कच्छ के सिख किसानों के साथ अन्याय की बात स्वार्थी तत्वों की बदनियती और राजनैतिक द्वैषभावना से किया जा रहा कुप्रचार है
सिख समुदाय के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री श्री मोदी से मुलाकात कर राज्य सरकार के अभिगम पर संतोष जताया
समग्र मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है, कच्छ में सिख किसान शांति और सदभावना से रहते हैं और रहेंगे
श्री मोदी को बदनाम करने के लिए राजनैतिक स्वार्थी तत्वों ने सिख समुदाय को लक्ष्य बनाया परंतु सिख समुदाय इसमें भागीदार नहीं बनेगा: लखपत सिख समाज
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कच्छ में बसे सिख किसानों के साथ राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कथित अन्याय सम्बन्धी आरोपों को स्वार्थी तत्वों द्वारा फैलाया जा रहा झूठ और राजनितिक बदनियती करार देते हुए इन प्रयासों की कड़ी आलोचना की है।
श्री मोदी ने इस संबंध में पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाशसिंह बादल से सिलसिलेवार बातचीत कर उन्हें सच्चाई से वाकिफ किया। उन्होंने कहा कि कच्छ में से सिख किसानों के वापस पंजाब लौटने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता। राज्य सरकार ने इस बारे सिख किसानों पर कोई दबाव नहीं डाला है।
श्री मोदी ने प्रकाश सिंह बादल का ध्यान इस ओर आकृष्ट करते हुए कहा कि रविवार शाम ही सिख समुदाय के प्रतिनिधियों ने उनसे गांधीनगर में मुलाकात की थी और गुजरात सरकार के अभिगम पर संतोष जताया था। सिख किसान कच्छ सहित पूरे गुजरात में शांति से रहें इसके लिए राज्य सरकार सभी प्रयास करती है।
वास्तव में, यह समग्र मामला तो तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गये अधिनियम और उसके तहत 1973 में जारीपरिपत्र के अमल और अर्थघटन के कारण पैदा हुआ है। अभी यह मामला अदालत में विचाराधीन है इसके बावजूद राज्य सरकार इसके सुसंगत रहकर सिख किसानों के साथ जमीन मामले में अन्याय ना हो, यह देखने को प्रतिबद्ध है।
सिखों के इस प्रतिनिधिमंडल के अग्रणियों ने श्री मोदी से कहा कि गुजरात में सिख भाईचारे और शांति से रहते हैं। कच्छ के लखपत सिख समाज के जुगराज सिंह ने भी मुख्यमंत्री को पत्र में कहा है कि कच्छ जिले में सिख समुदाय अन्य तमाम जनसमुदायों के साथ भाईचारे के माहौल में रहते हैं और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त करते हैं। सिख समुदाय के इन अग्रणियों ने साफ तौर पर कहा कि कच्छ के सिख किसानों के साथ अन्याय हो रहा है और उनकी जमीनें ली रही हैं, इस तरह की अखबार में छपी रिपोर्टें और स्वार्थी तत्वों द्वारा दिए गये बयान सिखों के नाम पर गुजरात के मुख्यमंत्री और गुजरात सरकार को बदनाम करने के लिए ही फैलाए जा रहे हैं। इस कुप्रचार में सिख किसान किसी भी तरह से शामिल नहीं हैं।
कांग्रेस को तो सिखों के बारे में बोलने का अधिकार भी नहीं है क्योंकि 1984 में दिल्ली में सिखों का कत्ले- आम करने के लिए कांग्रेस ही जिम्मेदार है, उसे मगरमच्छ के आंसु बहाने का भी अधिकार नहीं है। लखपत में जब सिखों का गुरुद्वारा जब भूकम्प में ध्वस्त हो गया था तब वर्तमान राज्य सरकार ने ही उसका पुनर्निर्माण करवाया था और विश्व स्थापत्य की विरासत वर्ल्ड हेरिटेज के तौर पर उसे गौरव प्राप्त हुआ था। श्री मोदी ने कहा है कि गुजरात में आज करीब 50,000 जितने सिख सुख शांति से प्रगति में कन्धे से कन्धा मिलाकर रह रहे हैं, ऐसे में उनको उकसाने के लिए यह राजनैतिक झूठ फैलाने वालों के झांसे में सिख आने वाले नहीं हैं।