"1,200 cusec surplus water from SSP & Kadana dams diverted to North Guj under Sujalam Sufalam Yojna"

सरदार सरोवर बांध ओवरफ्लो होने पर पानी समुद्र में नहीं बल्कि राज्य के जरूरतमंद उत्तर गुजरात के क्षेत्रों में बहता है

उत्तर गुजरात के लिए खास आयोजन गुजरात के श्रेष्ठ जल व्यवस्थापन का अदभुत् उदाहरण नदियों को आंतरिक रूप से जोड़ना : उत्तर गुजरात के लिए खास आयोजन नर्मदा मुख्य नहर में से उत्तर गुजरात की विभिन्न नदियों से छोड़ा जाता है 18,600 क्युसेक जल मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कर्मठ मार्गदर्शन में गुजरात ने जो जल व्यवस्थापन किया है वह देशभर मे श्रेष्ठ है।

राज्य की महत्वपूर्ण नदियों को आंतरिक रूप से जोड़ने के कारण समग्र राज्य की सिंचाई और पेयजल की स्थिति में आमूल परिवर्तन आया है। गुजरात के दूरदर्शितापूर्ण प्रयासों के कारण ही आज सरदार सरोवर बांध का ओवरफ्लो होने वाला जल समुद्र में बह जाने के बजाए जरूरत वाले इलाकों और नदियों में बहता है।

राज्य के सिंचाई विभाग द्वारा नर्मदा और कडाणा के ओवरफ्लो हो जाने पर अतिरिक्त जल को सुजलाम सुफलाम स्प्रेंडिंग नहर द्वारा उत्तर गुजरात की नदियों में पहुंचाने और तालाब भरने तथा नर्मदा मुख्य नहर आधारित उदवहन पाइपलाइनों के मार्फत उत्तर गुजरात के गांधीनगर, महेसाणा, साबरकांठा, बनासकांठा और पाटन जिलों में भूगर्भीय जल रिचार्ज करने का पूर्व आयोजन किया गया है। इसका अमल एक माह पूर्व नर्मदा और कडाणा डेम ओवरफ्लो होते ही किया गया है।

राज्य में कडाणा डेम और नर्मदा मुख्य नहर आधारित 9 उदवहन पाइप लाइनों के मार्फत उत्तर गुजरात को हराभरा बनाने वाली सुजलाम सुफलाम स्प्रेंडिंग नहर में 1200 क्युसेक पानी बहता है। वर्तमान में इस सुजलाम सुफलाम स्प्रेंडिंग नहर में 310 किलोमीटर लम्बाई में पानी भरा गया है। इसके साथ ही खोरसम- सरस्वती उदवहन पाइपलाइन द्वारा भी सिद्धपुर के नजदीक सरस्वती नदी में भी पानी डालने की शुरुआत की गई है।

उत्तर गुजरात में नर्मदा बांध और कडाना डेम ओवरफ्लो होने पर पानी पहुंचाने का आयोजन किया गया है। इसमें नर्मदा मुख्य नहर आधारित 9 उदवहन पाइप लाइनों के साथ पाटन, बनासकांठा, महेसाणा, साबरकांठा और गांधीनगर जिले के कुल 174 तालाबों और सुजलाम सुफलाम स्प्रेंडिंग नहर द्वारा 36 सहित 210 तालाबों को जोड़ा गया है।

वर्तमान में तालाबों में संग्रहित जल को ध्यान में रखकर जिन तालाबों में 50 प्रतिशत से कम पानी है ऐसे तालाबों में नर्मदा मुख्य नहर आधारित उदवहन पाइपलाइनों के द्वारा पानी भरने का काम शुरु किया गया है। पाइप लाइनों से जुड़े हुए जिन तालाबों में पानी भरने की जरूरत महसूस होगी वहां तत्काल पानी भरा जाएगा। अभी नर्मदा मुख्य नहर में से हेरण, कराड, कूण, साबरमती, रूपेण और बनास सहित विभिन्न नदियों में में फिलहाल 18,600 क्योसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इसके साथ ही धरोई डेम की कुल 813 घनमीटर क्षमता के समक्ष 344 मिलियन घनमीटर जल का संग्रह हुआ है।

इस डेम में जरूरी जल संग्रह हो जाने के बाद अतिरिक्त पानी उपलब्ध होने से डेम के साथ जुड़े तालाबों को भरने का आयोजन भी किया गया है। इस प्रकार, हर साल की भांति उत्तर गुजरात के समग्र क्षेत्र के लिए तालाब भरने और भूगर्भीय जल के रिचार्जिंग के लिये योजनाबद्ध प्रयास किए जा रहे हैं।

 

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Prime Minister Shri Narendra Modi paid homage today to Mahatma Gandhi at his statue in the historic Promenade Gardens in Georgetown, Guyana. He recalled Bapu’s eternal values of peace and non-violence which continue to guide humanity. The statue was installed in commemoration of Gandhiji’s 100th birth anniversary in 1969.

Prime Minister also paid floral tribute at the Arya Samaj monument located close by. This monument was unveiled in 2011 in commemoration of 100 years of the Arya Samaj movement in Guyana.