जद(यू)-राजद-कांग्रेस, महागठबंधन नहीं, ‘महास्वार्थबंधन’ है: प्रधानमंत्री मोदी #परिवर्तनरैली
आगामी बिहार चुनाव जंगलराज और विकासराज के बीच की लड़ाई है: प्रधानमंत्री
अब पूरे विश्व में एक विश्वास बना है कि यह समय हिन्दुस्तान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का समय है: प्रधानमंत्री मोदी
बिहार के नौजवानों में ऐसी ताकत है, ऐसा दम है कि अगर उनको अवसर मिल जाए तो वो बिहार को चार चांद लगा दें: प्रधानमंत्री मोदी
बिहार को बचाना भी है, बिहार को बनाना भी है और बिहार को बढ़ाना भी है: प्रधानमंत्री मोदी
देश को आगे ले जाने में एकता, भाईचारा, सद्भाव, शांति का सबसे महत्वपूर्ण योगदान: प्रधानमंत्री मोदी
जातिवाद, संप्रदायवाद और वोट बैंक की राजनीति बिहार की बर्बादी का कारण: प्रधानमंत्री मोदी #परिवर्तनरैली

भारत माता की जय। अपने सबके हम प्रणाम करईये। मंच पर विराजमान यहां के सांसद और सरकार में मेरे मंत्री साथी श्रीमान गिरिराज सिंह, पार्टी के प्रभारी श्रीमान पाटिल जी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेता डॉक्टर अरुण कुमार जी, विधायक एवं पूर्व मंत्री श्रीमान प्रेम कुमार जी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नवादा विधानसभा के उम्मीदवार श्रीमान इंद्र कुमार जी, भाजपा से गोविंदपुर विधानसभी की उम्मीदवार श्रीमती फूलादेवी जी, भाजपा से वारसालीगंज विधानसभा से उम्मीदवार श्रीमती अरुणा देवी जी, भाजपा से ईसुआ विधानसभा के उम्मीदवार श्री अनिल सिंह, भाजपा से रजौरी विधानसभा के उम्मीदवार श्री अर्जुन राम, मंच पर विराजमान श्री अरविंद शर्मा, श्री विष्णुनाथ भगत, श्री केदार सिंह, श्री विजय कुमार सिंह, श्री नरेंद्र सिंह, श्री राजेन्द्र सिंह और विशाल संख्या में आए हुए मेरे प्यारे भाईयों और बहनों.

अब आज मुझे नवादा से शिकायत करनी है। करूं, आप बुरा तो नहीं मानोगे। करूं शिकायत। पक्का बुरा नहीं मानोगे। देखिए मैं पिछले वर्ष अप्रैल महीने में आया था। इसी मैदान में आया था। मैं खुद चुनाव लड़ रहा था लोकसभा का। सरकार बनाने के लिए मैं आपका आशीर्वाद लेने आया था, लेकिन उस सभा में इससे एक चौथाई लोग भी नहीं आए थे। और आज मैं देख रहा हूं कि कोई छत खाली नहीं है जहां पर लोग न हो। मुझे कभी चिंता होती है कि ये तीन मंजिला, पांच मंजिला सभा हो रही है। अगर नवादा पिछली बार आया उससे चार गुना बड़ी सभा आज मेरे सामने है, ये साफ साफ दिखा रहा है कि हवा का रुख क्या है। भाईयों बहनों आखिरकार बिहार की जनता को इतना गुस्सा क्यों है। बिहार के हर कोने में, हर वर्ग में, हर समाज में, हर उम्र के लोगों में, पुरुष हो, स्त्री हो, युवा हो, बुजुर्ग हो, सब ओर ये गुस्सा क्यों है। भाईयों बहनों अब बिहार ज्यादा इंतजार नहीं कर सकता। भईयों बहनों विकास के लिए 60 साल कम समय नहीं होता है। और ये जो बिहार में महास्वार्थबंधन हुआ है, ये महास्वार्थबंधन के सभी हिस्सेदारों को जनते हो। ये महागठबंधन नहीं है, महास्वार्थबंधन है। इस महास्वार्थबंधन में तीन खिलाड़ी है। एक है कांग्रेस, जिसने 35 साल तक बिहार पर राज किया। दूसरे हैं बड़े भाई, उन्होंने 15 साल राज किया। तीसरे हैं छोटे भाई, उन्होंने 10 साल राज किया। यानी ये तीन वो लोग हैं, जो आज इक्ट्ठे आए हैं, इन्होंने 60 साल तक बिहार पर राज किया है। 60 साल तक आपने उन्हें चुनकर भेजा है। आप बताइये आपको क्या मिला। बिहार का भला हुआ, सड़कें बनीं, बच्चो को शिक्षा मिली, बुजुर्गों को दवाई मिली, नौजवान को रोजगार मिला।

ये 60 साल तक राज करने वाले लोग आज आपसे वोट मांगने आए हैं। लेकिन वोट मांग रहे हैं डिक्शनरी में जितने भी भद्दे शब्द हो, जितने भी गंदे शब्द हो, रोज डिक्शनरी खोलकर बैठते हैं कि आज मोदी को कौन सी गाली दी जाए। आज मोदी को कैसे बदनाम किया जाए। अरे महास्वार्थबंधन के नेतागण आप कम से कम बिहार की जनता को अपने 60 साल के कारोबार का हिसाब दो। क्या किया, क्यों किया, कैसे किया, कब किया, किसने लिए किया, किसके हवाले किया। जवाब दो। इन तीनों लोगों को जवाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए। आज जो मुख्यमंत्री हैं, उन्हें जवाब देना चाहिए। उन्हें अपने काम का हिसाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए। उनके पहले जो 15 साल मुख्यमंत्री रहे, जिसकी सरकार रही उन लालू जी को जवाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए। 35 साल जिस कांग्रेस ने शासन किया, मैडम सोनिया जी आपको जवाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए। जवाब दे रहे हैं क्या। दे रहे हैं क्या मुझे बताइए। क्या काम किया बता रहे हैं। नहीं बता रहे हैं क्योंकि जब कुछ काम किया ही नहीं है तो क्यों बताएंगे। क्या बताएंगे। और मैं ये पूछना चाहता हूं कि लालू जी अनाप-सनाप इतना बोल रहे हो, तो बिहार की जनता को ये तो बताओ कि इस चुनाव से आप क्यों बाहर हो। ऐसा क्या कानून है कि चुनाव लड़ने से आप पर रोक लगी हुई है। आपने ऐसा क्या किया कि इस देश का संविधान, इस देश का कानून आपको बिहार की जनता की सेवा करने से भी मना कर रहा है, ऐसा क्या काम किया है, जरा बिहार की जनता को बताओ।

