निवेश के बारे में भारत और सऊदी अरब उच्च स्तरीय टास्क फोर्स की पहली बैठक आज वर्चुअली आयोजित की गई। इसकी सह-अध्यक्षता प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा और सऊदी ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुल अजीज बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद ने वुर्चअल मोड में की।
दोनों पक्षों ने टास्क फोर्स की तकनीकी टीमों के बीच हुई चर्चाओं की समीक्षा की।
रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल संयंत्र, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा, बिजली, दूरसंचार, नवाचार सहित विभिन्न सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में द्विपक्षीय निवेश के विभिन्न अवसरों के बारे में रचनात्मक विचार-विमर्श हुआ।
दोनों पक्षों ने पारस्परिक रूप से लाभकारी तरीके से द्विपक्षीय निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किए गए उपायों की विस्तृत समीक्षा की।
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री श्री मोदी की यात्रा के दौरान किए गए 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सऊदी निवेश को सक्रिय समर्थन प्रदान करने के बारे में भारत सरकार की दृढ़ इच्छा को दोहराया।
दोनों पक्षों ने विचार-विमर्श को आगे बढ़ाने और निर्दिष्ट निवेशों पर सहमति बनाने के लिए दोनों पक्षों की तकनीकी टीमों के बीच नियमित परामर्श किए जाने पर सहमति व्यक्त की। पेट्रोलियम सचिव के नेतृत्व में एक उच्चाधिकार प्राप्त प्रतिनिधिमंडल तेल और गैस क्षेत्र में पारस्परिक रूप से लाभकारी निवेश पर अनुवर्ती चर्चा के लिए सऊदी अरब का दौरा करेगा। सऊदी पक्ष को भारत में सॉवरेन वेल्थ फंड पीआईएफ का कार्यालय स्थापित करने के लिए भी आमंत्रित किया गया है।
प्रधान सचिव ने उच्च स्तरीय टास्क फोर्स की अगले दौर की बैठक के लिए सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री को भारत आने के लिए आमंत्रित किया।
उच्च स्तरीय टास्क फोर्स, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और क्राउन प्रिंस एवं प्रधानमंत्री महामहिम प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद की सितंबर 2023 में हुई भारत की राजकीय यात्रा के दौरान लिए गए निर्णय के बाद द्विपक्षीय निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए गठित एक विशेष निकाय है। इसमें नीति आयोग के सीईओ, भारत के आर्थिक मामले, वाणिज्य, विदेश मंत्रालय, डीपीआईआईटी, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, बिजली सचिव सहित दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।