6 अप्रैल को विजय संकल्प दिवस के अवसर पर कार्यकर्ताओं को अपने संबोधन के दौरान श्री नरेन्द्र मोदी ने उनके अथक प्रयासों के लिए सराहना की और बूथ स्तर पर जीत सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने की अपील की। इस दिन, जो भाजपा के स्थापना दिवस के उत्सव के रूप में मनाया जाता है, श्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश भर में पार्टी कार्यकर्ताओं से बात कर रहे थे और आगामी चुनाव के लिए उन्हें प्रेरित भी किया। सारा दिन पार्टी कार्यकर्ता अखिल भारतीय स्तर पर जुटकर के अपने क्षेत्र के मतदाताओं के घरों तक पहुंचे।
इस बात को दोहराते हुए कि भाजपा ही एकमात्र पार्टी है जो संगठन द्वारा संचालित है श्री मोदी ने अधिकतम मतदान मतदान सुनिश्चित करने में सारी शक्ति लगाने के लिए कार्यकर्ताओं का आह्वान किया। श्री मोदी ने यह भी बताया कि मतदान-बूथ को जीतना ही पार्टी की जीत सुनिश्चित करने का सबसे प्रभावी तरीका है और कहा, "कुछ लोगों कहते हैं कि हमें इतनी सीटों की जरूरत है। ये सपने अच्छे हैं, लेकिन इसकी शुरुआत मतदान-बूथ से होती है। लोकतंत्र का सबसे बड़ा किला मतदान बूथ है। हमें मतदान-बूथ स्तर पर जीतना होगा। हर पोलिंग बूथ में औसतन 700 वोट डाले जाते हैं। हम उसमें से 400 से अधिक वोट पाने के लिए प्रयास करना चाहिए। अगर हम मतदान-बूथ जीतते हैं तो हमेशा जीत हमारी ही होगी।"
राष्ट्र एक बदलाव के लिए तरस रहा है इस बात पर जोर देते हुए श्री मोदी ने कार्यकर्ताओं से इस आशावाद को सही प्रकार से मतदान-बूथ स्तर तक परिवर्तन लाने के लिए आगे ले जाने का आग्रह किया। "किसी के भी मन में, हृदय में और मुंह में कमल खिल सकता है लेकिन जब तक उंगली चुनाव मशीन (ईवीएम) को स्पर्श नहीं करती है तब तक हमारा काम पूरा नहीं हो सकता है,” श्री मोदी ने कहा। उन्होंने समर्थकों से 'चरैवैति (चलते रहो)' का मंत्र याद रखने को और भारतीय जनता पार्टी की जीत सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने का आग्रह किया।
उन्होंने कार्यकर्ताओं से जीत सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त मील चलना जारी रखने की अपील की। "अब 50 दिन बचे हैं, और हमें हर घर तक पहुंचना है, हर हृदय और हर मन को छूना है। महत्वाकांक्षा नहीं, मिशन हमारी असली ताकत है। हम किसी को हराने के लिए यहाँ नहीं है, बल्कि लोगों के दिलों को जीतने के लिए हैं। जब जीत निश्चित हो तब कड़ी मेहनत की सबसे ज्यादा जरूरत होती। जिन्हें लगता है, कि दूसरे सो रहे हैं, वे अपने मतदान-बूथ नहीं जीत सकते हैं। हमें सोचना है कि हम हर बूथ जीत सकते हैं न कि ये कि हमने हर बूथ जीत लिया है। हम जीत सकते हैं, हमने जीता नहीं है .... और उन अतिरिक्त मीलों को चलना होगा, " श्री मोदी ने कहा।
ये बताते हुए कि भाजपा अन्य दलों की तरह पैसे को भारी मात्रा में खर्च करके या मीडिया के माध्यम से प्रचार करके चुनाव लड़ने में विश्वास नहीं करती है, श्री मोदी ने कहा कि पार्टी की सबसे बड़ी ताकत उसके कार्यकर्ता हैं। पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करने वाले प्रत्येक कार्यकर्ता के प्रयासों की सराहना करते हुए श्री मोदी ने कहा कि उनके समर्थकों की यह शक्ति ही उन्हें पूरे देश में जाने के लिए और एक बेहतर सरकार के लिए अभियान चलाने के लिए प्रोत्साहित करती है। श्री मोदी ने कार्यकर्ताओं के बिना रुके काम और अथक प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि वह भी पार्टी संगठन के एक सदस्य होने में गर्वान्वित महसूस करते थे, और अपने शुरुआती दिनों में एक बूथ स्तर के कार्यकर्ता होने पर भी उन्हें उतना ही गर्व था। उन्होंने कार्यकर्ताओं को जनता के कल्याण पर पार्टी के ध्यान को याद कराया और कहा कि “जीत पक्की है। हम लोगों के दिल और दिमाग में एक भरोसा बनाया है। हम लोगों के लिए खुद को समर्पित करना है।"
1980 में भाजपा के गठन की चर्चा करते हुए श्री मोदी ने डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी , पं. दीनदयाल उपाध्याय, श्री अटल बिहारी वाजपेयी, श्री लालकृष्ण आडवाणी, श्री कुशाभाऊ ठाकरे और श्री भंडारी के अग्रणी योगदान को याद किया और कहा “1975 में आपातकाल लगाया गया था। अटल जी, आडवाणी जी और जॉर्ज फर्नांडिस को गिरफ्तार किया गया और कांग्रेस-विरोधी निकास को विकसित किया गया था। और यहाँ तक कि जनसंघ जनता पार्टी में शामिल हो गया और मोरारजी भाई के तहत सरकार बनाई गई थी, पर यह कांग्रेस के षड्यंत्र के कारण टिक नहीं सकी। लेकिन, अंत में हमने अपना रास्ता लिया और भाजपा का गठन किया गया था। अटल जी ने कहा था, “अंधेरा छटेगा, सूरज निकलेगा और कमल खिलेगा।”
श्री मोदी ने भाजपा द्वारा किए गए अग्रणी प्रयास के बारे में बताया कि किसी भी लोकतांत्रिक देश के इतिहास में अपनी तरह का पहला प्रयोग है... जिसमें वह 3-डी तकनीक का उपयोग कर भारत के लोगों से बात करेंगे, और इसके लिए समर्थकों को अधिकतम लोगों के भाग लेने को सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस तरह से श्री मोदी 7 अप्रैल से शुरू होने वाली देश भर में 1000 से अधिक रैलियों को संबोधित करेंगे।