जद(यू)-राजद-कांग्रेस, महागठबंधन नहीं, ‘महास्वार्थबंधन’ है: प्रधानमंत्री मोदी #परिवर्तनरैली
आगामी बिहार चुनाव जंगलराज और विकासराज के बीच की लड़ाई है: प्रधानमंत्री
अब पूरे विश्व में एक विश्वास बना है कि यह समय हिन्दुस्तान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का समय है: प्रधानमंत्री मोदी
बिहार के नौजवानों में ऐसी ताकत है, ऐसा दम है कि अगर उनको अवसर मिल जाए तो वो बिहार को चार चांद लगा दें: प्रधानमंत्री मोदी
बिहार को बचाना भी है, बिहार को बनाना भी है और बिहार को बढ़ाना भी है: प्रधानमंत्री मोदी
देश को आगे ले जाने में एकता, भाईचारा, सद्भाव, शांति का सबसे महत्वपूर्ण योगदान: प्रधानमंत्री मोदी
जातिवाद, संप्रदायवाद और वोट बैंक की राजनीति बिहार की बर्बादी का कारण: प्रधानमंत्री मोदी #परिवर्तनरैली

भारत माता की जय। अपने सबके हम प्रणाम करईये। मंच पर विराजमान यहां के सांसद और सरकार में मेरे मंत्री साथी श्रीमान गिरिराज सिंह, पार्टी के प्रभारी श्रीमान पाटिल जी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेता डॉक्टर अरुण कुमार जी, विधायक एवं पूर्व मंत्री श्रीमान प्रेम कुमार जी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नवादा विधानसभा के उम्मीदवार श्रीमान इंद्र कुमार जी, भाजपा से गोविंदपुर विधानसभी की उम्मीदवार श्रीमती फूलादेवी जी, भाजपा से वारसालीगंज विधानसभा से उम्मीदवार श्रीमती अरुणा देवी जी, भाजपा से ईसुआ विधानसभा के उम्मीदवार श्री अनिल सिंह, भाजपा से रजौरी विधानसभा के उम्मीदवार श्री अर्जुन राम, मंच पर विराजमान श्री अरविंद शर्मा, श्री विष्णुनाथ भगत, श्री केदार सिंह, श्री विजय कुमार सिंह, श्री नरेंद्र सिंह, श्री राजेन्द्र सिंह और विशाल संख्या में आए हुए मेरे प्यारे भाईयों और बहनों.

अब आज मुझे नवादा से शिकायत करनी है। करूं, आप बुरा तो नहीं मानोगे। करूं शिकायत। पक्का बुरा नहीं मानोगे। देखिए मैं पिछले वर्ष अप्रैल महीने में आया था। इसी मैदान में आया था। मैं खुद चुनाव लड़ रहा था लोकसभा का। सरकार बनाने के लिए मैं आपका आशीर्वाद लेने आया था, लेकिन उस सभा में इससे एक चौथाई लोग भी नहीं आए थे। और आज मैं देख रहा हूं कि कोई छत खाली नहीं है जहां पर लोग न हो। मुझे कभी चिंता होती है कि ये तीन मंजिला, पांच मंजिला सभा हो रही है। अगर नवादा पिछली बार आया उससे चार गुना बड़ी सभा आज मेरे सामने है, ये साफ साफ दिखा रहा है कि हवा का रुख क्या है। भाईयों बहनों आखिरकार बिहार की जनता को इतना गुस्सा क्यों है। बिहार के हर कोने में, हर वर्ग में, हर समाज में, हर उम्र के लोगों में, पुरुष हो, स्त्री हो, युवा हो, बुजुर्ग हो, सब ओर ये गुस्सा क्यों है। भाईयों बहनों अब बिहार ज्यादा इंतजार नहीं कर सकता। भईयों बहनों विकास के लिए 60 साल कम समय नहीं होता है। और ये जो बिहार में महास्वार्थबंधन हुआ है, ये महास्वार्थबंधन के सभी हिस्सेदारों को जनते हो। ये महागठबंधन नहीं है, महास्वार्थबंधन है। इस महास्वार्थबंधन में तीन खिलाड़ी है। एक है कांग्रेस, जिसने 35 साल तक बिहार पर राज किया। दूसरे हैं बड़े भाई, उन्होंने 15 साल राज किया। तीसरे हैं छोटे भाई, उन्होंने 10 साल राज किया। यानी ये तीन वो लोग हैं, जो आज इक्ट्ठे आए हैं, इन्होंने 60 साल तक बिहार पर राज किया है। 60 साल तक आपने उन्हें चुनकर भेजा है। आप बताइये आपको क्या मिला। बिहार का भला हुआ, सड़कें बनीं, बच्चो को शिक्षा मिली, बुजुर्गों को दवाई मिली, नौजवान को रोजगार मिला।

