मुंबई में नासकॉम के इंडिया लीडरशिप फोरम को श्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित किया
भारत में आईटी रिवॉल्यूशन को ध्यान में रखते हुए डिजिटल इंडिया की ब्रांड इमेज खड़ी करें – गुजरात के मुख्यमंत्री
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज मुंबई में चल रहे नासकोम के इंडिया लीडरशिप फोरम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए भारत में तेजी से प्रभावी आकार ले रहे आईटी रिवॉल्यूशन को केन्द्र में रखते हुए डिजिटल इंडिया की ब्रांड इमेज खड़ी करने का देश के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी क्षेत्र के संचालकों को प्रेरक आह्वान किया।
नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (नास्कॉम) की स्थापना के २५ वर्ष पूरे होने पर आयोजित फोरम को संबोधित करने के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री को निमंत्रण दिया गया था। फोरम में २३ देशों के १४०० आईसीटी प्रतिनिधि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि नास्कॉम आईटी रिवॉल्यूशन के लिए कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी का नेतृत्व करे। श्री मोदी ने प्रेरक सुझाव दिया कि नास्कॉम अपने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी एजेंडे में प्राथमिक शिक्षा में बच्चों की ड्रॉप आउट की समस्या पर फोकस कर स्कूल जाने वाले बच्चों के ट्रेकिंग का डाटा सॉफ्टवेयर विकसित करे। श्री मोदी ने कहा कि आईटी हिन्दुस्तान को जोड़ने में, गति प्रदान करने में और सोच बदलने में सशक्त भूमिका अदा कर सकती है।
इस सन्दर्भ में मुख्यमंत्री ने आईटी की विस्तृत भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा
- आईटी देश के दूरदराज के हिस्सों को एक सूत्र में बांध सकता है
- आईटी समाज में संवाद का वातावरण बना सकता है
- आईटी जनता और सरकार के बीच सेतु बन सकता है
- आईटी सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का समन्वय कर उसे परिणामलक्षी बना सकता है
- आईटी मांग और पूर्ति के बीच की खाई को पाट सकता है
- आईटी हमें अमूल्य ज्ञान के खजाने के निकट ला सकता है
- आईटी हमें महत्वपूर्ण प्रवाहों के संपर्क में रहने में मदद करता है
भारत विश्व के सबसे युवा देशों में से एक है, इसका उल्लेख करते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश की लगभग ६५ फीसदी आबादी ३५ वर्ष से कम आयु वर्ग की है।
इस युवाधन की क्षमता, ऊर्जा और प्रतिभा सिर्फ देश के लिए ही नहीं बल्कि समग्र विश्व के लिए नया इतिहास रचने की ताकत रखती है। जरूरत इन युवाओं को हुनर-कौशल्य से सशक्त बनाने की है, ताकि अपने व्यक्तिगत विकास के अलावा यह युवाधन देश का विकास भी सुनिश्चित कर सके। नासकॉम इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। हमारा आईटी उद्योग और आईटी क्षेत्र की मानव संपदा ने दुनिया में भारत की एक बेहतर छवि स्थापित की है। अब समय आ गया है कि भारत में आईटी क्रांति आकार ले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में ८५ करोड़ मोबाइल फोन है। देश की लगभग एक चौथाई आबादी के पास इंटरनेट की सुविधा है। इसके बावजूद अपने दैनंदिन जीवन के लिए उपयोगी आईटी ज्ञान लोगों में नहीं है। यदि आईटी को लोगों के जीवन का उपयोगी हिस्सा बनाएंगे तो आईटी इंडस्ट्रीज का बाजार अपनेआप तरक्की करेगा। इसके लिए आईसीटी क्षेत्र में तालीम की जरूरत है। इस सन्दर्भ में मुख्यमंत्री ने गुजरात द्वारा एम्पॉवर नामक कार्यक्रम शुरू किए जाने की भूमिका पेश की।
नये भारत के निर्माण में इंफर्मेशन टेक्नोलॉजी ग्रोथ इंजन बन सकता है, ऐसा स्पष्ट रूप से कहते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि नये भारत से संबंधित उनका विजन डिजिटल इंडिया बनाने का है।
डिजिटल डिवाइड के संबंध में चर्चा करते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि डिजिटल डिवाइड का असंतुलन बढ़ेगा तो वह अनेक नये संकट पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि ‘डिजिटल डिवाइड’ को दूर करने का कार्य हमारी प्राथमिकता है।
उनके मुताबिक डिजिटल डिवाइड अर्थात शहर में कोई व्यक्ति आईटी के द्वारा जो प्राप्त कर सकता है, वह अंदरूनी गांवों में रहने वाले व्यक्ति के लिए उपलब्ध नहीं है, ऐसी असमानता को दूर करने की जरूरत पर उन्होंने बल दिया।
गुजरात में डिजिटल डिवाइड को कुछ हद तक दूर करने का मार्ग ढूंढा है। राज्य में १४०० ई-ग्राम केन्द्र ग्रामीण लोगों को अनगिनत सेवाएं उपलब्ध कराते हैं। गुजरात में वन-डे गवर्नेन्स केन्द्र वीजा कार्यालय की सेवा उपलब्ध कराते हैं। गुजरात ने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, सार्वजनिक वितरण और कृषि क्षेत्रों के लिए आईटी का व्यापक फलक पर विनियोग किया है, इसकी विशद भूमिका भी उन्होंने दी।
सायबर वार में नई चुनौतियों के सामने आईटी प्रोफेशनलों से पूरी तैयारी के साथ अपनी भूमिका निभाने का आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सायबर सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। जिन लोगों को आईटी का पर्याप्त ज्ञान नहीं है वे सुरक्षा के खतरों से अनजान होते हैं। हालांकि, जिन लोगों को इसकी जानकारी होती है, उन्हें मालूम है कि सायबर सिक्योरिटी अत्यंत महत्वपूर्ण मामला है। हम ऐसे जमाने में रहते हैं जहां युद्ध अब सायबर स्पेस में होंगे। इसलिए हमें इन चुनौतियों का सामना करने की दिशा में कार्य करना होगा।
Read Complete Speech here