किर्गीस्तान गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम श्री अल्माजबेक अताम्बाएव के निमंत्रण पर भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 11-12 जुलाई, 2015 को किर्गीस्तान गणराज्य का आधिकारिक दौरा किया।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति अलमाजबेक अताम्बाएव ने द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करने के अलावा आपसी हित के क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी गर्मजोशीपूर्ण एवं मैत्रीपूर्ण माहौल में विचारों का खूब आदान - प्रदान किया।
किर्गीस्तान गणराज्य और भारत गणराज्य (अब आगे 'दोनों पक्षकार' कहा गया है) ने दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद पिछले 24 वर्षों में सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपलब्धियों की खूब प्रशंसा की। दोनों पक्षों ने राजनीतिक, व्यापार - आर्थिक संबंधों, सांस्कृतिक - मानवीय सहयोग में निरंतर विकास पर संतोष व्यक्त किया तथा वे आने वाले दिनों में द्विपक्षीय साझेदारी को एक नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए सहमत हुए।
भारत - किर्गीस्तान संबंधों के स्तर में सुधार की साझी इच्छा तथा बहुआयामी सहयोग को और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से तथा इस बात की पुष्टि करते हुए कि भारत और किर्गीस्तान साझेदार हैं, लोकतंत्र, स्वतंत्रता, मानवाधिकार तथा कानून का शासन जैसे साझे मौलिक मूल्यों को साझा करते हैं।
दोनों पक्षों ने निम्नलिखित की घोषण की :
1. राजनीतिक सहयोग
दोनों पक्षों ने नोट किया कि भारत और किर्गीस्तान गणराज्य के बीच संबंध कई सदियों से चले आ रहे ऐतिहासिक संबंधों पर आधारित हैं।
भारतीय पक्ष ने अपने नागरिकों के लिए राजनीतिक स्वतंत्रता प्रदान करने में किर्गीस्तान गणराज्य की उपलब्धियों को स्वीकार किया।
दोनों पक्षों ने आपसी हित के द्विपक्षीय, अंतर्राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर घनिष्ठ परामर्श को सुगम बनाने के लिए विभिन्न स्तरों पर संपर्क बढ़ाने का निर्णय लिया जिसमें उच्च स्तर पर नियमित यात्राएं तथा आधिकारिक स्तर पर आदान - प्रदान शामिल है।
भारत में किर्गीस्तान गणराज्य संसदीय लोकतंत्र के निरंतर संस्थानीकरण की भरपूर प्रशंसा की।
दोनों पक्ष नियमित संसदीय आदान - प्रदान को बढ़ावा देंगे। किर्गीज पक्ष ने संसदीय प्रणाली पर भारतीय अनुभव का अध्ययन करने में रूचि व्यक्त की। इस संबंध में, दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि किर्गीस्तान के संसद सदस्य भारतीय संसदीय अध्ययन एवं प्रशिक्षण ब्यूरो द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों का उपयोग करेंगे।
दोनों पक्षों ने केंद्रीय निर्वाचन आयोगों के बीच चुनाव के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने और किर्गीस्तान गणराज्य तथा भारतीय निर्वाचन आयोग में जनमत संग्रह के संचालन का स्वागत किया।
2. क्षेत्रीय एवं वैश्विक स्तर पर सहयोग
अनेक वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर साझे दृष्टिकोणों को नोट करते हुए दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र संगठन की रूपरेखा में सहयोग सहित अंतर्राष्ट्रीय मंचों में दोनों देशों के बीच अंत:क्रिया को गहन करने के महत्व पर जोर दिया तथा संयुक्त राष्ट्र की भूमिका को सुदृढ़ करने की आवश्यकता की फिर से पुष्टि की। दोनों पक्षों ने समकालीन चुनौतियों तथा वैश्विक शांति एवं स्थिरता के लिए खतरों से पर्याप्त रूप से निपटने में संयुक्त राष्ट्र की अग्रणी भूमिका बनाए रखने के उद्देश्य से इसके सुधारों के लिए आह्वान किया।
विश्व में शांति बनाए रखने में भारत के योगदान को नोट करते हुए किर्गीज पक्ष ने विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता के लिए भारत के उचित दावे के लिए अपने समर्थन की फिर से पुष्टि की।
