"भगवान बिरसा मुंडा की भूमि विकसित भारत के संकल्पों की ऊर्जा का स्रोत बनेगी"

प्रधानमंत्री मोदी (01 मार्च 2024)

आशाओं और आकांक्षाओं की भूमि एवं प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध, लेकिन विकास से जुड़ी चुनौतियों से ग्रस्त झारखंड, पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के समावेशी विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और सामाजिक-आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देने की पहल के केंद्र बिंदु के रूप में उभरा है।

वर्ष 2000 में बिहार से अलग होने के पश्चात्, झारखंड के सामने, विकास की सीमित संभावनाएं थीं। उस समय झारखंड की दशा अत्यंत दयनीय थी। हालांकि, पीएम मोदी के शासनकाल में इस राज्य के लिए सकारात्मक परिवर्तन का दौर आरंभ हुआ। अपने दूर दृष्टिकोण, प्रगतिशील सोच और रणनीतिक नीतियों के साथ, प्रधानमंत्री मोदी ने इस क्षेत्र में समावेशी और सतत विकास लाने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया और दूरगामी नीतियों का निर्माण किया।

जब इंफ्रास्ट्रक्चर की बात आती है तो पिछले दशक में कुछ सबसे बड़े परिवर्तनकारी बदलाव देखे गए हैं - चाहे वह स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल, परिवहन या लॉजिस्टिक्स का क्षेत्र हो; कोई भी क्षेत्र पीछे नहीं छोड़ा गया है। पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने इस क्षेत्र में वह संभावनाएं देखीं, जो पिछली सरकारों में से किसी ने भी नहीं देखीं। सरकार के अभूतपूर्व ध्यान और समर्थन से आज इस क्षेत्र में चहुंमुखी विकास हो रहा है।

झारखंड में विकास के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट है, जिसमें मोदी सरकार ने उल्लेखनीय प्रगति की है। सड़कों, राजमार्गों, रेलवे और एयरपोर्ट्स, हेल्थ और एजुकेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण और उन्नयन किया गया है ताकि सुदूर क्षेत्रों को जोड़ा जा सके, जिससे बाजारों, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा तक बेहतर पहुंच सुगम हो सके। राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए रांची को स्मार्ट सिटी मिशन के तहत चुना गया है।

अब तक झारखंड में 2,256 किलोमीटर से अधिक राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया है, जिससे न केवल यात्रा का समय कम हुआ है, बल्कि कॉरिडोर के साथ इकोनॉमिक एक्टिविटी भी बढ़ी है। झारखंड को लाभ पहुंचाने के लिए भारतमाला परियोजना के तहत वाराणसी-रांची-कोलकाता ग्रीनफील्ड कॉरिडोर डेवलप करना एक और बड़ी पहल है। पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 1,000 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग कॉरिडोर के विकास के लिए 30,575 करोड़ रुपये की अनुमानित कुल पूंजी लागत को भी मंजूरी दे दी है।

इसके अलावा, सरकार ने वर्ष 2024-25 के लिए रेलवे परियोजनाओं के लिए 7,000 करोड़ रुपये से अधिक का एक रिकॉर्ड बजटीय आवंटन दिया है, जो 2009-14 के दौरान 457 करोड़ रुपये के औसत आवंटन से लगभग 15 गुना अधिक है। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत झारखंड में रेलवे द्वारा औसत वार्षिक परिचालन दोगुना से अधिक हो गया है। सरकार झारखंड में 57 स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशनों के रूप में विकसित करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसके अतिरिक्त, रांची को वाराणसी, पटना और हावड़ा से जोड़ने वाली 3 वंदे भारत ट्रेनों को चालू कर दिया गया है। साथ ही, देवगढ़ और जमशेदपुर शहरों में 2 नए एयरपोर्ट्स को चालू किया गया है, जिससे RCS UDAN के तहत कुल 8 हवाई मार्ग हो गए हैं। किसानों को सुविधा प्रदान करने और उन्हें देश के बाकी कृषि-लिंक से जोड़ने के लिए सरकार ने रांची एयरपोर्ट को Krishi Udan Scheme के तहत भी लाया है।

पर्यटन को बढ़ावा देने और राज्य में उससे जुड़े रोजगार पैदा करने की दिशा में प्रयासरत पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कनेक्टिविटी और पहुंच बढ़ाने के लिए जरुरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट परियोजनाएं शुरू की हैं। बाबा बैद्यनाथ धाम, देवघर के विकास के लिए PRASHAD योजना के तहत 39 करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही स्वदेश दर्शन योजना के तहत राज्य में थीम आधारित सर्किट के विकास के लिए सरकार द्वारा 30 करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी दी गई है।