ये 60 साल तक राज करने वाले लोग आज आपसे वोट मांगने आए हैं। लेकिन वोट मांग रहे हैं डिक्शनरी में जितने भी भद्दे शब्द हो, जितने भी गंदे शब्द हो, रोज डिक्शनरी खोलकर बैठते हैं कि आज मोदी को कौन सी गाली दी जाए। आज मोदी को कैसे बदनाम किया जाए। अरे महास्वार्थबंधन के नेतागण आप कम से कम बिहार की जनता को अपने 60 साल के कारोबार का हिसाब दो। क्या किया, क्यों किया, कैसे किया, कब किया, किसने लिए किया, किसके हवाले किया। जवाब दो। इन तीनों लोगों को जवाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए। आज जो मुख्यमंत्री हैं, उन्हें जवाब देना चाहिए। उन्हें अपने काम का हिसाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए। उनके पहले जो 15 साल मुख्यमंत्री रहे, जिसकी सरकार रही उन लालू जी को जवाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए। 35 साल जिस कांग्रेस ने शासन किया, मैडम सोनिया जी आपको जवाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए। जवाब दे रहे हैं क्या। दे रहे हैं क्या मुझे बताइए। क्या काम किया बता रहे हैं। नहीं बता रहे हैं क्योंकि जब कुछ काम किया ही नहीं है तो क्यों बताएंगे। क्या बताएंगे। और मैं ये पूछना चाहता हूं कि लालू जी अनाप-सनाप इतना बोल रहे हो, तो बिहार की जनता को ये तो बताओ कि इस चुनाव से आप क्यों बाहर हो। ऐसा क्या कानून है कि चुनाव लड़ने से आप पर रोक लगी हुई है। आपने ऐसा क्या किया कि इस देश का संविधान, इस देश का कानून आपको बिहार की जनता की सेवा करने से भी मना कर रहा है, ऐसा क्या काम किया है, जरा बिहार की जनता को बताओ।

भाईयों बहनों उनको लगता है कि 90 के दशक में उठ-पटांग बातें करके भोले-भाले लोगों की आंखों में धूल झोंक दी गई। लालू जी ये 1990 नहीं 2015 है। वक्त बदल चुका है। अब वो आपकी ड्रामेबाजी नहीं चलेगी। नौजवान के सपने काम करने वाले हैं।

क्या करके रख दिया है बिहार का। और मैं बताऊं भाईयों बहनों, हमारे देश में आगे बढ़ने की इतनी ताकत है। अब दुनिया की कोई भी ताकत इस देश को आगे बढ़ने से रोक नहीं सकती। आज पूरे विश्व में हिन्दुस्तान का डंका बज रहा है या नहीं। आप मुझे बताइए। जापान में भारत का डंका बजा कि नहीं बजा। भूटान में भारत का डंका बजा कि नहीं बजा। भाईयों बहनों अमेरिका में हिन्दुस्तान का जयजयकार हो रहा है या नहीं हो रहा है। चीन में हो रहा है कि नहीं हो रहा है। रसिया में हो रहा है कि नहीं हो रहा है। क्यों हो रहा है। क्या कारण है कि दुनिया में हिन्दुस्तान की वाहवाही हो रही है। मोदी के कारण नहीं हो रही है मेरे दोस्तों। ये दुनिया में जो हिन्दुस्तान का डंका बज रहा है वो सवा सौ करोड़ देशवासियों के कारण बज रहा है। आपको कारण बज रहा है। और इसलिए बज रहा है क्योंकि आपने दिल्ली में 30 साल के बाद पूर्ण वाली सरकार को चुनकर बैठाया है और इसलिए पूरे विश्व में भी एक विश्वास बना है कि अब हिन्दुस्तान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल सकते हैं। भाईयों बहनों अगर दिल्ली में पूर्ण बहुमत वाली सरकार चुनकर बैठती है तो पूरा विश्व हिन्दुस्तान की ताकत को स्वीकार करता है। वैसे ही पटना में दो-तिहाई बहुमत के साथ एनडीए की सरकार बैठेगी, सारा हिन्दुस्तान बिहार को स्वीकार करेगा। ये दिल्ली को भी बिहार में दौड़ कर आना पड़ेगा। अब बिहार वालों को कभी दिल्ली जाना नहीं पड़ेगा। दिल्ली वालों को बिहार आने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