भारतीय पक्ष ने 2016-2018 के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के लिए किर्गीस्तान गणराज्य की उम्मीदवारी के लिए अपने समर्थन की फिर से पुष्टि की।
दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय मुद्दों पर अपने सहयोग पर संतोष व्यक्त किया जिसमें एशिया में अंत:क्रिया एवं विश्वासोत्पादक उपायों पर सम्मेलन (सी आई सी ए) और शंघाई सहयोग संगठन (एस सी ओ) की रूपरेखा में सहयोग शामिल है।
किर्गीस्तान पक्ष ने उफा, रूस में 10 जुलाई, 2015 को एस सी ओ के सदस्य देशों के राष्ट्रध्यक्षों की परिषद द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार एस सी ओ के पूर्ण सदस्य के रूप में भारत के शामिल होने की प्रक्रिया के आरंभ होने का स्वागत किया। किर्गीस्तान पक्ष ने नोट किया कि एस सी ओ में भारत की पूर्ण सदस्यता एस सी ओ के राजनीतिक महत्व और अंतर्राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मामलों में इसकी भूमिका को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
दोनों पक्षों ने इस क्षेत्र में और पूरी दुनिया में आतंकवाद, कट्टरवाद एवं अतिवाद में वृद्धि पर गंभीर चिंता व्यक्त की। भारतीय पक्ष ने आतंकवाद की खिलाफत करने में और किर्गीज समाज के धर्म निरपेक्ष स्वरूप को बनाए रखने में किर्गीस्तान सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की भरपूर प्रशंसा की।
दोनों पक्ष ''अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद तथा अन्य अपराधों से लड़ने'' पर करार पर हस्ताक्षर करने पर शीघ्रता से विचार करने के लिए सहमत हुए।
3. रक्षा सहयोग
दोनों पक्षों ने रक्षा संबंधों के विकास पर संतोष व्यक्त किया जो उनके बीच उच्च स्तर के परस्पर विश्वास को दर्शाता है। दोनों पक्षों ने रक्षा मंत्रियों के स्तर पर यात्राओं के आदान - प्रदान तथा प्रमुख पहलों का स्वागत किया जिन्हें शुरू किया गया है तथा उन्होंने सहयोग के चल रहे कार्यक्रमों का भी स्वागत किया। दोनों पक्षों ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत गणराज्य की सरकार और किर्गीस्तान गणराज्य की सरकार के बीच करार पर हस्ताक्षर होने की प्रशंसा की।
दोनों पक्षों ने मार्च, 2015 में किर्गीस्तान में आयोजित दोनों देशों के सशस्त्र बलों के विशेष बलों के बीच संयुक्त अभ्यास ''खंजर 2015'' के दूसरे चक्र पर संतोष व्यक्त किया, जो 2011 में भारत में आयोजित अभ्यासों की सततता को प्रतिबिंबित करता है। वार्षिक आधार पर संयुक्त अभ्यास का आयोजन करने का निर्णय लिया गया।
भारतीय पक्ष ने संयुक्त राष्ट्र की शांति स्थापना की कार्यवाहियों में भागीदारी करने के लिए किर्गीस्तान के प्रयास का स्वागत किया तथा इस संबंध में भारत का पूर्ण समर्थन व्यक्त किया। किर्गीस्तान पक्ष ने नई दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केंद्र सहित संचालित किए गए विभिन्न संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना पाठ्यक्रमों के लिए किर्गीस्तान के सैन्य अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए और किर्गीस्तान गणराज्य के सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ के लेवल-2 यूएन फील्ड हॉस्पिटल पर किर्गीस्तान के सशस्त्र बलों के साथ अनुभव के आदान - प्रदान के लिए भारत सरकार की प्रशंसा की।
किर्गीस्तान पक्ष ने अपने लेवल-2 फील्ड अस्पताल के लिए चिकित्सा उपकरण प्रदान करने के लिए और किर्गीस्तान गणराज्य के सशस्त्र बलों की सैन्य अकादमी में एक सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र (जिसका नाम लेफ्टिनेंट जनरल के उसेनबेकोव के नाम पर रखा गया है) स्थापित करने में भारत की सहायता के लिए भारत सरकार का आभार प्रकट किया।