नीतियां बनाने और ऐतिहासिक पहल करने के साथ-साथ, पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार गुमनाम नायकों को सम्मानित करने और उन्हें राष्ट्र के लोगों के बीच उचित आदर एवं सम्मानजनक स्थान प्रदान करने में भी कभी पीछे नहीं रही है। नवंबर 2023 में, पीएम मोदी भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातु गांव का दौरा करने वाले पहले प्रधानमंत्री बने। भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित करने और उन्हें उचित सम्मान प्रदान करने के उद्देश्य से, 15 नवंबर, 2021 को पीएम मोदी द्वारा भगवान बिरसा मुंडा मेमोरियल पार्क एवं स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन किया गया। पीएम ने राष्ट्र और आदिवासी समुदायों के लिए भगवान बिरसा के बलिदान का सम्मान किया। और संग्रहालय को राज्य को समर्पित किया क्योंकि यह आदिवासी इतिहास और संस्कृति को बढ़ावा देने और संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह आदिवासियों की बहादुरी और निस्वार्थता को भी उजागर करता है, जिन्होंने राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सरकार झारखंड में समुदायों को सशक्त बनाने में सहायक रही है। इसके पहले से मौजूद कल्याणकारी उपायों और नीतियों के अलावा, पीएम मोदी द्वारा नवंबर 2023 में झारखंड से 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' और 'पीएम विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह विकास मिशन' की शुरुआत की गई थी। हालिया घटनाक्रम में, मार्च 2024 में, पीएम मोदी ने झारखंड के सिंदरी, धनबाद में फर्टिलाइजर, रेल, बिजली और कोयला क्षेत्रों में 35,700 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित किया।

सिंदरी में पीएम मोदी ने हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (HURL) सिंदरी फर्टिलाइजर प्लांट को राष्ट्र को समर्पित किया। फर्टिलाइजर प्लांट की नींव भी 2018 में पीएम मोदी ने रखी थी। प्लांट के शुरू होने से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।

वर्तमान में, सरकार की पहलें और नीतियां प्रदर्शित करती हैं कि विकास एवं समृद्धि के लक्ष्य को प्राप्त करने के निरंतर प्रयासों में मोदी सरकार कितनी दृढ़ और प्रतिबद्ध रही है। पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने और सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करने वाली रणनीतिक पहलों के माध्यम से सक्रिय निर्णय लेकर निवेश बढ़ाने, इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने और क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया है।

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प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दिल्ली का विकास
April 12, 2024

दिल्ली को राष्ट्रों के सम्मानित ध्वजों को फहराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है: G20 समिट की मेजबानी के लिए दिल्ली की तैयारियों पर पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के पिछले दस वर्षों ने एक नए भारत के निर्माण की दिशा में काम शुरू किया है; गांव से शहर तक, पानी से बिजली तक, घर से स्वास्थ्य तक, शिक्षा से रोजगार तक, जाति से वर्ग तक - एक व्यापक योजना, जो हर दरवाजे तक विकास और समृद्धि ला रही है।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, इस बदलावकारी दशक में, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संचालित इस डेवलपमेंटल मोमेंटम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनकर उभरा है।

यह शहर, उस इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव के केंद्र में रहा है जिसने पूरे देश को एक नया रूप दिया है। आज अटल सेतु, चिनाब ब्रिज, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और जोजिला टनल जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर के चमत्कार भारत के निरंतर विकसित होते परिदृश्य को दर्शाते हैं।

ट्रांसपोर्ट नेटवर्क को नया रूप देने, शहरी सुविधाओं को उन्नत करने और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, मोदी सरकार ने कई बदलावकारी पहल शुरू की हैं। रेलवे, हाईवेज से लेकर एयरपोर्ट्स तक, ये इनिशिएटिव, देश भर में इंक्लूजिव और सस्टेनेबल डेवलपमेंट को गति देने में महत्वपूर्ण रहे हैं।

मेट्रो रेल नेटवर्क के प्रभावशाली विस्तार ने भारत में शहरी आवागमन में क्रांति ला दी है। 2014 में मात्र 5 शहरों से, मेट्रो रेल नेटवर्क अब देश भर के 21 शहरों में सेवा प्रदान करता है - 2014 के 248 किलोमीटर से बढ़कर 2024 तक यह 945 किलोमीटर हो जाएगा, साथ ही 26 अतिरिक्त शहरों में 919 किलोमीटर लाइनें निर्माणाधीन हैं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में दिल्ली मेट्रो फेज-4 के दो नए कॉरिडोर; लाजपत नगर से साकेत जी-ब्लॉक और इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ को मंजूरी दी है। दोनों लाइनों की संयुक्त लंबाई 20 किलोमीटर से अधिक है और परियोजना की लागत 8,000 करोड़ रुपये से अधिक है (केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से फंडेड)। इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ लाइन हरियाणा के बहादुरगढ़ क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अतिरिक्त, दिल्ली-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर पर चलने वाली भारत की पहली नमो भारत ट्रेन; रीजनल कनेक्टिविटी बढ़ाने और इसके ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को उन्नत करने की मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को और रेखांकित करती है।