भाईयों बहनों उनको लगता है कि 90 के दशक में उठ-पटांग बातें करके भोले-भाले लोगों की आंखों में धूल झोंक दी गई। लालू जी ये 1990 नहीं 2015 है। वक्त बदल चुका है। अब वो आपकी ड्रामेबाजी नहीं चलेगी। नौजवान के सपने काम करने वाले हैं।

क्या करके रख दिया है बिहार का। और मैं बताऊं भाईयों बहनों, हमारे देश में आगे बढ़ने की इतनी ताकत है। अब दुनिया की कोई भी ताकत इस देश को आगे बढ़ने से रोक नहीं सकती। आज पूरे विश्व में हिन्दुस्तान का डंका बज रहा है या नहीं। आप मुझे बताइए। जापान में भारत का डंका बजा कि नहीं बजा। भूटान में भारत का डंका बजा कि नहीं बजा। भाईयों बहनों अमेरिका में हिन्दुस्तान का जयजयकार हो रहा है या नहीं हो रहा है। चीन में हो रहा है कि नहीं हो रहा है। रसिया में हो रहा है कि नहीं हो रहा है। क्यों हो रहा है। क्या कारण है कि दुनिया में हिन्दुस्तान की वाहवाही हो रही है। मोदी के कारण नहीं हो रही है मेरे दोस्तों। ये दुनिया में जो हिन्दुस्तान का डंका बज रहा है वो सवा सौ करोड़ देशवासियों के कारण बज रहा है। आपको कारण बज रहा है। और इसलिए बज रहा है क्योंकि आपने दिल्ली में 30 साल के बाद पूर्ण वाली सरकार को चुनकर बैठाया है और इसलिए पूरे विश्व में भी एक विश्वास बना है कि अब हिन्दुस्तान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल सकते हैं। भाईयों बहनों अगर दिल्ली में पूर्ण बहुमत वाली सरकार चुनकर बैठती है तो पूरा विश्व हिन्दुस्तान की ताकत को स्वीकार करता है। वैसे ही पटना में दो-तिहाई बहुमत के साथ एनडीए की सरकार बैठेगी, सारा हिन्दुस्तान बिहार को स्वीकार करेगा। ये दिल्ली को भी बिहार में दौड़ कर आना पड़ेगा। अब बिहार वालों को कभी दिल्ली जाना नहीं पड़ेगा। दिल्ली वालों को बिहार आने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

ये लोकतंत्र की ताकत होती है और इसलिए इस चुनाव में बिहार में दो-तिहाई बहुमत के साथ भारतीय जनता पार्टी एनडीए की सरकार बनाइए और आप देखिए कि हिन्दुस्तान बिहार का लोहा मानने लगता है कि नहीं लगता है। देश और दुनिया में बिहार का डंका बजाता है कि नहीं बजता है, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि ये होकर रहने वाला है।

भाईयों बहनों आप मुझे बताइए, सारी दुनिया में बिहार जैसा प्रदेश जहां इतने तेजस्वी लोग हों, आज की इतिहास और परंपरा हर हिन्दुस्तानी के लिए गौरवगान हो, इस बिहार की बर्बादी किसने की। इस बिहार को तबाह किसने किया। और इस चुनाव में ऐसे लोगों को सजा देने के लिए चुनाव है। बटन दबाकर सजा देनी है। ताकी इन्हें तो छोड़ों भविष्य में भी कोई बिहार को बर्बाद करने की सोच न सके। ऐसा चुनाव में परिणाम लाना है। जनता की ताकत का परिचय करवाना है।

आप मुझे बताइए, ये हमारे बिहार को विकास चाहिए कि नहीं चाहिए। विकास जरूरी है। नौजवान को रोजगार चाहिए। गांव को सड़क चाहिए। वृद्धि लोगों को दवा की जरूरत हो तो दवा मिलनी चाहिए। मां-बहनों को सम्मान मिलना चाहिए। गरीबों लोगों को रहने के लिए घर मिलना चाहिए। गरीब के बच्चों को शिक्षा मिलनी चाहिए। गांव में बिजली होनी चाहिए कि नहीं। 2010 में आपके मुख्यमंत्री ने आपसे वादा किया था। 2010 के विधानसभा चुनाव में आपके मुख्यमंत्री ने गांव-गांव जाकर कहा था कि मुझे वोट दो। अगर मुझे वोट दोगे, तो मैं पांच साल के भीतर भीतर आपके घर में बिजली पहुंचा दूंगा। ऐसा वादा किया था। बिजली पहुंचाने का वादा किया था। और उन्होंने ये भी कहा था कि अगर मैं 2015 तक बिजली नहीं पहुंचा पाता हूं तो मैं वोट मांगने के लिए नहीं आऊंगा। ऐसा कहा था। वोट नहीं मांगूंगा। ये वादा किया था। मुझे बताइए कि वादा निभाया। गांव के गरीब के घर में बिजली पहुंची कि नहीं पहुंची। फिर वो आए वोट मांगने के लिए। क्या उन पर भरोसा करोगे।