दोनों पक्षों ने लद्दाख, भारत में स्टॉक कांगरी पर्वत को मापने के लिए सितंबर, 2011 में भारत - किर्गीस्तान एक्सपेडिशन तथा किर्गीस्तान में लेनिन पीक के अगस्त, 2013 एक्सपेडिशन सहित दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच संयुक्त एक्सपेडिशन की प्रशंसा की तथा ऐसे आदान - प्रदान को जारी रखने का आह्वान किया।
4. आर्थिक सहयोग
यह नोट करते हुए कि भारत और किर्गीस्तान के बीच आर्थिक, व्यापार एवं निवेश संबंध का वर्तमान स्तर क्षमता से कम है, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय साझेदारी की आर्थिक अंतर्वस्तु में वृद्धि करने के लिए समवेत प्रयासों की आवश्यकता को रेखांकित किया।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने यूरेशियाई आर्थिक संघ में किर्गीस्तान के शामिल होने पर राष्ट्रपति अल्माजबेक अतम्बाएव को बधाई दी। दोनों पक्षों ने यूरेशियाई क्षेत्र में एकीकरण की प्रक्रिया पर विचारों का आदान - प्रदान किया। दोनों पक्ष यूरेशियाई आर्थिक संघ के सदस्य देशों तथा भारत गणराज्य के बीच जल्दी से एक मुक्त व्यापार करार संपन्न होने के लिए साथ मिलकर काम करने पर सहमत हुए।
आर्थिक सहयोग में और वृद्धि करने के कार्य को अधिक महत्व देते हुए किर्गीज पक्ष ने भारतीय कारोबारियों को किर्गीज अर्थव्यवस्था में सक्रिय रूप से निवेश करने के लिए आमंत्रित किया तथा किर्गीस्तान गणराज्य में निवेश की गतिविधियों में भारतीय निवेशकों को सहायता प्रदान करने की अपनी इच्छा व्यक्त की। किर्गीज पक्ष ने किर्गीस्तान में खनन एवं फार्मास्यूटिकल क्षेत्रों में निवेश करने के लिए भारतीय कंपनियों की रूचि का स्वागत किया।
दोनों पक्षों ने नई दिल्ली में 16-17 मार्च, 2015 को व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक - तकनीकी सहयोग पर द्विपक्षीय अंतर सरकारी संयुक्त आयोग के सातवें सत्र का प्रोटोकॉल सहित द्विपक्षीय करारों और वस्त्र एवं ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग के लिए एम ओ यू के कार्यान्वयन के महत्व को नोट किया।
दोनों पक्षों ने फेडरेशन ऑफ इंडियन चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) तथा किर्गीज चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (के सी सी आई) के बीच संयुक्त व्यवसाय परिषद में सहयोग पर संतोष व्यक्त किया, जिसकी पहली बैठक 2 दिसंबर, 2014 को नई दिल्ली में हुई थी। दोनों पक्ष परस्पर सहमत परिणामों के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक कदम उठाने पर सहमत हुए।
दोनों पक्षों ने विश्केक एवं दिल्ली के बीच सीधी उड़ानें आरंभ होने का स्वागत किया तथा वे दोनों देशों के बीच व्यापार एवं पर्यटन बढ़ाने के उद्देश्य से अधिक संपर्क को प्रोत्साहित करने पर सहमत हुए।
दोनों पक्षों ने सीधे कारोबारी संबंध स्थापित करने को सुगम बनाने का आह्वान किया तथा फार्मास्यूटिकल, कृषि, व्यापार और निवेश के क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रमों को सकारात्मक ढंग से नोट किया जिसमें मार्च, 2015 में बिश्केक में 40 से अधिक भारतीय कंपनियों की भागीदारी के साथ फार्मेक्सिल द्वारा एक विशिष्ट फार्मास्यूटिकल प्रदर्शनी का आयोजन शामिल है तथा उन्होंने मार्च, 2015 में नई दिल्ली में आहार व्यापार मेला, 2015 में किर्गीस्तान से अग्रेरियन प्लेटफार्म के प्रतिनिधियों की भागीदारी को नोट किया।
इस तथ्य को रेखांकित करते हुए कि भारत और किर्गीज गणराज्य की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी कृषि क्षेत्र में काम करती है, दोनों पक्षों ने कृषि क्षेत्र में सार्थक सहयोग के महत्व की फिर से पुष्टि की। भारतीय पक्ष ने उत्पादकता बढ़ाने और कृषि उत्पादों के मूल्य में वृद्धि करने के उद्देश्य से कृषि प्रसंस्करण, ग्रीन हाउस प्रौद्योगिकी, जल संरक्षण और कृषि अनुसंधान में अनुभव को साझा करने का प्रस्ताव किया। दोनों पक्षों ने इस क्षेत्र में सहयोग के लिए अवसरों एवं ठोस परियोजनाओं को चिन्हित करने के लिए कृषि क्षेत्र में सहयोग को सुदृढ़ करने पर बिश्केक में शीघ्र ही आयोजित होने वाले गोलमेज का स्वागत किया।