ये लोकतंत्र की ताकत होती है और इसलिए इस चुनाव में बिहार में दो-तिहाई बहुमत के साथ भारतीय जनता पार्टी एनडीए की सरकार बनाइए और आप देखिए कि हिन्दुस्तान बिहार का लोहा मानने लगता है कि नहीं लगता है। देश और दुनिया में बिहार का डंका बजाता है कि नहीं बजता है, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि ये होकर रहने वाला है।

भाईयों बहनों आप मुझे बताइए, सारी दुनिया में बिहार जैसा प्रदेश जहां इतने तेजस्वी लोग हों, आज की इतिहास और परंपरा हर हिन्दुस्तानी के लिए गौरवगान हो, इस बिहार की बर्बादी किसने की। इस बिहार को तबाह किसने किया। और इस चुनाव में ऐसे लोगों को सजा देने के लिए चुनाव है। बटन दबाकर सजा देनी है। ताकी इन्हें तो छोड़ों भविष्य में भी कोई बिहार को बर्बाद करने की सोच न सके। ऐसा चुनाव में परिणाम लाना है। जनता की ताकत का परिचय करवाना है।

आप मुझे बताइए, ये हमारे बिहार को विकास चाहिए कि नहीं चाहिए। विकास जरूरी है। नौजवान को रोजगार चाहिए। गांव को सड़क चाहिए। वृद्धि लोगों को दवा की जरूरत हो तो दवा मिलनी चाहिए। मां-बहनों को सम्मान मिलना चाहिए। गरीबों लोगों को रहने के लिए घर मिलना चाहिए। गरीब के बच्चों को शिक्षा मिलनी चाहिए। गांव में बिजली होनी चाहिए कि नहीं। 2010 में आपके मुख्यमंत्री ने आपसे वादा किया था। 2010 के विधानसभा चुनाव में आपके मुख्यमंत्री ने गांव-गांव जाकर कहा था कि मुझे वोट दो। अगर मुझे वोट दोगे, तो मैं पांच साल के भीतर भीतर आपके घर में बिजली पहुंचा दूंगा। ऐसा वादा किया था। बिजली पहुंचाने का वादा किया था। और उन्होंने ये भी कहा था कि अगर मैं 2015 तक बिजली नहीं पहुंचा पाता हूं तो मैं वोट मांगने के लिए नहीं आऊंगा। ऐसा कहा था। वोट नहीं मांगूंगा। ये वादा किया था। मुझे बताइए कि वादा निभाया। गांव के गरीब के घर में बिजली पहुंची कि नहीं पहुंची। फिर वो आए वोट मांगने के लिए। क्या उन पर भरोसा करोगे।

ये तीन लोग ऐसे हैं- कांग्रेस, लालू जी, नीतीश जी, पिछले 60 साल का इतिहास उठाकर देखिए, इन तीनों को जब मौका मिला है, इन्होंने एक दूसरे का पैर काटने का काम किया है, एक दूसरे से लड़े हैं। ऐसा क्या हुआ भाई कि ये तीनों दुश्मन एक हो गए। क्या कारण है। बिहार के लिए कभी इक्ट्ठे नहीं हुए। बिहार के लिए कुछ मांगने के लिए कभी साथ मिलकर दिल्ली नहीं आए। लेकिन कुर्सी पाने के लिए ऐसे इक्ट्ठे आए हैं, भाईयों बहनों ऐसे स्वार्थबंधन पर भरोसा कर सकते हैं क्या।