ये तीन लोग ऐसे हैं- कांग्रेस, लालू जी, नीतीश जी, पिछले 60 साल का इतिहास उठाकर देखिए, इन तीनों को जब मौका मिला है, इन्होंने एक दूसरे का पैर काटने का काम किया है, एक दूसरे से लड़े हैं। ऐसा क्या हुआ भाई कि ये तीनों दुश्मन एक हो गए। क्या कारण है। बिहार के लिए कभी इक्ट्ठे नहीं हुए। बिहार के लिए कुछ मांगने के लिए कभी साथ मिलकर दिल्ली नहीं आए। लेकिन कुर्सी पाने के लिए ऐसे इक्ट्ठे आए हैं, भाईयों बहनों ऐसे स्वार्थबंधन पर भरोसा कर सकते हैं क्या।

इन्होंने कभी सोचा नहीं था, कि दिल्ली में आई मोदी सरकार वादा निभाने की पक्की है। मैंने लोकसभा चुनाव में कहा था कि बिहार मुझे जो प्यार दे रहा है मैं ब्याज समेत विकास करके लौटाऊंगा। और आज एक लाख 65 हजार करोड़ रुपये का विकास का पैकेज आपको मिला कि नहीं मिला। रास्ते बनेंगे कि नहीं बनेंगे। रेल आएगी कि नहीं आएगी। गांव में स्कूल लगेंगे कि नहीं लगेंगे। अस्पताल बनेंगे कि नहीं बनेंगे। उद्योग आएंगे कि नहीं आएंगे। नौजवान को रोजगार मिलेगा कि नहीं मिलेगा।

भाईयों बहनों बिहार के नौजवानों में ऐसी ताकत है, बिहार की जवानी में ऐसा दम है कि अगर उनको अवसर मिल जाए तो वो बिहार को चार चांद लगा दें, ऐसी ताकत बिहार में है और इसलिए हमने अपना पूरा ध्यान विकास पर केंद्रित किया है और ये बिहार का चुनाव, एक तरफ जंगलराज की बात, दूसरी तरफ विकास राज की बात। मैं आपके पास विकासराज की बात लेकर आया हूं। जंगलराज अब कभी बिहार की धरती पर वापस आना नहीं चाहिए। तीन तीन पीढ़ी बर्बाद हो गई है। अब बिहार ज्यादा नुकसान नहीं झेल सकता है। बिहार को बचाना भी है, बिहार को बनाना भी है और बिहार को बढ़ाना भी है। और बिहार बढ़ेगा तभी हिन्दुस्तान भी बढ़ेगा। वर्ना हिस्दुस्तान भी आगे नहीं बढ़ेगा।

भाईयों बहनों मैं हैरान हूं कि आजकल चुनाव का फायदा उठाकर कैसे कैसे खेल खेले जाते हैं। भाईयों बहनों मेरा जन्म उस राज्य में हुआ था, जहां स्वयं भगवान कृष्ण आकर बसे थे। वो परंपरा आज भी सारा गोपालक समुदाय श्वेत क्रांति का नेतृत्व कर रहा है। दूध की डेयरी अमूल की चर्चा सारे देश और दुनिया में हो रही है। ये परंपरा खड़ी करने वाले लोग, मेरा गोपालक समुदाय, मेरा यदुवंशी समुदाय, इन्होंने ये काम करके दिखाया है।

लेकिन यहां लालू जी ने यदुवंशियों का कैसा अपमान किया। मुझे ये बताइए कि लालू जी कह रहे हैं कि ये खाते हैं, वो खाते हैं, ये यदुवंशी लोगों का अपमान है कि नहीं है। ये बिहार का अपमान है कि नहीं है। ये देश का अपमान है कि नहीं है। और जब इतना भद्दा बोल गए तो तूफान खड़ा हो गया। यदुवंशियों के सारे नेता पहुंच गए। उन्होंने कहा कि लालू जी इतने सालों तक तो हम आपके साथ रहे और आपने हमें ऐसी गाली दी। अरे गाय के लिए तो हमने अपने सर कटवा दिए हैं और आप हमें ऐसी गाली दे रहे हो।

लालू जी डर गए। घबरा गए और टीवी के सामने जाकर बयान दिया कि मेरे अंदर कोई शैतान प्रवेश कर गया है। शैतान पहुंच गया है। मेरे नवादा के भाईयों बहनों दुनिया में अरबों-खबरों की जनसंख्या है, हिन्दुस्तान में अरबों की जनसंख्या है, बिहार में कोटि-कोटि लोगों की जनसंख्या है। इतने सारे लोगों में शैतान को यही एड्रेस मिला क्या। यही ठिकाना मिला क्या। इन्हीं शरीर उसे पसंद आया क्या। ये शैतान उन्हीं के पास गया क्या। और भाईयों बहनों जिनके शरीर में शैतान प्रवेशता है क्या ऐसे लोगों को बिहार दिया जा सकता है। बिहार ऐसे लोगों के हाथ में नहीं दिया जा सकता। और इसलिए भाईयों बहनों मैं आपसे प्रार्थना करने आया हूं कि विकास के लिए वोट कीजिए। नौजवान को रोजगार मिले, ऐसे बिहार के विकास की रूपरेखा बनाकर आगे चलना पड़ेगा। एक लाख 65 हजार करोड़ रुपये का ये पैकेज विकास की एक नई दिशा खोलने वाला है। ये विश्वास मैं आपको दिलाने आया हूं।