किर्गीज पक्ष ने परस्पर लाभप्रद एवं स्वीकार शर्तों पर किर्गीज गणराज्य की महत्वपूर्ण सामाजिक - आर्थिक परियोजनाओं के वित्त पोषण पर विचार करने के लिए भारतीय पक्ष की तत्परता के लिए उसकी प्रशंसा की। दोनों पक्ष 2013-2017 की अवधि में किर्गीज गणराज्य की राष्ट्रीय संपोषणीय विकास रणनीति तथा 2015-2017 के लिए किर्गीज गणराज्य की राज्य ऋण की मध्यावधि प्रबंधन रणनीति के अलावा संगत भारतीय विनियमों के अनुसरण में वित्त पोषण की शर्तों का निर्धारण करने पर सहमत हुए।
5. वैज्ञानिक एवं तकनीकी सहयोग
साथी लोकतंत्र के रूप में यह दोहराते हुए कि दोनों देश अपनी जनता को विकास की सभी गतिविधियों के केंद्र में रखते हैं, दोनों पक्षों ने शिक्षा एवं स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में विकसित हो रहे सहयोग पर संतोष व्यक्त किया।
दोनों पक्षों ने नोट किया कि किर्गीस्तान भारत के चिकित्सा छात्रों के लिए लोकप्रिय गंतव्यों में से एक बना हुआ है। किर्गीस्तान के छात्र भारत में पढ़ाई करने के लिए आते हैं और साथ ही किर्गीज समाज के विभिन्न वर्गों के 1000 से अधिक कामकाजी पेशेवरों ने भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग (आई टी ई सी) कार्यक्रम का उपयोग किया है। किर्गीज पक्ष ने किर्गीस्तान के नागरिकों के लिए इस साल आई टी ई सी स्लॉट की संख्या 85 से बढ़ाकर 100 करने के लिए भारत सरकार के निर्णय का स्वागत किया।
दोनों पक्षों ने बिश्केक में किर्गीज राज्य निर्माण, परिवहन एवं वास्तुशिल्प विश्वविद्यालय में स्थापित भारत - किर्गीज सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र (के एस यू सी टी ए) के सफल कामकाज पर संतोष व्यक्त किया, वे इस केंद्र को अपग्रेड करने की दिशा में काम करने और भारत की अनुदान सहायता से किर्गीस्तान के अन्य प्रमुख शहरों में ऐसे ही केंद्र स्थापित करने पर विचार करने के लिए सहमत हुए।
दोनों पक्षों ने भारत में सुपर स्पेशियली अस्पतालों से डाक्टरों द्वारा किर्गीस्तान का नियमित दौरे सहित स्वास्थ्य क्षेत्र में बढ़ते संबंधों, सस्ती लागत एवं अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर चिकित्सा उपचार एवं जटिल सर्जरी के लिए किर्गीस्तान के रोगियों के भारत आने तथा सितंबर, 2014 में भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय कार्डियोलॉजी और आंतरिक दवा केंद्र (एन सी सी आई एम) को एक कंप्यूटेड टोमोग्राफी मशीन को उपहार में देने पर संतोष व्यक्त किया।
दोनों पक्षों ने भारत सरकार की सहायता से भारत के अत्यंत विशिष्टता प्राप्त अस्पतालों और किर्गीस्तान के छह चिकित्सा संस्थाओं के बीच टेलीमेडिसीन लिंक स्थापित करने की परियोजना आरंभ होने का स्वागत किया : (नेशनल सेंटर ऑफ मैटरनिटी एंड चाइल्डहुड केयर; नेशनल सेंटर ऑफ कार्डियोलॉजी एंड इंटरनल मेडिसीन (एन सी सी आई एम); नेशनल सेंटर ऑफ सर्जरी; ऑश इंटर रिजीनल क्लीनिकल हास्पिटल; टलास रिजीनल हास्पिटल; और इस्यक-कुल रिजीनल हास्पिटल) जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपनी यात्रा के दौरान बिश्केक नेशनल सेंटर ऑफ कार्डियोलॉजी एंड इंटरनल मेडिसीन में किया गया।
भारतीय पक्ष ने किर्गीज - भारत माउंटेन बायो मेडिकल रिसर्च सेंटर को किर्गीज गणराज्य द्वारा प्रदान की गई सहायता के लिए उनकी खूब प्रशंसा की। दोनों पक्ष अनुसंधान की गतिविधि जारी रखने पर सहमत हुए तथा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान दूसरा चरण आरंभ होने का स्वागत किया।