इन्होंने कभी सोचा नहीं था, कि दिल्ली में आई मोदी सरकार वादा निभाने की पक्की है। मैंने लोकसभा चुनाव में कहा था कि बिहार मुझे जो प्यार दे रहा है मैं ब्याज समेत विकास करके लौटाऊंगा। और आज एक लाख 65 हजार करोड़ रुपये का विकास का पैकेज आपको मिला कि नहीं मिला। रास्ते बनेंगे कि नहीं बनेंगे। रेल आएगी कि नहीं आएगी। गांव में स्कूल लगेंगे कि नहीं लगेंगे। अस्पताल बनेंगे कि नहीं बनेंगे। उद्योग आएंगे कि नहीं आएंगे। नौजवान को रोजगार मिलेगा कि नहीं मिलेगा।

भाईयों बहनों बिहार के नौजवानों में ऐसी ताकत है, बिहार की जवानी में ऐसा दम है कि अगर उनको अवसर मिल जाए तो वो बिहार को चार चांद लगा दें, ऐसी ताकत बिहार में है और इसलिए हमने अपना पूरा ध्यान विकास पर केंद्रित किया है और ये बिहार का चुनाव, एक तरफ जंगलराज की बात, दूसरी तरफ विकास राज की बात। मैं आपके पास विकासराज की बात लेकर आया हूं। जंगलराज अब कभी बिहार की धरती पर वापस आना नहीं चाहिए। तीन तीन पीढ़ी बर्बाद हो गई है। अब बिहार ज्यादा नुकसान नहीं झेल सकता है। बिहार को बचाना भी है, बिहार को बनाना भी है और बिहार को बढ़ाना भी है। और बिहार बढ़ेगा तभी हिन्दुस्तान भी बढ़ेगा। वर्ना हिस्दुस्तान भी आगे नहीं बढ़ेगा।

भाईयों बहनों मैं हैरान हूं कि आजकल चुनाव का फायदा उठाकर कैसे कैसे खेल खेले जाते हैं। भाईयों बहनों मेरा जन्म उस राज्य में हुआ था, जहां स्वयं भगवान कृष्ण आकर बसे थे। वो परंपरा आज भी सारा गोपालक समुदाय श्वेत क्रांति का नेतृत्व कर रहा है। दूध की डेयरी अमूल की चर्चा सारे देश और दुनिया में हो रही है। ये परंपरा खड़ी करने वाले लोग, मेरा गोपालक समुदाय, मेरा यदुवंशी समुदाय, इन्होंने ये काम करके दिखाया है।

लेकिन यहां लालू जी ने यदुवंशियों का कैसा अपमान किया। मुझे ये बताइए कि लालू जी कह रहे हैं कि ये खाते हैं, वो खाते हैं, ये यदुवंशी लोगों का अपमान है कि नहीं है। ये बिहार का अपमान है कि नहीं है। ये देश का अपमान है कि नहीं है। और जब इतना भद्दा बोल गए तो तूफान खड़ा हो गया। यदुवंशियों के सारे नेता पहुंच गए। उन्होंने कहा कि लालू जी इतने सालों तक तो हम आपके साथ रहे और आपने हमें ऐसी गाली दी। अरे गाय के लिए तो हमने अपने सर कटवा दिए हैं और आप हमें ऐसी गाली दे रहे हो।

लालू जी डर गए। घबरा गए और टीवी के सामने जाकर बयान दिया कि मेरे अंदर कोई शैतान प्रवेश कर गया है। शैतान पहुंच गया है। मेरे नवादा के भाईयों बहनों दुनिया में अरबों-खबरों की जनसंख्या है, हिन्दुस्तान में अरबों की जनसंख्या है, बिहार में कोटि-कोटि लोगों की जनसंख्या है। इतने सारे लोगों में शैतान को यही एड्रेस मिला क्या। यही ठिकाना मिला क्या। इन्हीं शरीर उसे पसंद आया क्या। ये शैतान उन्हीं के पास गया क्या। और भाईयों बहनों जिनके शरीर में शैतान प्रवेशता है क्या ऐसे लोगों को बिहार दिया जा सकता है। बिहार ऐसे लोगों के हाथ में नहीं दिया जा सकता। और इसलिए भाईयों बहनों मैं आपसे प्रार्थना करने आया हूं कि विकास के लिए वोट कीजिए। नौजवान को रोजगार मिले, ऐसे बिहार के विकास की रूपरेखा बनाकर आगे चलना पड़ेगा। एक लाख 65 हजार करोड़ रुपये का ये पैकेज विकास की एक नई दिशा खोलने वाला है। ये विश्वास मैं आपको दिलाने आया हूं।

