सभी अपेक्षाओं और पूर्वानुमानों को पार करते हुए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) ने वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में 7.6% की उल्लेखनीय वार्षिक वृद्धि प्रदर्शित की है। पहली तिमाही में 7.8% की मजबूत वृद्धि दर के आधार पर भारत ने दूसरी तिमाही में भी 7.6% की वृद्धि दर के साथ अनुमान से बेहतर प्रदर्शन किया है। इस वृद्धि में एक महत्वपूर्ण योगदान सरकार के कैपिटल एक्सपेंडिचर का रहा है, जो वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में 4.91 ट्रिलियन रुपये (58.98 बिलियन डॉलर) तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष के 3.43 ट्रिलियन रुपये के आंकड़े को पार कर गया है।

जिओ-पॉलिटिक्स संघर्षों, एनर्जी की कीमतों में उतार-चढ़ाव और संभावित मंदी के बारे में चिंताओं से संबंधित जोखिमों वाले वैश्विक स्तर पर अनिश्चित माहौल के सामने रेजिलिएंस दिखाते हुए भारत प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच एक उत्कृष्ट परफॉर्मर के रूप में उभरा है।

यह प्रभावशाली माइस्टोल देश के अद्वितीय विकास प्रतिमान (Paradigm) को और अधिक प्रमाणित करता है। एक प्रतिमान, जो पिछले 9 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार की पहचान रही है जो अन्य विकासशील देशों को अनुसरण करने का मार्ग दिखाता है।


क्या है पीएम मोदी का जीडीपी प्लस कल्याण मॉडल?


जीडीपी, अपने आप में विकास का एक अधूरा माप है क्योंकि यह विकास के बीच असमानता को नजरअंदाज करता है। हालांकि, 2014 में जब पीएम मोदी ने देश की सत्ता संभाली, तो विकास ने कल्याण के साथ मिलकर भारत के आर्थिक अनुभव में क्रांति ला दी। इस शिफ्ट के परिणाम आज दिखाई दे रहे हैं क्योंकि वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद भी भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है।

पीएम मोदी के जीडीपी प्लस कल्याण मॉडल ने भारत के लिए अद्भुत काम किया है जो लंबे समय से जीवन की मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित था। इस सफलता का श्रेय पिछली सरकारों के कल्याण के दृष्टिकोण से अलग सोच को दिया जा सकता है, जिसमें मुख्य रूप से हैंडआउट्स, ऋण माफ़ी या कंज्यूमर गुड्स का डिस्ट्रीब्यूशन शामिल था। गुजरात में अपनी डेवलपमेंट इनिशिएटिव से सीख लेते हुए एम मोदी ने सबसे पहले फंडामेंटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया, जिससे व्यक्तियों को 'एजेंट ऑफ चेंज' के रूप में कार्य करने के लिए सशक्त बनाया जा सके। हमने इस अप्रोच को सौभाग्य, जल जीवन मिशन, पीएम आवास योजना और पीएम ग्राम सड़क योजना जैसी सरकारी योजनाओं में देखा है। आज हमने 100% गांवों का विद्युतीकरण हासिल कर लिया है, जबकि 13.7 करोड़ से अधिक नल जल कनेक्शन हमारे 70% परिवारों को पानी उपलब्ध करा रहे हैं, जो लगभग एक दशक पहले केवल 17% था। इसके अलावा पीएम मोदी की सरकार ने सभी के लिए आवास की गारंटी के लिए 4 करोड़ से अधिक घरों को मंजूरी दी है। स्वच्छ भारत मिशन ने सफलतापूर्वक 11.7 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण किया है, जिससे देश भर में स्वच्छता में बड़े पैमाने पर सुधार हुआ है। 2014 में बमुश्किल आधे गांवों में हर मौसम के लिए सड़क कनेक्टिविटी थी, लेकिन आज यह संख्या 99% से अधिक हो गई है।

बुनियादी जरूरतों से आगे बढ़कर सरकार ने 2014 से हर संभव तरीके से आर्थिक गतिविधि को बढ़ाने के लिए परिवर्तनकारी फैसले लिए हैं। उदाहरण के लिए मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में लेबर रिफॉर्म्स के साथ- साथ मेक इन इंडिया, प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम जैसी पहलों ने ओरवऑल इंडस्ट्रियल सेंटीमेट को काफी प्रोत्साहित किया है। आज जैसा कि आंकड़ों से पता चलता है कि मैन्युफैक्चरिंग ने वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में 13.9% की रियल GVA ग्रोथ हासिल की है, जबकि पहली तिमाही में यह 4.7% थी। पीएमआई मैन्युफैक्चरिंग का विस्तार जारी है, जो अक्टूबर 2023 में 55.5 तक पहुंच गया।