भारतीय पक्ष ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने के बारे में संयुक्त राष्ट्र महासभा में संकल्प को सह-प्रायोजित करने के लिए किर्गीज पक्ष का धन्यवाद किया, जिसका सुझाव प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिया गया था। किर्गीस्तान में परंपरागत दवा में भारत के ज्ञान को साझा करने के लिए किर्गीस्तान गणराज्य ने एक आयुष (आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथी) केंद्र स्थापित करने के लिए भारतीय पक्ष के प्रस्ताव का स्वागत किया।
6. सांस्कृतिक एवं मानवीय सहयोग
दोनों पक्ष छात्रों का आदान - प्रदान सहित सांस्कृतिक एवं मानवीय सहयोग बढ़ाने का इरादा रखते हैं। दोनों पक्ष विश्वविद्यालयों, अनुसंधान एवं विश्लेषण केंद्रों तथा निजी क्षेत्र में छात्रों एवं शोधकर्ताओं के बीच वैज्ञानिक - तकनीकी सहयोग को सुदृढ़ करने का भी इरादा रखते हैं।
दोनों पक्षों ने इस यात्रा के दौरान सांस्कृतिक सहयोग के लिए करार पर हस्ताक्षर होने का स्वागत किया तथा कला, संगीत, नृत्य, थिएटर, सिनेमा के विभिन्न रूपों में तथा अन्य सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों में दोनों देशों के लोगों के बीच सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच निरंतर सांस्कृतिक आदान - प्रदान पर संतोष व्यक्त किया। दोनों पक्षों ने भारत और किर्गीस्तान में और परस्पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने के महत्व पर जोर दिया तथा साझे ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत के संयुक्त अध्ययन में रूचि व्यक्त की।
दोनों देशों की भौगोलिक समानता तथा पर्यटन बढ़ाने की संभावना को ध्यान में रखते हुए दोनों पक्षों ने 2014 में बिश्केक में भारत के पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित पर्यटन संवर्धन की गतिविधियों तथा 2015 में नई दिल्ली में किर्गीस्तान के संस्कृति, सूचना एवं पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित रोड शो पर संतोष व्यक्त किया। दोनों पक्षों ने भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन का आह्वान किया।
दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच व्यवसाय एवं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नागरिकों की कुछ श्रेणियों के लिए उदार वीजा व्यवस्था स्थापित करने के लिए संगत विभागों को हिदायत दी।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने बिश्केक शहर में महात्मा गांधी जी की एक प्रतिमा लगाने के लिए किर्गीस्तान पक्ष के निर्णय की सराहना की, जिसका इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा औपचारिक रूप से अनावरण किया गया।
आगे की राह
साझे सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक संबंधों के अलावा भारत और किर्गीस्तान गणराज्य के बीच गहन भरोसा एवं परस्पर विश्वास को ध्यान में रखते हुए दोनों पक्षों ने महसूस किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की यात्रा भारत और किर्गीस्तान गणराज्य के बीच संबंध को गुणात्मक दृष्टि से बढ़ाने और दोनों देशों के बीच मैत्री एवं व्यापक सहयोग को सदृढ़ करने की दिशा में एक नई शुरूआत है।
दोनों पक्षों ने विश्वास व्यक्त किया कि इस यात्रा के दौरान जो निर्णय लिए गए हैं वे दोनों देशों के बीच सहयोग के संपूर्ण क्षेत्रों में और उत्तरोत्तर विकास को अतिरिक्त गति प्रदान करेंगे। इस यात्रा की समाप्ति पर, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने यात्रा के दौरान प्रदान किए गए भव्य अतिथि सत्कार तथा गर्मजोशीपूर्ण स्वागत के लिए किर्गीस्तान गणराज्य की सरकार, किर्गीस्तान गणराज्य के लोगों तथा राष्ट्रपति अल्माजबेक अताम्बेएव का दिल से आभार प्रकट किया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति अल्माजबेक अताम्बेएव को भारत का आने का न्यौता दिया। आभार के साथ इस निमंत्रण को स्वीकार कर दिया गया।