भाईयों बहनों दो साल पहले अक्टूबर महीने में गांधी में मैं आया था। भारतीय जनता पार्टी की विशाल रैली थी। 27 अक्टूबर न मैं कभी भूल सकता हूं, न भाजपा का कोई कार्यकर्ता भूल सकता है, न बिहार का कोई नागरिक भूल सकता है। न हिन्दुस्तान का कोई नागरिक भूल सकता है। जनसभा थी, लोकतंत्र में अपनी बात बताने का हर किसी को हक होता है। सुनना न सुनना आपकी मर्जी है। मैं बिहार आया था, पटना के गांधी मैदान में मुझे जनसभा को संबोधित करना था। लेकिन में अभी पटना के एयरपोर्ट पर उतर ही था कि एक के बाद एक खबरें आने लगीं। बम धमाके होने लगे। निर्दोष लोगों को मारा जा रहा है। लोग सभा छोड़कर चले जाएं। लोगों के पैरों तले लोग मारे जाएं, एक ऐसा विनाश हो जाए कि मोदी कभी मुंह दिखाने लायक न रहे। ऐसा षडयंत्र हुआ। एक के बाद एक लोग मारे गए। और उस जनसभा में मैंने विस्तार से नागरिकों से बात की। और मैंने उन्हें जरा भी ऐसी भनक नहीं लगने दी कि उनका गुस्सा फैल उठे और मेरा बिहार तबाह हो जाए। पूरे भाषण में मैं देख रहा था कि बिहार के लाल मर रहे हैं, धमाके हो रहे हैं, धरती रक्त-रंजित हो रही है, लेकिन हमने धैर्य नहीं खोया। हमने शांति बनाए रखने के लिए जितना प्रयास हो सकता है, पूरा किया। और ऐसे माहौल में जब पता था कि मौत के खेल खेले जा रहे हैं, हमने राजनीति नहीं होने दी। बिहार और देश को तबाह नहीं होने दिया। और मैंने उस सभा में कहा था, मैं आज देश को याद दिलाना चाहता हूं, मैंने कहा था कि हम तय कर लें कि क्या हिंदुओं को मुसलमान के खिलाफ लड़ना है या गरीबी के खिलाफ लड़ना है। मुसलमान तय कर ले कि उसे हिंदुओं के खिलाफ लड़ना है या गरीबी के खिलाफ लड़ना है। और मैंने बम धमाकों के बीच रक्त रंजित गांधी मैदान के बीच कहा था कि हमारे देश का भला तब होगा जब हिंदू और मुसलमान एक होकर के हम गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ें। हम गरीबी को परास्त करें। हम ये विचार और संस्कार लेकर निकले हुए लोग हैं। और मैंने सभा के बाद भी सबको हाथ जोड़कर प्रार्थना की थी कि आप शांति से अपने गांव घर पहुंचिए और कोई भी प्रतिक्रिया न होने से हमने बिहार को बचाया था और तब यहां के अहंकारी नेता पटना छोड़कर कहीं और बैठे और सभा पूरी होने के बाद मेरे भाषण का मखौल बना रहे थे, उन्हें लोगों की चिंता नहीं थी। बिहार के वो मुख्यमंत्री थे, कानून व्यवस्था की चिंता नहीं थी। अपने पटना की चिंता नहीं थी, वो मजाक कर रहे थे। अहंकार कितना सातवें आसमान पर पहुंचा था, राजनीति ऐसे नहीं होती है। देश को एक रहना है। एकता, भाईचारा, सद्भाव, शांति यही देश को आगे ले जाएगा। और इसलिए मेरे भाईयों बहनों में देशवासियों को कहना चाहता हूं कि ये राजनीतिक स्वार्थ सिद्ध करने के लिए उट-पटांग बयानबाजी में लगे रहते हैं। मैं देशवासियों को कहता हूं कि इन राजनेताओं की बयानबाजी पर ध्यान न दीजिए। खुद नरेंद्र मोदी कहता है अगर, तो उसकी बात भी न सुनिये। अगर सुनना है तो कल हमारे देश के राष्ट्रपति श्रद्धेय प्रणव मुखर्जी दादा ने जो भाषण किया है और देश को जो संदेश दिया है, उससे बड़ा कोई मार्गदर्शन नहीं हो सकता है। हम सभी देशवासी सवा सौ करोड़ देशवासी, भारत का सबसे बड़ा मुखिया, भारत के राष्ट्रपति ने जो कहा है उससे बड़ा कोई विचार नहीं हो सकता, उससे बड़ी कोई दिशा नहीं हो सकती, उससे बड़ी कोई प्रेरणा नहीं हो सकती। मैं देशवासियों से यही कहना चाहता हूं कि राजनीति का स्वार्थसिद्ध करने के रास्ते बंद होने चाहिए। राष्ट्रपति महोदय ने हमें रास्ता दिखाया है, हम सबको मिलकर उस रास्ते पर चलना होगा और तभी जाकर विश्व हिन्दुस्तान से जो अपेक्षाएं कर रहा है, हम उन्हें पूरा कर पाएंगे।

