दोनों देशों के लोगों के बीच हजारों साल पुराने संबंध: प्रधानमंत्री मोदी
इजराइल की मेरी यात्रा दोनों देशों में समुदायों के बीच इस प्राचीन बंधन का प्रतीक: प्रधानमंत्री मोदी
हमारी शांति, स्थिरता और समृद्धि के साझा खतरों से निपटने के लिए हम एक मजबूत सुरक्षा साझेदारी करना चाहते हैं: इजराइल में प्रधानमंत्री

यदिदी ह्येकार (मेरे अच्‍छे मित्र) प्रधानमंत्री नेतन्‍याहू,

मीडिया के मित्रों, 

आज मेरे लिए अपना घर खोलने के लिए मैं प्रधानमंत्री नेतन्‍याहू और श्रीमती सारा नेतन्‍याहू को धन्‍यवाद देता हूं। इतने गर्मजोशी से और उदारतापूर्वक आतिथ्‍य सत्‍कार करने के लिए मैं उनका आभारी हूं।

मित्रों,

कुछ ही समय पहले मैंने छह मिलियन से अधिक उन यहूदियों की याद और सम्‍मान में यद वास्‍हेम मेमोरियल संग्रहालय में एक पुष्पांजलि रखी है जो प्रलय के भय में खो गए थे। यद वास्‍हेम कई पीढ़ी पहले की अकथनीय बुरी प्रवृत्ति की याद दिलाती है। यह आपकी उस अटूट भावना को भी श्रद्धांजलि है जिसके बल पर आपने इस त्रासदी की गहराई से ऊपर उठकर घृणा को दूर किया और एक जीवंत लोकतांत्रिक राष्‍ट्र बनाने के लिए आगे बढ़ने में समर्थ हुए। यद वास्‍हेम हमें बताता है कि जो लोग मानवता और सभ्‍य मूल्‍यों में विश्‍वास करते हैं, वे एकजुट होते हैं और किसी भी कीमत पर इसका बचाव करते हैं। इस प्रकार हमें आतंकवाद, कट्टरपंथ और हिंसा जैसी बुराइयों का विरोध करना चाहिए जो हमारे समय में महामारी की तरह फैल रही हैं।

मित्रों,

हमारे लोगों के बीच का संपर्क हजारों वर्ष पहले उस समय शुरू हुआ था जब पहले यहूदी भारत के दक्षिण-पश्चिमी समुद्र तट पर उतरे थे। तब से यहूदियों ने विकास किया और उनकी परंपराएं एवं प्रथाएं भारत में समृद्ध हुईं। हमें लेफ्टिनेंट जनरल जे.एफ.आर. याकूब, वाइस एडमिरल बेंजामिन सैमसन, मास्टर आर्किटेक्ट जोस्‍हुआ बेंजामिन और फिल्‍म अभिनेत्री नादिरा, सुलोचना एवं प्रमिला जैसे भारत के यहूदी बेटे-बेटियों पर गर्व है जिनके विविध योगदान ने भारतीय समाज के धागों को काफी समृद्ध किया है। भारतीय यहूदी काफी जीवंत हैं और इस साझा इतिहास से उनका जीवंत संबंध है। इजरायल की मेरी यात्रा हमारे दोनों देशों के समुदायों के बीच इस प्राचीन बंधन का जश्‍न मनाती है। और मुझे खुशी है कि कल मुझे इजरायल में रहने वाले अमीर प्रवासी भारतीयों से मिलने का अवसर मिलेगा।

मित्रों, 

आधुनिक समय में, करीब एक चौथाई शताब्‍दी पहले हमारे पूर्ण राजनयिक संबंधों की स्‍थापना के बाद हमारे संबंधों में तेजी से विकास हुआ है। आर्थिक समृद्धि, मजबूत प्रौद्योगिकी और नवाचार संबंधी करारों के साझा उद्देश्य और हमारे समाज को सुरक्षित करने की आवश्यकता ने हमारे बीच गतिविधियों के सम्मिलन की गुंजाइश को परिभाषित किया है। आने वाले दशकों में हम एक ऐसा संबंध बनाना चाहते हैं जो हमारे अर्थिक संपर्क का परिदृश्‍य बदल दे। भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था है। प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के इस्‍तेमाल से हमारी विकास प्राथमिकताओं को पूरा करने पर हमारा ध्‍यान केंद्रित होना हमारे शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं अनुसंधान और व्‍यापार लिंक में विस्‍तार के लिए उत्‍पादक दायरा प्रदान करता है। हम भी अपनी शांति, स्थिरता और समृद्धि के साझा खतरों से निपटने के लिए एक मजबूत सुरक्षा भागीदारी स्थापित करना चाहते हैं। मैं इन उद्देश्यों को पूरा करने और एक स्‍पष्‍ट कार्रवाई एजेंडा तैयार करने के लिए प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साथ मिलकर काम करूंगा। एक बार फिर, मैं इस गर्मजोशी से स्‍वागत करने के लिए प्रधानमंत्री नेतन्‍याहू और श्रीमती नेतन्‍याहू का हार्दिक आभार व्‍यक्‍त करता हूं।

धन्‍यवाद,

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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प्रधानमंत्री 23 दिसंबर को नई दिल्ली के सीबीसीआई सेंटर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में शामिल होंगे
December 22, 2024
प्रधानमंत्री कार्डिनल और बिशप सहित ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं से बातचीत करेंगे
यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 23 दिसंबर को शाम 6:30 बजे नई दिल्ली स्थित सीबीसीआई सेंटर परिसर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में भाग लेंगे।

प्रधानमंत्री ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं के साथ बातचीत करेंगे, जिनमें कार्डिनल, बिशप और चर्च के प्रमुख नेता शामिल होंगे।

यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे।

कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) की स्थापना 1944 में हुई थी और ये संस्था पूरे भारत में सभी कैथोलिकों के साथ मिलकर काम करती है।