इसके अलावा, भारतमाला परियोजना में लगभग 35,000 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों के विकास के माध्यम से बेहतर लॉजिस्टिक्स दक्षता और कनेक्टिविटी की परिकल्पना की गई है। इस योजना के तहत 25 ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर की योजना बनाई गई है, जिनमें से चार दिल्ली की बढ़ती इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता से जुड़ेंगे: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे, दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे और शहरी विस्तार सड़क-II। दिल्ली के लिए स्वीकृत कुल परियोजना लंबाई 203 किलोमीटर है, जिसके लिए 18,000 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है।

पिछले एक दशक में मोदी सरकार ने एयरपोर्ट्स की क्षमता बढ़ाने और भीड़भाड़ कम करने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। IGI एयरपोर्ट दिल्ली देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट बन गया है, जिसमें चार रनवे और एक एलिवेटेड टैक्सीवे है। हाल ही में विस्तारित अत्याधुनिक टर्मिनल 1 का भी उद्घाटन किया गया है। इसके अलावा, आगामी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) दिल्ली एयरपोर्ट की भीड़भाड़ कम करने में और योगदान देगा, जो सालाना लाखों यात्रियों को सेवा प्रदान करेगा।

इसके अलावा, नए संसद भवन के उद्घाटन ने शहर के स्वरूप में सभ्यतागत और आधुनिक दोनों तरह के अर्थ जोड़ दिए हैं। यशोभूमि (India International Convention & Expo Centre) के उद्घाटन ने दिल्ली को भारत का सबसे बड़ा सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र दिया है, जो मिश्रित उद्देश्य वाला पर्यटन अनुभव प्रदान करता है। यशोभूमि के साथ, विश्व स्तरीय सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र ‘भरत मंडपम’, दुनिया को भारत का दर्शन कराता है।

वेलफेयर की बात करें तो, मोदी सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनका लाभ अब तक विकास और प्रगति के हाशिये पर पड़े लोगों को मिला है। दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा एक प्रमुख चिंता का विषय रही है। इसी को हल करने के लिए, मोदी सरकार ने बलात्कार के लिए सजा की मात्रा बढ़ाकर आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 को मजबूत किया, जिसमें 12 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ बलात्कार के लिए मृत्युदंड भी शामिल है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2018 में एक अलग महिला सुरक्षा प्रभाग की स्थापना की। वन-स्टॉप सेंटर, सखी निवास, सेफ सिटी प्रोजेक्ट, निर्भया फंड, शी-बॉक्स, यौन अपराधों के लिए जांच ट्रैकिंग सिस्टम और Cri-MAC (Crime Multi-Agency Center) आदि महिला सुरक्षा के प्रति सरकार के अभियान में महत्वपूर्ण हैं।

इसके अलावा, स्वच्छ भारत मिशन, पीएम-उज्ज्वला योजना, पीएम-मातृ वंदना योजना और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ने भारत में नारी शक्ति को और सशक्त बनाया है।

जैसे-जैसे भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन रहा है, दिल्ली भी इस विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। आज दिल्ली में 13,000 से अधिक DPIIT-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप काम कर रहे हैं, साथ ही सरकार PM MUDRA योजना के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही है, जिसके तहत वित्त वर्ष 2023-24 (26.01.2024 तक) के लिए 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के 2.3 लाख से अधिक लोन स्वीकृत किए गए हैं।

पीएम-स्वनिधि, जो स्ट्रीट वेंडर्स को बिना किसी गारंटी के लोन मुहैया कराता है, दिल्ली में 1.67 लाख से ज़्यादा लाभार्थियों को मदद कर रहा है। इसके अलावा, कोविड-19 महामारी के दौरान नए रोजगार के सृजन और रोजगार के नुकसान की भरपाई के लिए एंप्लॉयर्स को प्रोत्साहित करने के लिए 2020 में शुरू की गई आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत, दिल्ली में 2.2 लाख से ज़्यादा एंप्लॉयी लाभान्वित हुए।

इसके अलावा, पीएम आवास योजना (शहरी) के तहत दिल्ली में लगभग 30,000 घरों को मंजूरी दी गई है और उनका निर्माण पूरा हो चुका है।

दिल्ली के लोगों के लिए वायु प्रदूषण एक सतत समस्या रही है। इस वास्तविकता को समझते हुए, केंद्र सरकार ने देश भर में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की रणनीति के रूप में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम शुरू किया है।

पिछले एक दशक में मोदी सरकार के कार्यकाल ने दिल्ली में विभिन्न मोर्चों पर उल्लेखनीय बदलाव लाए हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से लेकर गवर्नेंस रिफॉर्म्स तक, शिक्षा से लेकर रोजगार तक, सरकार की पहलों ने राजधानी शहर पर एक अमिट छाप छोड़ी है। जैसे-जैसे दिल्ली प्रोग्रेस और डेवलपमेंट के अपने सफर पर आगे बढ़ रही है, मोदी सरकार का योगदान आने वाले वर्षों में इसके भविष्य की दिशा को आकार देने के लिए तैयार है।