इसलिए भाईयों बहनों आज नवादा की धरती पर मैं जो जनसैलाब देख रहा हूं, ये जनसैलाब बिहार को बदलने की एक आंधी है। और मैं रहा हूं कि बिहार बदलेगा। सरकार भी बदलेगी। बिहार भी बदलेगा, यहां का भाग्य भी बदलेगा। और यहां का भाग्य कौन बदलेगा। मैं कभी कभी सोचता हूं कि बिहार के पास और कुछ कोई कर सके या न कर सके, बिहार का पानी और बिहार की जवानी, ये बिहार की ऐसा ताकत है, जिसकी तरफ किसी ने देखा नहीं। पानी का विपुल भंडार कभी गांवों को तबाह करके चला जाता है और समुंद्र में बह जाता है। यहां की जवानी बूढ़े मां-बाप को छोडकर रोजी-रोटी कमाने के लिए हिंदुस्तान के किसी दूसरी भाग में चली जाती है। भाईयों बहनों अगर ये जवानी और ये पानी बिहार के काम लाया जाए तो हिंदुस्तान को बदलने के लिए बिहार से बड़ी कोई ताकत नहीं होगी।

मैं बिहार की शक्ति को भलीभांती समझ पार रहा हूं और इसलिए मैं आज बिहार से विशेष अनुरोध करने आया हूं कि आप इस बार भाजपा और एनडीए के गठबंधन को दो-तिहाई से ज्यादा सीटें देकर विजयी बनाइए। आपके सपने पूरे करने की जिम्मेदारी मैं लेता हूं। हर वादा निभाए। भाईयों बहनों पिछले 30 साल में कोई ऐसी सरकार दिल्ली में नहीं बनी तो खुद बिहार के पास आए। अब आपने बिहार में एक ऐसी सरकार बिठाई है जो खुद बिहार के पास आती है, अब बिहार को दिल्ली जाने की जरूरत नहीं। और इसलिए ये जातिवाद हो, ये जहर घोलने की बातें, गुमराह करने के तरीके हो, इन चीजों ने बिहार का भला नहीं किया है। अगर बिहार का भला करना है तो वो विकासवाद से होगा। हमारे सब दुखों की एक दवाई है और वो दवाई है विकास। एक मात्र जड़ीबूटी है- विकास। विकास का राह ही हमें प्रगति की नई ऊचाइयों पर ले जाएगा। हमारे दुखों को दूर करेगा। हमारी आने वाली पीढ़ी का भविष्य निर्धारित करेगा। और इसलिए भाईयों-बहनों मैं आज नवादा के नागरिकों का आभारी हूं। विशेषकर नौजवानों का आभारी हूं। मैं भूल नहीं सकता हूं इस सभा को। क्या प्यार दिखाया आपने। और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि इस प्यार को ब्याज समेत विकास करके लौटाऊंगा। बिहार की शक्लो-सूरत बदलेगी। बिहार चमकेगा, इसी एक विश्वास के साथ मेरे साथ मुट्ठी बंद करके बोलिए भारत माता की जय। भारत माता की जय।

बहुत बहुत धन्यवाद मेरे भाईयों और बहनों बहुत बहुत धन्यवाद।

 

 

 

