भोपाल, विशाखापत्तनम, सूरत, मैसूर, तिरुचिरापल्ली, एनडीएमसी, नवी मुंबई, वडोदरा, चंडीगढ़ शीर्ष 10 शहरों में शामिल 
मध्यप्रदेश, गुजरात, झारखंड, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में सकारात्मक बदलाव हैं: श्री एम वेकैंया नायडू 
गुजरात के 12 शहर, मध्य प्रदेश के 11, आंध्र प्रदेश के शहर शीर्ष 50 स्वच्छ शहरों में शामिल 
वाराणसी को 32वां स्थान मिला, जबकि 2014 में मिला था 418वां स्थान; बड़े शहरों में फरीदाबाद सबसे तेजी से स्वच्छता की दिशा में आगे बढ़ रहा है 
स्वच्छ सर्वेक्षण 2017 के परिणाम घोषित; यह आम जनता का फैसला है: श्री नायडू

स्वच्छ सर्वेक्षण-2017 में इंदौर भारत का सबसे स्वच्छ शहर बनके उभरा है। यह सर्वेक्षण 434 शहरों और कस्बों में किया गया था, जिसके परिणामों की घोषणा आज केंद्रीय शहरी विकास मंत्री श्री एम. वेकैंया नायडू मंत्री द्वारा की गयी। 

इस क्रम में भोपाल, विशाखापत्तनम, सूरत, मैसूर, तिरुचिरापल्ली, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद, नवी मुंबई, वडोदरा और चंडीगढ़ शीर्ष 10 स्वच्छ शहरों में शामिल हैं।

434 शहरों के सर्वेक्षण में सबसे निचले पायदान पर जो शहर आए हैं उनका विवरण इस प्रकार है: गोंडा (उत्तर प्रदेश)-434, भुसावल (महाराष्ट्र)-433, बगहा (बिहार)-432, हरदोई (उत्तर प्रदेश)-431, कटिहार (बिहार)-430, बहराइच (उत्तर प्रदेश)-429, मुक्तसर (पंजाब)-428, अबोहर (पंजाब)-427 और खुर्जा (उत्तर प्रदेश)-425।

सर्वेक्षण के परिणामों की घोषणा करते हुए श्री नायडू ने कहा अक्टूबर 2014 में स्वच्छ भारत मिशन की शुरूआत से पहले 2014 में किए गए सर्वेक्षण से अभी तक आंध्र प्रदेश और तेलांगना के बाद मध्यप्रदेश, गुजरात, झारखंड और छत्तीसगढ़ ने अपनी रैंकिग में काफी सुधार किया है। 2016 में किए गए स्वच्छ सर्वेक्षण में 73 शहरों को शामिल किया गया था और यह राजधानी शहरों के अलावा लगभग 1 मिलियन से ज्यादा की जनसंख्या वाले शहरों में आयोजित किया गया।

मंत्री महोदय ने आगे बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2017 में मध्य प्रदेश और झारखंड के सभी शहरों को शामिल किया गया था और 2014 की तुलना में इन्होंने 2016 की अपनी रैंकिग में सुधार किया। राजकोट को छोड़कर गुजरात के सभी शहरों का प्रदर्शन भी अच्छा रहा। इसी तरह बिलासपुर को छोड़कर छत्तीसगढ़ के शहरों का अच्छा प्रदर्शन रहा। तेलंगाना के केवल दो शहरों की रैंकिंग में गिरावट आई है।

श्री नायडू ने कहा कि 50 शीर्ष स्वच्छ शहरों ने कुल 14 राज्यों का प्रधिनिधित्व किया, इन शहरों में गुजरात के 12, मध्य प्रदेश के 11, आंध्र प्रदेश के 8 और चंडीगढ़ और छत्तीसगढ़, दिल्ली, झारखंड, कर्नाटक, सिक्किम और उत्तर प्रदेश के एक-एक शहर शामिल हैं। वाराणसी का 2014 में 418वां रैंक था, इस वर्ष इसके रैंक में सुधार होकर 32वां स्थान प्राप्त हुआ है और यह उत्तरी क्षेत्र में सबसे तेजी से स्वच्छता अपनाने वाला बड़ा शहर बन गया है। 