भाईयों बहनों दो साल पहले अक्टूबर महीने में गांधी में मैं आया था। भारतीय जनता पार्टी की विशाल रैली थी। 27 अक्टूबर न मैं कभी भूल सकता हूं, न भाजपा का कोई कार्यकर्ता भूल सकता है, न बिहार का कोई नागरिक भूल सकता है। न हिन्दुस्तान का कोई नागरिक भूल सकता है। जनसभा थी, लोकतंत्र में अपनी बात बताने का हर किसी को हक होता है। सुनना न सुनना आपकी मर्जी है। मैं बिहार आया था, पटना के गांधी मैदान में मुझे जनसभा को संबोधित करना था। लेकिन में अभी पटना के एयरपोर्ट पर उतर ही था कि एक के बाद एक खबरें आने लगीं। बम धमाके होने लगे। निर्दोष लोगों को मारा जा रहा है। लोग सभा छोड़कर चले जाएं। लोगों के पैरों तले लोग मारे जाएं, एक ऐसा विनाश हो जाए कि मोदी कभी मुंह दिखाने लायक न रहे। ऐसा षडयंत्र हुआ। एक के बाद एक लोग मारे गए। और उस जनसभा में मैंने विस्तार से नागरिकों से बात की। और मैंने उन्हें जरा भी ऐसी भनक नहीं लगने दी कि उनका गुस्सा फैल उठे और मेरा बिहार तबाह हो जाए। पूरे भाषण में मैं देख रहा था कि बिहार के लाल मर रहे हैं, धमाके हो रहे हैं, धरती रक्त-रंजित हो रही है, लेकिन हमने धैर्य नहीं खोया। हमने शांति बनाए रखने के लिए जितना प्रयास हो सकता है, पूरा किया। और ऐसे माहौल में जब पता था कि मौत के खेल खेले जा रहे हैं, हमने राजनीति नहीं होने दी। बिहार और देश को तबाह नहीं होने दिया। और मैंने उस सभा में कहा था, मैं आज देश को याद दिलाना चाहता हूं, मैंने कहा था कि हम तय कर लें कि क्या हिंदुओं को मुसलमान के खिलाफ लड़ना है या गरीबी के खिलाफ लड़ना है। मुसलमान तय कर ले कि उसे हिंदुओं के खिलाफ लड़ना है या गरीबी के खिलाफ लड़ना है। और मैंने बम धमाकों के बीच रक्त रंजित गांधी मैदान के बीच कहा था कि हमारे देश का भला तब होगा जब हिंदू और मुसलमान एक होकर के हम गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ें। हम गरीबी को परास्त करें। हम ये विचार और संस्कार लेकर निकले हुए लोग हैं। और मैंने सभा के बाद भी सबको हाथ जोड़कर प्रार्थना की थी कि आप शांति से अपने गांव घर पहुंचिए और कोई भी प्रतिक्रिया न होने से हमने बिहार को बचाया था और तब यहां के अहंकारी नेता पटना छोड़कर कहीं और बैठे और सभा पूरी होने के बाद मेरे भाषण का मखौल बना रहे थे, उन्हें लोगों की चिंता नहीं थी। बिहार के वो मुख्यमंत्री थे, कानून व्यवस्था की चिंता नहीं थी। अपने पटना की चिंता नहीं थी, वो मजाक कर रहे थे। अहंकार कितना सातवें आसमान पर पहुंचा था, राजनीति ऐसे नहीं होती है। देश को एक रहना है। एकता, भाईचारा, सद्भाव, शांति यही देश को आगे ले जाएगा। और इसलिए मेरे भाईयों बहनों में देशवासियों को कहना चाहता हूं कि ये राजनीतिक स्वार्थ सिद्ध करने के लिए उट-पटांग बयानबाजी में लगे रहते हैं। मैं देशवासियों को कहता हूं कि इन राजनेताओं की बयानबाजी पर ध्यान न दीजिए। खुद नरेंद्र मोदी कहता है अगर, तो उसकी बात भी न सुनिये। अगर सुनना है तो कल हमारे देश के राष्ट्रपति श्रद्धेय प्रणव मुखर्जी दादा ने जो भाषण किया है और देश को जो संदेश दिया है, उससे बड़ा कोई मार्गदर्शन नहीं हो सकता है। हम सभी देशवासी सवा सौ करोड़ देशवासी, भारत का सबसे बड़ा मुखिया, भारत के राष्ट्रपति ने जो कहा है उससे बड़ा कोई विचार नहीं हो सकता, उससे बड़ी कोई दिशा नहीं हो सकती, उससे बड़ी कोई प्रेरणा नहीं हो सकती। मैं देशवासियों से यही कहना चाहता हूं कि राजनीति का स्वार्थसिद्ध करने के रास्ते बंद होने चाहिए। राष्ट्रपति महोदय ने हमें रास्ता दिखाया है, हम सबको मिलकर उस रास्ते पर चलना होगा और तभी जाकर विश्व हिन्दुस्तान से जो अपेक्षाएं कर रहा है, हम उन्हें पूरा कर पाएंगे।

इसलिए भाईयों बहनों आज नवादा की धरती पर मैं जो जनसैलाब देख रहा हूं, ये जनसैलाब बिहार को बदलने की एक आंधी है। और मैं रहा हूं कि बिहार बदलेगा। सरकार भी बदलेगी। बिहार भी बदलेगा, यहां का भाग्य भी बदलेगा। और यहां का भाग्य कौन बदलेगा। मैं कभी कभी सोचता हूं कि बिहार के पास और कुछ कोई कर सके या न कर सके, बिहार का पानी और बिहार की जवानी, ये बिहार की ऐसा ताकत है, जिसकी तरफ किसी ने देखा नहीं। पानी का विपुल भंडार कभी गांवों को तबाह करके चला जाता है और समुंद्र में बह जाता है। यहां की जवानी बूढ़े मां-बाप को छोडकर रोजी-रोटी कमाने के लिए हिंदुस्तान के किसी दूसरी भाग में चली जाती है। भाईयों बहनों अगर ये जवानी और ये पानी बिहार के काम लाया जाए तो हिंदुस्तान को बदलने के लिए बिहार से बड़ी कोई ताकत नहीं होगी।

