समस्त महामहिम,
अनेक प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मंदी, अस्थिर वित्तीय बाज़ार एवं प्रतियोगी मुद्रा के अवमूल्यन के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था दुर्बल बनी है।
विकास एवं निवेश की रणनीतियां और रोजगार योजनाओं पर प्रयासों के समन्वय के लिए मैं तुर्की के राष्ट्रपति को बधाई देना चाहता हूं। हम सबको अब अपनी प्रतिबद्धता को कार्यान्वित करना चाहिए।
विकास को प्रोत्साहित करने के लिए हमें केवल वित्तीय नीति पर विश्वास ही नहीं सार्वजनिक निवेश में बढ़ोतरी करने की आवश्यकता है।
मौद्रिक नीति पर केंद्रीय बैंकों से चौकस संवाद हेतु जी-20 के प्रयास वित्तीय एवं मुद्रा बाज़ार को स्थिर रखने में मददगार सिद्ध होंगे।
बहुपक्षीय विकासशील बैंकों को विकासशील देशों की ढांचागत आवश्यकताओं को सहारा देने के लिए अपने पूंजीगत आधार को विस्तार देना चाहिए। नव विकास बैंक जैसे नये संस्थान वित्तपोषण के अतिरिक्त शुभ स्रोत हैं।
जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर ध्यान देने के लिए वैश्विक सर्वसम्मति है। हालांकि ऋण देने के लिए बहुपक्षीय संस्थानों को इतनी कठिन शर्तें नहीं थोपनी चाहिए कि वह कई देशों में विकास के मार्ग में बाधा बन जाएं और संधारणीय विकास को अवरुद्ध कर दें।
जी-20 के प्रयासों को इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र संधारणीय विकास पर अंगीकार किए गए लक्ष्यों के साथ जोड़ने की आवश्यकता है-- ख़ास कर 2030 तक समस्त निर्धनता के निर्मूलन वाले प्रथम लक्ष्य के साथ जोड़ने की।
जी-20 के युवाओं पर ध्यान केंद्रित करने एवं महिलाओं को रोजगार प्रदान करने की प्राथमिकता का हम स्वागत करते हैं।
स्थाई एवं दीर्घावधि वाले वैश्विक आर्थिक विकास के लिए मुद्रा का प्रवाह ही नहीं बल्कि श्रमिक अंतरणीयता और कौशल संहवरणात्मकता की भी ज़रूरत होती है।
समस्त महामहिम,
इस वर्ष भारत की विकास दर 7.5 प्रतिशत रहने की संभावना है और अगले वर्ष 8 प्रतिशत से अधिक रहने की संभावना है। हमने मुद्रा स्फीति, चालू खाता एवं राजकोषीय घाटे में कमी की है।
वित्तीय समावेशन समेत समावेशी विकास की हमारी योजनाएं, बुनियादी ज़रूरतों के लिए सार्वत्रिक पहुंच, मेक इन इण्डिया, स्किल इण्डिया, डिजिटल इण्डिया, औद्योगिक गलियारे एवं स्मार्ट सिटीज़ वगैरह विकास दर और रोजगार के साधनों में बढ़ोतरी करेंगे।
यह वैश्विक अर्थव्यवस्था को बल प्रदान करने वाला श्रोत होगा।
धन्यवाद!