मजबूत वित्तीय, सार्वजनिक प्रशासन और प्रोफेशनल सर्विसेज के कारण सर्विस सेक्टर ने भी 5.8% की छलांग दर्ज करते हुए अच्छा प्रदर्शन किया है। विशेष रूप से कंस्ट्रक्शन सेक्टर, असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन कर रहा है जो पहली तिमाही में 7.9% से बढ़कर दूसरी तिमाही में 13.3% हो गया है क्योंकि सरकार ने अपने कैपिटल एक्सपेंडिचर में 40% से अधिक की वृद्धि की है। इसके अलावा पीएम फसल बीमा योजना, पीएम किसान, परंपरागत कृषि विकास योजना, पीएम कृषि सिंचाई योजना और e-NAM जैसी योजनाएं सक्रिय रूप से समर्थन और आधुनिकीकरण के साथ भारतीय कृषि का चेहरा बदल रही हैं।

पीएम मोदी 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने की राह तैयार करने के लिए काफी प्रतिबद्ध हैं। लॉन्ग टर्म इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण की दिशा में उनका आगे का प्रयास AMRUT, स्मार्ट सिटी, वंदे भारत ट्रेनों, औद्योगिक और माल ढुलाई गलियारों के साथ-साथ सागरमाला और भारतमाला के माध्यम से गति पकड़ रहा है। ये सभी सार्थक प्रयास पीएम गति शक्ति और नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन द्वारा संचालित हैं जिनका उद्देश्य क्रमशः देश में इंफ्रास्ट्रक्चर एक्टिविटी की योजना और फाइनेंसिंग को सरल और इंटीग्रेट करना है।

चाहे वह कनेक्टिविटी के लिए सड़क बनाने की बात हो या शौचालयों के माध्यम से किसी व्यक्ति की गरिमा को बहाल करने की बात हो, पीएम मोदी की सरकार ने कल्याण और जीडीपी खर्च का एक विविध मिश्रण अपनाया है। प्रत्येक सरकारी पहल, सस्टेनेबल एसेट्स के निर्माण पर केंद्रित होती है, जिसके परिणामस्वरूप न केवल व्यापक कनेक्टिविटी और मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर ( ग्रामीण और शहरी) का नवीनीकरण होता है, बल्कि नौकरियां भी पैदा होती हैं और ह्यूमन कैपिटल डेवलपमेंट में सहायता मिलती है। ये कार्यक्रम 21वीं सदी के भारत की नींव बनाते हैं, नए भारत के विजन को आकार देते हैं जो 'विकसित भारत' बनने के लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। ये सभी कल्याणवाद की अवधारणा को नई ऊंचाई पर ले जा रहे हैं। यह जाति, वर्ग, समुदाय, धर्म और लिंग की सीमाओं से ऊपर उठकर व्यक्तियों के सशक्तिकरण के माध्यम से आर्थिक मांग का एक महत्वपूर्ण चक्र का निर्माण कर रहा है। यह विकास के लिए ऐसी स्थितियां स्थापित करने के बारे में है जो सस्टेनेबल और समतावादी दोनों हों, जो 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' के सिद्धांत को मूर्त रूप देती हों, जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा था।

पीएम मोदी का समावेशी विकास प्रतिमान (Inclusive Developmental Paradigm) आज सही साबित हुआ है। हमारी जीडीपी में वृद्धि के साथ-साथ सरकार 13.5 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सफल रही है, जो एक अभूतपूर्व उपलब्धि है। वैश्विक स्तर पर, इस मॉडल ने यह सुनिश्चित किया है कि चीन जैसे देशों में असुरक्षा के माहौल के बावजूद भारत अपनी विकास की गति के लय को बनाए रखा है। पीएम मोदी का जीडीपी प्लस कल्याण मॉडल वास्तव में एक सशक्त भारत के लिए एक जबरदस्त नुस्खा है - एक ऐसा भारत जो आत्मनिर्भर और विकसित हो।

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प्रधानमंत्री 24 नवंबर को 'ओडिशा पर्व 2024' में हिस्सा लेंगे
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.