मैं बिहार की शक्ति को भलीभांती समझ पार रहा हूं और इसलिए मैं आज बिहार से विशेष अनुरोध करने आया हूं कि आप इस बार भाजपा और एनडीए के गठबंधन को दो-तिहाई से ज्यादा सीटें देकर विजयी बनाइए। आपके सपने पूरे करने की जिम्मेदारी मैं लेता हूं। हर वादा निभाए। भाईयों बहनों पिछले 30 साल में कोई ऐसी सरकार दिल्ली में नहीं बनी तो खुद बिहार के पास आए। अब आपने बिहार में एक ऐसी सरकार बिठाई है जो खुद बिहार के पास आती है, अब बिहार को दिल्ली जाने की जरूरत नहीं। और इसलिए ये जातिवाद हो, ये जहर घोलने की बातें, गुमराह करने के तरीके हो, इन चीजों ने बिहार का भला नहीं किया है। अगर बिहार का भला करना है तो वो विकासवाद से होगा। हमारे सब दुखों की एक दवाई है और वो दवाई है विकास। एक मात्र जड़ीबूटी है- विकास। विकास का राह ही हमें प्रगति की नई ऊचाइयों पर ले जाएगा। हमारे दुखों को दूर करेगा। हमारी आने वाली पीढ़ी का भविष्य निर्धारित करेगा। और इसलिए भाईयों-बहनों मैं आज नवादा के नागरिकों का आभारी हूं। विशेषकर नौजवानों का आभारी हूं। मैं भूल नहीं सकता हूं इस सभा को। क्या प्यार दिखाया आपने। और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि इस प्यार को ब्याज समेत विकास करके लौटाऊंगा। बिहार की शक्लो-सूरत बदलेगी। बिहार चमकेगा, इसी एक विश्वास के साथ मेरे साथ मुट्ठी बंद करके बोलिए भारत माता की जय। भारत माता की जय।

बहुत बहुत धन्यवाद मेरे भाईयों और बहनों बहुत बहुत धन्यवाद।

 

 

 

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भारत और कुवैत का रिश्ता; सभ्यताओं, सागर और कारोबार का है: पीएम मोदी
December 21, 2024
कुवैत में प्रवासी भारतीयों की गर्मजोशी और स्नेह असाधारण है: प्रधानमंत्री
43 वर्षों के बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री कुवैत की यात्रा कर रहा है: प्रधानमंत्री
भारत और कुवैत के बीच सभ्यता, समुद्र और वाणिज्य का रिश्ता है: प्रधानमंत्री
भारत और कुवैत हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़े रहे हैं: प्रधानमंत्री
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भारत में स्मार्ट डिजिटल प्रणाली अब विलासिता की वस्तु नहीं रह गयी है, बल्कि यह आम आदमी के दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बन गयी है: प्रधानमंत्री
भविष्य का भारत वैश्विक विकास का केंद्र होगा, दुनिया का विकास इंजन होगा: प्रधानमंत्री
भारत, एक विश्व मित्र के रूप में, विश्व की भलाई के दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रहा है: प्रधानमंत्री

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

नमस्कार,

अभी दो ढाई घंटे पहले ही मैं कुवैत पहुंचा हूं और जबसे यहां कदम रखा है तबसे ही चारों तरफ एक अलग ही अपनापन, एक अलग ही गर्मजोशी महसूस कर रहा हूं। आप सब भारत क अलग अलग राज्यों से आए हैं। लेकिन आप सभी को देखकर ऐसा लग रहा है जैसे मेरे सामने मिनी हिन्दुस्तान उमड़ आया है। यहां पर नार्थ साउथ ईस्ट वेस्ट हर क्षेत्र के अलग अलग भाषा बोली बोलने वाले लोग मेरे सामने नजर आ रहे हैं। लेकिन सबके दिल में एक ही गूंज है। सबके दिल में एक ही गूंज है - भारत माता की जय, भारत माता की जय I

यहां हल कल्चर की festivity है। अभी आप क्रिसमस और न्यू ईयर की तैयारी कर रहे हैं। फिर पोंगल आने वाला है। मकर सक्रांति हो, लोहड़ी हो, बिहू हो, ऐसे अनेक त्यौहार बहुत दूर नहीं है। मैं आप सभी को क्रिसमस की, न्यू ईयर की और देश के कोने कोने में मनाये जाने वाले सभी त्योहारों की बहुत बहुत शुभकानाएं देता हूं।

साथियों,

आज निजी रूप से मेरे लिए ये पल बहुत खास है। 43 years, चार दशक से भी ज्यादा समय, 43 years के बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री कुवैत आया है। आपको हिन्दुस्तान से यहां आना है तो चार घंटे लगते हैं, प्रधानमंत्री को चार दशक लग गए। आपमे से कितने ही साथी तो पीढ़ियों से कुवैत में ही रह रहे हैं। बहुतों का तो जन्म ही यहीं हुआ है। और हर साल सैकड़ों भारतीय आपके समूह में जुड़ते जाते हैं। आपने कुवैत के समाज में भारतीयता का तड़का लगाया है, आपने कुवैत के केनवास पर भारतीय हुनर का रंग भरा है। आपने कुवैत में भारत के टेलेंट, टेक्नॉलोजी और ट्रेडिशन का मसाला मिक्स किया है। और इसलिए मैं आज यहां सिर्फ आपसे मिलने ही नहीं आया हूं, आप सभी की उपलब्धियों को सेलिब्रेट करने के लिए आया हूं।

