सुरक्षा मंच (एआरएफ), आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक प्लस (एडीएमएम-प्लस) सहित क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से विभिन्न क्षेत्रीय मंचों के भीतर सहयोग को सशक्त करने के महत्व को रेखांकित किया।

78.दोनों पक्षों ने जलवायु परिवर्तन से निपटने तथा जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क सम्मेलन (यूएनएफसीसीसी) और पेरिस समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों का विस्तार करने के महत्व का उल्लेख किया। इस संबंध में दोनों पक्षों ने जलवायु परिवर्तन को रोकने और इसके अनुकूल होने के क्षेत्र में सहयोग विकसित करने पर सहमति व्यक्त की, जिसमें ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कोटा प्रणालियों के गठन और संचालन पर अनुभव का आदान-प्रदान, कम कार्बन विकास के क्षेत्र में संयुक्त रूसी-भारतीय निवेश परियोजनाओं का कार्यान्वयन, साथ ही साथ सतत और "हरित" वित्तपोषण शामिल हैं।

79.दोनों पक्षों ने अंतर्राष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखलाओं की स्थिरता और सुदृढ़ता बढ़ाने, मुक्त और निष्पक्ष व्यापार नियमों के अनुपालन और जलवायु परिवर्तन जैसे प्रमुख मुद्दों पर जी20, ब्रिक्स, एससीओ के भीतर बातचीत जारी रखने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने 2024 में ब्रिक्स की रूसी अध्यक्षता के तहत पर्यावरण कार्य समूह की रूपरेखा के भीतर जलवायु परिवर्तन और सतत विकास पर ब्रिक्स संपर्क समूह के शुभारंभ का स्वागत किया।

80.दोनों पक्षों ने भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की सुदृढ़ता और उनकी विदेश नीति प्राथमिकताओं के समन्वय और पूरक दृष्टिकोणों पर संतोष व्यक्त किया और इसे और मजबूत बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रमुख शक्तियों के रूप में भारत और रूस बहुध्रुवीय दुनिया में वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए प्रयास करना जारी रखेंगे।

81.प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मास्को में उन्हें और उनके प्रतिनिधिमंडल को दिए गए शानदार आतिथ्य के लिए राष्ट्रपति महामहिम श्री व्लादिमीर पुतिन को धन्यवाद दिया तथा उन्हें 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए 2025 में भारत आने का निमंत्रण दिया।

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The World This Week On India
February 18, 2025

This week, India reinforced its position as a formidable force on the world stage, making headway in artificial intelligence, energy security, space exploration, and defence. From shaping global AI ethics to securing strategic partnerships, every move reflects India's growing influence in global affairs.

And when it comes to diplomacy and negotiation, even world leaders acknowledge India's strength. Former U.S. President Donald Trump, known for his tough negotiating style, put it simply:

“[Narendra Modi] is a much tougher negotiator than me, and he is a much better negotiator than me. There’s not even a contest.”

With India actively shaping global conversations, let’s take a look at some of the biggest developments this week.

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AI for All: India and France Lead a Global Movement

The future of AI isn’t just about technology—it’s about ethics and inclusivity. India and France co-hosted the Summit for Action on AI in Paris, where 60 countries backed a declaration calling for AI that is "open," "inclusive," and "ethical." As artificial intelligence becomes a geopolitical battleground, India is endorsing a balanced approach—one that ensures technological progress without compromising human values.

A Nuclear Future: India and France Strengthen Energy Security

In a world increasingly focused on clean energy, India is stepping up its nuclear power game. Prime Minister Narendra Modi and French President Emmanuel Macron affirmed their commitment to developing small modular nuclear reactors (SMRs), a paradigm shift in the transition to a low-carbon economy. With energy security at the heart of India’s strategy, this collaboration is a step toward long-term sustainability.

Gaganyaan: India’s Space Dream Inches Closer

India’s ambitions to send astronauts into space took a major leap forward as the budget for the Gaganyaan mission was raised to $2.32 billion. This is more than just a scientific milestone—it’s about proving that India is ready to stand alongside the world’s leading space powers. A successful human spaceflight will set the stage for future interplanetary missions, pushing India's space program to new frontiers.

India’s Semiconductor Push: Lam Research Bets Big

The semiconductor industry is the backbone of modern technology, and India wants a bigger share of the pie. US chip toolmaker Lam Research announced a $1 billion investment in India, signalling confidence in the country’s potential to become a global chip manufacturing hub. As major companies seek alternatives to traditional semiconductor strongholds like Taiwan, India is positioning itself as a serious contender in the global supply chain.

Defence Partnerships: A New Era in US-India Military Ties

The US and India are expanding their defence cooperation, with discussions of a future F-35 fighter jet deal on the horizon. The latest agreements also include increased US military sales to India, strengthening the strategic partnership between the two nations. Meanwhile, India is also deepening its energy cooperation with the US, securing new oil and gas import agreements that reinforce economic and security ties.

Energy Security: India Locks in LNG Supply from the UAE

With global energy markets facing volatility, India is taking steps to secure long-term energy stability. New multi-billion-dollar LNG agreements with ADNOC will provide India with a steady and reliable supply of natural gas, reducing its exposure to price fluctuations. As India moves toward a cleaner energy future, such partnerships are critical to maintaining energy security while keeping costs in check.

UAE Visa Waiver: A Boon for Indian Travelers

For Indians residing in Singapore, Japan, South Korea, Australia, New Zealand, and Canada, visiting the UAE just became a lot simpler. A new visa waiver, effective February 13, will save Dh750 per person and eliminate lengthy approval processes. This move makes travel to the UAE more accessible and strengthens business and cultural ties between the two countries.

A Gift of Friendship: Trump’s Gesture to Modi

During his visit to India, Donald Trump presented Prime Minister Modi with a personalized book chronicling their long-standing friendship. Beyond the usual diplomatic formalities, this exchange reflects the personal bonds that sometimes shape international relations as much as policies do.

Memory League Champion: India’s New Star of Mental Speed

India is making its mark in unexpected ways, too. Vishvaa Rajakumar, a 20-year-old Indian college student, stunned the world by memorizing 80 random numbers in just 13.5 seconds, winning the Memory League World Championship. His incredible feat underscores India’s growing reputation for mental agility and cognitive excellence on the global stage.

India isn’t just participating in global affairs—it’s shaping them. Whether it’s setting ethical AI standards, securing energy independence, leading in space exploration, or expanding defence partnerships, the country is making bold, strategic moves that solidify its role as a global leader.

As the world takes note of India’s rise, one thing is clear: this journey is just getting started.