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डॉ. मनमोहन सिंह को हमेशा एक नेक इंसान, विद्वान अर्थशास्त्री और रिफॉर्म्स के प्रति समर्पित लीडर के रूप में याद किया जाएगा: पीएम
December 27, 2024
डॉ. सिंह का जीवन भावी पीढ़ियों को विपरीत परिस्थितियों से उबरकर ऊंचाइयों को प्राप्त करना सिखाता है: प्रधानमंत्री
डॉ. सिंह को हमेशा एक दयालु व्यक्ति, एक विद्वान अर्थशास्त्री और सुधारों के लिए समर्पित नेता के रूप में याद किया जाएगा: प्रधानमंत्री
डॉ. सिंह का विशिष्ट संसदीय जीवन उनकी विनम्रता, सौम्यता और बुद्धिमत्ता से परिपूर्ण रहा: प्रधानमंत्री
डॉ. सिंह हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी दलों के व्यक्तियों के साथ संपर्क बनाए रखते थे और सभी के लिए आसानी से उपलब्ध रहते थे: प्रधानमंत्री

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन ने हम सभी के हृदय को गहरी पीड़ा पहुंचाई है। उनका जाना, एक राष्ट्र के रूप में भी हमारे लिए बहुत बड़ी क्षति है। विभाजन के उस दौर में बहुत कुछ खोकर भारत आना और यहां जीवन के हर क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल करना, ये सामान्य बात नहीं है। अभावों और संघर्षों से ऊपर उठकर कैसे ऊंचाइयों को हासिल किया जा सकता है, उनका जीवन ये सीख भावी पीढ़ी को देता रहेगा।

एक नेक इंसान के रूप में, एक विद्वान अर्थशास्त्री के रूप में और रिफॉर्म्स के प्रति समर्पित लीडर के रूप में उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। एक अर्थशास्त्री के रूप में उन्होंने अलग-अलग स्तर पर भारत सरकार में अनेक सेवाएं दीं। एक चुनौतीपूर्ण समय में उन्होंने रिजर्व बैंक के गवर्नर की भूमिका निभाई। पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न श्री पी.वी. नरसिम्हा राव जी की सरकार के वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने वित्तीय संकट से घिरे देश को एक नई अर्थव्यवस्था के मार्ग पर प्रशस्त किया। प्रधानमंत्री के रूप में देश के विकास में और प्रगति में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

जनता के प्रति, देश के विकास के प्रति उनका जो कमिटमेंट था, उसे हमेशा बहुत सम्मान से देखा जाएगा। डॉ. मनमोहन सिंह जी का जीवन, उनकी ईमानदारी और सादगी का प्रतिबिंब था, वो विलक्षण सांसद थे। उनकी विनम्रता, सौम्यता और उनकी बौद्धिकता उनके संसदीय जीवन की पहचान बनी। मुझे याद है कि इस साल की शुरुआत में जब राज्यसभा में उनका कार्यकाल समाप्त हुआ, तब मैंने कहा था कि सांसद के रूप में डॉ. साहब की निष्ठा सभी के लिए प्रेरणा जैसी है। सत्र के समय अहम मौकों पर वो व्हील चेयर पर बैठकर आते थे, अपना संसदीय दायित्व निभाते थे।

दुनिया के प्रतिष्ठित संस्थाओं की शिक्षा लेने और सरकार के अनेक शीर्ष पदों पर रहने के बाद भी वो अपनी सामान्य पुष्ठ भूमि के मूल्यों को कभी भी नहीं भूले। दलगद राजनीति से ऊपर उठकर उन्होंने हमेशा हर दल के व्यक्ति से संपर्क रखा, सबके लिए सहज उपलब्ध रहे। जब मैं मुख्यमंत्री था तब डॉ. मनमोहन सिंह जी के साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अनेक विषयों पर उनसे खुले मन से चर्चाएं होती थी। यहां दिल्ली आने के बाद भी मेरी उनसे समय-समय पर बात होती थी, मुलाकात होती थी। मुझे उनसे हुई मुलाकातें, देश को लेकर हुई चर्चाएं हमेशा याद रहेगी। अभी जब उनका जन्मदिन था तब भी मैंने उनसे बात की थी।

आज इस कठिन घड़ी में मैं उनके परिवार के प्रति अपने संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं डॉ. मनमोहन सिंह जी को सभी देशवासियों की तरफ से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।