साथियों,

थोड़ी देर पहले ही मेरे यहां काम करने वाले भारतीय श्रमिकों प्रोफेशनल्श् से मुलाकात हुई है। ये साथी यहां कंस्ट्रक्शन के काम से जुड़े हैं। अन्य अनेक सेक्टर्स में भी अपना पसीना बहा रहे हैं। भारतीय समुदाय के डॉक्टर्स, नर्सज पेरामेडिस के रूप में कुवैत के medical infrastructure की बहुत बड़ी शक्ति है। आपमें से जो टीचर्स हैं वो कुवैत की अगली पीढ़ी को मजबूत बनाने में सहयोग कर रही है। आपमें से जो engineers हैं, architects हैं, वे कुवैत के next generation infrastructure का निर्माण कर रहे हैं।

और साथियों,

जब भी मैं कुवैत की लीडरशिप से बात करता हूं। तो वो आप सभी की बहुत प्रशंसा करते हैं। कुवैत के नागरिक भी आप सभी भारतीयों की मेहनत, आपकी ईमानदारी, आपकी स्किल की वजह से आपका बहुत मान करते हैं। आज भारत रेमिटंस के मामले में दुनिया में सबसे आगे है, तो इसका बहुत बड़ा श्रेय भी आप सभी मेहनतकश साथियों को जाता है। देशवासी भी आपके इस योगदान का सम्मान करते हैं।

साथियों,

भारत और कुवैत का रिश्ता सभ्यताओं का है, सागर का है, स्नेह का है, व्यापार कारोबार का है। भारत और कुवैत अरब सागर के दो किनारों पर बसे हैं। हमें सिर्फ डिप्लोमेसी ही नहीं बल्कि दिलों ने आपस में जोड़ा है। हमारा वर्तमान ही नहीं बल्कि हमारा अतीत भी हमें जोड़ता है। एक समय था जब कुवैत से मोती, खजूर और शानदार नस्ल के घोड़े भारत जाते थे। और भारत से भी बहुत सारा सामान यहां आता रहा है। भारत के चावल, भारत की चाय, भारत के मसाले,कपड़े, लकड़ी यहां आती थी। भारत की टीक वुड से बनी नौकाओं में सवार होकर कुवैत के नाविक लंबी यात्राएं करते थे। कुवैत के मोती भारत के लिए किसी हीरे से कम नहीं रहे हैं। आज भारत की ज्वेलरी की पूरी दुनिया में धूम है, तो उसमें कुवैत के मोतियों का भी योगदान है। गुजरात में तो हम बड़े-बुजुर्गों से सुनते आए हैं, कि पिछली शताब्दियों में कुवैत से कैसे लोगों का, व्यापारी-कारोबारियों का आना-जाना रहता था। खासतौर पर नाइनटीन्थ सेंचुरी में ही, कुवैत से व्यापारी सूरत आने लगे थे। तब सूरत, कुवैत के मोतियों के लिए इंटरनेशनल मार्केट हुआ करता था। सूरत हो, पोरबंदर हो, वेरावल हो, गुजरात के बंदरगाह इन पुराने संबंधों के साक्षी हैं।

कुवैती व्यापारियों ने गुजराती भाषा में अनेक किताबें भी पब्लिश की हैं। गुजरात के बाद कुवैत के व्यापारियों ने मुंबई और दूसरे बाज़ारों में भी उन्होंने अलग पहचान बनाई थी। यहां के प्रसिद्ध व्यापारी अब्दुल लतीफ अल् अब्दुल रज्जाक की किताब, How To Calculate Pearl Weight मुंबई में छपी थी। कुवैत के बहुत सारे व्यापारियों ने, एक्सपोर्ट और इंपोर्ट के लिए मुंबई, कोलकाता, पोरबंदर, वेरावल और गोवा में अपने ऑफिस खोले हैं। कुवैत के बहुत सारे परिवार आज भी मुंबई की मोहम्मद अली स्ट्रीट में रहते हैं। बहुत सारे लोगों को ये जानकर हैरानी होगी। 60-65 साल पहले कुवैत में भारतीय रुपए वैसे ही चलते थे, जैसे भारत में चलते हैं। यानि यहां किसी दुकान से कुछ खरीदने पर, भारतीय रुपए ही स्वीकार किए जाते थे। तब भारतीय करेंसी की जो शब्दाबली थी, जैसे रुपया, पैसा, आना, ये भी कुवैत के लोगों के लिए बहुत ही सामान्य था।

साथियों,

भारत दुनिया के उन पहले देशों में से एक है, जिसने कुवैत की स्वतंत्रता के बाद उसे मान्यता दी थी। और इसलिए जिस देश से, जिस समाज से इतनी सारी यादें जुड़ी हैं, जिससे हमारा वर्तमान जुड़ा है। वहां आना मेरे लिए बहुत यादगार है। मैं कुवैत के लोगों का, यहां की सरकार का बहुत आभारी हूं। मैं His Highness The Amir का उनके Invitation के लिए विशेष रूप से धन्यवाद देता हूं।

साथियों,

अतीत में कल्चर और कॉमर्स ने जो रिश्ता बनाया था, वो आज नई सदी में, नई बुलंदी की तरफ आगे बढ़ रहा है। आज कुवैत भारत का बहुत अहम Energy और Trade Partner है। कुवैत की कंपनियों के लिए भी भारत एक बड़ा Investment Destination है। मुझे याद है, His Highness, The Crown Prince Of Kuwait ने न्यूयॉर्क में हमारी मुलाकात के दौरान एक कहावत का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था- “When You Are In Need, India Is Your Destination”. भारत और कुवैत के नागरिकों ने दुख के समय में, संकटकाल में भी एक दूसरे की हमेशा मदद की है। कोरोना महामारी के दौरान दोनों देशों ने हर स्तर पर एक-दूसरे की मदद की। जब भारत को सबसे ज्यादा जरूरत पड़ी, तो कुवैत ने हिंदुस्तान को Liquid Oxygen की सप्लाई दी। His Highness The Crown Prince ने खुद आगे आकर सबको तेजी से काम करने के लिए प्रेरित किया। मुझे संतोष है कि भारत ने भी कुवैत को वैक्सीन और मेडिकल टीम भेजकर इस संकट से लड़ने का साहस दिया। भारत ने अपने पोर्ट्स खुले रखे, ताकि कुवैत और इसके आसपास के क्षेत्रों में खाने पीने की चीजों का कोई अभाव ना हो। अभी इसी साल जून में यहां कुवैत में कितना हृदय विदारक हादसा हुआ। मंगफ में जो अग्निकांड हुआ, उसमें अनेक भारतीय लोगों ने अपना जीवन खोया। मुझे जब ये खबर मिली, तो बहुत चिंता हुई थी। लेकिन उस समय कुवैत सरकार ने जिस तरह का सहयोग किया, वो एक भाई ही कर सकता है। मैं कुवैत के इस जज्बे को सलाम करूंगा।