उन्होंने कहा कि, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, पंजाब और केरल को शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता मानकों में सुधार लाने के लिए व्यापक रूप से प्रयास करने की जरूरत है। हरियाणा में फरीदाबाद ने अपनी रैंक में काफी सुधार किया है। 2014 में यह 379 रैंक पर था, जबकि इस वर्ष इसने 88वीं रैंक हासिल की है। यह 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में सबसे तेजी से स्वच्छता अपनाने वाला शहर बन गया है।

श्री वेकैंया नायडू ने इस बात पर जोर दिया कि इस वर्ष का सर्वेक्षण देश के शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता पर नागरिकों के फैसले का परिणाम है। इसमें 37 लाख नागरिकों ने 434 नगरों और शहरों में स्वच्छता के बारे में अपनी राय उत्साहपूर्वक उपलब्ध कराई है। यह संख्या देश की कुल शहरी जनसंख्या का लगभग 60 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि ऐसे सर्वेक्षण सभी 4041 सांविधिक नगरों और शहरों में आयोजित किए जाएंगे।

श्री नायडू ने कहा कि भारत ने वैश्विक यात्रा एवं पर्यटन प्रतिस्पर्धात्मक सूचकांक में अपनी स्थिति में 12 स्थानों का सुधार किया है। मीडिया के लोगों से प्राप्त फीडबैक ने भी शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता में सुधार होने की पुष्टि की है।

श्री नायडू ने कर्नाटक के मैसूर शहर का उल्लेख करते हुए ने कहा कि इसका 2016 और 2014 में प्रथम स्थान था और इस वर्ष के सर्वेक्षण में इसे पांचवा स्थान प्राप्त हुआ है। इसका यह अर्थ नहीं है कि इस शहर में स्वच्छता में गिरावट आई है या शहर प्रशासन ने अपने प्रयासों में कमी की है। मैसूर ने 2016-17 में कुल 2000 अंकों में 87 फीसदी अंक हासिल किए हैं, जो यह दर्शाता है कि इस वर्ष स्वच्छता के स्तर में कोई कमी आई है, हालाकि कुछ अन्य शहरों ने मैसूर से भी अधिक अंक हासिल किए हैं। ऐसे सर्वेक्षणों के माध्यम से प्रतियोगिता की भावना को बढ़ावा मिलता है, जिससे शहरों को यह जानने में मदद मिलती है कि वे अन्य शहरों की तुलना में कहां खड़े हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष पांच स्वच्छ शहरों और विभिन्न क्षेत्रों में 5 से 10 और 2-5 लाख जनसंख्या वाली श्रेणियों में सबसे साफ औपर तेजी से आगे बढ़ने वाले शहरों सहित 38 शहरों को पुरस्कार दिए गए।

स्वच्छ सर्वेक्षण 2017 का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों को खुले में शौच से मुक्त बनाने और हर घर से नगरपालिका ठोस अपशिष्ट एकत्र करने, प्रोसेसिंग करने और निपटान करने के वर्तमान में चल रहे प्रयासों के आधार पर परिणामों को प्राप्त करना है। कुल 2000 अंकों में से 900 अंक ओडीएफ और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के संबंध में किए गए कार्य के लिए, 600 अंक नागरिक फीडबैक के लिए और 500 अंक निष्पक्ष आंकलन के लिए निर्धारित किए गए हैं।

भारतीय गुणवत्ता परिषद ने इस वर्ष जनवरी-फरवरी के दौरान यह सर्वेक्षण आयोजित किया और 434 शहरों और नगरों में स्वच्छता स्थल निरीक्षणों के लिए 431 समीक्षक तैनात किए। इसके अलावा, सर्वेक्षण और क्षेत्र निरीक्षणों की प्रगति की वास्तविक निगरानी के लिए 55 अन्य समीक्षकों को भी शामिल किया गया।

(रैंक के क्रम में राज्य और शहर के लिहाज से स्वच्छता रैंकिंग की सूचना पसूका की वेबसाइट पर उपलब्ध है।)

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Chess champion Koneru Humpy met the Prime Minister, Shri Narendra Modi today. Lauding her for bringing immense pride to India, Shri Modi remarked that her sharp intellect and unwavering determination was clearly visible.

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“Glad to have met Koneru Humpy and her family. She is a sporting icon and a source of inspiration for aspiring players. Her sharp intellect and unwavering determination are clearly visible. She has not only brought immense pride to India but has also redefined what excellence is.”