साथियों,

हर सुख-दुख में साथ रहने की ये परंपरा, हमारे आपसी रिश्ते, आपसी भरोसे की बुनियाद है। आने वाले दशकों में हम अपनी समृद्धि के भी बड़े पार्टनर बनेंगे। हमारे लक्ष्य भी बहुत अलग नहीं है। कुवैत के लोग, न्यू कुवैत के निर्माण में जुटे हैं। भारत के लोग भी, साल 2047 तक, देश को एक डवलप्ड नेशन बनाने में जुटे हैं। कुवैत Trade और Innovation के जरिए एक Dynamic Economy बनना चाहता है। भारत भी आज Innovation पर बल दे रहा है, अपनी Economy को लगातार मजबूत कर रहा है। ये दोनों लक्ष्य एक दूसरे को सपोर्ट करने वाले हैं। न्यू कुवैत के निर्माण के लिए, जो इनोवेशन, जो स्किल, जो टेक्नॉलॉजी, जो मैनपावर चाहिए, वो भारत के पास है। भारत के स्टार्ट अप्स, फिनटेक से हेल्थकेयर तक, स्मार्ट सिटी से ग्रीन टेक्नॉलजी तक कुवैत की हर जरूरत के लिए Cutting Edge Solutions बना सकते हैं। भारत का स्किल्ड यूथ कुवैत की फ्यूचर जर्नी को भी नई स्ट्रेंथ दे सकता है।

साथियों,

भारत में दुनिया की स्किल कैपिटल बनने का भी सामर्थ्य है। आने वाले कई दशकों तक भारत दुनिया का सबसे युवा देश रहने वाला है। ऐसे में भारत दुनिया की स्किल डिमांड को पूरा करने का सामर्थ्य रखता है। और इसके लिए भारत दुनिया की जरूरतों को देखते हुए, अपने युवाओं का स्किल डवलपमेंट कर रहा है, स्किल अपग्रेडेशन कर रहा है। भारत ने हाल के वर्षों में करीब दो दर्जन देशों के साथ Migration और रोजगार से जुड़े समझौते किए हैं। इनमें गल्फ कंट्रीज के अलावा जापान, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, मॉरिशस, यूके और इटली जैसे देश शामिल हैं। दुनिया के देश भी भारत की स्किल्ड मैनपावर के लिए दरवाज़े खोल रहे हैं।

साथियों,

विदेशों में जो भारतीय काम कर रहे हैं, उनके वेलफेयर और सुविधाओं के लिए भी अनेक देशों से समझौते किए जा रहे हैं। आप ई-माइग्रेट पोर्टल से परिचित होंगे। इसके ज़रिए, विदेशी कंपनियों और रजिस्टर्ड एजेंटों को एक ही प्लेटफॉर्म पर लाया गया है। इससे मैनपावर की कहां जरूरत है, किस तरह की मैनपावर चाहिए, किस कंपनी को चाहिए, ये सब आसानी से पता चल जाता है। इस पोर्टल की मदद से बीते 4-5 साल में ही लाखों साथी, यहां खाड़ी देशों में भी आए हैं। ऐसे हर प्रयास के पीछे एक ही लक्ष्य है। भारत के टैलेंट से दुनिया की तरक्की हो और जो बाहर कामकाज के लिए गए हैं, उनको हमेशा सहूलियत रहे। कुवैत में भी आप सभी को भारत के इन प्रयासों से बहुत फायदा होने वाला है।

साथियों,

हम दुनिया में कहीं भी रहें, उस देश का सम्मान करते हैं और भारत को नई ऊंचाई छूता देख उतने ही प्रसन्न भी होते हैं। आप सभी भारत से यहां आए, यहां रहे, लेकिन भारतीयता को आपने अपने दिल में संजो कर रखा है। अब आप मुझे बताइए, कौन भारतीय होगा जिसे मंगलयान की सफलता पर गर्व नहीं होगा? कौन भारतीय होगा जिसे चंद्रयान की चंद्रमा पर लैंडिंग की खुशी नहीं हुई होगी? मैं सही कह रहा हूं कि नहीं कह रहा हूं। आज का भारत एक नए मिजाज के साथ आगे बढ़ रहा है। आज भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी इकॉनॉमी है। आज दुनिया का नंबर वन फिनटेक इकोसिस्टम भारत में है। आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम भारत में है। आज भारत, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता देश है।

मैं आपको एक आंकड़ा देता हूं और सुनकर आपको भी अच्छा लगेगा। बीते 10 साल में भारत ने जितना ऑप्टिकल फाइबर बिछाया है, भारत में जितना ऑप्टिकल फाइबर बिछाया है, उसकी लंबाई, वो धरती और चंद्रमा की दूरी से भी आठ गुना अधिक है। आज भारत, दुनिया के सबसे डिजिटल कनेक्टेड देशों में से एक है। छोटे-छोटे शहरों से लेकर गांवों तक हर भारतीय डिजिटल टूल्स का उपयोग कर रहा है। भारत में स्मार्ट डिजिटल सिस्टम अब लग्जरी नहीं, बल्कि कॉमन मैन की रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल हो गया है। भारत में चाय पीते हैं, रेहड़ी-पटरी पर फल खरीदते हैं, तो डिजिटली पेमेंट करते हैं। राशन मंगाना है, खाना मंगाना है, फल-सब्जियां मंगानी है, घर का फुटकर सामान मंगाना है, बहुत कम समय में ही डिलिवरी हो जाती है और पेमेंट भी फोन से ही हो जाता है। डॉक्यूमेंट्स रखने के लिए लोगों के पास डिजि लॉकर है, एयरपोर्ट पर सीमलैस ट्रेवेल के लिए लोगों के पास डिजियात्रा है, टोल बूथ पर समय बचाने के लिए लोगों के पास फास्टटैग है, भारत लगातार डिजिटली स्मार्ट हो रहा है और ये तो अभी शुरुआत है। भविष्य का भारत ऐसे इनोवेशन्स की तरफ बढ़ने वाला है, जो पूरी दुनिया को दिशा दिखाएगा। भविष्य का भारत, दुनिया के विकास का हब होगा, दुनिया का ग्रोथ इंजन होगा। वो समय दूर नहीं जब भारत दुनिया का Green Energy Hub होगा, Pharma Hub होगा, Electronics Hub होगा, Automobile Hub होगा, Semiconductor Hub होगा, Legal, Insurance Hub होगा, Contracting, Commercial Hub होगा। आप देखेंगे, जब दुनिया के बड़े-बड़े Economy Centres भारत में होंगे। Global Capability Centres हो, Global Technology Centres हो, Global Engineering Centres हो, इनका बहुत बड़ा Hub भारत बनेगा।

साथियों,

हम पूरे विश्व को एक परिवार मानते हैं। भारत एक विश्वबंधु के रूप में दुनिया के भले की सोच के साथ आगे चल रहा है। और दुनिया भी भारत की इस भावना को मान दे रही है। आज 21 दिसंबर, 2024 को दुनिया, अपना पहला World Meditation Day सेलीब्रेट कर रही है। ये भारत की हज़ारों वर्षों की Meditation परंपरा को ही समर्पित है। 2015 से दुनिया 21 जून को इंटरनेशन योगा डे मनाती आ रही है। ये भी भारत की योग परंपरा को समर्पित है। साल 2023 को दुनिया ने इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर के रूप में मनाया, ये भी भारत के प्रयासों और प्रस्ताव से ही संभव हो सका। आज भारत का योग, दुनिया के हर रीजन को जोड़ रहा है। आज भारत की ट्रेडिशनल मेडिसिन, हमारा आयुर्वेद, हमारे आयुष प्रोडक्ट, ग्लोबल वेलनेस को समृद्ध कर रहे हैं। आज हमारे सुपरफूड मिलेट्स, हमारे श्री अन्न, न्यूट्रिशन और हेल्दी लाइफस्टाइल का बड़ा आधार बन रहे हैं। आज नालंदा से लेकर IITs तक का, हमारा नॉलेज सिस्टम, ग्लोबल नॉलेज इकोसिस्टम को स्ट्रेंथ दे रहा है। आज भारत ग्लोबल कनेक्टिविटी की भी एक अहम कड़ी बन रहा है। पिछले साल भारत में हुए जी-20 सम्मेलन के दौरान, भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर की घोषणा हुई थी। ये कॉरिडोर, भविष्य की दुनिया को नई दिशा देने वाला है।

साथियों,

विकसित भारत की यात्रा, आप सभी के सहयोग, भारतीय डायस्पोरा की भागीदारी के बिना अधूरी है। मैं आप सभी को विकसित भारत के संकल्प से जुड़ने के लिए आमंत्रित करता हूं। नए साल का पहला महीना, 2025 का जनवरी, इस बार अनेक राष्ट्रीय उत्सवों का महीना होने वाला है। इसी साल 8 से 10 जनवरी तक, भुवनेश्वर में प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन होगा, दुनियाभर के लोग आएंगे। मैं आप सब को, इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित करता हूं। इस यात्रा में, आप पुरी में महाप्रभु जगन्नाथ जी का आशीर्वाद ले सकते हैं। इसके बाद प्रयागराज में आप महाकुंभ में शामिल होने के लिए प्रयागराज पधारिये। ये 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाला है, करीब डेढ़ महीना। 26 जनवरी को आप गणतंत्र दिवस देखकर ही वापस लौटिए। और हां, आप अपने कुवैती दोस्तों को भी भारत लाइए, उनको भारत घुमाइए, यहां पर कभी, एक समय था यहां पर कभी दिलीप कुमार साहेब ने पहले भारतीय रेस्तरां का उद्घाटन किया था। भारत का असली ज़ायका तो वहां जाकर ही पता चलेगा। इसलिए अपने कुवैती दोस्तों को इसके लिए ज़रूर तैयार करना है।

साथियों,

मैं जानता हूं कि आप सभी आज से शुरु हो रहे, अरेबियन गल्फ कप के लिए भी बहुत उत्सुक हैं। आप कुवैत की टीम को चीयर करने के लिए तत्पर हैं। मैं His Highness, The Amir का आभारी हूं, उन्होंने मुझे उद्घाटन समारोह में Guest Of Honour के रूप में Invite किया है। ये दिखाता है कि रॉयल फैमिली, कुवैत की सरकार, आप सभी का, भारत का कितना सम्मान करती है। भारत-कुवैत रिश्तों को आप सभी ऐसे ही सशक्त करते रहें, इसी कामना के साथ, फिर से आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद!

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

बहुत-बहुत धन्यवाद।